जगह रोक आदेश

तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगा दी गई है, तो किसान संगठन किसके खिलाफ विरोध कर रहे हैं: न्यायालय
शीर्ष अदालत तीन नए कृषि जगह रोक आदेश कानूनों के विरोध में एक किसान संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें यहां जंतर मंतर पर ‘सत्याग्रह’ करने की अनुमति देने का प्राधिकारियां को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
शीर्ष अदालत कृषकों के संगठन ‘किसान महापंचायत’ और उसके अध्यक्ष की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में संबंधित प्राधिकारियों को जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण एवं गैर-हिंसक ‘सत्याग्रह’ के आयोजन के लिए कम से कम 200 किसानों के लिए जगह उपलब्ध कराने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया था।
पीठ ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 21 अक्टूबर की तारीख तय की है। पीठ ने तीन कृषि कानूनों की वैधता जगह रोक आदेश को चुनौती देते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय में दायर किसान संगठन की याचिका भी अपने यहां स्थानांतरित कर लिया ।
कई किसान संगठन तीन कानूनों - किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 और मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता, 2020 के पारित होने का विरोध कर रहे हैं।
इन कानूनों का विरोध पिछले साल नवंबर में पंजाब से शुरू हुआ था, लेकिन बाद में मुख्य रूप से दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में फैल गया।
सभा पर रोक: हाईकोर्ट के आदेश पर न्याय की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय जा रहे, मुख्यमंत्री
SHIVRAJ
भोपाल। मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव से पहले सभी पार्टियों को हाईकोर्ट ने एक बड़ा झटका दिया है। हाई कोर्ट ने मध्यप्रदेश की 2 विधानसभा क्षेत्र, अशोक नगर के शाडोरा और भांडेर के बराच में रेलिया नहीं हो सकती। इसी सिलसिले में आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj जगह रोक आदेश Singh Chauhan) ने कहा कि आज मेरी अशोक नगर के शाडोरा और भांडेर के बराच सभाएं थीं, मैं दोनों जगह जगह रोक आदेश के भाइयों-बहनों से क्षमाप्रार्थी हूं। हमने दोनों जगह की सभाएं निरस्त की हैं, क्योंकि हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने सभाएं न करने का फैसला दिया है। अब सभाएं न करने का, वर्चुअल रैली करने का मना किया है।
फिर चुनाव आयोग जगह रोक आदेश से अनुमति लेकर ही सभाएं कर सकते हैं।
शिवराज ने जगह रोक आदेश मांगी दोनों क्षेत्रों के लोगो से माफ़ी
मुख्यमंत्री (CM) ने आगे कहा, हम माननीय न्यायालय का सम्मान करते हैं, उनके फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन इन फैसले के सम्बंध में सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं क्योंकि एक देश में दो विधानसभा क्षेत्र की ऐसी स्थिति हो गई है। मध्यप्रदेश के एक हिस्से में रैली व सभा हो सकती है, दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती। बिहार में सभाएं हों रही हैं, रैलियां हो रही हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के एक हिस्से में सभाएं नहीं हो सकती। इस फैसले के संबंध में हम न्याय की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं, हमें विश्वास है कि न्याय मिलेगा।
लेकिन आज दोनों स्थानों के भाई-बहनों से क्षमाप्रार्थी जगह रोक आदेश हूं, जल्दी आऊंगा और सभा जगह रोक आदेश को संबोधित करूँगा।
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