शेयर बाजार में सफल कैसे हों

संयम रखने से ही बढ़ता है पैसा
एक दिन के ट्रेडर बनने की बजाए लंबी अवधि का लक्ष्य लेकर बाजार में आएं. लक्ष्य पूरा होने तक इंतजार करें, संयम रखने से ही पैसा बढ़ता है. ज्यादा रिटर्न की लालच न रखें, अगर 15 से 20 फीसदी रिटर्न दिख रहा है तो निवेश करें. बाजार में निवेश किया है तो सामंजस्य और सब्र जरूरी है. ज्यादातर निवेशक ऐसा न करके अपने ही दुश्मन बन जाते हैं. संयम रखने से ही निवेश बढ़ता है.
Stock Broker Kaise Bane
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Stock Broker या Share Broker अपने ग्राहक के लिए विभिन्न Companies के Shares को Commission पर खरीदने-बेचने का काम करता है. हालांकि देश भर में ऐसी बहुत सी कई बड़ी Brokerage Companies है जो खुद को सिर्फ Shares तक ही सीमित नहीं रखतीं वे अपने ग्राहक को इनके साथ Mutual Funds, Insurance, Money और बहुत सी Financial Services भी प्रदान कराती है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिये शैक्षिक योगयता
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिये सबसे पहले उम्मीदवार को Commerce से स्नातक पास होना अनिवार्य है तथा उसके बाद अगर कोई उम्मीदवार Post Graduate या MBA पास होता है तो वह व्यक्ति बोनस, उन्नति, या उच्च वेतन के लिए योग्य होता है.
इसके साथ ही इस क्षेत्र में आपको अपना कैरियर सफल बनाने के लिए Sensex और Nifty की भी अच्छे से जानकारी होनी चाहिए. स्टॉक ब्रोकर के क्षेत्र में अगर आप सफल होना चाहते हैं तो आपको अपने सभी Customers के साथ ईमानदारी के साथ पेश आना होगा क्योंकि यहाँ पर आपको Customers का विश्वाश बनाए रखना बहुत जरुरी होता है. इस क्षेत्र में आप लोगो के पैसे या बचत को Share Market में लगवाते है तो इसके लिए आपको उनके साथ अच्छा व्य्वहार बना कर रखना पड़ता है.
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आवश्यक स्किल
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए वास्तव में वफ़ादार और मेहनती होना जरुरी है.
स्टॉक ब्रोकर कैसे बनें
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार के पास Commerce, Cconomics या Business Administration में या वित्त में एक मजबूत शिक्षा पृष्ठभूमि होनी चाहिए. स्टॉकब्रोकिंग पेशे के लिए पात्र होने के लिए देश के कई विश्वविद्यालयों द्वारा अर्थशास्त्र या वाणिज्य में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों का अनुसरण किया जा सकता है. वित्त प्रबंधक प्रबंधन के प्रतिष्ठित संस्थानों से या प्रमुख विश्वविद्यालयों के व्यवसाय प्रशासन के विभागों से वित्त में विशेषज्ञता के साथ MBA हो सकते हैं
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए उम्मीदवार को नीचे दिए गए चरणों का पालन करना होगा.
Step 1
एक स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए इच्छुक उम्मीदवार को Stock Broking और Capital Market और निवेश निवेश योजना और कई अन्य संबंधित Courses में Course करना पड़ता है जो भारत में कुछ प्रशिक्षण संस्थानों द्वारा पेश किए जाते है.
इन Courses के माध्यम से जाने के बाद किसी को Stock Broking Company से जुड़ना पड़ता है और इसमें कम से कम 2 साल का अनुभव प्राप्त करना होता है.
