बाइनरी वैकल्पिक व्यापार की मूल बाते

दलाल नुकसान

दलाल नुकसान
समस्या-

Anuppur : मण्डल उपाध्यक्ष कर रहा जमीन की दलाली!

शासन-प्रशासन के सारे नियमों को ताक पर रखकर यहां खेत-खलिहान की आवासीय प्लाट के रूप में खरीदी-बिक्री हो रही है। स्थिति यह है कि नगर के आस-पास रोज कहीं न कहीं कालोनी का नक्शा खींचा जा रहा है। नगर सहित आस-पास के इलाकों में इन दिनों अवैध प्लाटिंग का कारोबार जोर-शोर से हो रहा है। रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी (रेरा) को दरकिनार कर प्लाट बेचे जा रहे हैं।

अनूपपुर, मध्यप्रदेश। जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पंचायतों में हाईवे के किनारे कृषि भूमि को समतल कर प्लाटिंग करने के मामले में अब तक प्रशासन ने किसी तरह से कोई संज्ञान नहीं लिया है। इससे जाहिर है कि प्रशासन के दलाल नुकसान नुमाईंदे भी भू-माफियाओं के दबाव के आगे नत मस्तक है। रियल स्टेट रेगुलेरिटी अथॉरिटी जिसे रेरा भी कहा जाता है, उसको दरकिनार करते हुए प्लाट भारी कीमत पर बेचे जा रहे हैं, इसके चलते प्लाट खरीदने वाले लोग भविष्य में फंस भी सकते हैं, लेकिन सिर्फ अपने फायदे को देखते हुए प्लाट काटने वाले ने जमीन खरीदने वाले को मूर्ख समझ कर धन लुटाई के काम में लगे हैं और प्रत्येक फुट की कीमत 700 से लेकर 400 तक बेची जा रही है।

राजा कर रहा दलाली :

जिले के परसवार ग्राम पंचायत में मुख्य मार्ग से लगे हुए कृषि भूमि पर दर्जनों प्लाट काटे गए हैं और बिक्री की जा ही है, चर्चा है कि अनूपपुर बस्ती निवासी भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष राजा तिवारी द्वारा कृषि भू-खण्ड के प्लाट काट कर बेचे गये हैं, ऐसा नहीं है कि राजा तिवारी का नाम पहली बार भू-खण्ड की दलाली में सामने आया हो, अनूपपुर जिला मुख्यालय में अगर किसी को भू-खण्ड चाहिए तो, अगर वह राजा तिवारी से मिले तो, उसे सस्ते एवं महंगे दामों पर प्लाट उपलब्ध करा दिया जाता है, मजे की बात तो यह है कि लगभग भाजपा के पदाधिकारी भी यह जानते हैं कि राजा तिवारी द्वारा जमीन की दलाली की जाती है।

अवैध प्लाटिंग का कारोबार :

गांव से लगे खेतों की बिक्री आवासीय प्लाट के रूप में बेधड़क हो रही है, इन खेतों को प्लाटिंग करने वाला पहले पक्की सड़क से जोड़कर कच्ची सड़क तैयार करता हैं, इसके बाद वहां अपने तरीके से प्लाटिंग करते हैं, कृषि योग्य भूमि को प्लाट के रूप में विकसित कर खरीदी-बिक्री के लिए नियमानुसार डायवर्सन करना पड़ता है। एक से अधिक प्लाट काटने के बाद नियमानुसार कालोनाइजर एक्ट के तहत सभी फार्मेलिटी पूरी करने के बाद उसकी खरीदी -बिक्री होनी चाहिए, लेकिन बिना पंजीयन के ही न केवल आवासीय कालोनी डेवलप हो रही हैं, बल्कि खेत-खलिहान की आवास के रूप में धड़ल्ले से अवैध प्लाटिंग भी हो रही है।

ग्राहकों को हो सकती है परेशानी :

