बिटकॉइन किसने बनाया था?

बिटकॉइन क्या है किसने बनाया और कैसे खरीदें | Bitcoin In Hindi
Bitcoin Kya Hai In Hindi: बिटकॉइन का नाम तो आप लोगों ने जरुर सुना होगा, क्योंकि आज के समय में यह Crptocurrency बहुत चर्चा में है इसलिए सभी लोग बिटकॉइन के बारे में जानना चाहते हैं. बिटकॉइन या टेक्नोलॉजी में रूचि रखने वाले लोग अक्सर इंटरनेट पर सर्च करते हैं कि Bitcoin क्या होता है.
अगर आपको भी बिटकॉइन के बारे में जानना है तो यह लेख आपके लिए ही है. हमने इस लेख के द्वारा कोशिस की है कि आपको बिटकॉइन के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करा सकें.
इस बिटकॉइन किसने बनाया था? लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Bitcoin क्या है इन हिंदी, बिटकॉइन का आविष्कार किसने किया, बिटकॉइन का उपयोग कहाँ किया जाता है, आप कैसे एक बिटकॉइन खरीद सकते हैं, बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या हैं और क्या भारत में बिटकॉइन लीगल है.
हमें पूरी उम्मीद है कि इस लेख में आपके बिटकॉइन से सम्बंधित अनेक सारे Confusion दूर हो जायेंगे, लेकिन उसके लिए आपको इस लेख को पूरा पढना होगा. तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख बिटकॉइन किसने बनाया था? और जानते हैं बिटकॉइन क्या होता है विस्तार से.
Happy Birthday Bitcoin: 13 साल का हो गया Bitcoin, 6 पैसे से शुरू हुआ सफर अब 35 लाख रुपये का
Bitcoin 13 years journey: अभी बिटकॉइन 34,85,856.77 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. सिर्फ आज के ट्रेड में यह करीब 30 हजार रुपये चढ़ा है. पिछले साल एक समय इसकी कीमत 50 लाख रुपये तक पहुंच गई थी. इसे बिना सरकारी नियंत्रण वाली भविष्य की ऑनलाइन पेमेंट प्रणाली के रूप में शुरू किया गया था. जब इसे लॉन्च किया गया था, तब इसकी कीमत महज 0.0008 डॉलर (करीब छह पैसे) थी.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 04 जनवरी 2022,
- (अपडेटेड 04 जनवरी 2022, 5:53 PM IST)
- 13 साल का हो गया बिटकॉइन
- छह पैसे से शुरू हुआ सफर लाखों में पहुंचा
सबसे लोकप्रिय और वैल्यूएबल क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बिटकॉइन (Bitcoin) ने इस सप्ताह 13 साल पूरे कर लिए. बिटकॉइन ने 13 साल के इस सफर में इन्वेस्टर्स को जादुई रिटर्न दिया है. इसने 13 साल पहले मात्र छह पैसे से सफर की शुरुआत की, जो अभी करीब 35 लाख रुपये के स्तर पर पहुंच चुका है.
तीन जनवरी है बिटकॉइन की मिंट डेट
बिटकॉइन के बर्थडे (Bitcoin Birthday) पर लोगों में एक राय नहीं है. इस क्रिप्टोकरेंसी का व्हाइटपेपर (Bitcoin Whitepaper) 28 अक्टूबर 2008 को जारी हुआ था, लेकिन इसकी मिंट डेट (Bitcoin Mint Date) 3 जनवरी 2009 है. इस कारण कुछ लोग 28 अक्टूबर को बिटकॉइन का बर्थडे मानते हैं, जबकि कई सारे लोग 3 जनवरी को इसका जन्मदिन मनाते हैं. बहरहाल जन्मदिन की तारीखों पर भले विवाद हो, लेकिन इस बात में दो मत नहीं है कि इसने क्रिप्टोकरेंसी के संसार को पंख लगा दिए.
फाउंडर की पहचान अभी तक गोपनीय
बिटकॉइन की शुरुआत सातोशी नाकामोतो (Satoshi Nakamoto) ने की थी, जिनकी पहचान अभी तक जाहिर नहीं हो पाई है. सातोशी नाकामोतो के वॉलेट (Satoshi Nakamoto Wallet) में अभी करीब 73 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन टोकन मौजूद हैं. 2011 के बाद भी नाकामोतो के वॉलेट का वजन बढ़ता गया है. नाकामोतो ने इनमें से कुछ भी खर्च नहीं किया है.
