Bitcoin को करेंसी का दर्जा?

Bitcoin As a Legal Currency: इस देश ने Bitcoin को बनाया ऑफिशियल करेंसी
बता दें कि अगर अल सल्वाडोर का यह एक्सपेरिमेंट सफल रहा तो बाकी देश भी इसके नक्शे कदम पर चलकर बिटकॉइन को कानूनी वैध्यता दे सकते हैं. इस करेंसी को सरकार बूस्ट देगी.
By: एबीपी न्यूज, वेब डेस्क | Updated at : 07 Sep 2021 12:50 PM (IST)
Edited By: Meenakshi
El Salvador Declared Bitcoin As a Legal Currency: दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी में भारी दिलचस्पी देखी जा रही है. अब दुनिया में एक ऐसा भी देश है जिससे क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को अपने यहां कानूनी वैद्यता दे दी है. इस देश काने नाम है अल सल्वाडोर. बता दें कि अब तक किसी भी देश ने बिटकॉइन को वैद्य करेंसी का दर्जा नहीं दिया था. लेकिन, अब अल सल्वाडोर आधिकारिक Bitcoin को करेंसी का दर्जा? रूप से दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने बिटकॉइन को कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता दी है.
बता दें कि इस बात की जानकारी अल सल्वाडोर के राष्ट्रपति नयीब बुकेले ने ट्वीट करके दी है. उन्होंने कहा कि अभी देश ने 400 बिटकॉइन खरीदें है जिसकी मार्केट प्राइस 20 मिलियन डॉलर है.
बता दें कि अगर अल सल्वाडोर का यह एक्सपेरिमेंट सफल रहा तो बाकी देश भी इसके नक्शे कदम पर चलकर बिटकॉइन को कानूनी वैद्यता दे सकते हैं. इस करेंसी को सरकार बूस्ट देगी. पहली बार किसी भी नागरिक को 30 डॉलर करेंसी दी जाएंगी और इसकी जानकारी सल्वाडोर की नेशनल आईडी में रजिस्टर किया जाएगा. इसके साथ ही कानूनी मुद्रा Bitcoin को करेंसी का दर्जा? बन जाने के बाद इस पर कोई कैपिटल गेन्स टैक्स नहीं लगाया जाएगा. अब देश में डॉलर में किए जाने वाले पेमेंट अब बिटकॉइन में भी किए जा सकेंगे.
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कई एक्सपर्ट्स ने किया फैसले का स्वागत
कई एक्सपर्ट्स का यह मानना है कि बिटकॉइन को आधिकारिक करेंसी बनाने से इकोनॉमिक एजेंटों को बिटकॉइन में पेमेंट लेना शुरू कर देना चाहिए. इससे टेक्नोलॉजी को भी बढ़ावा मिलेगा. गौरतलब है कि दुनिया के बहुत से देशों में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज बहुत बढ़ा है. भारत में भी इसका क्रेज तेजी से बढ़ा है. देश में क्रिप्टोकरेंसी की पाबंदी के RBI के फैसले को देश की सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
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Published at : 07 Sep 2021 12:50 PM (IST) Tags: El Salvador Declared Bitcoin As a Legal Currency Bitcoin As a Legal Currency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: News in Hindi
Bitcoin को करेंसी का दर्जा?
क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन को कुछ देश वैधानिक दर्जा देने की सोचने लगे हैं सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को वैधानिक दर्जा दे दिया है। क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी दर्जा देने वाला अल सल्वोडोर दुनिया का पहला देश बन गया है। अब तक किसी देश ने इसे अपनी वैध करेंसी नहीं घोषित किया था। अल-सल्वाडोर अब आधिकारिक रूप से पहला देश बन गया है कि जहां बिटकॉइन को किसी भी सौदे के लिए कानूनी करेंसी के तौर पर मान्यता मिल गई है। अल-सल्वाडोर की संसद में बिटकॉइन को 62 की तुलना में 84 वोटों से मंजूरी दे दी गई। राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इस ऐलान के बाद बिटक्वाइन की कीमत 33,98 डॉलर से बढ़ कर 34,398 डॉलर Bitcoin को करेंसी का दर्जा? पर पहुंच गई।
अफ्रीका के इस देश ने Bitcoin को दी कानूनी मान्यता, अब Crypto में कर सकेंगे खरीदारी
पहले संदेह की नजरों से देखा जाने वाला बिटकॉइन (Bitcoin) अब दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) बनकर उभर रहा है। इसका ताजा उदहारण है कि अफ्रीका के देश सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (Central African Republic) ने Bitcoin को कानून तौर अपनाकर लीगल दर्जा दे दिया है। इससे पहले सेंट्रल अमेरिका का El Salvador देश Bitcoin को मंजूरी दे चुका है।
रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक की सरकार ने बुधवार को ही Bitcoin को ऑफिशियल करेंसी के तौर पर अपनाने को मंजूरी दे दी। भयानक गरीबी से जूझ रहे सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक में सोने और हीरे के भंडार भरे पड़े हैं। बावजूद इसके इस देश की गिनती दुनिया के सबसे गरीब देशों में ही होती है।
सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक के मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस एंड बजट और मिनिस्ट्री ऑफ डिजिटल इकोनॉमी, पोस्टल सर्विसेज एंड टेलीकम्युनिकेशंस ने मिलकर दस्तावेज जमा किया है, जो Bitcoin को लीगल दर्जा देता है। इसके अलावा डॉक्यूमेंट में क्रिप्टो का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए कानूनी ढांचे की जानकारी दी गई है।
