रणनीति कैसे चुनें

ट्रेडिंग रणनीति नियम

ट्रेडिंग रणनीति नियम

ट्रेडिंग प्लान कैसे बनाएं

इस तथ्य के बावजूद कि एक योजना के बिना आप व्यापारियों को व्यापार नहीं कर सकते। इसके अलावा, नौसिखिया ट्रेडिंग योजना और ट्रेडिंग रणनीति के नियमों के बीच अंतर नहीं देखता है। हम आपको व्यापार योजना ट्रेडिंग रणनीति नियम के महत्व के बारे में एक बार फिर से समझाने की कोशिश करेंगे।

ट्रेडिंग करने से पहले क्या करें

ट्रेडिंग शुरू करने से पहले प्रत्येक व्यापारी के पास इलेक्ट्रॉनिक या मुद्रित रूप में चार पूर्व लिखित दस्तावेज होने चाहिए:

व्यापार रणनीति के नियम;

एक स्थिति खोलने के लिए शर्तें;

धन प्रबंधन के नियम;

व्यापार रणनीति के नियम - खुला / बंद मानदंड, व्यापारिक समय, उपयोग की गई समय-सीमा, व्यापारिक संपत्ति (मुद्रा जोड़ी, कच्चा माल, स्टॉक), समाप्ति समय और लेनदेन से संबंधित अन्य जानकारी।

एक स्थिति खोलने के लिए शर्तें । CALL (वृद्धि) और PUT (कमी) विकल्पों के लिए शर्तों को अलग से निर्दिष्ट किया गया है - यह एक चेकलिस्ट के रूप में अनुशंसित है। यदि कम से कम एक शर्त पूरी नहीं होती है, तो विकल्प नहीं खोला जाता है।

धन प्रबंधन के नियम - खोले गए विकल्प की मात्रा और नुकसान के लिए कार्यों की गणना करने के निर्देश।

व्यापार की योजना - व्यापार की प्रक्रिया में "क्या अगर .." अधिकतम सवालों के जवाब। अधिकांश स्रोतों में, ट्रेडिंग प्लान का अर्थ पूर्ण सटीक द्विआधारी विकल्प रणनीति है : लेनदेन की शर्तें, धन प्रबंधन, आदि। हमारी राय में, यह बहुत सही नहीं है और "सभी एक जगह" जानकारी प्रत्येक पर ध्यान देने की अनुमति नहीं देगी। योजना का तत्व।

ट्रेड प्लान में क्या है?

किसी भी ट्रेडिंग प्लान के आवश्यक तत्व उदाहरणों के साथ सूचीबद्ध हैं। यह मत भूलो कि ये केवल उदाहरण हैं, प्रत्येक व्यापारी के लिए वे रणनीति के आधार पर व्यक्तिगत होंगे, अधिकतम जोखिम पर उनके विचार और समग्र रूप से बाजार।

यह महत्वपूर्ण स्थिति के मामले में विस्तार से वर्णन करने और अग्रिम उपाय करने के लिए आवश्यक है: कोई बिजली या इंटरनेट, सॉफ्टवेयर की विफलता, आदि।

बल के मामले में बुनियादी सेट: मुख्य कंप्यूटर के अलावा एक बैकअप लैपटॉप, टैबलेट या स्मार्टफोन होना चाहिए जिसमें आवश्यक सॉफ्टवेयर और 4 / 5G-मॉडेम, VPS- सर्वर, निकटतम नि: शुल्क वाई-फाई बिंदुओं की एक सूची है जहां आप जल्दी से इंटरनेट का उपयोग कर सकते हैं।

लाभ और हानि नियंत्रण

धन प्रबंधन मापदंडों के अलावा, यह निर्धारित करता है कि विभिन्न लाभ मूल्यों के साथ क्या करना है: बड़े, मध्यम, छोटे। एक पंक्ति में कई खोने वाले ट्रेडों के लिए अलग-अलग कार्रवाई! अनुभाग व्यक्तिगत है, ट्रेडिंग की शैली और अधिकतम जोखिम के मूल्यों पर निर्भर करता है।