एक समय 50 लाख हो गई थी बिटकॉइन की कीमत
अभी बिटकॉइन 34,85,856.77 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. सिर्फ आज के ट्रेड में यह करीब 30 हजार रुपये चढ़ा है. पिछले साल एक बिटकॉइन किसने बनाया था? समय इसकी कीमत 50 लाख रुपये तक पहुंच गई थी. इसे बिना सरकारी नियंत्रण वाली भविष्य की ऑनलाइन पेमेंट प्रणाली के रूप में शुरू किया गया था. जब इसे लॉन्च किया गया था, तब इसकी कीमत महज 0.0008 डॉलर (करीब छह पैसे) थी.
इससे ज्यादा नहीं हो सकती है बिटकॉइन की माइनिंग
बिटकॉइन की वैल्यू में इस तेजी का कारण इसी माइनिंग पर लगी लिमिट है. नाकामोतो ने इसकी शुरुआत के समय ही यह तय कर दिया था कि बिटकॉइन के यूनिट की संख्या कभी भी 2.बिटकॉइन किसने बनाया था? 10 करोड़ से अधिक नहीं हो सकती है. अगस्त 2021 तक मार्केट में 1.87 करोड़ बिटकॉइन यूनिट उपलब्ध थे. इस तरह अब बिटकॉइन के सिर्फ 23 लाख यूनिट की माइनिंग (Bitcoin Mining) की जा सकती है.
क्रिप्टो करेंसी की कब हुई थी शुरुआत, क्या हैं इसके फायदे और नुकसान, समझिए पूरा हिसाब
इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आमतौर पर इसका इस्तेमाल किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.
TV9 Hindi | Edited By: रोहित ओझा
Updated on: Dec 23, 2020 | 9:13 AM
डिजिटल होती दुनिया में हर चीज वर्चुअल होती जी रही है. डिजिटल पेंमेट की सुविधा ने लोगों की लाइफ को काफी आसान बना दिया है. डिजिटल होते इस वर्ल्ड में क्रिप्टो करेंसी का क्रेज बढ़ गया है. दुनिया के हर एक देश की अपनी मुद्रा है. जैसे-भारत में रुपया, अमेरिका में डॉलर और ब्रिटेन में पाउंड. लेकिन इन दिनों जिस क्रिप्टो करेंसी का जलवा है, ये डिजिटल करेंसी है. इसे आप छू नहीं सकते, लेकिन हां अमीर जरूर हो सकते हैं. आइए अब समझ लेते हैं इस क्रिप्टो करेंसी का पूरा हिसाब.
कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी क्रिप्टो करेंसी एक इंडिपेंडेंट मुद्रा है. यह करेंसी किसी भी एक अथॉरिटी के काबू में भी नहीं होती. जैसे रुपया, डॉलर, यूरो या अन्य मुद्राओं का संचालन देश की बिटकॉइन किसने बनाया था? सरकारें करती हैं, लेकिन क्रिप्टो करेंसी का संचलान कोई भी अथॉरिटी नहीं करती. यह एक डिजिटल करेंसी होती है. इसके लिए क्रिप्टोग्राफी का प्रयोग किया जाता है. आमतौर पर इसका प्रयोग किसी सामान की खरीदारी या कोई सर्विस खरीदने के लिए किया जा सकता है.
जापान के एक इंजीनियर ने की थी शुरुआत
सबसे पहले साल 2009 में क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत हुई थी, जो बिटकॉइन थी. जापान के इंजीनियर सतोषी नाकमोतो ने इसे बनाया था. शुरुआत में इसे कोई खास सफलता नहीं मिली, लेकिन धीरे-धीरे इसकी कीमत आसमान छूने लगी और ये पूरी दुनिया में छा गया.
क्रिप्टो करेंसी के क्या हैं फायदे और नुकसान
क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे हैं और इसके नुकसान भी हैं. पहला फायदा ये है कि डिजिटल करेंसी होने के कारण धोखाधड़ी की गुंजाइश ना के बराबर है. दूसरा ये कि इसकी कोई नियामक संस्था नहीं है. इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों असर इसपर नहीं पड़ता. क्रिप्टोकरेंसी में मुनाफा अधिक होता है और ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है. इसका सबसे बड़ा नुकसान है कि वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव आपके माथे पर पसीना ला देगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले पांच साल में बिटकॉइन जैसी वर्चुअल करेंसी एक ही दिन में बिना किसी चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गई थी. इसका सबसे बड़ा नुकसान ये होता है कि वर्चुअल करेंसी होने के कारण इसमें सौदा जोखिम भरा होता है. इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध खरीद-फरोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है. , इसका एक और नुकसान यह है कि यदि कोई ट्रांजेक्शन आपसे गलती से हो गया तो आप उसे वापस नहीं मंगा सकते हैं.
