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स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

Technical View: शॉर्ट टर्म में निफ्टी में और गिरावट मुमकिन, छू सकता है 18000 का स्तर

कल के कारोबार में बाजार में वोलैटिलिटी कम होती नजर आई है। वौलेटिलिटी इंडेक्स इंडिया वीक्स 0.27 फीसदी घटकर 14.39 के स्तर पर आ गया

19000 की स्ट्राइक प्राइस पर सबसे ज्यादा कॉल ओपन इंटरेस्ट रहे। उसके बाद 18500 की स्ट्राइक पर सबसे ज्यादा कॉल ओपन इंटरेस्ट रहे

18 नवंबर को निफ्टी हल्की गिरावट के साथ बंद हुआ और इसमें लगातार दूसरे दिन गिरावट जारी रही। कारोबार के अंत में निफ्टी 36 अंक की गिरावट के साथ 18308 पर बंद हुआ। शुरुआती बढ़त के बाद निफ्टी कल के लगभग पूरे कारोबारी सत्र में दबाव में रहा और इसने डेली चार्ट पर बियरिश कैंडल बनाया। लाल निशान में बंद होने के बावजूद निफ्टी 18300 के अहम लेवल को बचाए रखने में कामयाब रहा। अब निफ्टी इस लेवल के नीचे फिसलता है तो आगे हमें 18100-18000 की तरफ जाता दिख सकता है। वहीं अगर यह 18300 के ऊपर टिके रहने में कायमाब रहता है तो इसमें हमें 18450-18500 तक की तेजी देखने को मिल सकती है।

वीकली टाइम फ्रेम पर भी कल निफ्टी ने एक बियरिश कैंडल बनाया था जो एक स्पिनिंग टॉप फॉर्मेशन से मिलता जुलता है। जो इस बात का संकेत है कि बाजार की दिशा साफ नहीं है। लेकिन इसी समय रिवर्सल भी आ सकता है।18 नवंबर को बीते हफ्ते की बात करें तो पिछले 4 हफ्ते 6.7 फीसदी की बढ़त के साथ कल खत्म हुए हफ्ते में निफ्टी 0.2 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुआ।

शेयरखान के गौरव रत्नपारखी का कहना है कि शॉर्ट टर्म मोमेंटम इंडिकेटर निगेटिव डायवर्जेंन दिखा रहे हैं जो आगे बाजार में और कमजोरी आने का संकेत है। शॉर्ट टर्म में निफ्टी हमें नीचे की तरफ 18100-18000 की तरफ जाता नजर आ सकता है जबकि ऊपर की तरफ निफ्टी के लिए 18450 पर रजिस्टेंस दिख रहा है। शॉर्ट टर्म में बाजार में कोई बड़ी गिरावट भी मुमकिन है।

SEBI शेयर ब्रोकरों के लिये साइबर सुरक्षा नियम लाने की कर रहा तैयारी

Cyber Security Framework: मार्केट रेगुलेटर SEBI का यह कदम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये किये जा रहे उपायों का हिस्सा है.

SEBI शेयर ब्रोकरों के लिये साइबर सुरक्षा नियम लाने की कर रहा तैयारी

साइबर सुरक्षा नियम का मकसद शेयर ब्रोकर के साथ-साथ उनके ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है.

कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) शेयर ब्रोकरों (Stock Brokers) के लिये साइबर सुरक्षा नियम (Cyber Security Framework) लाने की तैयारी में है. इससे साइबर धोखाधड़ी, आंकड़ों की चोरी और ट्रेडिंग खातों की हैकिंग के जोखिम की आशंका कम होगी. एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेम्बर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह ने पीटीआई से कहा कि साइबर सुरक्षा को लेकर विधान का मकसद शेयर ब्रोकर के साथ-साथ उनके ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है. इसमें वे उपाय, प्रक्रियाएं और उपकरण शामिल हो सकते हैं, जो साइबर हमले को रोकने और साइबर मजबूती के मामले में सुधार को लेकर मददगार हैं.

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मार्केट रेगुलेटर SEBI का यह कदम निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये किये जा रहे उपायों का हिस्सा है. सेबी ने दिशानिर्देश तैयार करने के लिये एक समिति बनाई है, जिसमें नियामक, शेयर बाजार और एएनएमआई के प्रतिनिधि शामिल हैं. प्रतिभूति बाजार में तेजी से हो रहे तकनीकी विकास से स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है आंकड़ों की सुरक्षा और निजता बनाये रखने की एक चुनौती है. इसको देखते हुए शेयर ब्रोकरों के लिए एक मजबूत साइबर सुरक्षा और साइबर मजबूती की जरूरत है.