«$ 50 या तीन लगातार सफल लेनदेन और लाभहीन लोगों की अनुपस्थिति के बाद, हम व्यापार नहीं करते हैं»। ध्यान दें कि $ 50 एक सीमा है, एक लक्ष्य नहीं है जिसे हर कीमत पर हासिल किया जाना चाहिए। किसी भी लाभ GOALS को अंततः जमा की हानि होती है।

«5 के बाद एक पंक्ति में ट्रेडों को खोने या स्थिति का विश्लेषण करने के लिए कम से कम दो दिनों के लिए 20% जमा ब्रेक के नुकसान»

«यदि लाभ जमा का 10% है, तो इस सप्ताह कोई अधिक ट्रेडिंग नहीं है और देखें कि बाइनरी विकल्प सिग्नल कैसे काम करते हैं » आदि।

जब आप व्यापार नहीं कर सकते

व्यापार की किन शर्तों के तहत कोई नहीं है: एक नींद की रात के बाद, एक बीमार अवस्था में, उदास या बहुत आशावादी, आदि।

स्थितियां हमेशा देखी जानी चाहिए और खुद को धोखा देने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। इससे केवल नुकसान ही होगा, ब्रेनवर्क शारीरिक से अलग है - लगातार एक सीमा पर काम करने के लिए यह बाहर नहीं निकलेगा।

ट्रेडिंग रणनीति चुनने की शर्तें

बाइनरी विकल्पों की कई ट्रेडिंग रणनीतियों का उपयोग करते समय, यह निर्दिष्ट करें कि वे किन शर्तों पर लागू होते हैं।

«यदि पिछले दो दिनों से बाजार चल रहा है, तो रणनीति एक्स का उपयोग किया जाता है, यदि साइड मार्केट (फ्लैट) रणनीति वाई» है;

«उद्घाटन का क्षण द्विआधारी विकल्प बॉट द्वारा निर्धारित किया जाता है, और फिर रणनीति जेड» के अनुसार लेनदेन को नियंत्रित किया जाता है।

बाजार विश्लेषण के लिए किस जानकारी और किस स्रोत से उपयोग किया जाएगा।

«शाम में, आर्थिक कैलेंडर के अनुसार, कल के लिए महत्वपूर्ण समाचारों की एक सूची निर्धारित की जाती है। समाचार जारी होने के समय समाप्ति नहीं होने पर विकल्प नहीं खुलते हैं, साथ ही इससे पहले और उसके आधे घंटे बाद »।

«नॉन-फार्म पेरोल डेटा कल प्रकाशित किया जाएगा - विकल्प केवल इस समाचार पर खुले»।

«सभी पाए गए ग्राफिक आंकड़े ओसीलेटरर्स और एक्सटर्नल एनालिटिक्स» आदि द्वारा जांचे जाते हैं।

लघु और दीर्घकालिक व्यापार कार्य

हमेशा याद रखें कि आपने बाइनरी विकल्प क्यों शुरू किए। यह वास्तविकता में लौटने में मदद करता है (क्यों खुले दस बाइनरी विकल्प एक दिन का संकेत देते हैं जब प्रति माह 10-20% प्रति माह पहले ही अर्जित किया गया हो) और विफलता के समय में जारी रखने की ताकत खोजने के लिए।

«मेरा लक्ष्य प्रति माह 5% का लाभ कमाना है और यह मुख्य काम नहीं है। सभी संकेतों का व्यापार करने की आवश्यकता नहीं है, और केवल सबसे मजबूत और सबसे लंबी अवधि के ट्रेडों को खोल देगा »।

«ट्रेडिंग मुख्य काम है; आपको लगातार 3-5% मासिक तक जमा और लाभ के आकार को बढ़ाने की आवश्यकता है।

«मेरे लिए एक द्विआधारी विकल्प एड्रेनालाईन का एक स्रोत है। मैं जोखिम को समझता हूं और इस राशि को जमा करता हूं, जो कि »खोने के लिए दया नहीं है।