निश्चित रूप से कृषि भूमि को आज आवासीय रूप में प्लाट काटकर अनूपपुर बस्ती के भाजपा नेता राजा तिवारी नामक व्यक्ति बेधड़क बेच रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में रेरा के नियमों से लेकर कमर्शियल प्लाट के रूप में चिन्हित करके जिम्मेदार लोग वसूली करने पहुंच जाएंगे और फिर भरपाई ना होने के बाद उक्त जमीन से उसे बेदखल भी कर सकते हैं , इसलिए जमीन खरीदने वाले लोगों को भी सजग होकर अपने जीवन भर की कमाई फंसानी चाहिए, ताकि आने वाले दिनों में किसी भी प्रकार से उनके जमीन पर किसी प्रकार की कोई कागजी कार्यवाही बाकी न रह जाए।

कृषि संपत्ति के अभिसरण की प्रक्रिया :

किसी भी भूमि का विषय राज्य का विषय होता है और इसे नियंत्रित करने के लिए कानून प्रत्येक रा'य में अलग होता है, जिस राज्य में आप रहते हैं उसके आधार पर आपको आवासीय उद्देश्यों या आवासीय उद्देश्यों के लिए अपनी कृषि भूमि को बदलने के लिए अपने शहर में नियोजन प्राधिकरण से संपर्क करना होता है और सभी जिलों में डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट से लेकर अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार कृषि भूमि से लेकर आवासीय उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करवाते हैं, लेकिन लगता है यहां पर मण्डल उपाध्यक्ष खुद ही अपना कानून लागू करके अनूपपुर जिले में अवैध प्लाटिंग के कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।

किसकी अनुमति से हो रही बिक्री :

कृषि जमीन को काटकर कॉलोनी का सब्जबाग दिखाकर कुछ व्यापारी प्लाट बेचने के लिए सक्रिय है। खबर है कि परसरवार रोड पर स्थित जिस जमीन का टुकड़े कर बेचे जा रहे हैं, उसका डायवर्सन नहीं हुआ है, साथ ही रेरा में इसका रजिस्ट्रेशन भी नहीं है, ऐसे में आखिर बिना व्यावसायिक व्यपर्वतन के कृषि भूमि पर रोड किसकी अनुमति से बनाया गया है, यह जांच का विषय है। फिलहाल इस मामले में अब तक स्थानीय अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, सूत्रों की माने तो, अभी तक उक्त भू-खण्ड के दो-टुकड़े कथित दलाल द्वारा बेच दिये गये हैं, पूरे मामले में अगर जांच हो जाये तो, कई अधिकारी सहित दलाल नपते नजर आयेंगे, इसके अलावा बेचे गये भू-खण्ड की बिक्री सहित ऋण पुस्तिका बनने पर भी रोक लगाई जाए।

इनका कहना है :

मेरी पदस्थापना मई माह में हुई है, मेरे द्वारा किसी भू-खण्ड के लिए एनओसी नहीं दी गई है, न ही जमीन खरीदी-बिक्री की खबर है।

नरेन्द्र तिवारी, सचिव, ग्राम पंचायत, परसवार

मुझे जमीन के खरीदी बिक्री के संबंध में कोई जानकारी नहीं है, मैं उक्त भू-खण्ड का खसरा नंबर देखकर ही कुछ बता पाऊंगा।

राजीव सिंह परिहार, पटवारी, हलका परसवार

आपके द्वारा जानकारी मिली है, आज ही पटवारी को आदेशित किया जायेगा कि उक्त भूमि पर जा कर जांच करें।

कमलेश पुरी, एसडीएम, अनूपपुर

मैं अभी भोपाल मीटिंग में बैठा हूँ, इस संबंध में पता कर, आपसे बात करता हूँ।

राजेश मिश्रा, जिला प्रभारी, भाजपा, अनूपपुर

मेरे द्वारा भू-खण्ड खरीदा गया है, उसको किसी अन्य व्यक्ति को बेचा नहीं गया है, अगर बिक्री की भी जा रही है तो, क्या गलत है।

राजा तिवारी, मण्डल उपाध्यक्ष, भाजपा अनूपपुर

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दलाल स्ट्रीट पर बुल्स का दबदबा, आज के 10 ट्रेडिंग कॉल्स जिनमें अगले 3-4 हफ्ते में हो सकती है डबल डिजिट कमाई

टाटा कॉफी में 257 रुपए के लक्ष्य के लिए, 195 रुपए के स्टॉपलॉस के साथ खरीदारी की सलाह होगी। 3-4 हफ्ते में इस शेयर में 20.5 फीसदी रिटर्न मिल सकता है.

