चिट फंड के प्रकार

चिटफंड कंपनी का डायरेक्टर गिरफ्तार, निवेशकों के रुपये से बनाता था फिल्म
रायगढ़। चिटफंड के गोरखधंधे में अपनी गाढी कमाये चिट फंड के प्रकार डूबो चुके निवेशकों के रूपये वापस दिलाने के लिए एसपी अभिषेक मीना द्वारा लंबित चिटफंड मामलों को लेकर काफी गंभीर है। वे स्वयं लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर प्रकरण के फरार आरोपियों की पतासाजी, गिरफ्तारी के लिये एडिशनल एसपी लखन पटले के नेतृत्व में पुलिस टीम को दूसरे राज्य भेज कर वहां से आरोपियों को पकड़ कर लाया जा रहा है। एडिशनल एसपी लखन पटले की निगरानी में कोतवाली पुलिस पिछले तीन माह में राजनांदगांव, सूरजपुर के बाद भुवनेश्वर (ओडिशा) से फरार चिटफंड कम्पनी के डायरेक्टार को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। इसी प्रकार एसपी के दिशा निर्देशन एवं एएसपी लखन पटले, सीएसपी योगेश कुमार पटेल के नेतृत्व में अनेक ठगी प्रकरणों में सफलतापूर्वक कार्रवाई की जा रही है ।
इसी तरह धोखाधड़ी के संबंध में पीड़िता शिवकुमारी मिंज निवासी जवाहरभांठा रायगढ द्वारा थाना कोतवाली में फाईन इंडिया सेल्स प्रा.लि. चिटफंड कम्पनी के खिलाफ शिकायत दर्ज किया गया था। कम्पनी में स्वयं शिवकुमारी मिंज ने 60,000 रूपए , अनिल किशोर मिश्रा द्वारा 20,000 रूपए, शैलेन्द्र कुमार मिश्रा द्वारा 30,000 रूपए, दिव्या मिश्रा द्वारा 10,000 रूपए, लता मिश्रा द्वारा 20,000 रूपए जमा किया गया । कम्पनी द्वारा एक बार लाभांश देकर रायगढ़ के 5 निवेशकों के कुल 82,377 रूपए छल पूर्वक निवेश कराकर धोखाधडी किया गया है, जिस संबंध में थाना कोतवाली में अप.क्र. 1044/2018 धारा 420, 120बी,467,468,471,34 IPC एवं प्राइज चीटस एण्ड मनी सरकुलेशन स्कीमस (बेनिंग) एक्ट, 1978 की धारा 3,4,5,6 तथा छ.ग. निक्षेपकों के संरक्षण अधि. की धारा 6,10 का अपराध पंजीबद्ध कर जांच में लिया गया।
CG NEWS : चिटफंड कंपनी के 4 डायरेक्टर राजस्थान से गिरफ्तार, रकम दोगुनी का झांसा देकर की है करोड़ों की ठगी
अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार. सीएम भूपेश बघेल के निर्देश के बाद से लगातार चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों की गिरफ्तारी जारी है. बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस ने चिटफंड कंपनी गरिमा रियल स्टेट कंपनी के 4 डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया है. इस चिटफंड चिट फंड के प्रकार कंपनी ने रकम दोगुना करने का लालच देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. पूरे जिले में इस चिटफंड कंपनी से 27,61,80,361 रकम वापसी के लिए 9312 आवेदन आया है.
गरिमा रियल स्टेट कंपनी के विरुद्ध थाना सिटी कोतवाली एवं सुहेला में अपराध दर्ज किया गया है. चारों आरोपी डायरेक्टरों को धौलपुर जेल राजस्थान से न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया गया है. इस चिटफंड कंपनी के 2 आरोपी डायरेक्टरों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.
मामले का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने बताया कि मुख्यमंत्री के मंशा अनुरूप जिला बलौदाबाजार-भाटापारा में चिटफंड कंपनियों के आरोपी डायरेक्टरों के गिरफ्तारी की कार्रवाई लगातार की जा रही है. इसी क्रम में पुलिस टीम ने चिटफंड कंपनी गरिमा रियल स्टेट कंपनी के फरार 4 आरोपी डायरेक्टरों को न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत धौलपुर जेल राजस्थान से गिरफ्तार किया गया है.