एएनएमआई के अध्यक्ष कमलेश शाह ने कहा, शेयर ब्रोकर के पास निवेशकों के बहुत सारे महत्वपूर्ण आंकड़े होते हैं और यह उनकी जिम्मेदारी है कि वे ऐसी सूचना को साइबर धोखाधड़ी तथा ट्रेडिंग खातों की हैकिंग के जोखिम से बचाएं ताकि निवेशकों को इसके कारण नुकसान उठाना नहीं पड़े. उन्होंने कहा कि समिति दिसंबर के अंत तक दिशानिर्देश का मसौदा सेबी को दे सकती है, लेकिन अंतिम रूप से नियमों के क्रियान्वयन में कम-से-कम एक साल का समय लग सकता है. शाह के अनुसार, समिति एक ऐसे समाधान पर काम कर रही है जो छोटे दलालों के लिए भी वहन करने योग्य होगा, अन्यथा ढांचे का पूरा उद्देश्य विफल हो जाएगा.

SEBI ने जून में स्टॉक ब्रोकरों से कहा था कि वे ऐसी घटनाओं का पता चलने के छह घंटे के भीतर उनके द्वारा अनुभव किए गए सभी साइबर हमलों, खतरों और उल्लंघनों की रिपोर्ट करें. उन्हें निर्दिष्ट समय के भीतर एक्सचेंजों, डिपॉजेटरी और नियामक को ऐसी घटनाओं की सूचना देनी होती है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें

गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है।

Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST

Gold etf

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए

यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग गोल्ड को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

वास्तविक गोल्ड द्वारा समर्थित

गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

सरल ट्रेडिंग

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

छोटे आकार के कारण स्वामित्व अफार्डेबल बन जाता है

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

उनसे मिलने वाले अनेक लाभों के साथ, गोल्ड ईटीएफ गोल्ड में निवेश करने के लिए आदर्श विकल्प हैं। आप चाहे अनुभवी निवेशक हैं या अपने निवेश की यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, तो हमेशा अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना याद रखें। अपने निवेश की नियमित आधार पर समीक्षा करें तथा अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करें। यदि आप गोल्ड में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो इसे अपने पोर्टफोलियो के 5-10% तक सीमित रखें।

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

तीन दिनों बाद शेयर बाजार में लौटी तेजी, सेंसेक्स 321 अंक तक उछला

नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। पिछले तीन कारोबारी दिनों से घरेलू शेयर बाजार में जारी गिरावट के दौर पर मंगलवार को ब्रेक लग गया। शेयर बाजार ने आज भी शुरुआती कारोबार में कमजोरी दिखाई। लेकिन पहले 10 मिनट के कारोबार के बाद ही सेंसेक्स और निफ्टी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है दोनों सूचकांकों ने निचले स्तर से रिकवरी करना शुरू कर दिया। इस रिकवरी के बल पर पूरे दिन हरे निशान में बने रहने के बाद दोनों सूचकांकों ने बढ़त के साथ आज के कारोबार का अंत किया। दिन भर के कारोबार के बाद सेंसेक्स 0.45 प्रतिशत और निफ्टी 0.46 प्रतिशत की तेजी के साथ बंद होने में सफल रहे।

आज के कारोबार में मेटल, पीएसयू बैंक और आईटी सेक्टर के शेयरों में लगातार खरीदारी होती रही। इसी तरह पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज, एफएमसीजी और ऑटोमोबाइल सेक्टर के शेयर भी मामूली बढ़त के साथ बंद होने में सफल रहे। जबकि एनर्जी और रियल्टी सेक्टर के शेयरों में बिकवाली का दबाव बना रहा।