अपनी पसंद पर अन्य

पसंदीदा उद्धरण या नियम "दिन में तीन बार से अधिक चार्ट न खोलें," "सुबह बारिश होने पर व्यापार न करें", आदि सब ट्रेडिंग रणनीति नियम कुछ लिखें जो आपको व्यापार करने में मदद करेगा, भले ही वह ऐसा हो। अंधविश्वास का संकेत। ट्रेडिंग एक कठिन चीज है और कोई भी छोटी चीज सामान्य स्थिति में मदद कर सकती है या बाहर ला सकती है। ट्रेडिंग योजना को हमेशा कागज के रूप में आपके सामने रखें। और हमेशा यह सोचकर पालन करें कि बाइनरी विकल्प सिग्नल कैसे काम करते हैं।

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Explainer : क्‍या है अल्‍गो ट्रेडिंग और सेबी के किस नियम से ब्रोकर्स में मचा हड़कंप, क्‍या इस ट्रेडिंग से मिलता है तय रिटर्न?

सेबी ने अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर ब्रोकर्स के लिए नियम बना दिए हैं.

सेबी ने अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर ब्रोकर्स के लिए नियम बना दिए हैं.

सेबी ने हाल में ही अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर नियम बनाया है. देश में तेजी से बढ़ रही इस ट्रेडिंग को लेकर अभी तक कोई रेगुलेश नहीं था. इसके बाद जिरोधा के फाउंडर निखिल कामत ने भी अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर बयान दिया, जिसके बाद यह चर्चा उठी कि आखिर अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर सेबी को क्‍या संशय है.

  • News18Hindi
  • Last Updated : September 07, 2022, 15:15 IST

हाइलाइट्स

पिछले सप्‍ताह बाजार नियामक सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं.
स्‍टॉक की खरीद-फरोख्‍त पूरी तरह कंप्‍यूटर के जरिये की जाती है.
इसमें जैसे ही आप बटन दबाते हैं, कंप्‍यूटर ट्रेडिंग शुरू कर देता है.

नई दिल्‍ली. अग्‍लो ट्रेडिंग जिसका पूरा नाम अल्गोरिदम ट्रेडिंग (Algorithm Trading) है, यह वैसे तो भारत में नया कॉन्‍सेप्‍ट है लेकिन इसका इस्‍तेमाल साल 2008 से ही होता रहा है.

अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर अभी तक ब्रोकर तय रिटर्न का दावा करते थे, लेकिन पिछले सप्‍ताह बाजार नियामक सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं और इसके बाद से ट्रेडिंग की इस नई विधा पर बहस भी शुरू हो गई है. इस बहस को हवा तब मिली जब जिरोधा के फाउंडर निखिल कामत ने अल्‍गो ट्रेडिंग के तय रिटर्न वाले दावे पर सवाल उठाए. उन्‍होंने कहा, अभी तक इसे लेकर काफी भ्रम फैलाया जा चुका है.

कैसे होती है अल्‍गो ट्रेडिंग
अल्‍गो ट्रेडिंग में स्‍टॉक की खरीद-फरोख्‍त पूरी तरह कंप्‍यूटर के जरिये की जाती है. इसमें स्‍टॉक चुनने के लिए जिस गणना का उपयोग होता है, वह भी कंप्‍यूटर द्वारा ही किया जाता है. इसीलिए इसका नाम ऑटोमेटेड या प्रोग्राम्‍ड ट्रेडिंग भी है. इसके लिए कंप्‍यूटर में पहले से ही अलग-अलग पैरामीटर्स के हिसाब से गणनाएं फीड की जाती हैं. साथ ही स्‍टॉक को खरीदना या बेचना है उसका निर्देश, शेयर बाजार का पैटर्न और सभी नियम व शर्ते भी पहले से फीड कर दी जाती हैं. जैसे ही आप बटन दबाते हैं, कंप्‍यूटर ट्रेडिंग शुरू कर देता है.

इस सिस्‍टम का लिंक स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सर्वर से जुड़ा होता है, लिहाजा बाजार की पल-पल की अपडेट भी मिलती रहती है. इसकी मदद से ट्रेडिंग का समय काफी बच जाता है और ब्रोकर को भी सही स्‍टॉक चुनने में मदद मिलती है. यही कारण है कि अभी तक ब्रोकर यह दावा करते थे कि अल्‍गो ट्रेडिंग के जरिये तय रिटर्न मिलना आसान है. उनका तर्क था कि यह सिस्‍टम किसी स्‍टॉक की भविष्‍य की संभावनाओं और पुराने प्रदर्शन का सही व सटीक आकलन कर सकता है.