उक्त चिटफंड कंपनी के डायरेक्टर्स व प्रबंधकों के विरूद्ध थाना सिटी कोतवाली एवं सुहेला में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है. दोनों थानों मे इस चिटफंड कंपनी के विरुद्ध 215 आवेदन में 2,75,187,27 राशि का एफआईआर दर्ज किया गया है. साथ ही कलेक्टर कार्यालय में पूरे जिले से इस चिटफंड कंपनी से निवेशकों द्वारा कुल 9312 आवेदन में 27,61,80,361 की रकम वापसी के लिए आवेदन किया गया है.
पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं दो डायरेक्टर
पूर्व में इस चिटफंड कंपनी के 2 आरोपी डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस प्रकार अब तक चिटफंड कंपनी के फरार सभी 6 आरोपी डायरेक्टरों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. आरोपियों के विरूद्ध छत्तीसगढ़ के तीन जिलों रायपुर, बेमेतरा, जांजगीर चांपा में भी प्रकरण पंजीबद्ध है. इसके अतिरिक्त अन्य राज्य में ग्वालियर (माधप्रदेश), भरतपुर ( राजस्थान), परवानी ( महाराष्ट्र), शोलापुर (महाराष्ट्र) में भी प्रकरण पंजीबद्ध है. इस कार्रवाई में कोतवाली टीआई यदुमणी सिदार, एसआई पुरूषोत्तम कुर्रे, हरीश साहू सहित टीम का प्रमुख योगदान रहा है, जिन्हें पुरूस्कृत किया जाएगा.
चिटफंड कंपनियों की संपत्ति की गई कुर्क, वसूल हुए 2.56 करोड़ रुपए
दुर्ग। चिटफंड कंपनी शुष्क इंडिया एवं साइनिंग स्टार इफ्रास्टेट की संपत्ति की नीलामी हुई। जिससे 2 करोड़ 56 लाख रुपए जिला प्रशासन के खाते में आ गई। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने अधिकारियों के साथ बैठक लेकर सात दिन के अंदर निवेशकों की राशि को लौटाने की बात कही है। करीब 3 हजार निवेशकों के लिए यह बड़ी राहत की खबर होगी।
कम समय मेंं राशि डबल करने सहित अन्य लालच देकर विभिन्न चिटफंड कंपनियों द्वारा जिले के हजारों लोगों से करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की गई है। जिला प्रशासन द्वारा फ्राड चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टर की गिरफ्तारी व उनके संपत्ति को कुर्क कर नीलामी करने के बाद निवेशकों को उनके डूबे चिट फंड के प्रकार रकम को वापस करने की कार्रवाई की जा रही है।
इन जिलों में संपत्ति की नीलामी में मिली राशि प्रशासन के पास है-
महासमुंद-18 लाख 85 हजार 102 रुपए, बलौदाबाजार 28 लाख और 2 करोड़ 10 लाख रुपए मिले। इस प्रकार नीलामी से 2 करोड़ 56 लाख 85 हजार 102 रुपए दुर्ग जिला प्रशासन को प्राप्त हुआ। यह राशि निवेशकों को वितरीत की जाएगी। एएसपी अनंत कुमार साहू ने बताया कि इस कंपनी के खिलाफ 6 अप्रेल 2016 को शंकर नगर निवासी संतोष सोनी पिता श्यामलाल (40 वर्ष) ने शिकायत की थी। कंपनी ने दुर्ग जिले में करीब 3 हजार लोगों को जाल में फंसाया था।
शुष्क इंडिया एवं साइनिंग स्टार इंफ्रास्टेट कंपनी की संपत्ति को कुर्क कर निलामी की गई। उससे 2 करोड़ 56 लाख रुपए मिला है। पूरी कोशिश है कि सप्ताह भर के अंदर पीड़ित निवेशकों को राशि लौटा दी जाएगी।
-पुष्पेन्द्र कुमार मीणा, कलेक्टर
मुख्यमंत्री की मंशा अनुरूप चिटफंड कंपनियों के फरार डॉयरेक्टरों और पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर गिरफ्तारी की जा रही है। उनकी चल व अचल सम्पत्ति की नीलाम कर निवेशकों को राशि वापस दिलाया जा रहा है।
-डॉ. अभिषेक पल्लव, एसपी
चिटफंड कंपनियों में डूबी राशि लोगों को वापस मिलेगी, 6 अगस्त तक कलेक्टोरेट में विशेष काउंटर पर कर सकते है आवेदन जमा