तेजी और मंदी शेयर बाजार का चरित्र है, क्या ये फिर गिरेगा
बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज | फाइल फोटो
पिछले दिनों भारतीय शेयर बाजार ने चमक बिखेर दी और सेंसेक्स 60,000 के पार तो हो गया लेकिन उसने यह सवाल भी खड़ा किया कि क्या इन बुलंदियों पर जाने के बाद यह अब धराशायी हो जाएगा? उसके इस रिकॉर्ड ऊंचाई पर जाने के बाद तरह-तरह की आशंकाएं खड़ी हो गईं हैं. हालांकि पिछले हफ्ते इसमें पांच हफ्तों के बाद गिरावट आई और यह 1282 अंक गिरकर 58,766 पर चला गया. निफ्टी में भी 321 अंकों की गिरावट आई और 17,532 अंकों पर था.
इससे पहले कि यह बहस तेज हो कि क्या यह गिरावट स्थायी है, सोमवार को सेंसेक्स में 625 अंकों की बढ़ोत्तरी हो गई.
लेकिन विशेषज्ञ यहां मानते हैं कि शेयर बाज़ार के इन ऊंचाइयों पर जाने की कोई ठोस वजह नहीं है. यह या तो अति उत्साह में की गई खरीदारी है या सटोरियों का खेल. अगर हम ध्यान से देखें तो इस समय निवेश के सारे रास्ते बंद हो गये हैं. रियल एस्टेट मंदी के भीषण दौर से गुजर रहा है, सोना नई ऊंचाइयों पर जाने के बाद नीचे तो आया है लेकिन इतना भी नहीं कि खरीदारी हो सके, सरकारी बांडों और ऋण बाजारों में भी खास रिटर्न नहीं है. फिक्स्ड डिपॉजिट में ब्याज दरें इतनी कम हो गईं हैं कि यह निरर्थक हो गया है. सच तो है कि महंगाई की दर इतनी ज्यादा हो गई है कि उसके कारण डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज निगेटिव में चला गया है. इसका मतलब हुआ कि अब फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे डालने का कोई फायदा नहीं है. तो फिर सेविंग के जरिये कमाने का क्या जरिया बचता है? शेयर बाजार और उस पर आधारित म्यूचुअल फंड. यही कारण है कि निवेशक इनमें बड़े पैमाने पर धन लगा रहे हैं. इन दोनों ने निवेशकों को निराश नहीं किया और अच्छा रिटर्न भी दिया है. सिर्फ इस साल ही सेंसेक्स 13,000 अंकों से भी ज्यादा बढ़ गया है. उधर म्यूचुअल फंडों में कई तो ऐसे हैं जिन्होंने 50 प्रतिशत से भी ज्यादा रिटर्न दे दिया है.
उभरती अर्थव्यवस्था, भारत और एफडीआई
लेकिन लाख टके का सवाल है कि क्या सिर्फ इस कारण से ही शेयर बाजार इतना ऊपर चला गया? इसके कई उत्तर हैं. सबसे बड़ा फैक्टर है, सारी दुनिया में ब्याज दरों का गिरना. इस समय अमेरिका और पश्चिमी देशों और जापान वगैरह में ब्याज दरें शून्य पर हैं. भारत में भी यह अपने न्यूनतम पर हैं. ऐसे में निवेशक बैंकों से पैसा लेकर या वहां जमा न कर भारतीय शेयर बाजारों में लगा रहे हैं. विदेशी वित्तीय संस्थान और एनआरआई ने भी निवेश किया. इस बात का अंदाजा इसी से मिलता है कि 2021-22 (जून) में यहां के वित्तीय बाजारों में उन्होंने 4433 करोड़ रुपए का निवेश किया है. यह राशि बाजार में आग लगाने का काम कर रही है.
दरअसल, इस समय उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में निवेश के लिए उपयुक्त स्थानों में भारत ऊंचे स्थान पर है. इस समय यहां निवेश करना विदेशी निवेशकों के लिए फायदे का सौदा है. यहां की तमाम परिस्थितियां उनके अनुकूल हैं. ऐसे में निवेशक आश्वस्त भाव से निवेश कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि लगातार तीसरे साल भी विदेशी निवेशकों ने भारत में कुल कुल 9 अरब डॉलर निवेश कर दिया है.