क्‍यों पड़ी सेबी की निगाह
बाजार नियामक सेबी ने दिसंबर, 2021 में ही कहा था कि वह जल्‍द ही अल्‍गो ट्रेडिंग को लेकर कुछ नियम बनाने वाला है. सेबी के दखल देने की सबसे बड़ी वजह यह है कि अभी भारतीय शेयर बाजार में होने वाली करीब 50 फीसदी ट्रेडिंग इसी विधा के जरिये की जाती है. इससे पहले तक यह ट्रेडिंग पूरी तरह नियंत्रण से बाहर थी, लेकिन अब सेबी ने इसे लेकर कुछ नियम बना दिए हैं.

क्‍या है सेबी का नया नियम
बाजार नियामक ने पिछले सप्‍ताह एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा कि जो भी ब्रोकर अल्‍गो ट्रेडिंग की सेवाएं देते हैं, वे प्रत्‍यक्ष या अप्रत्‍यक्ष किसी भी रूप में स्‍टॉक के पुराने प्रदर्शन या भविष्‍य की संभावनाओं की जानकारी अपने उत्‍पाद के साथ नहीं दे सकेंगे. यह कदम ब्रोकर्स के उन दावों के बाद उठाया गया है, जिसमें अल्‍गो ट्रेडिंग की मदद से निवेशकों को तय और ऊंचे रिटर्न का झांसा दिया जाता था.

सेबी ने अपने सर्कुलर में यह भी कहा है कि अगर कोई ब्रोकर या उससे जुड़ी फर्म ने अपनी वेबसाइट या अन्‍य किसी माध्‍यम से किए गए प्रचार-प्रसार में अल्‍गो ट्रेडिंग से जुड़े इन कयासों का उल्‍लेख किया है तो सर्कुलर जारी होने के 7 दिन के भीतर उसे हटा दिया जाना चाहिए. निवेशकों के हितों को देखते हुए ब्रोकर भविष्‍य में ऐसा कोई प्रलोभन नहीं दे सकेंगे.

क्‍या सच में फायदेमंद है अल्‍गो ट्रेडिंग
भारतीय शेयर बाजार में अल्‍गो ट्रेडिंग का इस्‍तेमाल तेजी से बढ़ रहा है और अब तो आधे से ज्‍यादा ब्रोकर इसी का इस्‍तेमाल करते हैं. ऐसे में यह तो तय है कि अल्‍गो ट्रेडिंग कुछ फायदेमंद है, लेकिन इसका सही उपयोग तभी किया जा सकता है, जबकि ब्रोकर को कुछ सटीक जानकारियां मिल सकें. इसमें स्‍टॉक की हिस्‍ट्री, उसके आंकड़ों का वेरिफिकेशन और रिस्‍क मैनेजमेंट की गणना सबसे जरूरी है.

क्‍यों बढ़ रहा इसका चलन
1-हिस्‍ट्री की सही समीक्षा : सबसे जरूरी है कि किसी स्‍टॉक के पिछले प्रदर्शन की सही समीक्षा और उसके बाजार पैटर्न को समझकर ही उसके भविष्‍य में प्रदर्शन का आकलन लगाना चाहिए, जो कंप्‍यूटर बेहतर तरीके से करता है.
2-गलतियों की कम गुंजाइश : अल्‍गो ट्रेडिंग का पूरा काम कंप्‍यूटर के जरिये होता है. ऐसे में ह्यूमन एरर जैसी चीजों की आशंका शून्‍य हो जाती है. साथ ही यह रियल टाइम के प्रदर्शन के आधार पर भी स्‍टॉक का चुनाव कर सकता है.
3-भावनात्‍मक प्रभाव में कमी : अल्‍गो ट्रेडिंग में किसी स्‍टॉक का चुनाव करते समय मानवीय भावनाएं आती हैं, क्‍योंकि इसकी गणना ट्रेडिंग रणनीति नियम और चुनाव पूरी तरह से मशीन के हाथ में होता है.
4-ज्‍यादा रणनीति का सृजन : कंप्‍यूटर एल्‍गोरिद्म के जरिये एक ही समय में सैकड़ों रणनीति बनाई जा सकती है. इससे आपका जोखिम प्रबंधन मजबूत होता है और निवेश पर ज्‍यादा रिटर्न कमाने के कई रास्‍ते खुलते हैं.
5-एरर फ्री ट्रेडिंग : अल्‍गो ट्रेडिंग पूरी तरह मशीन पर आधारित होने के नाते इसके जरिये गलत ट्रेडिंग या मानवीय गलतियों की आशंका भी खत्‍म हो जाती है. यही कारण है कि खुदरा निवेशकों में भी अब अल्‍गो ट्रेडिंग का चलन बढ़ रहा है.