क्रिप्टो करेंसी से क्या भारत में होता है लेनदेन
भारत में क्रिप्टो करेंसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था और वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दी थी. साल 2018 में इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने भारतीय रिजर्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. बिटकॉइन के अलावा भी रेड कॉइन, सिया कॉइन, सिस्कोइन, वॉइस कॉइन और मोनरो कॉइन जैसी अन्य क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध हैं.
Bitcoin को अल-सल्वाडोर में लीगल करेंसी का दर्जा, ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बना
अल सल्वाडोर में बिटकॉइन को लीगल करेंसी मान लिए जाने के बाद वहां इस पर कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगेगा. वहां की सरकार ने क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर्स को स्थायी तौर पर रहने की छूट देने का एलान भी किया है.
As a nation, we can’t afford to have a scenario where this category of investment exists unregulated.
Bitcoin Declared Legal Currency in El Salvador : अल सल्वाडोर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कानूनी दर्जा देने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है. अब तक किसी देश ने इसे अपनी वैध करेंसी नहीं घोषित किया था. अल-सल्वाडोर अब आधिकारिक बिटकॉइन किसने बनाया था? रूप से पहला देश बन गया है कि जहां बिटकॉइन को किसी भी सौदे के लिए कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता मिल गई है. अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई. राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,98 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर पर पहुंच गई.
अब कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा
राष्ट्रपति बुकेले ने सोमवार को ऐलान किया था कि देश की कानूनी मुद्रा बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा. देश में क्रिप्टो एंटरप्रेन्योर को तुरंत स्थायी तौर पर रहने की अनुमति दी जाएगी. राष्ट्रपति के इस ऐलान के बाद अल-सल्वाडोर में प्रॉपर्टी की पूछताछ बढ़ गई. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि बिटकॉइन और अमेरिकी डॉलर के बीच एक्सचेंज रेट अब स्वतंत्र तौर पर स्थापित होने लगेंगे. कीमतों को बिटकॉइन में बताया जा सकेगा. बिटकॉइन में लेन-देन कैपिटल गेन्स टैक्स के दायरे में नहीं आएंगे. डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे.
The #BitcoinLaw has been approved by a supermajority in the Salvadoran Congress.
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62 out of 84 votes!
History! #Btc.
— Nayib Bukele . (@nayibbukele) June 9, 2021
कई निवेशकों ने किया फैसले का स्वागत
इस कानून पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सिलिकन वैली के एंजेल इनवेस्टर बालाजी श्रीनिवास ने कहा कि यह अद्भुत फैसला है. अब उन सभी इकोनॉमिक एजेंटों को बिटकॉइन में पेमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए, जो टेक्नोलॉजी के तौर पर इसमें सक्षम हैं. हाल में दुनिया भर के क्रिप्टोकरेंसी में काफी तेजी देखी गई है. भारत समेत दुनिया के कई देशों में निवेशकों के बीच इसने काफी दिलचस्पी पैदा की है. भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी के आरबीआई के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
Bitcoin At All Time High : बिटकॉइन 66,000 डॉलर के पार, ऐसा रहा है इसका 13 सालों का सफर
Bitcoin Price in India : बिटकॉइन की कीमत वॉल स्ट्रीट पर बिटकॉइन ETF के लॉन्च होने के बाद नई ऊंचाई पर पहुंच गई. बुधवार को इसका मूल्य रिकॉर्ड 66,000 डॉलर के पार पहुंच गया. मेनस्ट्रीम निवेशकों के बीच बिटकॉइन फ्यूचर में निवेश का विकल्प खुलने से वित्तीय प्रतिष्ठानों के बीच बिटकॉइन की स्वीकार्यता बढ़ रही है.
Bitcoin Price : 66,000 डॉलर के ऊपर पहुंची बिटकॉइन की कीमत.
दुनिया की सबसे बड़ी, पॉपुलर और पुरानी क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin ने बुधवार को नया रिकॉर्ड छू लिया है. बिटकॉइन की कीमत वॉल स्ट्रीट पर बिटकॉइन ETF (Exchange Traded Fund) के लॉन्च होने के बाद नई ऊंचाई पर पहुंच गई. बुधवार को इसका मूल्य रिकॉर्ड 66,000 डॉलर के पार पहुंच गया. मेनस्ट्रीम निवेशकों के बीच बिटकॉइन फ्यूचर में निवेश का विकल्प खुलने से ऐसा कहा जा रहा है कि वित्तीय प्रतिष्ठानों के बीच बिटकॉइन की स्वीकार्यता बढ़ बिटकॉइन किसने बनाया था? रही है. बिटकॉइन का मूल्य (Bitcoin Price) न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज के खुलने बाद यूएस के समयानुसार बुधवार को सुबह 10:52 बजे 7.6 प्रतिशत बढ़कर 66,901.30 डॉलर पर पहुंच गया था.