नेशनल असेंबली ने कहा है कि नए Bitcoin कानून से सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक की इकोनॉमिक रिकवरी में मदद मिलेगी। सरकारी रेडियो ब्रॉडकास्टर RFI ने बताया है कि Bitcoin को कानूनी दर्जा देने का प्रपोजल नेशनल असेंबली ने पेश किया था जिसने सर्वसम्मति से बिल को पारित किया है। नए कानून से ट्रेडर्स को क्रिप्टो पेमेंट्स करने और ऑथराइज्ड एंटिटीज के जरिए क्रिप्टो में टैक्स पेमेंट्स करने की अनुमति होगी।
दुनिया के कुछ देशों में Bitcoin के उपयोग को वैधता मिली हुई है, लेकिन अपने अस्तित्व Bitcoin को करेंसी का दर्जा? के महज 12 सालों में किसी देश में वैध मुद्रा का दर्जा मिलना इसकी लोकप्रियता का एक और उदाहरण है। El Salvador ने पिछले साल Bitcoin को कानूनी दर्जा दिया था।
अमेरिकी सीनेट इससे उनके देश की इकोनॉमी को होने वाले रिस्क को समझना और उसे कम करना चाहती है। अमेरिका में "एकाउंटेबिलिटी फॉर क्रिप्टोकरेंसी इन अल साल्वाडोर (ACES) एक्ट" पास किया गया है। El Salvador अपनी करेंसी के तौर पर अमेरिकी डॉलर का इस्तेमाल करता है। El Salvador के Bitcoin को कानूनी दर्जा देने का अमेरिका की इकोनॉमी पर कुछ असर हो सकता है जिसे सीनेट समझने की कोशिश कर रही है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, Bitcoin को करेंसी का दर्जा? यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।
1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की घोषणा
सीतारमण ने वर्चुअल डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण के संबंध Bitcoin को करेंसी का दर्जा? में किए गए भुगतान पर 1 प्रतिशत टीडीएस लगाने की भी घोषणा की थी। इस कदम का उद्देश्य डिजिटल मुद्रा में लेनदेन के विवरण को कैप्चर करना है। विभिन्न बाजार विश्लेषकों ने डिजिटल परिसंपत्तियों पर कर लगाने को क्रिप्टोकरेंसी को वैधानिक दर्जा मिलने की प्रस्तावना के रूप में देखा। हालांकि, वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन से होने वाले लाभ पर कर लगाने का निर्णय लिया है, लेकिन इसके नियमन या वैधता पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
RBI की नज़र में यह आर्थिक स्थिरता के लिए खतरा
केंद्र सरकार भले ही इस करेंसी को लेकर अभी बंदिशें नहीं लगा रही हो लेकिन आरबीआई की नज़र में यह देश की माली हालत के लिए ठीक नहीं है। फरवरी माह में ही मौद्रिक नीति की घोषणाओं के बाद पत्रकारों से बात करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि "निजी क्रिप्टोकरेंसी भारत की वित्तीय और व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए एक बड़ा खतरा हैं, साथ ही आरबीआई की इससे निपटने की क्षमता भी है। निवेशकों को यह बताना मेरा कर्तव्य है कि वे क्रिप्टोकरेंसी में क्या निवेश कर रहे हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं। उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि इन क्रिप्टोकरेंसी में कोई संपत्ति नहीं है।
सरकार चाहती है सामूहिक प्रयास हों
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल दिसंबर में कहा था कि क्रिप्टोकरेंसी को विनियमित करने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है क्योंकि तकनीक लगातार विकसित और बदल रही है। बजट के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, सीतारमण ने कहा कि क्रिप्टो विनियमन Bitcoin को करेंसी का दर्जा? पर परामर्श चल रहा है और नियामक दस्तावेज को अंतिम रूप देने के बाद क्या कानूनी है, क्या स्पष्ट नहीं होगा।
बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी के लिए राह मुश्किल
दूसरी तरफ वित्त सचिव टीवी सोमनाथन का कहना था कि बिटकॉइन या एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी कभी भी कानूनी निविदा नहीं बनेगी। सोमनाथन ने कहा कि डिजिटल रुपया आरबीआई द्वारा समर्थित होगा जो कभी भी डिफॉल्ट नहीं होगा। पैसा आरबीआई का होगा लेकिन प्रकृति डिजिटल होगी। आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल रुपया कानूनी निविदा होगी। हम Bitcoin को करेंसी का दर्जा? डिजिटल रुपये के साथ गैर-डिजिटल संपत्ति खरीद सकते हैं जैसे हम अपने वॉलेट या यूपीआई प्लेटफॉर्म Bitcoin को करेंसी का दर्जा? के जरिए भुगतान करके आइसक्रीम या अन्य चीजें खरीदते हैं।
सरकार नहीं कर सकती मूल्य को अधिकृत
सोमनाथन के अनुसार क्रिप्टो संपत्ति ऐसी संपत्ति है जिसका मूल्य दो लोगों के बीच निर्धारित किया जाता है, आप सोना, हीरा और क्रिप्टो संपत्ति खरीद सकते हैं, लेकिन उस मूल्य को सरकार द्वारा अधिकृत नहीं किया जाएगा।निजी क्रिप्टो में निवेश करने वाले लोगों को यह समझना चाहिए कि इसके पास सरकार का प्राधिकरण नहीं है। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आपका निवेश सफल होगा या नहीं, किसी को पैसा गंवाना पड़ सकता है और इसके लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। हालांकि, वित्त सचिव ने स्पष्ट किया कि जो चीजें कानूनी नहीं हैं, उनका मतलब यह नहीं है कि वे अवैध हैं। अगर क्रिप्टोकुरेंसी के लिए विनियमन आता है तो यह कानूनी निविदा नहीं होगी।"