विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023

भारत की आर्थिक समीक्षा 2021-22 के मुख्य बिंदु - Economic survey 2022
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 31 जनवरी, 2022 को संसद में आर्थिक समीक्षा 2021-22 पेश की। जिसके मुख्य बिंदु निम्न है:
- 2020-21 में 7.3 प्रतिशत की गिरावट के बाद 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 9.3 प्रतिशत (पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार) बढ़ने का अनुमान है।
- 2022-23 में जीडीपी की विकास दर 8 - 8.5 प्रतिशत रह सकती है। यह अनुमान विश्व बैंक और एशियाई विकास बैंक की क्रमश: 8.7 और 7.5 प्रतिशत रियल टर्म जीडीपी विकास की संभावना के अनुरूप है।
- आईएमएफ के ताजा विश्व आर्थिक परिदृश्य अनुमान के तहत, 2021-22 और 2022-23 में भारत की रियल जीडीपी विकास दर 9 प्रतिशत और 2023-24 में 7.1 प्रतिशत रहने की संभावना है।
- 2021-22 में कृषि और संबंधित क्षेत्रों के 3.9 प्रतिशत, उद्योग के 11.8 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र के 8.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
- अप्रैल-नवम्बर 2021 के दौरान पूंजी व्यय में सालाना आधार पर 13.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।
- 31 दिसम्बर, 2021 तक विदेशी मुद्रा भंडार 633.6 बिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंचा
भारत, विश्व में दसवां सबसे बड़ा वन क्षेत्र वाला देश है।
2010 से 2020 के दौरान वन क्षेत्र वृद्धि के मामले में 2020 में भारत का विश्व में तीसरा स्थान रहा।
2020 में भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र में कवर किए गए वन 24 प्रतिशत रहे यानी विश्व के कुल वन क्षेत्र का 2 प्रतिशत।
मोदी सरकार ने स्पेशियलिटी स्टील सेक्टर में प्रोत्साहन योजना को दी मंजूरी, विदेशी मुद्रा की प्राप्ति के साथ 5.25 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में मोदी सरकार ने 22 जुलाई, 2021 को देश में विशेष इस्पात के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 6,322 करोड़ रुपये की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआइ) योजना को मंजूरी दी। इस योजना की अवधि 5 वर्ष है, जो वर्ष 2023-24 से वर्ष 2027-28 तक मान्य होगी। इससे देश में स्पेशलाइज्ड स्टील के उत्पादन की क्षमता में 2.5 करोड़ टन का इजाफा होने की उम्मीद है। इस योजना के तहत लगभग 40,000 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है जिससे लगभग 5.25 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इनमें से 68,000 प्रत्यक्ष रोजगार होंगे।
स्पेशलाइज्ड स्टील का उत्पादन बढ़ाने और आयात कम करने पर जोर
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत क्रूड स्टील के उत्पादन के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है। लेकिन, स्पेशियलिटी स्टील के उत्पादन में काफी पीछे है। इसके चलते हर साल बड़ी मात्रा में स्पेशियलिटी स्टील का आयात करना पड़ता है। वित्त वर्ष 2020-21 में विभिन्न प्रकार के 67 लाख टन स्टील का आयात किया गया। इनमें से लगभग 40 लाख टन आयात विशेष इस्पात का था। इस आयात में लगभग 30,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा का व्यय हुआ। वर्ष 2026-27 के अंत तक विशेष इस्पात का उत्पादन 4.2 करोड़ टन होने का अनुमान है। इनमें से 2.5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के विशेष इस्पात की खपत घरेलू बाजार में होगी।
33 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की आय का अनुमान