भिलाई. छत्तीसगढ़ सरकार ने चिटफंड कंपनियों पर लगाम कसना शुरू कर दिया है, लेकिन अभी यह नहीं पता चल पाया कि आखिर कितने निवेशकों ने अपने खून पसीने की कितनी धनराशि इन कंपनियों मेें जमा की है। इस आंकड़े का पता लगाने के लिए गृह मंत्रालय छत्तीसगढ़ शासन ने पहल की है। उन्होंने सभी जिले के कलेक्टर और एसपी को आदेशित किया है कि वह 2 से 6 अगस्त के बीच जागरुकता अभियान चलाएं और एक विशेष प्रारुप मेे निवेशकों से यह जानकारी लें कि आखिर उन्होंने किन-किन चिटफंड कंपनियों में कितनी-कितनी धन राशि जमा की है। जिला व पुलिस प्रशासन का मानना है कि दुर्ग में 40 चिटफंड कंपनियों मेें लगभग 55 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है। जबकि जानकारों का कहना है कि यह आंकड़ा इससे दोगुना से भी अधिक है।
28 जुलाई को गृह विभाग और पुलिस मुख्यालय नया रायपुर से कलेक्टर को आदेश हुआ है। चिटफ ंड कंपनियों से पीडि़त निवेशकों की धन वापसी के लिए आवेदन पत्र लेने प्रोफ ार्मा (आवेदन) का प्रारुप भेजा है। दुर्ग कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे ने एडीएम बीबी पंचभाई को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। आवेदन जमा करने के लिए कलेक्टरोट में एक विशेष काउंटर बनाया गया। 2 से 6 अगस्त तक निवेशक अपने आवेदन भरकर जमा कर सकते है। एडीएम पंचभाई ने बताया कि दो दिन में 50 आवेदन आ चुके हैं। आगे चलकर और भी काउंटर बढ़ाए जाएंगे। दुर्ग वरिष्ठ कोषाधिकारी राघवेन्द्र कुमार प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए है। प्रभारी अधिकारी के पर्वेक्षण में कर्मचारियों को आवेदन पत्र प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया है। इसमें आदिवासी विकास शाखा कर्मचारी कीर्ति रामटेके, नरेश साहू, जितेन्द्र वर्मा, कृषि विभाग के डाटा इंट्री ऑपरेटर लोकेश साहू शामिल हैं।
इन दस्तावेजों के साथ जमा करें फॉर्म
पत्र में एक ही प्रकार का प्रोफॉर्मा (आवेदन) है। उसे भरकर कलेक्टरोट के काउंटर पर जमा करना है। इसमें बांड पेपर की फ ोटो कॉपी या बांड पेपर कंपनी में जमा किया जा चुका है तो उसकी पावती, बैंक पासबुक, आधार कार्ड की फोटो कॉपी संलग्न करना होगा। पैसा वापसी के लिए बैंक पासबुक और आधार कार्ड जमा करना आवश्यक है।
40 कंपनियों के खिलाफ 50 प्रकरण दर्ज
पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक दुर्ग में 40 कंपनियों ने कारोबार खोला। भोले-भाले लोगों को दोगुनी रकम का लालच देकर उनसे निवेश करवाया। झांसे में आकर करीब 3500 निवेशकों ने 40 अलग-अलग कंपनियों में करीब 55 करोड़ की राशि इनवेस्ट कर दी। कंपनी रुपए लेकर भाग गई। ठगी के शिकार हुए निवेशक धीरे-धीरे पुलिस के पास शिकायत लेकर पहुंचने लगे। अब तक 50 प्रकरण 40 कंपनियों के खिलाफ दर्ज हुआ है।
16 करोड़ की राशि एक कंपनी ने लौटाई
दुर्ग पुलिस ने चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर सख्ती से कार्रवाई की। इसकी वजह यह रही कि कोलकाता बीआर चिटफं ड कंपनी ने 16 करोड़ चिट फंड के प्रकार रुपए हितग्राहियों के लौटा दिए। वहीं शुष्क इंडिया चिटफंड कंपनी पैसे लौटा रही है। इसका प्रकरण विचाराधीन है। बहुत जल्द ही पुलिस इसे क्लीयर कर लेगी।
आंकड़े
- 40 चिटफंड कंपनी के खिलाफ जुर्म दर्ज
- 50 प्रकरण जिले के अलग-अलग थाना में दर्ज
- 3500 निवेशक कंपनियों के झांसे में फंस गए हैं
- 23 प्रकरण में कुर्की के लिए आदेश चिट फंड के प्रकार
-1 नया प्रकरण दर्ज हुआ है।
नियुक्त किया है नोडल अधिकारी