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बता दें कि बिटकॉइन ईटीएफ में निवेशकों ने जबरदस्त दिलचस्पी दिखाई है. ट्रेडिंग के पहले दिन ETF ने करीब 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की. इससे भी क्रिप्टोकरेंसी को प्रोत्साहन मिला है. ईटीएफ बिटकॉइन में सीधे निवेश नहीं करता. यह बिटकॉइन से जुड़े वायदा बाजार में निवेश करता है. उद्योग का मानना बिटकॉइन किसने बनाया था? है कि ईटीएफ के जरिये नयी श्रेणी के निवेशक बिटकॉइन से जुड़ रहे हैं. ऐसे में बिटकॉइन अब जब मेनस्ट्रीम में दखल दे चुका है तो इस बहाने इसके एक दशक से ज्यादा पुराने सफर पर नजर डालते हैं.
कैसा रहा है अब तक बिटकॉइन का सफर.
इस ताजा कीर्तिमान के पहले बिटकॉइन अप्रैल, 2020 में अपने रिकॉर्ड हाई पर पहुंचा था, इससे शुरुआती निवेशकों को जबरदस्त फायदा हुआ था. जिन्होंने अब तक बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश नहीं किया था, उन्होंने भी इसके बारे में सोचना शुरू किया. हालांकि, पिछले साल के शुरुआत तक भी बिटकॉइन या क्रिप्टोकरेंसी बाजार को उतनी पॉपुलैरिटी नहीं मिली थी, जो अब है, ऐसे में अधिकतर लोगों को इसकी बहुत समझ नहीं थी, लेकिन ये जाहिर बात थी कि जिन्होंने शुरुआत में जोखिम उठाया था, वो जबरदस्त रिटर्न कमा रहे थे. इससे बिटकॉइन की पॉपुलैरिटी में जबरदस्त इजाफा हुआ. पिछले कुछ वक्त से बिटकॉइन 46,000 डॉलर के आसपास के रेंज में चल रहा था.
बिटकॉइन बना कब और कैसे था?
बिटकॉइन जब 2008 में लॉन्च हुआ तो यह एक रहस्य की तरह था, सबसे बड़ी बात तो यह नहीं पता थी कि इसे बनाया किसने है. सतोषी नाकामोतो के छद्मनाम से किसी शख्स या समूह ने बिटकॉइन को डेवलप किया था, लेकिन नाम के पीछे कौन है, ये हम अब तक नहीं जानते हैं. नाकामोतो ने सबसे पहले क्रिप्टोग्राफी के एक मेलिंग लिस्ट पर Bitcoin: A Peer-to-Peer Electronic Cash System (https://bitcoin.org/bitcoin.pdf) नाम से एक पेपर पोस्ट किया, जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया और इसपर चर्चा शुरू हो गई.
Bitcoin सहित दूसरे क्रिप्टोकरेंसी का Live Price यहां ट्रैक करें:
2009 में बिटकॉइन सॉफ्टवेयर पब्लिक के लिए शुरू हुआ है और फिर बिटकॉइन की माइनिंग और ब्लॉकचेन पर इसका ट्रांजैक्शन शुरू हुआ है. इसके अगले साल बिटकॉइन का मूल्यांकन हुआ. चूंकि तबतक बिटकॉइन को बस माइन ही किया गया था, किसी ने अभी तक कॉइन ट्रेड नहीं किया था, ऐसे में इसकी कीमत अभी तक तय नहीं थी. 22 मई, 2010 को प्रोग्रामर Laszlo Hanyecz ने 10,000 बिटकॉइन से दो पिज्ज़ा खरीदे. अगर इस प्रोग्रामर ने अपने बिटकॉइन पिज्ज़ा पर न खर्च किए होते तो आज उस होल्डिंग की कीमत 389 मिलियन डॉलर होती.
2011 में बिटकॉइन के छोटे से एकछत्र साम्राज्य को चुनौती देने के लिए कुछ दूसरे क्रिप्टोकरेंसी की शुरुआत हुई, जैसे Namecoin और Litecoin जैसे कॉइन्स शुरू होने लगे. इन कॉइन्स की खासियत ये थी कि ये बिटकॉइन से कुछ बेहतर सुविधाएं दे रहे थे, जैसे कि बेहतर ट्रांजैक्शन स्पीड. आज बाजार में 11,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी मौजूद हैं और इनमें लगातार अपग्रेड हो रहा है.
