बाइनरी वैकल्पिक व्यापार की मूल बाते

पोजिशन जीरो

पोजिशन जीरो

SL स्लीपर क्लास नॉन एसी

स्लीपर क्लास भारतीय रेलवे का सबसे आम कोच है, आमतौर पर इस तरह के दस या अधिक कोच एक ट्रेन में जोड़े जाते हैं। इस कोच में चौड़ाई में तीन बर्थ होती हैं और दो लम्बाई में होती हैं, इसमें यात्रियों के लिए 72 सीटें होती हैं।

इंदौरियंस को पसंद आ रहा 'ऑडी मैजिक'

इंदौर। तेज रफ्तार के साथ सड़कों पर फर्राटा भरती लग्जरी कारें यूथ में पॉपुलर हो रही हैं। लग्जरी कारों के प्रति दीवानगी में इंदौरियंस भी किसी से पीछे नहीं है। यही कारण है कि ऑडी इंदौर ने महज 3 साल में 500 लग्जरी कारें सेल कर दी हैं। देश के किसी भी टियर 2 सिटीज में लग्जरी कारों में इंदौर फर्स्ट पोजिशन पर है।

ऑडी इंदौर के एमडी गौरव आनंद बताते हैं कि ऑडी के कस्टमर्स में सबसे बड़ा गु्रप 18 से 35 साल के युवाओं का है। इसमें यंग एंटरप्रेन्योर्स, कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स, सीए, डॉक्टर्स शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इंदौर के लोग बहुत शौकीन हैं और उनकी परचेसिंग कैपेसिटी भी बहुत अच्छी है। यदि उन्हें सही कीमत में बेहतर प्रोडक्ट और सर्विस दी पोजिशन जीरो जाए तो पीछे नहीं हटते। शोरूम की शुरुआत करते समय कंपनी ने हमें पहले वर्ष में 77 और तीन सालों में करीब 300 गाड़ियां बेचने का एग्रेसिव टारगेट दिया था, हालांकि हम इससे कहीं अधिक बेचने में सफल हो सके। इसका कारण ऑफ्टर सेल्स सर्विस, फ्रेंडली पॉलिसीज और लोगों द्वारा दिया गया रिकमेंडेशन है।

हर तरह से हो रहे कनेक्ट

यहां का बुटिक कलेक्शन भी लोगों को काफी पसंद आ रहा है। खास मौकों पर गिफ्ट करना हो या फिर अपनी पसंदीदा कार को शोकेस में सजाना हो या बात ब्रांड से कनेक्ट होने की हो। लोग हर तरह से इससे जुड़ रहे हैं। लग्जरी कार ब्रांड की वॉचेस, कॉफी मग, टी-शर्ट्स, पेन, की-चेन, कार मॉडल्स के मिनीएचरर्स लोगों को पसंद आ रहे हैं। ये प्रोडक्ट कंपनी ही तैयार करती है और समय-समय पर इनका लिमिटेड एडिशन भी पोजिशन जीरो आता है।

ये हैं सक्सेस के फॉर व्हील्स

स्पीड- युवाओं में सबसे ज्यादा क्रेज कारों की स्पीड को लेकर है। इंदौर में आर 8 और ए 8 के मॉडल्स भी पसंद किए जा रहे हैं। आर 8 चार सेकंड से भी कम समय में सिर्फ 3.4 सेकंड मे जीरो से 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। वहीं सेडान कार ए 8 60 टीडीआई डीजल 4.6 सेकंड में जीरो से 100 की रफ्तार पकड़ सकती है।

ट्रांसमशिन- ऑडी की कारों में 7 ट्रांसमिशन तक उपलब्ध होता है। ऑटोमोड में भी स्पोर्ट या डायनामिक का ऑप्शन स्पीड लवर्स के लिए उपलब्ध रहता है।

क्वात्रो- ऑडी की कारों में क्वात्रो तकनीक का उपयोग किया जाता है। इसके जरिए एडवेंचरस ड्राइविंग भी सेफ होती है।

लग्जरी- जर्मन ब्रांड ऑडी को स्टेटस के लिए पहचाना जाता है। यूथ और एलीट क्लास लोगों में ऑडी ऑनर होना प्रेस्टीजियस माना जाता है। यह भी एक कारण है कि ऑडी को इंदौर में इतनी सक्सेस मिली।

