बाइनरी वैकल्पिक व्यापार की मूल बाते

विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम

विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम
ईरान के साथ शुरू किया था ऐसा सिस्‍टम
भारत ने इससे पहले ईरान के साथ व्‍यापार के लिए ऐसा ही सिस्‍टम विकसित किया था. तब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते डॉलर में कारोबार ठप हो गया था. ईरान से तेल खरीद का भुगतान भी रुपये में किया गया था. हालांकि, 2019 में ईरान से तेल का आयात बंद विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम होने के बाद यह खाता भी ठप हो गया.

विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रोबोट

एक विदेशी मुद्रा व्यापार रोबोट विदेशी मुद्रा व्यापार संकेतों के एक सेट पर आधारित एक कंप्यूटर प्रोग्राम है जो यह निर्धारित करने में मदद करता है कि किसी दिए गए बिंदु पर मुद्रा जोड़ी को खरीदना या बेचना है या नहीं । विदेशी मुद्रा रोबोट को ट्रेडिंग विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम के मनोवैज्ञानिक तत्व को हटाने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो हानिकारक हो सकता विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम है। जबकि ट्रेडिंग सिस्टम ऑनलाइन खरीदा जा सकता है, व्यापारियों को इस तरह से खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए।

चाबी छीन लेना

  • स्वचालित विदेशी मुद्रा व्यापार रोबोट स्वचालित सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हैं विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम जो ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
  • जबकि वे मुनाफे की संभावना का विज्ञापन करते हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि विदेशी मुद्रा व्यापार रोबोट अपनी क्षमताओं में सीमित हैं और मूर्ख नहीं हैं।

विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रोबोट को समझना

विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रोबोट स्वचालित सॉफ्टवेयर प्रोग्राम हैं जो ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करते हैं। इन रोबोटों में से अधिकांश मेटा ट्रेडर के साथ बनाए गए हैं, जो एमक्यूएल स्क्रिप्टिंग भाषा का उपयोग करते हैं, जो व्यापारियों को ट्रेडिंग सिग्नल उत्पन्न करने या ऑर्डर देने और ट्रेडों का प्रबंधन विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम करने देता है।

इंटरनेट पर खरीदारी के लिए स्वचालित विदेशी मुद्रा व्यापार रोबोट उपलब्ध हैं, लेकिन व्यापारियों को ऐसी किसी भी व्यापारिक प्रणाली को खरीदते समय सावधानी बरतनी चाहिए । कई बार, कंपनियां कुछ हफ्ते बाद गायब होने से पहले मनी-बैक गारंटी के साथ ट्रेडिंग सिस्टम बेचने के लिए रातोंरात वसंत कर देंगी।

जोखिम और अवसर के आकलन के लिए कंपनियां वैध प्रणाली नहीं हैं। वे एक ट्रेड के लिए सबसे संभावित परिणाम के रूप में सफल ट्रेडों को चुन सकते हैं या किसी सिस्टम को बैक करते समय शानदार परिणाम उत्पन्न करने के लिए वक्र-फिटिंग का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन जोखिम और अवसर का आकलन करने के लिए वैध सिस्टम नहीं हैं। विदेशी मुद्रा व्यापार रोबोटों के खिलाफ एक और आलोचना यह है कि वे अल्पावधि में मुनाफा कमाते हैं लेकिन दीर्घकालिक पर उनका प्रदर्शन मिश्रित होता है। यह मुख्य रूप से है क्योंकि वे एक निश्चित सीमा के भीतर स्थानांतरित करने और रुझानों का पालन करने के लिए स्वचालित हैं। नतीजतन, अचानक मूल्य आंदोलन अल्पावधि में किए गए मुनाफे को मिटा सकता है।

अपनी खुद की विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग रोबोट का विकास करना

विदेशी मुद्रा व्यापारी थर्ड-पार्टी फॉरेक्स ट्रेडिंग रोबोट पर जोखिम लेने के बजाय अपने स्वयं विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम के स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम को विकसित करने पर विचार कर सकते हैं।

आरंभ करने का सबसे अच्छा तरीका एक विदेशी मुद्रा व्यापार दलाल के साथ एक डेमो खाता खोलना है जो मेटा ट्रेडर का समर्थन करता है और फिर एमक्यूएल स्क्रिप्ट विकसित करने के साथ प्रयोग करना शुरू करता है। एक ऐसी प्रणाली विकसित करने के बाद, जो बैकटेक करते समय अच्छा प्रदर्शन करती है, व्यापारियों को लाइव वातावरण में सिस्टम की प्रभावशीलता का परीक्षण करने के लिए कार्यक्रम को पेपर ट्रेडिंग पर लागू करना चाहिए। असफल कार्यक्रमों को फिर से शुरू किया जा सकता है, जबकि सफल कार्यक्रमों को वास्तविक पूंजी की बड़ी मात्रा के साथ जोड़ा जा सकता है।

सामान्य तौर पर, कई व्यापारी अपने मौजूदा तकनीकी ट्रेडिंग नियमों के आधार पर स्वचालित ट्रेडिंग सिस्टम विकसित करने का प्रयास करते हैं। ऐसी कुछ प्रणालियाँ दूसरों की तुलना में अधिक सफल हैं। एक उदाहरण एक व्यापारी हो सकता है जो ब्रेकआउट्स के लिए देखता है और स्टॉप-लॉस और टेक-प्रॉफिट बिंदु निर्धारित करने के लिए एक विशिष्ट रणनीति है । इन नियमों को मैन्युअल रूप से निष्पादित किए जाने के बजाय एक स्वचालित फैशन में संचालित करने के लिए आसानी से संशोधित किया जा सकता है । व्यापारियों को इन प्रणालियों पर नज़र रखनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे अपेक्षित विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम रूप से काम कर रहे हैं और जब आवश्यक हो तो समायोजन करें।