मंत्रालय के मुताबिक योजना के तहत विशेष स्टील का चुनाव इस लिए किया गया है कि कुल इस्पात उत्पादन में इसका हिस्सा काफी कम है। साथ ही निर्यात भी कम है। सरकार का मानना है कि स्टील सेक्टर की पीएलआई स्कीम से देश में स्पेशलाइज्ड स्टील का उत्पादन बढ़ने से निर्यात भी बढ़ेगा। अभी ये 17 लाख टन सलाना है, जिसे बढ़कर 55 लाख टन होने का अनुमान है और इससे 33 हजार करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की आय भी होगी।
कोरिया और जापान की बराबरी करेगा भारत
सरकार की इस प्रोत्साहन योजना का फायदा बड़े मैन्युफैक्चर्स के साथ-साथ छोटे मैन्युफैक्चर्स को भी मिलेगा। यह योजना कोटेड/प्लेटेड स्टील, एलॉय स्टील सामान, स्टील वायर और इलेक्ट्रिकल स्टील आदि पर लागू होगी। इससे भारत को स्टील सप्लाई चेन में कोरिया और जापान की बराबरी करने की उम्मीद है। इतना ही नहीं इन कटैगरी के स्टील से भारत में एपीआई ग्रेड पाइप, हेड हार्डेंड रेल, इलैक्ट्रिकल स्टील (ट्रांसफार्मर और विद्युत उपकरणों में आवश्यक) जैसे प्रोडक्ट्स का बनना शुरू हो सकता है। अभी देश में इनका फिलहाल बहुत ही सीमित मात्रा में या बिल्कुल भी विनिर्माण नहीं होता है।
1 डॉलर में कितने रूपये होते है 2023 में | $1 Dollar To INR
नमस्कार दोस्तों आज हम लोग बात करने वाले हैं डॉलर के बारे में आप लोगों ने कभी ना कभी न्यूज़ पर या फिर इंटरनेट पर डॉलर मुद्रा के बारे में जरूर सुना होगा तो आप लोग के अंदर भी यह जानने की इच्छा जरूर उठी होगी कि डॉलर किस देश की करेंसी है या फिर $1 में कितने रुपए होते हैं तो अगर आप भी यह सब जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो हमारे साथ बने रहिए
आज पूरी दुनिया पैसे के पीछे भाग रही है और उसी पूरी दुनिया के साथ रहने वाले लोग विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023 भी पैसे के साथ भाग रहे हैं अगर आपको कुछ भी काम कराना है तो उसमें पैसे जरूर लग रहे हैं यानी कि पैसे के बिना आप इस पृथ्वी पर एक दिन भी जिंदा नहीं रह सकते पैसा हमारे लिए बहुत जरूरी हो चुका है और उसी पैसे में एक पैसे का नाम सबसे ऊपर आता है जिसे हम लोग डॉलर के नाम से जानते हैं
वैसे तो डॉलर बहुत सारे देशों में चलता है और उस देश की करेंसी है लेकिन डॉलर मुद्रा के बारे में जो सबसे ज्यादा सुर्खियों में बना रहता है उस देश का नाम अमेरिका है आप लोगों ने यह तो सुना होगा कि अमेरिका बहुत ही ताकतवर देश है और मुद्रा के मामले में भी वह अव्वल नंबर पर आता है
Table of Contents
एक डॉलर में कितने रूपये होते है – 1 Dollar me Kitne Rupye hote hai 2022
आप लोग यह तो जानते होंगे कि हर एक देश की मुद्रा का उसका एक अलग पहचान रहता है जिस तरह भारत की मुद्रा का पहचान ₹ है ठीक उसी प्रकार अमेरिका की मुद्रा डॉलर की पहचान $ है और ऐसे ना जाने कितने हैं देश है जिनकी अलग-अलग पैसे की पहचान है अमेरिका में लोग डॉलर का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं अगर वही डालर हमारे इंडिया में आ जाए तो उसकी कीमत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है
यानी की 1 अमेरिकी डॉलर की कीमत हमारे इंडिया में 75 रुपया है और यह कोई ठीक नहीं है डॉलर की कीमत इंडिया में बढ़ती घटती रहती है यह कभी निश्चित नहीं रहता है कि इंडिया में डॉलर की कीमत कितनी होगी कभी ऊपर तो कभी नीचे होता रहता है
डॉलर का इतिहास क्या है | Dollar currency History in Hindi
अब चलिए मैं आप लोगों को डॉलर का इतिहास बताता हूं जैसा कि आप जानते हैं आज के समय यानी कि 2022 में $1 की संख्या 75.60 रुपए है मतलब आप अगर $1 अमेरिका से लेकर इंडिया में आएंगे तो उसकी कीमत बढ़ जाएगी जो कि हमारी करेंसी से बहुत ज्यादा कीमती है