कॉम्पेक्ट एसयूवी फर्स्ट चॉइस

यूथ में सबसे ज्यादा पॉपुलर स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल हैं। ऑडी ने भी इंदौर में सबसे ज्यादा अपनी कॉम्पैक्ट एसयूवी कार क्यू सीरीज की कारें सेल आउट की हैं। ऑडी की 500 कारों में से 300 कारें क्यू सीरीज की हैं, जिसमें 175 यूनिट के साथ क्यू 3 टॉप पर है। बिजनेस क्लास के बीच सेडान कार अधिक पॉपुलर है, लेकिन यंग एंटरप्रेन्योर्स की बात करें तो उनकी फर्स्ट चॉइस एसयूवी ही है। ऑडी की सबसे सस्ती प्रीमियम सेडान कार ए 3 लांच पोजिशन जीरो होने के एक माह के अंदर ही 20 से अधिक बुकिंग्स मिली थीं।

*इसके साथ ही ऑडी ने ए 6, ए 7, ए 8 आर-8, टीटी, की बिक्री भी इंदौर में की है।

LSG टीम के 11 करोड़ पर फिरा पानी, टीम के प्रदर्शन पर हुआ बुरा असर, यहां समझिए पूरा गणित

IPL 2022

लखनऊ सुपर जायंट्स के ऑलराउंडर के मार्कस स्‍टोइनिस (Marcus Stoinis) को विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाना जाता है. लेकिन, वह इस सीजन पूरी तरह फ्लॉप साबित हुए है. लखनऊ की टीम को प्लेऑफ में पहुंने के लिए अभी तोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि, आईपीएल के 63वें मुकाबले में राजस्थान ने लखनऊ को 24 रनों से हराकर अंक तालिका बड़ा उलट फेर कर दिया है. इस हार के बाद अंक तालिका में लखनऊ को एक पायदान का नुकसान हुआ है.

Marcus Stoinis ने बढ़ाई लखनई की टेंशन

marcus stoinis

मार्कस स्‍टोइनिस (Marcus Stoinis) लखनऊ सुपर जायंट्स के वो खिलाड़ी जिन्हें खरीदा नहीं, बल्कि रिटेन किया गया था. उन पर फ्रेंचाइजी ने भरोसा दिखाते हुए 11 करोड़ की मोटी रकम लुटाई. पर, उन्होंने अपने प्रदर्शन से टीम की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. वह इस सजीन में रन बनाने के लिए संघर्ष करते हुए नजर आ रहे है.

वहीं उनके इस साल के प्रदर्शन पर नजर डाले तो, उन्होंने अभी तक 9 मुकाबले खेले है, जिसमें उनके बल्ले से 21 की खराब औसत से रन बनाए है. ऐसे में लखनऊ का काम खराब तो होना ही थी. वह राजस्थान के खिलाफ 27 रन बनाकर टीम को हार की दहलीज पर छोड़कर चले गए. और गुजरात ने इस मुकाबले को 24 रनों पोजिशन जीरो से जीत लिया.

अहम मैचों में नहीं चल रहा केएल राहुल का बल्ला!

KL Rahul

लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान केएल राहुल (KL Rahul) इस सीजन में टॉप स्कोरर के मामले में दूसरे स्थान पर है. वह 469 रनों के साथ दूसरे स्थान पर है. जबकि जोस बटलर 627 रनों के साथ नंबर-1 की पोजिशन पर है. केएल राहुल को कई मौको पोजिशन जीरो पर देखा गया है कि जब टीम को उनके रनों की अधिक जरूर होती है. तो वह अपना विकेट गंवा देते है. ऐसा ही आईपीएल के 63वें मुकाबले में राजस्थान के खिलाफ देखने को मिला.

यह मुकाबला लखनऊ सुपर जायंट्स की टीम को प्लेऑफ में प्रवेश करा सकता था. लेकिन, राजस्थान ने इस मुकाबले को जीतकर केएल राहुल की उम्मीदों पर पानी फेर दिया. केएल राहुल राजस्थान के खिलाफ 19 गेंदो में 10 रन बना कर आउट हो गए. जिसकी वजह से लखनऊ सारा बना बनाया खेल बिगड़ गया. सच बात तो यह कि वह 1-2 मैचों से रन नहीं बना पा रहे. जिसके चलते उनकी टीम की गाड़ी प्लेऑफ तक नहीं पहुंच पा रही.