काम की बात: लोगों को बरगला रहे अनधिकृत फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म, कमाई गंवा रहे निवेशक

रिजर्व बैंक ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाले निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अनधिकृत फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के प्रति चेताया है, जो हाल के महीनों में बड़े पैमाने पर उभरे हैं और लोगों से ऊंचे रिटर्न का वादा कर रहे हैं।

आरबीआई ने एक बयान जारी करके कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉम्स, सर्च इंजन्स, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और गेमिंग एप्स पर अनधिकृत ईटीपी के ढेर सारे भ्रामक विज्ञापन आ रहे हैं। अनधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स लोगों को निजी तौर पर संपर्क कर उन्हें फॉरेक्स में ट्रेड कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दे रहे हैं। इसमें फ्रॉड की शिकायतें आ रही हैं, और इनमें निवेश करने वाले अपनी गाढ़ी कमाई गंवा रहे हैं।

RBI News: अवैध प्लेटफार्मों पर विदेशी करेंसी में लेन-देन करने वाले हो जाएं सचेत, आरबीआई ने दी ये चेतावनी

आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाने लोगों को आगाह किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जनता को अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) पर विदेशी मुद्रा लेन-देन के मामले में बेहद सचेत रहने की जरूरत है। बैंक की ओर से कहा गया है कि इस तरह का लेन-देन करने वाले व्यक्ति विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम दंडात्मक कार्रवाई के पात्र होंगे।

ऊंचे रिटर्न का दिलाते हैं भरोसा
आरबीआई ने विदेशी करेंसी में निवेश करने या फिर लेन-देन करने वाले निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अवैध फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के प्रति चेताया है, जो हालिया दिनों में पैमाने पर उभरे हैं। ये प्लेटफॉर्म लोगों को ऊंचे रिटर्न का भरोसा देते हैं और अपने झांसे में फंसाते हैं। आरबीआई ने कहा है कि विदेशी मुद्रा अधिनियम (विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम फेमा) के तहत निर्धारित उद्देश्यों से अलग अन्य जरूरतों के लिए अवैध ईटीपी के जरिए विदेशी करेंसी में लेन-देन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। आपको विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम बता दें कि ईटीपी स्टॉक एक्सचेंजों से अलग ऐसे इलेक्ट्रॉनिक् सिस्टम हैं, जहां शेयर या विदेशी करेंसी की ट्रेडिंग की जा सकती है। हालांकि, इन प्लेटफॉर्म को आरबीआई से अनुमति लेना जरूरी है।

विस्तार

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विदेशी करेंसी में पैसा लगाने वाने लोगों को आगाह किया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि जनता को अवैध इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (ईटीपी) पर विदेशी मुद्रा लेन-देन के मामले में बेहद सचेत रहने की जरूरत है। बैंक की ओर से कहा गया है कि इस तरह का लेन-देन करने वाले व्यक्ति विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई के पात्र होंगे।

ऊंचे रिटर्न का दिलाते हैं भरोसा
आरबीआई ने विदेशी करेंसी में निवेश करने या फिर लेन-देन करने वाले निवेशकों को सतर्कता बरतने की सलाह दी है। खास तौर पर ऐसे अवैध फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के प्रति चेताया है, जो हालिया दिनों में पैमाने पर उभरे हैं। ये प्लेटफॉर्म लोगों को ऊंचे विदेशी मुद्रा के लिए ट्रेडिंग सिस्टम रिटर्न का भरोसा देते हैं और अपने झांसे में फंसाते हैं। आरबीआई ने कहा है कि विदेशी मुद्रा अधिनियम (फेमा) के तहत निर्धारित उद्देश्यों से अलग अन्य जरूरतों के लिए अवैध ईटीपी के जरिए विदेशी करेंसी में लेन-देन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई भी की जा सकती है। आपको बता दें कि ईटीपी स्टॉक एक्सचेंजों से अलग ऐसे इलेक्ट्रॉनिक् सिस्टम हैं, जहां शेयर या विदेशी करेंसी की ट्रेडिंग की जा सकती है। हालांकि, इन प्लेटफॉर्म को आरबीआई से अनुमति लेना जरूरी है।

रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्‍लोबल ट्रे‍ड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्‍टम और कितना होगा फायदा?

डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्‍तर पर चला गया है.

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  • News18Hindi
  • Last Updated : July 14, 2022, 13:17 IST
दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्‍लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्‍य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्‍त है.

नई दिल्‍ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्‍लोबल मार्केट में भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कराने की बात कही है. यह सिस्‍टम किस तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्‍या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्‍सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग के लिए नकली सर्वर बनाया. इस तरह कर दी करोड़ों की ठगी

अंतरराष्ट्रीय व्यापार का नकली सर्वर बनाया..इस तरह कंपनी ने कर दी करोड़ों की ठगी

Indore. अंतरराष्ट्रीय ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर फर्जी सर्वर बनाकर लोगों को करोड़ों की चपत लगाने वाली कंपनी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया। पीडि़त की शिकायत पर पुलिस ने दुबई में बैठे सरगना की इंदौर स्थित फर्म पर छापामार कार्रवाई की। यहां से दो आरोपी पकड़ाए। दोनों ने बताया कि वे लोगों को आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर विज्ञापन देते थे। लोग उनके संपर्क में आते तो वे फॉरेक्स फॉरेन ट्रेडिंग में निवेश कराने और विदेशी मुद्रा में भारी लाभ दिलाने का झांसा देते थे। शुरुआती जांच में फर्म के खाते में पुलिस को 20 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन मिला है।

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