जब पहली बार क्रैश हुआ बिटकॉइन
बिटकॉइन के बीच के साल सबसे ज्यादा अस्थिर दिखाई देते हैं. बिटकॉइन का मूल्यांकन होने के बाद 2013 में यह पहली बार क्रैश हुआ. इसकी कीमत 1,000 डॉलर के ऊपर तक पहुंची थी, लेकिन क्रैश होने के बाद यह 300 डॉलर तक आ गई. 2014 की जनवरी में उस वक्त का सबसे बड़ा बिटकॉइन एक्सचेंज Mt.Gox अचानक से ऑफलाइन हो गया. इससे एक्सचेंज पर मौजूद 850,000 बिटकॉइन्स हमेशा-हमेशा के लिए गायब हो गए. 20 मार्च, 2014 को Mt. Gox ने बताया कि उसे एक पुराने डिजिटल वॉलेट में 199999.99 बिटकॉइन मिले हैं, जिसके बाद कुल गायब बिटकॉइन की संख्या 650,000 हो गई. इस मामले की अभी तक जांच हो रही है.
इसके बाद 2015 में बिटकॉइन फिर से 1,000 डॉलर की कीमत पर पहुंचा. अगले साल ही, Ethereum के आ जाने से बिटकॉइन की लीडरशिप को बड़ी चुनौती मिली. 2017 तक बिटकॉइन इतना पॉपुलर हो गया था कि इसकी कीमत 10,000 डॉलर तक पहुंच रही थी. क्रिप्टोकरेंसी से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़ रहे थे और इस इकोसिस्टम में पैसा डाल रहे थे. 2021 के अक्टूबर महीने तक क्रिप्टोकरेंसी मार्केट का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी बाजार पूंजीकरण 2.6 ट्रिलियन डॉलर हो चुका है.
बिटकॉइन के बीते कुछ साल और अच्छे दिनों की शुरुआत.
2018 में बिटकॉइन एक बार फिर क्रैश हुआ. कई देशों ने इसपर बैन लगाने से लेकर कई तरीके के नियम-कानून लागू करने के कदम उठाए, जिससे कि इसकी कीमतें 80 फीसदी से ज्यादा गिर गईं. भारत में भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन न करने को लेकर निर्देश जारी किया गया. वहीं, इस साल बिटकॉइन की सबसे बड़ी चोरी हुी. BitConnect स्कैम में निवेशकों से 2 बिलियन डॉलर तक की धोखाधड़ी हुई.
बिटकॉइन के लिए 2019 की शुरुआत बहुत ही बिटकॉइन किसने बनाया था? शांत तरीके से हुई. हालांकि, मई तक इसकी कीमत 8,000 डॉलर तक पहुंत गई. अगले महीने जून में ही इसमें 1,000 डॉलर तक की गिरावट आई, लेकिन बिटकॉइन किसने बनाया था? जुलाई में यह 14,000 डॉलर तक पहुंचने में कामयाब रहा. यह साल बिटकॉइन के लिए अच्छा रहा. अगले साल यानी कि 2020 के महामारी के साल में बिटकॉइन को अच्छी तरक्की देखनी थी. हालांकि, वॉरेन बफेट जैसे कई बड़े उद्योगपतियों ने बिटकॉइन में निवेश को लेकर अच्छी बातें नहीं कहीं, लेकिन फिर भी इसकी कीमत चार गुना बढ़कर 28,000 डॉलर तक हो गई. भारत में मई, 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई के निर्देशों को खारिज कर दिया.
2021 बिटकॉइन के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला साल रहा है. इस साल के शुरुआती महीनों में टेक टायकून इलॉन मस्क ने बिटकॉइन को सपोर्ट किया था, बाद में वो इसकी माइनिंग से पर्यावरण पर पड़ते प्रभाव का हवाला देकर Dogecoin की ओर शिफ्ट हो गए. वहीं, बिटकॉइन अप्रैल में 65,000 डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर पहुंचकर फिर से गिर गया. सितंबर में इसमें फिर से रिकवरी दिखी और 21 अक्टूबर, 2021 की सुबह यह 64,000 डॉलर के ऊपर ट्रेड कर रहा था.
Video : इस दिवाली किसमें करें निवेश, गोल्ड में या क्रिप्टोकरेंसी में?