नैटको फार्मा में 1,065 रुपए के लक्ष्य के लिए, 824 रुपए के स्टॉपलॉस के साथ खरीदारी की सलाह होगी। 3-4 हफ्ते में इस शेयर में 16.3 फीसदी रिटर्न मिल सकता है।

दलाल स्ट्रीट के लिए पिछला हफ्ता एक और तेजी वाला हफ्ता रहा था। बाजार ने नए साल की शुरुआत तेजी के साथ की थी। 7 जनवरी को खत्म हुए हफ्ते में सेसेंक्स-निफ्टी करीब 2.5 फीसदी से ज्यादा की बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहे थे। हालांकि यूएस फेड द्वारा अनुमान से पहले मौद्रिक नीतियों में कड़ाई लाने की खबर के चलते तेजी सीमित रही। पिछले हफ्ते की तेजी में बैंकिंग और फाइनेंशियल से जुड़े सेक्टर का अहम योगदान रहा था।

मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले दिनों में बाजार में किसी तेजी के लिए 18000 का लेवल का काफी अहम होगा। जब तक निफ्टी 17,553 के अपने 20-week SMA के ऊपर टिका रहता है तब तक इसमें तेजी के संकेत बने रहेंगे। आगे निफ्टी के लिए 17640 का स्तर अहम सपोर्ट का काम करेगा।

GEPL Capital के मलय ठक्कर का कहना है कि प्राइस एक्शन पर नजर डालें तो 18000 का लेवल अब निफ्टी के लिए अहम रजिस्टेंस होगा। अगर निफ्टी 18000 को तोड़ देता है तो यह फिर हमें 18210 की तरफ जाता दिखेगा। वहीं नीचे की तरफ इसके लिए 17,640 पर सपोर्ट नजर आ रहा है।

Rakesh Jhunjhunwala Tips: राकेश झुनझुनवाला के ये टिप्स अपनाकर आप भी बन सकते हैं दलाल स्ट्रीट का Big Bull

राकेश झुनझुनवाला समय-समय पर निवेशकों को बाजार से पैसा बनाने के टिप्स के साथ ही जीवन में सफलता पाने का मंत्र भी देते थे. आइए जानते हैं राकेश झुनझुनवाला के वो 5 टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप भी सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं-

Rakesh Jhunjhunwala Investment Tips

Rakesh Jhunjhunwala Investment Tips: शेयर मार्केट के 'बिग बुल' राकेश झुनझुनवाला (Big Bull Rakesh Jhunjhunwala) अब हमारे बीच नहीं हैं (Rakesh Jhunjhunwala Passes Away). बिग बुल के नाम से मशहूर राकेश झुनझुनवाला को बीमारियों ने घेर रखा था (Rakesh Jhunjhunwala Death Reason), जिनसे लड़ते हुए आज वह दुनिया को अलविदा कह गए. उनके बारे में कहा जाता था कि जिस चीज को छू लें, वह सोना बन जाती है. शेयर बाजार में उन्होंने दुनिया को निवेश का तरीका सिखाया. कुछ दिन पहले ही उनकी एयरलाइंस आकासा (Rakesh Jhunjhunwala Akasa Air) ने उड़ान भरनी शुरू की थी.

