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शेयर बाजार के नियम

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शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

Share Market Guide: शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा, किस कंपनी का शेयर खरीदे?

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

महंगाई (Inflation) बढ़ रही है और रुपये (Rupee) का मूल्य घट रहा है. यानी सिर्फ पैसा बचाने से काम नहीं चलेगा, पैसा बढ़ाना भी पड़ेगा. ऐसे में शेयर बाजार (Share Market) में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है. लेकिन शेयर मार्केट (Stock Market) में पहली बार निवेश करने वालों के लिए क्या जानना जरूरी है? शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है?

कब कर सकते हैं? किस शेयर में पैसा लगाएं? ये सारी बातें यहां हम आपको बता रहे हैं.

शेयर बाजार में निवेश करने के लिए क्या करना होता है? 8 बुनियादी सवालों के जवाब

1. शेयर क्या है?

किसी कंपनी को चलाने के लिए पूंजी यानी कैपिटल की जरूरत पड़ती है. अब कंपनी को चलाने के लिए मालिक बाजार से पैसा उठाना चाहता है तो वह कैपिटल को हिस्सों में बांट देता शेयर बाजार के नियम है यही हिस्से कहलाते हैं शेयर. जैसे किसी कंपनी की कैपिटल 100 रुपये है. अब कंपनी इसे 100 हिस्सों में बांट दें तो वे 100 हिस्से शेयर्स कहलाएंगे और एक शेयर एक रुपये का होगा. अब इसी कैपिटल को दो या 5 हिस्सों में भी बांटा जा सकता है. यानी कंपनी की एक यूनिट एक शेयर के बराबर होती है.

अब आप किसी कंपनी का हिस्सा बनना चाहते हैं तो उसके शेयर खरीद सकते हैं. इन्हीं शेयर्स की जब आप खरीदी बिक्री करने जिस बाजार में जाएंगे उसे कहते हैं शेयर बाजार.

2. शेयर खरीदने के लिए क्या करना होगा?

शेयर बाजार में पांव रखने से पहले आपको चाहिए डिमैट अकाउंट. जैसे बैंक में बचत, एफडी में निवेश के लिए बैंक अकाउंट चाहिए वैसे ही शेयर मार्केट में निवेश के लिए डिमैट अकाउंट होना जरूरी है. डीमैट के जरिए ही शेयर्स को खरीदा-बेचा जाता है, होल्ड किया जाता है. यह एक तरह से शेयर्स का डिजिटल अकाउंट है.

3. डीमैट अकाउंट क्या है

डीमैट अकाउंट मतलब- डीमटेरियलाइज्ड यानी किसी भी फिजिकल चीज का डिजिटलाइज होना. डिमैट अकाउंट आप चंद सैकेंड में खोल सकते हैं. आधार कार्ड, पैन कार्ड जैसी केवाईसी डॉक्यूमेंट लगती हैं. इसके लिए ब्रोकर की जरूरत होती है. अब ब्रोकर कोई व्यक्ति भी हो सकता है और कंपनी भी. ब्रोकर की वेबसाइट या एप पर जाकर डिमैट अकाउंट आसानी से खोला जा सकता है. अगर आप नेटबैंकिंग करते हैं तो आपके बैंक की वेबसाइट या एप पर भी डिमैट अकाउंट खोल सकते हैं. आमतौर पर इसकी लिए कोई फीस नहीं देनी होती लेकिन यह कंपनी पर निर्भर करता है कि वे डिमैट के लिए कितना वसूलना चाहते हैं.

4. किस कंपनी का शेयर खरीदें?