इसके नुकसान भी हैं
-अल्‍गो ट्रेडिंग में बिजली की खपत ज्‍यादा होती है और पावर बैकअप न होने पर कंप्‍यूटर क्रैश भी हो सकता है. इससे गलत ऑर्डर, डुप्लिकेट ऑर्डर या ट्रेडिंग रणनीति नियम फिर लापता ऑर्डर भी हो सकते हैं.
-ट्रेडिंग के लिए बनाई जा रही रणनीति और उसकी वास्‍तविक रणनीति के बीच अंतर हो सकता है. कई बार कंप्‍यूटर में खराबी की वजह से भी ऐसी स्थिति आ सकती है.
-कंप्‍यूटर आपको कई रणनीति और रिटर्न का कैलकुलेशन और रास्‍ता बताएगा, जो आपका नुकसान भी करा सकता है, क्‍योंकि बाजार की वास्‍तविक स्थितियां मशीनी रणनीति से अलग हो सकती हैं.

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Options Trading: क्‍या होती है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्‍या हो आपकी रणनीति

Options Trading: निश्चित ही ऑप्‍शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)

ऑप्‍शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )

डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्‍य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.

क्‍या है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग?

Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्‍शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्‍शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्‍शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्‍तेमाल किया जाता है स्‍ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्‍स को भविष्‍य में जाता हुआ देखते हैं.

जानकारी के बिना ऑप्शंस ट्रेडिंग मौके का खेल है. ज्‍यादातर नए निवेशक ऑप्शंस में पैसा खो देते हैं. ऑप्शंस ट्रेडिंग में जाने से पहले कुछ बुनियादी बातों से परिचित होना आवश्यक है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड - इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन हेमांग जानी ने ऑप्‍शंस ट्रेडिंग को लेकर कुछ दे रहे हैं जो आपके काम आ सकते हैं.

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धन की आवश्यकता: ऑप्शंस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.

ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य नियम के रूप में, कारोबारियों को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्‍ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है ट्रेडिंग रणनीति नियम और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है.

जानकारी हासिल करें: व्यक्ति को ऑप्शंस और उनके अर्थों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ जार्गन्स से परिचित होने का प्रयास करना चाहिए. यह न केवल ऑप्शन ट्रेडिंग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि सही रणनीति और बाजार के समय के बारे में भी निर्णय ले सकता है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, सीखना संभव हो जाता है, जो एक ही समय में आपके ज्ञान और अनुभव दोनों को बढ़ाता है.

इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग से बचें: लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को ट्रेड में अधिक आसानी से आने और जाने की अनुमति देता है. सबसे ज्यादा लिक्विड स्टॉक आमतौर पर उच्च मात्रा वाले होते हैं. कम कारोबार वाले स्टॉक अप्रत्याशित होते हैं और बेहद स्पेक्युलेटिव होते हैं, इसलिए यदि संभव हो तो इससे बचना चाहिए.