पूरे दिन हुए कारोबार के दौरान स्टॉक मार्केट में 1,989 शेयरों में एक्टिव ट्रेडिंग हुई। इनमें से 925 शेयर मुनाफा कमाकर हरे निशान में बंद हुए, जबकि 1,064 शेयर नुकसान उठाकर लाल निशान में बंद हुए। इसी तरह सेंसेक्स में शामिल 30 शेयरों में से 25 शेयर लिवाली के सपोर्ट से हरे निशान में और 5 शेयर बिकवाली के दबाव के कारण लाल निशान में बंद हुए। जबकि निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 38 शेयर हरे निशान में और 11 शेयर लाल निशान में बंद हुए।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने मिले-जुले वैश्विक संकेतों के बीच लाल निशान में फ्लैट लेवल पर कारोबार की शुरुआत की। सेंसेक्स 18.28 अंक की कमजोरी के साथ 61,126.56 अंक के स्तर पर खुला। कारोबार की शुरुआत होते ही बाजार में बिकवाली का दबाव बनता नजर आया, जिसके कारण सेंसेक्स भी गिर कर 61,073.68 अंक तक पहुंच गया। लेकिन पहले 10 मिनट के कारोबार के बाद ही बाजार में खरीदारी शुरू हो गई, जिससे सेंसेक्स भी कुलांचे भरते हुए आगे बढ़ने लगा।

सुबह 10:30 बजे के करीब सेंसेक्स 61,300 अंक के करीब पहुंच गया। इसके बाद लगभग पूरे दिन ये सूचकांक इसी स्तर के आसपास रहकर कारोबार करता रहा। लेकिन बाजार बंद होने के आधा घंटा पहले एक बार फिर तेज खरीदारी शुरू हो गई, जिसके कारण सेंसेक्स 321.79 अंक की मजबूती के साथ आज के सर्वोच्च स्तर 61,466.63 अंक तक पहुंच गया। हालांकि कारोबार के आखिरी दस मिनट में इंट्रा-डे सेटलमेंट की वजह से हुई बिकवाली के कारण ये सूचकांक ऊपरी स्तर से थोड़ा नीचे फिसल कर 274.12 अंक की बढ़त के साथ 61,418.96 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

सेंसेक्स स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है के विपरीत नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी ने 19.20 अंक की मामूली बढ़त के साथ 18,179.15 अंक के स्तर पर कारोबार की शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में हुई बिकवाली का असर निफ्टी की चाल पर भी पड़ा। पहले 10 मिनट में ही ये सूचकांक गिरकर 18,137.70 अंक तक पहुंच गया। लेकिन इसके बाद बाजार में हुई खरीदारी से निफ्टी को भी सहारा मिला और ये सूचकांक तेजी से ऊपर चढ़ने लगा।

खरीदारी के सपोर्ट से पहले 1 घंटे के कारोबार के बाद ही निफ्टी उछल कर 18,200 अंक के करीब पहुंच गया और लगभग पूरे दिन इसी स्तर के आसपास कारोबार करता रहा। हालांकि बीच-बीच में बाजार में बिकवाली का दबाव भी बनता रहा, लेकिन खरीदारी के जोर के कारण निफ्टी लगातार हरे निशान में बना रहा। शाम 3 बजे के थोड़ी देर पहले बाजार में एक बार फिर चौतरफा लिवाली शुरू हो गई, जिसके कारण निफ्टी 101.90 अंक की मजबूती के साथ आज स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है के ऊपरी स्तर 18,261.85 अंक तक पहुंच गया। हालांकि आखिरी 10 मिनट के कारोबार में हुई मामूली बिकवाली के कारण ये सूचकांक ऊपरी स्तर से थोड़ा नीचे फिसल कर 84.25 अंक की तेजी के साथ 18,244.20 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

दिन भर हुई खरीद-बिक्री के बाद स्टॉक मार्केट के दिग्गज शेयरों में से इंडसइंड बैंक 2.67 प्रतिशत, जेएसडब्ल्यू स्टील 1.68 प्रतिशत, एनटीपीसी 1.61 प्रतिशत, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस 1.43 प्रतिशत और अल्ट्राटेक सीमेंट 1.31 प्रतिशत की मजबूती के साथ आज के टॉप 5 गेनर्स की सूची में शामिल हुए। दूसरी ओर बीपीसीएल 1.11 प्रतिशत, नेस्ले 0.75 प्रतिशत, पावर ग्रिड कॉरपोरेशन 0.57 प्रतिशत, भारती एयरटेल 0.42 प्रतिशत और कोटक महिंद्रा 0.22 प्रतिशत की कमजोरी के साथ आज के टॉप 5 लूजर्स की सूची में शामिल हुए।

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