जवाब है किसी अच्छी कंपनी है, क्योंकि अच्छी कंपनी के शेयर्स अच्छा रिटर्न देते हैं. अच्छी कंपनी मतलब जिसका प्रॉफिट, प्रोडक्ट, भविष्य अच्छा हो. शेयर मार्केट की भाषा में इसे कंपनी के फंडामेंटल्स यानी बुनियादी बातें कहते हैं, कंपनी के फंडामेंटल्स अच्छे हैं तो कंपनी का भविष्य अच्छा माना जाता है. इसके लिए आपको कंपनी की सालाना बैलेंस शीट पर नजर रखनी होती है. यानी कंपनी कितना कमा रही है, कितना कर्ज है, कितना मुनाफा हो रहा है? कंपनी के शेयर्स ने पहले कैसा प्रदर्शन किया है. ये सब देखना होता है. कई बार खबरें भी कंपनी के शेयर्स को प्रभावित करती हैं. जैसे कि जब दुनिया के सबसे अमीर आदमी ईलॉन शेयर बाजार के नियम मस्क ने ट्विटर को खरीदने का ऐलान किया तो निवेशकों में ट्विटर के शेयर्स को खरीदने की होड़ लग गई. लेकिन निवेशक केवल कंपनी के फंडामेंटल्स पर ध्यान दें तो भी काम बन सकता है. सबसे पहले ऐसे शेयर में निवेश करें जो सुरक्षित हैं. यानी उन बड़ी कंपनियों के शेयर्स खरीदें जो दशकों पुरानी हैं, प्रॉफिट में रहती है और आगे भी रहेंगी. इससे आप नुकसान में नहीं रहेंगे. जब इसमें निवेश कर लें तो शेयर्स को स्टडी करना सीखें, कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ना सीखें.

5. प्राइमरी मार्केट और सेकेंडरी मार्केट क्या है?

जब आप कोई शेयर सीधे कंपनी से खरीदते हैं जैसे की आईपीओ के जरिए.. यह प्राइमरी मार्केट है. यानी कंपनियां जो शेयर्स बाजार में इश्यू करती है. लेकिन जब सीधे कंपनी से खरीदे हुए शेयर्स को आप अन्य खरीदारों में बेचने जाते हैं तो वो सेकेंड्री मार्केट है. यानी इश्यू किए हुए शेयर्स की जब खरीद बिक्री होती है.

6. ट्रेडिंग या निवेश?

एक्सपर्ट कहते हैं कि 5 साल, 10 साल या उससे भी ज्यादा समय के लिए निवेश करने वाले फायदे में रहते हैं. यानी लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट. अब शेयर बाजार को गहनता से समझने वाले और रिस्क उठा सकने वाले ही शॉर्ट टर्म या हर रोज शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं. कितना और कितने समय के शेयर बाजार के नियम लिए निवेश? अब सबसे पहले आप ये तय करें कि निवेश कितना करना है और कितने समय के लिए. फिर तय करें कि आप निवेश करना क्यों चाहते हैं यानी कि आपका उद्देश्य क्या है. जैसे, शिक्षा, शादी या घर खरीदने जैसे गोल्स. इसी शेयर बाजार के नियम<शेयर बाजार के नियम /i> अनुसार आप आगे बढ़ते हैं और तभी आप फैसला ले पाएंगे कि आपको किस शेयर में निवेश करना है. शेयर मार्केट में शुरुआत धीमी रखें.

7. शेयर बाजार नहीं समझते हैं तो कैसे निवेश करें?

अगर आपके पास इन सब के लिए समय नहीं है या समझ नहीं है तो ऐसी स्थिति में आप किसी फाइनेंशियल एक्सपर्ट से ही सलाह लें, एक्सपर्ट को बताएं कि आप कितना खर्च करना चाहते हैं और कितने समय के लिए. आपका निवेश का उद्दश्य क्या है और आप निवेश से कितने रिटर्न की अपेक्षा रखते हैं. एक उपाय म्यूचुअल फंड भी हैं. जिसमें कुछ एक्सपर्ट आपके जैसे कई निवशकों के पैसे को कहां लगाना है ये तय करते हैं.

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भारत में शेयर बाजार के नियमन के लिए कौन सी एजेंसी जिम्मेदार है?

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  • इसका उद्देश्य शेयर बाजार की गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
  • इसका उद्देश्य शेयरधारकों के अधिकारों की रक्षा करना और उनके निवेश की सुरक्षा का आश्वासन देना है।
  • यह अपने वैधानिक नियमों और स्व-नियमन व्यवसाय को सामंजस्य बनाकर धोखाधड़ी से बचाता है।
  • यह म्यूचुअल फंड के कार्य को पंजीकृत और नियंत्रित करता है और यह कंपनियों के अधिग्रहण को नियंत्रित करता है।
  • सेबी का प्रबंधन उसके सदस्य मंडल (छह सदस्य) द्वारा किया जाता है।
  • इसमें एक अध्यक्ष (केंद्र सरकार द्वारा नामित), शेयर बाजार के नियम दो सदस्य (केंद्रीय मंत्रालयों के अधिकारी), एक सदस्य (आरबीआई से) और शेष दो सदस्य केंद्र सरकार द्वारा नामित होते हैं।

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Last updated on Nov 18, 2022

The UPPBPB (Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board) is soon going to release a new notification for the recruitment process of UP Police Constable 2022. A total of 26000+ vacancies are expected to be released under the recruitment process. The expected annual salary of the selected candidates for the Constable post will be around Rs. 4,20,000/- to Rs. 4,80,000/-. This is a great opportunity for 12th pass candidates. Meanwhile, the candidates can have a look at the UP Police Constable syllabus and exam preparation strategy.