Rakesh Jhunjhunwala : भारत के वॉरेन बफे

राकेश झुनझुनवाला ने दलाल स्‍ट्रीट में अपनी धाक ऐसे ही नहीं बनायी थी. 36 साल पहले राकेश झुनझुनवाला ने सिर्फ 5,000 रुपये से निवेश के सफर की शुरुआत की थी. आज उनकी नेटवर्थ तकरीबन 40 हजार करोड़ रुपये थी. पिछले महीने ही बिग बुल 62 साल के हुए थे. उनका जादुई हाथ जिस शेयर पर पड़ जाता था, वह रातोंरात बुलंदियों पर पहुंच जाता है. यही वजह है कि उनकी हर चाल पर निवेशकों की नजर रहती थी. शेयरों को चुनने में उनकी पैनी नजर बेजोड़ मानी जाती थी. इन्हीं वजहों से राकेश झुनझुनवाला को भारत के वॉरेन बफे (Warren Buffett) के नाम से जाना जाने लगा था.

Rakesh Jhunjhunwala Passes Away: भारत के 'वारेन बफे' राकेश झुनझुनवाला कैसे बने इतने फेमस?

Rakesh Jhunjhunwala Passes Away: भारत के 'वारेन बफे' राकेश झुनझुनवाला कैसे बने इतने फेमस?

Rakesh Jhunjhunwala Quotes

राकेश झुनझुनवाला समय-समय पर निवेशकों को बाजार से पैसा बनाने के टिप्स के साथ ही जीवन में सफलता पाने का मंत्र भी देते थे. आइए जानते हैं राकेश झुनझुनवाला के वो 5 टिप्स, जिन्हें अपनाकर आप भी सफलता की सीढ़ियां चढ़ सकते हैं-

निवेश से पहले होमवर्क जरूरी : राकेश झुनझुनवाला कहते थे- कभी भी अनुचित या अनजाने शेयर पर कभी भी निवेश न करें. उन कंपनियों के लिए कभी न दौड़ें जो सुर्खियों में हैं. न्यूज बनाने वाले शेयरों के बजाय कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले स्टॉक का मूल्यांकन जरूर कर लें.

नुकसान के लिए तैयार रहें : बिग बुल कहते थे- नुकसान के लिए तैयार रहें. नुकसान शेयर बाजार निवेशक के जीवन का हिस्सा हैं. आप हर समय सही नहीं हो सकते हैं और इसलिए जब आप पैसा बनाने के लिए बाजार में हों, तो आपको एक जिद्दी निवेशक की तरह व्यवहार करने के बजाय घाटा सहने के लिए तैयार रहना चाहिए.

बाजार का सम्मान करें : राकेश झुनझुनवाला कहते थे- बाजार का सम्मान करें और अपना दिमाग खुला रखें. क्या दांव पर लगाना है, नुकसान कब उठाना है, यह जानिए और जिम्मेदार बनें. शेयर बाजार के अपने नियम होते हैं और यह इन्हीं नियमों पर चलता है. इन नियमों का सम्मान करके ही आप पैसा कमा सकते हैं.

जल्दबाजी में लिया गया फैसला घातक : बिग बुल का कहना था- जल्दबाजी में लिये गए फैसलों से हमेशा नुकसान होता है. एक निवेशक को कोई भी निवेश का निर्णय लेने से पहले समय लेना चाहिए. शॉर्ट टर्म मार्केट सेंटिमेंट्स के बजाय अपने दृढ़ विश्वास का साथ पालन करना ज्यादा सही है.

साहसी बनें : राकेश झुनझुनवाला कहते थे- साहस में प्रतिभा, शक्ति और जादू है. आप जो कुछ भी कर सकते हैं या करने का सपना देख सकते हैं, उसे शुरू करें. शेयर बाजार में खरीदारी किसी भी अन्य खरीदारी की तरह करें. जिस तरह आप आप सस्ती दरों पर सामान खरीदने की कोशिश करते हैं, आपको स्टॉक खरीदते समय भी ऐसा ही करना चाहिए.

Rakesh Jhunjhunwala कौन थे? उन्हें Big Bull के नाम से क्यों जाना जाता था?

Rakesh Jhunjhunwala कौन थे? उन्हें Big Bull के नाम से क्यों जाना जाता था?