राजनीतिक अर्थव्यवस्था और अर्थव्यवस्था
मतलब साफ है कि तेजी से भागते बाजार को कभी भी ब्रेक लग सकता है और यह कभी भी औंधे मुंह गिर सकता है. कुछ एनालिस्ट मानते हैं कि अब बाजार के 10 से 25 प्रतिशत तक गिरने की संभावना बनती जा रही है क्योंकि यह ठोस जमीन पर खड़ा नहीं है.
एक बात और जो याद रखनी चाहिए कि शेयर बाजार अवधारणाओं या सेंटिमेंट पर चलते हैं. ये काफी आगे तक के फैक्टर को डिस्काउंट कर लेते हैं. इस शेयर बाजार में सफल कैसे हों बार भी ऐसा हो रहा है. देश में राजनीतिक स्थिरता है और अर्थव्यवस्था ‘वी’ शेप में ऊपर की ओर जा रही है. इसलिये भी निवेशक यहां पैसे लगा रहे हैं.
एक बात जो देखने की है और वह यह कि इस समय बीएसई या निफ्टी में बड़े पैमाने पर शेयर ऐसे हैं जो बढ़े ही नहीं, बढ़े तो नाम भर के ही जबकि उनकी कंपनियां काम अच्छा ही कर रही हैं. दूसरी ओर कुछ शेयर ऐसे हैं जो अपने अधिकतम पर हैं या फिर दोगुनी कीमत के हो गये हैं. यानी यह एक बड़ा विरोधाभास है.
रिकार्ड रखना Record
अपने बिजनेस में इतने व्यस्त ना हो जायें कि जरूरी आंकड़ों का रिकार्ड ही ना रख पायें। यदि खुद ना रख पायें शेयर बाजार में सफल कैसे हों तो किसी कर्मचारी के जरिये सभी जरूरी रिकार्ड सही से संजो कर रखें। सभी लेनदारियां और देनदारियां तथा आय और व्यय का हिसाब जरूर रखें। इससे आप किसी भूलचूक का शिकार नहीं होंगे। साथ ही आपको अब तक के अपने बिजनेस के विकास का पता तो चलेगा ही, आगे के लिये राह बनाने में भी सहायता मिलेगी।
कोई भी सफल बिजनेस बिना रिस्क उठाये नहीं हो सकता है। मगर अपने रिस्क को समझना जरूरी है। कोई भी नया कदम उठाने से पहले उसमें छिपे रिस्क को समझ लें और पता करें कि इसमें अधिकतम रिस्क कितना है। अब यह भी समझ लें कि इतना रिस्क मैं ले सकता हूं या नहीं। इस प्रकार का सीमित जोखिम आपको जबर्दस्त पुरस्कार दे सकता है।
रचनात्मक शेयर बाजार में सफल कैसे हों बनें Be Crative
हमेशा अपने व्यवसाय को बेहतर बनाने के लिए और प्रतियोगी से कुछ अलग करने के तरीके खोजते रहें। शेयर बाजार में सफल कैसे हों आप जो नहीं जानते उसे सीखने की कोशिश करें हैं और नए विचारों और अपने व्यवसाय के लिए नए दृष्टिकोणों शेयर बाजार में सफल कैसे हों का हमेशा स्वागत करें।
प्यासे कौवे की पुरानी कहानी है कि एक एक कंकड़ डाल कर ही घड़ा भरता है। सिर्फ इसलिए कि आपने व्यवसाय शुरू कर लिया है इसका मतलब यह नहीं है कि आप तुरंत पैसा बनाना शुरू कर देंगे। हर काम में समय लगता है इसलिए घबरायें नहीं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित रखें।
बलिदान करें Sacrifice