होल्डिंग पीरियड को परिभाषित करें: वक्‍त ऑप्शंस के मूल्य निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रत्येक बीतता दिन आपके ऑप्शंस के मूल्य को कम करता है. इसलिए व्यक्ति को भी पोजीशन को समय पर कवर करने की आवश्यकता होती है, भले ही पोजीशन प्रॉफिट या लॉस में हो.
मुख्‍य बात यह जानना है कि कब प्रॉफिट लेना है और कब लॉस उठाना है. इनके अलावा, व्यक्ति को पोजीशन की अत्यधिक लेवरेज और एवरेजिंग से भी बचना चाहिए. स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही, ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऑप्शंस खरीदना और बेचना शामिल है या तो कॉल करें या पुट करें.

ऑप्शंस बाइंग के लिए सीमित जोखिम के साथ एक छोटे वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है अर्थात भुगतान किए गए प्रीमियम तक, जबकि एक ऑप्शंस सेलर के रूप में, व्यक्ति बाजार का विपरीत दृष्टिकोण रखता है. ऑप्शंस को बेचते वक्त माना गया जोखिम मतलब नुकसान मूल निवेश से अधिक हो सकता है यदि अंतर्निहित स्टॉक (Underlying Stocks) की कीमत काफी गिरती है या शून्य हो जाती है.

ऑप्शंस खरीदते या बेचते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:

  • डीप-आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) विकल्प केवल इसलिए ट्रेडिंग रणनीति नियम न खरीदें क्योंकि यह सस्ता है.
  • समय ऑप्शन के खरीदार के खिलाफ और ऑप्शन के विक्रेता के पक्ष में काम करता है. इसलिए समाप्ति के करीब ऑप्शन खरीदना बहुत अच्छा विचार नहीं है.
  • अस्थिरता ऑप्शन के मूल्य को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कारकों में से एक है. इसलिए आम तौर पर यह सलाह दी जाती है कि जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस खरीदें और जब अस्थिरता कम होने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस बेचें.
  • प्रमुख घटनाओं या प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों से पहले ऑप्शंस बेचने के बजाय ऑप्शंस खरीदना हमेशा बेहतर होता है.

नियमित अंतराल पर प्रॉफिट की बुकिंग करते रहें या प्रॉफिट का ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस रखें. अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो ऑप्शंस ट्रेडिंग से कई गुना रिटर्न्स प्राप्‍त किया जा सकता है.

(डिस्‍क्‍लेमर : प्रकाशित विचार एक्‍सपर्ट के निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें.)

Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

उत्कृष्ट ट्रेडिंग नियम

हमारे द्वारा शुरू किए गए फ्लोटिंग लिवरेज सिस्टम में, लिवरेज 1:1000 की ऊंचाई तक पहुंच जाती है, इसका मतलब है हमारे ट्रेडर अपनी खरीदने की पॉवर 1000 गुणा तक बढ़ा सकते हैं। उच्च लिवरेज से हमारे ट्रेडरों को ऐसे अवसर मिलते हैं जिनकी उन्होंने कभी् कल्पना भी नहीं की होती; कम अनुपात में फंड डिपॉजिट की क्षमता लेकिन फि‍र भी बड़े वॉल्यूम में ट्रेड करना। हमेशा ध्यान रहे कि लिवरेज से हानि की संभावना भी बनी रहती है।.

टाइट स्प्रैड्स

टाइट स्प्रैड्स एक फॉरेक्स ब्रोकर का चयन करते समय एक प्रमुख शर्त है| ट्रेडिंग की वह प्रारंभिक लागत कम या अधिक की पेशकश स्प्रैड्स कैसे रहे हैं पर निर्भर करता है, हम 0.1* पिप्स से शुरू टाइट स्प्रैड्स को प्रदान करते हैं और यहां तक स्प्रैड्स तथ्य यह है कि शुरू से ही यह लाभ देता है |
*खाता प्रकार एवं बाजारी स्थितियों पर निर्भर करता है

जल्द निष्पादन

ForexTime (FXTM) पर आपके सौदों पर तुरंत कार्यान्वयन किया जाता हैं, तथा यह सुनिश्चित किया जाता हैं कि आपको सबसे अच्छी कीमत मिले और कोई देरी आपकी ट्रेडिंग गतिविधियों के साथ हस्तक्षेप न करें।

कोई लेनदेन डेस्क नहीं है (NDD)