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Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana कृषि मंत्री जे.पी. दलाल ने ‘‘मुख्यमन्त्री बागवानी बीमा योजना’’ के पोर्टल की शुरूआत की

Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana

योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी : जे.पी. दलाल
आज समाज डिजिटल, चण्डीगढ
हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे.पी. दलाल ने आज ‘‘मुख्यमन्त्री बागवानी बीमा योजना’’ दलाल नुकसान के नाम से एक नई बागवानी फसल बीमा योजना के पोर्टल की शुरूआत की। इस योजना के तहत किसानों की फसलों में प्रतिकूल मौसम व प्राकृतिक आपदाओं के कारण से होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी।

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उन्होंने बताया कि प्रतिकूल मौसम कारक तथा प्राकृतिक आपदाओं जैसे ओलावृष्टि, तापमान, पाला, जल कारक (बाढ, बादल फटना, नहर/ड्रेन का टूटना, जलभराव), आंधी तूफान व आग जो फसल नुकसान का कारण बनते है, को योजना में शामिल किया जा रहा है। इस योजना के तहत 21 फसलें शामिल है। जैसे 14 सब्जियां (टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी, मटर, गाजर, भिण्डी, घीया, करेला, बैंगन, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, पतागोभी, मूली), 2 मसालें (हल्दी, लहसुन) और 5 फल(आम, किन्नू, बेर, अमरूद, लीची) शामिल है।

Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana

दलाल ने बताया कि यह योजना उन सभी किसानों के लिए वैकल्पिक तौर पर होगी जो मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत पंजीकृत होंगे। योजना के तहत आश्वस्त राशि (सम एश्योरड) सब्जियों व मसालों के लिए रूपये 30,000 रूपए प्रति एकड़ व फलों के लिए रूपये 40,000 रूपए प्रति एकड़ होगी तथा किसान का योगदान/हिस्सा आश्वस्त राशि का केवल 2.5 प्रतिशत होगा जोकि सब्जियों में राशि 750 रूपए व फलों में राशि 1000 रूपये प्रति एकड़ होगी।

Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana

कृषि मंत्री ने बताया कि मुआवजा को चार श्रेणी 25, 50, 75 व 100 में बांटा गया है। उन्होंने बताया कि 26 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान दलाल नुकसान की अवस्था में मुआवजा 50 प्रतिशत की दर से सब्जियो/मसालों के लिए 15,000 रूपये व फलों के लिए 20,000 रूपये, 51 प्रतिशत से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान की अवस्था में मुआवजा 75 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 22,500 रुपये व फलों के लिए 30,000 रूपये तथा 75 प्रतिशत से अधिक नुकसान की अवस्था में मुआवजा 100 प्रतिशत की दर से सब्जियों/मसालों के लिए 30,000 रूपये व फलों के लिए 40,000 रूपये दिया जाएगा।

Mukhyamantri Bagwani Bima Yojana

दलाल ने बताया किसरकार द्वारा योजना के लिए प्रारम्भिक पूंजी के रूप में राशि 10 करोड़ रूपये की व्यवस्था की जाएगी। मुआवजा राशि सर्वेक्षण पर आधारित होगी। योजना की निगरानी समीक्षा एवं विवादों का समाधान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत गठित राज्य स्तर व जिला स्तर की समितियों के माध्यम से किया जाएगा।
इस अवसर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा तथा बागवानी विभाग के महानिदेशक अर्जुन सैनी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