बलिदान करने के लिए तैयार रहें। व्यवसाय शुरू करना कठिन काम है, लेकिन अब जब बिजनेस शुरू हो गया है तो आपका काम शुरू हो गया है। कई मामलों में, आपको अधिक समय देना होगा, इसका मतलब यह है शेयर बाजार में सफल कैसे हों कि हो सकता है कि सफल होने के लिए अपको परिवार और दोस्तों के साथ बिताने के लिये कम समय मिले। कई बार रातें भी काली करनीं पड़ सकतीं हैं।
अपने ग्राहक को अपने प्रतियोगी से बेहतर सेवायें प्रदान करें जिससे कि अगली बार से हमेशा वो आपके पास ही आये। मैंने एक पु्स्तक में पढ़ा था कि एक दर्जन में तेरह अंडे होते हैं। इस किताब में एक दुकानदार दर्जन अंडे मांगने पर दर्जन अंडे की कीमत में तेरह अंडे देता था। बताने की जरूरत नहीं है कि क्षेत्र के सभी ग्राहक उसी के पास ही जाते थे। आपने ग्राहक को कुछ अधिक दें, चाहे डिस्काउंट हो या कोई ईनाम। और हां, अपने चेहरे पर हमेशा एक मुस्कान जरूर बना कर रखें।
ट्रेड एक्सेक्यूसन-Trade execution
Trade execution के समय पर सब buy तथा sell के आर्डर best buy तथा best sell आर्डर की प्राथमिकता से रखे जाते है। best buy तथा best sell की प्राथमिकता से मतलब है कि buying के आर्डर के लिए seller के नजरिये से तथा selling के आर्डर के लिए buyer के नजरिये से भाव तय होते शेयर बाजार में सफल कैसे हों है। यानि की best buy आर्डर की कीमत सबसे ज्यादा होगी क्योकि सामने जो seller है। उसे अपने शेयर सबसे ज्यादा कीमत पर बेचने है।
उसी तरह best sell आर्डर सबसे कम कीमत का होगा क्योंकि सामने जो buyer है। उसे सबसे कम कीमत पर शेयर खरीदने है। इस तरह ये आर्डर मिलाए जाते है और trade execute किये जाते है। उम्मीद है, अब आप How to Buy and sell Stocks Online अच्छे से सीख गये होगें ?
आप निम्नलिखित बुक्स को पढ़कर क्रिप्टोकरेंसी में ट्रेडिंग करना सीख सकते हैं। साथ ही ट्रेडिंग में होने वाले नुकसान से भी बच सकते हैं। इन किताबों की आप Shop now पर क्लिक करके बड़ी आसानी से खरीदकर पढ़ सकते हैं और एक प्रोफेशनल ट्रेडर बन सकते हैं। साथ ही आप 'द इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक को पढ़कर एक सफल निवेशक बन सकते हैं।
8 हजार रुपए से कैसे बनाए 2.8 करोड़? जानें दुनिया के तीसरे अमीर शख्स की स्ट्रैटजी
- News18Hindi
- Last Updated : May 11, 2019, 08:16 IST
ज्यादातर लोग शेयर मार्केट से पैसे कमाने के बारे में पढ़ते और सुनते तो जरूर हैं, लेकिन ऐसा करने में कामयाब नहीं हो पाते हैं. कई बार मार्केट में पैसा लगाना उनके लिए ऐसा साबित होता है कि वो अपनी जमा पूंजी भी खो देते हैं. अगर आप शेयर बाजार के जरिये कमाई करना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं, कुछ ऐसे टिप्स जो खुद दुनिया के तीसरे सबसे अमीर शख्स वारेन बफे ने दिए हैं. बफे शेयर बाजार के बड़े खिलाड़ी माने जाते हैं. उनके इन्वेस्टमेंट टिप्स फॉलो कर आप भी अमीर बन सकते हैं.