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बाजार का रुख कैसा भी हो, निवेश करते रहें: शेयर बाजार निचले स्तर पर हो या ऊंचाई पर, धैर्य हो तो हर हाल में होता है फायदा

रिटेल निवेशक आम तौर पर इक्विटी में निवेश से कतराते हैं। धैर्य, जिज्ञासा और जानकारी का अभाव इसकी वजह होती है। ऐसे में वे सही तरीके से पैसा कमाने के इस शानदार जरिए का पूरा फायदा नहीं उठा पाते। कुछ लोग इक्विटी में निवेश के बारे सोचते भी हैं तो बाजार में उतार-चढ़ाव को लेकर सीमित समझ उन्हें ऐसा करने से रोक देती है।

ज्यादातर लोगों को लगता है कि "सस्ता खरीदो और महंगा बेचो'' का नियम शेयर बाजार में काम नहीं करता है। कभी-कभार भारी उतार-चढ़ाव इसकी वजह होती है। लेकिन यह समझ गलत है क्योंकि शेयरों के मामले में यह नियम लंबी अवधि में काम करता है। असल में कोई भी निवेशक या विश्लेषक इस बात का सटीक अंदाजा नहीं लगा सकते कि बाजार कब चढ़ेगा और किस लेवल से इसमें गिरावट शुरू होगी। इसलिए बाजार का रुख कैसा भी हो, निवेश करते रहेंगे तो निश्चित तौर पर जोरदार कमाई होगी। यूनियन म्यूचुअल फंड के सीईओ जी प्रदीप कुमार आपको इक्विटी इन्वेस्टमेंट की बारीकियों को समझा रहे हैं.

पहली स्थिति: मान लीजिए कि एक निवेशक ने 2002 में सालाना 1 लाख रुपए का निवेश तब शुरू किया था, जब निफ्टी-50 निचले स्तर पर था। उसने लगातार 10 साल यानी 2011 तक निवेश जारी रखा। फिर 2011 से लेकर 2022 तक कोई निवेश नहीं किया। लेकिन पहले किया गया निवेश भी नहीं भुनाया। अभी उसकी 10 लाख रुपए की पूंजी बढ़कर 1.09 करोड़ रुपए हो गई है।

सबक: हालात कैसे भी हों, लंबे समय तक टिके रहने वाले निवेशकों को शेयर बाजार मालामाल कर देता है। शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव को नजरअंदाज करते हुए धैर्य रखना इसके लिए जरूरी है।

दूसरी स्थिति: बाजार की बारीकियों से अनजान एक निवेशक ने 2002 में सालाना 1 लाख का निवेश तब शुरू किया था, जब निफ्टी-50 अपने सबसे ऊंचे स्तर पर था। उसने लगातार 10 साल यानी 2011 तक शेयर बाजार के नियम निवेश किया। फिर 2022 तक कोई निवेश नहीं किया। लेकिन पहले किया गया निवेश भी नहीं भुनाया। अभी उसकी भी 10 लाख की पूंजी बढ़कर 67.86 लाख रुपए हो गई है।

सबक: आप शेयर बाजार के सबसे बदकिस्मत निवेशक ही क्यों न हों, लेकिन अगर आपने लंबी अवधि के लिए निवेश कर रखा है तो अंत में आपको बाजार से कई गुना अधिक रिटर्न जरूर मिलेगा।

गिरावट का इंतजार न करें
निवेश के लिए बाजार नीचे आने का इंतजार न करें। बाजार जब चढ़ रहा हो तो कई निवेशक यह सोचकर शेयर नहीं खरीदते कि अभी निवेश महंगा साबित होगा। उन्हें लगता है कि बाजार जल्द गिर सकता शेयर बाजार के नियम है। ऐसे लोग दर्शक बने रह जाते हैं। उनके लिए निवेश का सही वक्त कभी नहीं आता।

शेयर बाजार निवेशकों के लिए जरूरी खबर: क्लाइंट के फंड सेटलमेंट का बदला तरीका, शेयर ट्रेडिंग पड़ेगा महंगा!