NDD प्रौद्योगिकी हमें क्रम में कई तरलता प्रदाताओं के साथ काम करने के लिए सबसे अच्छा बोली के साथ उपलब्ध कराने और कीमतों में पूछने की अनुमति देता है| इस तकनीक के माध्यम से हम गहरे अंतर बैंक तरलता प्रदान करते हैं और आप तुरंत क्रियान्वित किये जा सकते हैं कि दरों के लिए सीधी पहुँच दे*|
*खाता प्रकार एवं बाजारी स्थितियों पर निर्भर करता है

स्वचालित ट्रेडिंग

स्वचालित ट्रेडिंग स्वचालित ट्रेडिंग के साथ, अन्यथा, एल्गोरिथम ट्रेडिंग के रूप में जाना जाता है| एक ट्रेडर एक ट्रेडिंग रणनीति विकसित करता है या किसी और की ट्रेडिंग रणनीति लागू करता है और यह तब विशेषज्ञ सलाहकार की तरह एक स्वचालित ट्रेडिंग प्रणाली द्वारा अपनाया जाता है| इस प्रणाली को स्वचालित रूप से अपने ट्रेडार्स गतिविधियों को स्वचालित बनाने के लिए , पहले से ही लागू रणनीति के अनुसार आप के लिए ट्रेडिंग करने के लिए शुरू होता है| इस प्रणाली का सबसे बड़ा लाभ ट्रेडार्स को मिलता है और उनको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है| आप जब सो जाते हैं तब भी आप लाभ पा सकते हैं, क्योंकि आपने इस सिस्टम में अपने ट्रेडिंग एल्गोरिथ्म शामिल कर लिया है| यह दिमाग में रखना ज़रूरी है की सिर्फ परंपरागत ट्रेडिंग के साथ ही, नुकसान भी स्वचालित ट्रेडिंग के साथ अनुभव किया जा सकता है|

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    जोखिम चेतावनी: फोरेक्‍स और लिवरेज किए गए वित्‍तीय इंस्‍ट्रूमेंट की ट्रेडिंग में महत्‍वपूर्ण जोखिम हैं और इससे आपकी निवेश की गई पूंजी का नुकसान हो सकता है। आप जितनी हानि उठाने की क्षमता रखते हैं उससे अधिक का निवेश न करें और आपको इसमें शामिल जोखिम अच्‍छी तरह समझना सुनिश्चित करना चाहिए। लेवरिज्ड प्रोडक्‍ट की ट्रेडिंग सभी निवेशकों के लिए उपयुक्‍त नहीं हो सकती। ट्रेडिंग शुरु करने से पूर्व, कृपया अपने अनुभव का स्‍तर, निवेश उद्देश्‍य पर विचार करें और यदि आवश्‍यक हो तो स्‍वतंत्र वित्‍तीय सलाह प्राप्‍त करें। क्‍लायंट के निवास के देश में कानूनी अपेक्षाओं के आधार पर FXTM ब्रांड की सेवाओं का प्रयोग करने की अनुमति है अथवा नहीं, यह निर्धारित करना क्‍लायंट की स्‍वयं की जिम्‍मेदारी है। कृपया FXTM का पूरा जोखिम प्रकटीकरण पढ़ें.

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    जोखिम की चेतावनी: ट्रेडिंग जोखिम भरा है। आपकी पूंजी जोखिम में है। Exinity Limited FSC (मॉरीशस) द्वारा विनियमित है।

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    ट्रेडिंग रणनीति नियम

    Price Action Trading Strategy is gaining popularity. One of the ट्रेडिंग रणनीति नियम key reasons why more and more traders and investors are adopting Price Action Trading Strategy is non-reliability of stock analysis. Be it fundamental analysis or technical analysis or sentiment analysis, due to increased volatility in the stock market these analysis are losing the confidence of the intraday traders and investors. In this video, i discussed 14 rules that i follow for Price Action Trading Strategy. Though it is a very vast subject and it is not possible to explain or discuss Price ट्रेडिंग रणनीति नियम Action Trading Strategy in a single video i tried my best to explain the key rules that i follows. In my future videos, i will share more about Price Action Trading Strategy.

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