कलेक्टर दुर्ग डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने बताया कि गृह विभाग द्वारा जारी निर्धारित प्रपत्र में ंधन वापसी करने आवेदन पत्र प्राप्त करने एडीएम बीबी पंचभाई को नोडल अधिकारी बनाया है। 6 अगस्त तक हितग्राही काउंटर में फॉर्म जमा कर सकते है। आवेदन लेने के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। एसपी दुर्ग प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि जिन हितग्राहियों ने चिटफंड कंपनियों में पैसे निवेश किया है, लेकिन उसके खिलाफ शिकायत नहीं की है, उन नए हितग्राहियों के लिए शासन ने आवेदन जारी किया है। वे निवेशक फॉर्म भरकर जमा करें ताकि उनके पैसे लौटाए जा सके।
MP में चिटफंड कंपनियों पर कार्रवाई जारी, 114 हितग्राहियों के 1 करोड़ 10 लाख वापस लौटाए
भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP की जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण तथा जिले की प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह की उपस्थिति में पशुधन लाइव स्टॉक एण्ड मार्केटिंग लिमिटेड कंपनी (Livestock Live Stock & Marketing Limited Company) द्वारा 114 हितग्राहियों के एक करोड़ 10 लाख रूपये वापस किये गये है।प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चिट फंड के प्रकार चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के निर्देश में पूरे प्रदेश में चिटफंड कंपनियों (chit fund companies) के विरूद्ध कार्यवाही की जा रही है।
यह भी पढ़े..
प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह (Tribal Affairs and Scheduled Castes Welfare Minister Ms. Meena Singh) ने कहा कि चिटफंड कंपनियों की सम्पत्ति राजसात कर पीड़ित हितग्राहियों को वापस करने की कार्यवाही की जा रही है। चिट फंड के प्रकार मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में आज जिले को यह सुखद समाचार प्राप्त हुआ है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने लोगों को न्याय देने का कार्य किया है। प्रभारी मंत्री ने लोगों से अपील की है कि चिटफंड कंपनियों के धोखे से बचें। यदि किसी प्रकार की शिकायत हो तो पुलिस में शिकायत अवश्य दर्ज करायें।
जनजातीय कार्य एवं अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री ने निर्देशित किया है कि जिले के आदिवासी परिवारों की जमीन पर जो कब्जे किये गये हैं उन्हें तत्काल अतिक्रमण मुक्त कर आदिवासी परिवारों को पट्टे दिये जायें। कोई भी आदिवासी परिवार वनाधिकार पट्टे से वंचित नहीं रहे। इसके साथ ही प्रभारी मंत्री ने अनुसूचित जाति वर्ग के नाम पर अवैध रूप से ट्रैक्टर का ऋण निकालने वाले दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध कठोर दण्डात्मक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।वही लोगों को चिटफंड कंपनियों के झांसे में आने से सावधान किया तथा इसकी जानकारी नजदीकी पुलिस थाने में करने के लिए कहा है।
यह भी पढ़े..
प्रभारी मंत्री सुश्री मीना सिंह ने निर्देशित किया है कि अभियान चलाकर किसानों (Farmers) की राजस्व संबंधी समस्याओं का दो माह के अंदर निराकरण सुनिश्चित करें। आगामी दो माह में फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन संबंधी समस्याओं का निराकरण सुनिश्चित करायें। प्रत्येक किसान को किसान सम्मान निधि (PM Kisan Samman Nidhi) का लाभ प्राप्त हो यह सुनिश्चित किया जाये। दो माह बाद राजस्व विभाग (Revenue Department) की प्रगति की समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही प्रभारी मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि जिले के प्रत्येक पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का लाभ प्राप्त हो।