लेकिन शायद आप लोग यह भी जानते हैं कि हमारे देश की करेंसी मुद्रा का इतिहास कितना पुराना है जब विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023 हमारे देश में अंग्रेजों का शासन चलता था उस समय $1 एक रुपए के बराबर था यानी कि अगर आप लोग अमेरिका से $1 लेकर आएंगे तो इंडिया में ₹1 होता था और ऐसा बहुत सालों तक चला जब देश आजाद हुआ तब वह बहुत आर्थिक तंगी से गुजरने लगा उस समय अंग्रेज भारत छोड़कर भाग चुके थे
1 डॉलर में कितने रूपये होते है 2023 में | $1 Dollar To INR
आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए भारत की सरकार ने विदेशी सरकार से पैसे लोन लेंगे और उसके बाद हमारे देश की मुद्रा धीरे-धीरे नीचे गिरने लगी और एक समय ऐसा आया जब मुद्रा उतना ही रह गया और डॉलर की कीमत आसमान छू गई चलिए मैं आप लोगों को यह बताता हूं कि भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर अब तक के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के समय तक डॉलर कितने घटा और बढ़ा पूरी जानकारी
भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री का नाम जवाहरलाल नेहरू था और उन्होंने 1947 से लेकर 1964 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहें और उस समय $1 की कीमत इंडिया में ₹1 से 4.76 रुपया तक पहुंच गया था
भारत के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री 2 साल भारत के प्रधानमंत्री बने रहे और उस समय एक डॉलर की कीमत 4.76 की कीमत से बढ़ कर 6.36 हो गया था
भारत के तीसरे प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी 1967 से 1976 तक भारत की प्रधानमंत्री बनी रहे और उस समय एक डॉलर की कीमत इंडिया में 8.96 रुपए हो गई थी
और उसके बाद 1977 से 1979 तक भारत के प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई बने रहे और इन के समय में $1 की कीमत इंडिया में 8.13 रुपये पहुंच गई थी
और इसके बाद फिर इंदिरा गांधी की सरकार आई तब 1980 से 1984 तक इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बनी रहे और उस समय एक अमेरिकी डॉलर की कीमत भारत में 11.36 रुपया हो गया था
इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी की सरकार आई और उस समय 1985 से 1989 तक राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री बने रहे और उस समय डॉलर की कीमत इंडिया में 16.23 रुपए पहुंच गया था
और उसके बाद श्री वी पी सिंह और पीवी नरसिम्हा राव और उसके बाद श्री एचडी देवे गौड़ा और श्री आई जे गुजराल विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023 इन सब लोगों की सरकार में 1 डॉलर की कीमत इंडिया में 41.06 रुपया पहुंचा गया था
डॉलर की सबसे ज्यादा कीमत अटल बिहारी वाजपेई जी की ए समय में बड़ा अटल बिहारी बाजपेई 1999 से 2003 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहे और 2003 तक एक अमेरिकी डॉलर की कीमत भारत में 46.58 रूपया हो गया था
और उसके बाद 2004 से 2013 तक श्री मनमोहन सिंह जी की सरकार रहे और उनके समय में एक अमेरिकी डॉलर की कीमत भारत में 57 रुपया तक पहुंच गया था
और उसके बाद सरकार आई नरेंद्र मोदी जी की नरेंद्र मोदी जी 2014 से 2020 तक भारत के प्रधानमंत्री बने रहे और अभी भी है और 2020 तक एक अमेरिकी डॉलर की कीमत भारत में ₹70 हो गया था और आज के समय में यानी कि 2022 में यह ₹75 से भी ऊपर है
अमेरिका का $1 इंडिया में कितना होगा ?
74.63 रुपया और यह घटता और बढ़ता रहता है
अमेरिका की करेंसी क्या है ?
अमेरिका की करेंसी डॉलर है
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी कौन सी है ?
दुनिया की सबसे महंगी करेंसी कुवैत दिनार है
सबसे बड़ा नोट कौन से देश का है ?