शेयर बाजार में ट्रेडिंग या शेयरों की खरीद-बिक्री करते शेयर बाजार के नियम हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज यानी 7 अक्टूबर 2022 से स्टॉक ट्रेडिंग देखने वाले ब्रोकरेज हाउसेज़ और ब्रोकर्स के लिए नया नियम लागू हो रहा है।

शेयर बाजार निवेशकों के लिए जरूरी खबर: क्लाइंट के फंड सेटलमेंट का बदला तरीका, शेयर ट्रेडिंग पड़ेगा महंगा!

Stock Market Trading: शेयर बाजार में ट्रेडिंग या शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं तो ये खबर आपके काम की है। आज यानी 7 अक्टूबर 2022 से स्टॉक ट्रेडिंग देखने वाले ब्रोकरेज हाउसेज़ और ब्रोकर्स के लिए नया नियम लागू हो रहा है। दरअसल, SEBI ने क्लाइंट फंड के सेटलमेंट का तरीका बदल दिया है और इसको लेकर एक गाइडलाइंस भी जारी की गई है। नए नियम के तहतब्रोकर्स को क्लाइंट के रनिंग अकाउंट में बचा हुआ जो भी फंड होगा वो क्लाइंट के बैंक अकाउंट में वापस भेजना होगा। ऐसे में Zerodha के फाउंडर नितिन कामत का मानना है कि नए सिस्टम लागू होने के बाद ब्रोकरेज चार्जेज में इजाफा हो सकता है।

नितिन कामत ने किया ट्वीट
नितिन कामत ने इस नए नियम को लेकर करीबन 8 ट्वीट के जरिए अपनी बातें रखीं। वे लिखते हैं कि इस 7 अक्टूबर से महीने के प्रत्येक पहले शुक्रवार को सभी ब्रोकरेजों को नई खाता निपटान (AS) प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अनयूज्ड फंड को शेयर बाजार के नियम ग्राहक के बैंक खाते में वापस भेजना होगा। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि ये राशि करीब 25,000 करोड़ रुपये के आसपास हो सकती है।
एक और ट्वीट में वे कहते हैं कि अगर आपके ज़ेरोधा अकाउंट की शेष राशि कम हो जाती है या आपको इस शनिवार को अपने बैंक में फंड मिलता है, तो आप जानते हैं समझ गए होंगे कि क्या वजह है? अब तक, AS एक चौथाई में फैला हुआ था। कामत कहते हैं कि मुझे ऐसा लग रहा है यह जांचने का एक और तरीका है कि ब्रोकरेज किसी भी तरह से ग्राहक पूंजी का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं।

भारत में पहली बार ऐसा रेग्युलेशन
नितिन कामत एक और ट्वीट में कहा कि ऐसा रेग्युलेशन भारत में पहली बार हो रहा है। ज्यादातर देशों में ब्रोकरेज, बैंकों की तरह ही अनयूज्ड फंड को हमेशा के लिए अपने पास रख सकते हैं और उनका उपयोग कार्यशील पूंजी की आवश्यकताओं के लिए भी कर सकते हैं। लेकिन भारत में केवल कस्टमर के ट्रेडिंग या रेग्युलेटरी चार्ज के लिए ही इन फंड का इस्तेमाल किया जा सकता है।
कामत के मुताबिक, सभी नियामक परिवर्तनों के कारण अगले कुछ सालों में शेयर बाजार के नियम शेयर बाजार के नियम ब्रोकरेज रेट्स में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि ये बदलाव ग्राहक सुरक्षा के लिहाज से अच्छे हैं, लेकिन इनसे ब्रोकिंग उद्योग के लिए कार्यशील पूंजी की जरूरतें बढ़ेंगी।

समझें नया नियम
बता दें कि नए नियम के मुताबिक, अब क्लाइंट की पसंद के हिसाब से अकाउंट सेटलमेंट होगा और यह सेटलमेंट या तो हर महीने या फिर हर तिमाही के पहले शुक्रवार को करना होगा। इसका मतलब है कि ब्रोकर्स के पास क्लाइंट्स का जो भी फंड बच जाएगा, उसे क्लाइंट के अकाउंट में ट्रांसफर करना पड़ेगा।

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