खरीददार को सावधान रहना चाहिए।

Defamation

समस्या-

संजय ने पाली, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मे रे पिताजी ने 1985 में पाली शहर में कृष्णा नगर कॉलोनी में एक कृषि भूमि का भूखण्ड 30 बाई 40 यानि 1200 वर्ग फुट का खरीदा। 2010 तक मैं और परिवार सदस्य उक्त भूखण्ड पर कभी कभार आते जाते रहते थे। जुलाई 2010 में उक्त भूखण्ड के क्षेत्र के पार्षद ने हमारे प्लाट पर अतिक्रमण करने का प्रयास किया हमे जानकारी मिलते ही मोके पर पहुंच कर इसका विरोध किया। तब पार्षद ने बताया की आपके प्लाट की रजिस्ट्री में खसरा न 376 है और में खसरे न 377 में निर्माण करवा रहा हु। राजस्व एजेंसी में मेरे पिताजी के खरीदशुदा भूखण्ड का खसरा 377 में होना पाया। मेरे पिताजी ने एक प्रोपर्टी दलाल से खरीदा था। वह प्रॉपर्टी दलाल हमारे भूखण्ड के विक्रय पत्र की रजिस्ट्री में उसकी गवाह है। उक्त भूखण्ड के बेचानकर्ताओ को हम नही जानते। हमने दलाल के खिलाफ धोखा धडी की शिकायत दर्ज़ करवाई। पुलिस ने धारा 420 और 120 बी में जाँच शुरू की तो दलाल हाईकोर्ट जोधपुर जाकर ऍफ़ आई आर को निरस्त करवा लाय और दलाल ने मेरे व मेरे पिताजी के विरुद्ध न्यायालय में 2 लाख का मानहानि का वाद करवा लिया। इस तरह हमारा प्लाट भी गया और न्यायालय के चक्कर काट रहे हैं। ऐसी स्थिति हमें क्या करना चाहिये?

समाधान

इ स में गफलत में रहने की गलती तो आप की ही है। एग्रीकल्चर लैंड के प्लाट्स में इस तरह की धोखाधड़ी होना आम बात हो गयी है। दलाल की भूमिका सिर्फ दो लोगों में सौदा कराने मात्र की होती है। यहाँ तक कि दलाली का कोई दस्तावेजी सबूत तक वे नहीं छोड़ते। यदि उस की गवाही रजिस्ट्री पर है तो वह तो केवल इस बात की है कि क्रेता ने विक्रेता को माल बेचा है और वह दलाल नुकसान इस बात को तस्दीक करता है। इस से उस का कोई अपराधिक दायित्व नहीं बनता है। रजिस्ट्री के आधार पर बेचानकर्ता का ही दोष है। वैसे भी कानून का सिद्धान्त है कि खरीददार को सावधान रहना चाहिए। यदि माल में कोई खोट निकलता है तो नुकसान उसी का होता है। भुगतना उसे ही होता है। न्यायालय न्याय प्राप्ति में आप की मदद तो करता है पर वह क्षतियों की पूर्ति पूरी तरह नहीं कर पाता। आप सावधान न रहे वर्ना यह हादसा न होता। प्लाट के नुकसान के बाद भी आप को चाहिए था कि मुकदमा केवल विक्रेता व उस के मुख्तार के विरुद्ध करना चाहिए था। इन के नाम दस्तावेजों में होते हैं। वैसी स्थिति में दलाल केवल गवाह की स्थिति में होता और हो सकता है आप का ही पक्ष लेता।

अ ब आप को चाहिए कि आप विक्रेता और उस के मुख्तार के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराएँ, पुलिस अब इस में हाथ न डालेगी। इस कारण आप को किसी मजबूत व सिद्ध वकील के माध्यम से न्यायालय में अपराधिक परिवाद प्रस्तुत करना चाहिए। इस के अतिरिक्त विक्रेता के विरुद्ध प्लाट की कीमत और इस सौदे से हुए नुकसान की वसूली का दीवानी वाद भी करना चाहिए। वह सब कैसे होंगे यह सब दस्तावेजों के अध्ययन से निर्धारित होगा।

मा नहानि का मुकदमा आप को ध्यान से लड़ना होगा। तब उस मुकदमे में आप के विरुद्ध कुछ नहीं हो सकेगा। आप के साथ धोखाधडी हुई है और आप ने एक रिपोर्ट पुलिस में कराई है वह मिथ्या नहीं है। यह पुलिस की ड्यूटी थी कि वह वास्तविक अपराधी को तलाश कर के उस के विरुद्ध कार्यवाही करती। और केवल प्रथम सूचना रिपोर्ट करने से कुछ नहीं होता है। इस मुकदमे से डरने की आवश्यकता नहीं है पर पैरवी अच्छे वकील से कराएंगे तो बच सकेंगे।

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