इस समय दुनिया का सबसे बड़ा नोट दक्षिण कोरिया में चल रहा है 50,000 का एक नोट
और भी पढ़ें
इस लेख का निष्कर्ष
आज के इस पोस्ट में मैंने आप लोगों को बताया है कि $1 में कितना भारतीय रुपया होता है और डॉलर का इतिहास अगर आपको जानकारी पसंद आया होगा तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करिएगा धन्यवाद
पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय एमबीए प्रोग्राम
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय, या यूपीएन, फिलाडेल्फिया, पेनसिल्वेनिया में स्थित एक निजी आइवी लीग अनुसंधान विश्वविद्यालय है। 1740 में स्थापित, यह दुनिया के सर्वोच्च रैंक वाले विश्वविद्यालयों में से एक है।
पेन में चार स्नातक स्कूल के साथ-साथ बारह स्नातक और पेशेवर स्कूल हैं। स्कूलों में से एक व्हार्टन स्कूल है, जिसे व्हार्टन बिजनेस स्कूल, व्हार्टन स्कूल के नाम से भी जाना जाता है। यह 1881 में जोसेफ व्हार्टन के दान के माध्यम से स्थापित किया गया था।
पेन्सिलवेनिया विश्वविद्यालय के एमबीए को दो मुख्य तरीकों से पेश किया जाता है - पूर्णकालिक एमबीए और कार्यकारी एमबीए।
*सहायता चाहिए यूएसए में अध्ययन? Y-Axis आपकी हर तरह से सहायता करने के लिए यहां मौजूद है।
पेन का एमबीए प्रोग्राम
यह एमबीए पाठ्यक्रम प्रदान करता है:
- स्वास्थ्य देखभाल प्रबंधन में एमबीए
- एमबीए / जेडी डिग्री
- अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में एमबीए/एमए लॉडर संयुक्त डिग्री
- इंजीनियरिंग के लिए व्हार्टन एमबीए
- एमबीए / एमएसडब्ल्यू
*कौन सा कोर्स करने के लिए चुनने के लिए उलझन में है? वाई-एक्सिस का लाभ उठाएं पाठ्यक्रम सिफारिश सेवाएं सर्वश्रेष्ठ चुनने के लिए।
यह दोहरे एमबीए प्रोग्राम भी प्रदान करता है जो हार्वर्ड केनेडी स्कूल और जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय जैसे विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी करता है।
- आवेदन समय - सीमा: पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय 2022-23 के लिए एमबीए के लिए आवेदन स्वीकार कर रहा है। राउंड 2 आवेदन की अंतिम तिथि 4 जनवरी, 2023 है। 29 मार्च, 2023, व्हार्टन स्कूल में एमबीए के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि है।
- कक्षा प्रोफ़ाइल: 900 के व्हार्टन स्कूल की एमबीए कक्षा के लिए 2023 के करीब छात्रों ने दाखिला लिया। स्कूल की स्वीकृति दर 12% है। इस साल की कक्षा में विदेशी छात्रों की संख्या 36 प्रतिशत है। 2023 एमबीए के छात्रों के पास औसत पूर्णकालिक पांच साल का कार्य अनुभव है।
- प्रवेश के आँकड़े: 2023 की कक्षा का प्रवेश प्रोफ़ाइल 3.6 / 4.0 के औसत स्नातक GPA को दर्शाता है। औसत GMAT स्कोर 733 था।
- ट्यूशन लागत और छात्रवृत्ति: व्हार्टन स्कूल में दाखिला लेने वाले छात्रों को $ 82,874 का शिक्षण शुल्क देना होगा। जोसेफ व्हार्टन फेलोशिप, फोर्ट फेलोशिप और इमर्जिंग इकोनॉमी फेलोशिप सहित अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए कई प्रकार की छात्रवृत्ति उपलब्ध है।
कोर्स का विवरण
- व्हार्टन में पूर्णकालिक एमबीए प्रोग्राम 20 महीने के लिए पेश किया जाता है, जिसमें 3- 1/2 महीने के लिए ग्रीष्मकालीन इंटर्नशिप भी शामिल है।
- छात्रों को स्नातक होने के लिए कम विदेशी मुद्रा ब्लॉग 2023 से कम 19 क्रेडिट इकाइयों को पूरा करना होगा। कोर कोर्स में 9.5 क्रेडिट यूनिट शामिल हैं, जबकि ऐच्छिक और प्रमुख आवश्यकताओं में क्रमशः 4.5 और 5.0 क्रेडिट यूनिट शामिल हैं।
- व्हार्टन एमबीए के मुख्य पाठ्यक्रम में फ्लेक्सिबल कोर में विकल्पों के साथ छह अनिवार्य कोर पाठ्यक्रम शामिल हैं।
- ऐच्छिक के लिए छात्र 200 शैक्षणिक विभागों में 10 से अधिक पाठ्यक्रमों का विकल्प चुन सकते हैं। इसके अलावा, व्हार्टन 18 एमबीए सांद्रता भी प्रदान करता है।
शिक्षाविदों के अलावा, व्हार्टन स्कूल वैश्विक कैरियर यात्रा, एक वैश्विक विसर्जन कार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय मेले, विदेशों में अंतरराष्ट्रीय अध्ययन के लिए विनिमय कार्यक्रम और विकासशील देशों में परामर्श परियोजनाएं भी प्रदान करता है।
व्हार्टन स्कूल द्वारा प्रदान किया गया नेतृत्व पाठ्यक्रम, अनुभवात्मक शिक्षण, कोचिंग और छात्रों द्वारा संचालित गतिविधियों की एक श्रृंखला है, जो छात्रों को उनकी नेतृत्व शैली में सुधार करने में सक्षम बनाती है।