खराब पोश्चर में बैठने से हो सकती है हिप पेन की समस्या, बिल्कुल न करें ये गलतियां

कई बार यह परेशानी गंभीर हो जाती है. (Image Canva)

कई बार ये दर्द दोनों हिप्‍स के बजाय एक हिप में होता है. उम्र के साथ हिप्‍स के दर्द में इजाफा होना स्‍वाभाविक है. कई बार . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : August 15, 2022, 22:30 IST

हाइलाइट्स

किसी भी उम्र में हो हिप्स पेन की समस्या हो सकती है.
खराब पोश्‍चर और देर तक बैठे रहने से यह दिक्कत होती है.

Cause Of Hip Pain: देर तक बैठे र‍हने या खड़े होने पर हिप्‍स में दर्द होना सामान्‍य नहीं है. ये किसी गंभीर समस्‍या का संकेत हो सकता है. लगातार एक ही जगह बैठकर काम करना या खराब पोश्‍चर हिप्‍स के दर्द को और अधिक बढ़ा देता है. कई बार ये दर्द दोनों हिप्‍स के बजाय एक हिप्‍स में होता है. उम्र के साथ हिप्‍स के दर्द में इजाफा होना स्‍वाभाविक है. कई बार ये दर्द इतना बढ़ जाता है कि सर्जरी तक करानी पड़ सकती है. किसी प्रकार की चोट या खिंचाव भी हिप के दर्द का कारण बन जाती है. ऑर्थराइटिस की वजह से जॉइंट्स का कार्टिलेज खराब हो जाता है जिस वज‍ह से भी हिप पेन हो सकता है. हिप पेन के कारण जान लेते हैं.

खराब पोश्‍चर
हेल्‍थलाइन के अनुसार
हिप में दर्द के कई कारण हो सकते हैं. जिसमें सबसे बड़ी वजह खराब पोश्‍चर है. ऑफिस का काम हो या लॉन्‍ग ड्राइव, बैठने की पोजिशन यदि खराब है तो कई समस्‍याओं का सामना करना पड़ सकता है. हिप्‍स और पीठ को बिना सपोर्ट के बैठने से हिप्‍स पर अधिक दबाव पड़ सकता है जिस वजह से हिप्‍स में पेन की समस्‍या हो सकती है.



पैर को क्रॉस करके बैठना
कई लोगों को पैर क्रॉस करके बैठने की आदत होती है. पैर को क्रॉस करके बैठने से एक हिप पर अधिक प्रेशर पड़ता है. इससे बॉडी का पोश्‍चर भी एक ओर झुका हुआ रहता है. इस पोजिशन पर अधिक देर बैठने से हिप्‍स में दर्द बढ़ सकता है. इसके अलावा सोने की खराब पोजिशन भी हिप पोजिशन जीरो पेन को बढ़ा सकती है. जो लोग एक ही पोजिशन में सोते हैं उनके कमर और हिप में भी दर्द हो सकता है.

डैमेज हिप जॉइंट्स
ये समस्‍या तब आती है जब पैर की बड़ी हड्डी हिप जॉइंट्स से सही ढंग से जुड़ी न हो. जब हड्डियों के बीच का कार्टिलेज खराब हो जाता है या डैमेज हो जाता है तो हिप पेन की समस्‍या शुरू हो जाती है. ऐसा होने पर कई बार पैरों में तेज दर्द हो सकता है. कई बार बैठने और उठने में हिप्‍स की हड्डी ऊपर की ओर उठकर सख्‍त हो जाती है जिससे हिप मूवमेंट में परेशानी आ सकती है.

चलने, खड़े होने और बैठने पर हिप्‍स में दर्द होना ऑर्थराइटिस की ओर भी इशारा करता है. ऑर्थराइटिस की वजह से जॉइंट्स का कार्टिलेज खराब हो जाता है जो हिप्‍स में पेन का कारण बन जाता है. ऑर्थराइटिस से कई बार जॉइंट्स में तेज दर्द और सूजन की समस्‍या भी हो जाती है.

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