बाइनरी वैकल्पिक व्यापार की मूल बाते

विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए?

विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए?
आपको रिटर्न्‍स और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में आपके द्वारा किये जाने वाले निवेश से जुड़े आयकर पहलुओं को ध्‍यान में रखना होगा। उदाहरण के लिए, अमेरिकी बाजार में अनिवासियों के लिए पूंजी वृद्धि पर कोई कर नहीं है और लाभांश भुगतान पर सीधा 25 प्रतिशत कर लागू है। दूसरी तरफ, भारतीय आयकर कानूनों के अनुसार, भारतीय निवासियों को उनके आईटी रिटर्न्‍स में विदेश में सभी अचल एवं चल संपत्तियों और बैंक खातों की जानकारी देनी होती है, चाहे आपको कितना भी पूंजी लाभ हुआ हो। आपको रेंटल इनकम और पूंजी वृद्धि सहित किसी भी आय पर भारत में कर चुकाना होता है।

विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए?

जेपीमॉर्गन इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? जहांगीर अजीज का मानना है कि अल्पावधि में रुपया एक सीमित दायरे में बना रहेगा और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दरों में वृद्घि के विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? एक और चरण की उम्मीद है। बातचीत में जहांगीर अजीज ने जीडीपी विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? विकास और निर्यात समेत कई मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश:

रुपये के बारे में आपका क्या नजरिया है?
मेरी नजर में रुपया निकट भविष्य में 44-444.5 के आसपास मंडराएगा।

इसमें तेजी का सेवाओं एवं निर्यात पर कितना असर पड़ेगा?
वर्ष 2002 से निवेश भारत के विकास में अहम रहा है। जीडीपी की हिस्सेदारी के रूप में घरेलू खपत 2002 के बाद से अब तक हरेक वर्ष घटी है। निर्यात जीडीपी के 10 फीसदी से तेजी से बढ़ कर 25 फीसदी पर पहुंच गया है। भारत में निर्यात विदेशी देशों की मांग पर आधारित है। रुपये में बदलाव का बड़ा असर बीपीओ (बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग) पर पड़ेगा, क्योंकि यह समरूप उत्पाद है और कीमत-संवेदी है। विदेशों में मांग में 1 फीसदी की गिरावट भी हमारे निर्यात की मात्रा 5 फीसदी तक घटा सकती है।

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे

कोरोना काल में बढ़ा विदेशी निवेश (Image: Pixabay)

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर को पार करने के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। भारत अब उन देशों के क्‍लब में शामिल हो गया है जिनके पास 600 अरब डॉलर से ज्‍यादा फॉरेक्‍स रिजर्व है। वैसे भारत के मुकाबले चीन के पास 5 गुना और जापान के पास दो गुना विदेशी मुद्रा भंडार है। वहीं रूस से भारत काफी कम अंतर से पीछे है , जिसे देश काफी जल्‍दी पीछे छोड़ सकता है। वहीं टॉप थ्री में पहुंचने के लिए भारत को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है , जिसके पास एक हजार अरब डॉलर से ज्‍यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। जानकारों की मानें तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी निवेशकों का लगातार भारतीय बाजार में निवेश है।

ईटीएफ के जरिये भी निवेश

आप ईटीएफ के जरिए कई देशों विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? को भी एक्‍सेस कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप डैक्‍स ट्रैकिंग ईटीएफ की यूएस लिस्टिंग के जरिए जर्मन इक्विटी इंडेक्‍स - डैक्‍स 30 में निवेश कर सकते हैं। आप ऐसे कई थीम्‍स को भी एक्‍सेस कर सकते हैं, जो घरेलू रूप से अनुपलब्‍ध हैं। ऐसी कोई भी बड़ी इलेक्ट्रिक मोबिलिटी या चिप निर्माता कंपनी नहीं है जिनके शेयर्स आप भारत में नहीं खरीद सकते हैं। आप इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लिए टेसला या सेमीकंडक्‍टर चिप्‍स के लिए एनविडिया जैसी कंपनियों के शेयर्स में निवेश करके थीम्‍स एक्‍सेस कर सकते हैं।

विदेशी मुद्रा विनिमय

अपना ओवरसीज ब्रोकरेज एकाउंट खोलने के बाद, आपको अपने बैंक खाते से इसमें पैसे ट्रांसफर करने होंगे। निवेशकों को मुद्रा विनिमय दरों, अवमूल्‍यन और ब्‍याज दरों को लेकर सजग रहना चाहिए। बैंकों द्वारा भारतीय रुपये को अमेरिकी डॉलर में बदलने के लिए शुल्‍क लिया जाता है और यह आपके बैंक के आधार पर न्‍यूनतम 100 रुपये और 0.2 प्रतिशत के एफएक्‍स स्‍प्रेड या अधिकतम 2000 रुपये + 2.0 प्रतिशत का स्‍प्रेड हो सकता है। हालांकि, विदेश में निवेश करके, आपको करेंसी एप्रेसिएसन (या डेप्रिसिएसन) को सामना करना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय रुपये के मुकाबले अमेरिकी डॉलर औसतन 3-5 प्रतिशत के बीच बढ़ता रहा है।

जीवन का क्या है लक्ष्‍य

आपके लिए यह आवश्‍यक है कि आप जिस जीवन लक्ष्‍य की दिशा में कार्य कर रहे हैं, उसका ध्‍यान रखें। क्‍या आप विदेश में पढ़ाई करना चाहते हैं या वहां प्रवास करना चाहते हैं? यदि ऐसा है, तो आप यह सुनिश्चित करना चाहेंगे कि उन विशिष्‍ट पोर्टफोलियो वैल्‍यूज को हासिल करने की दिशा में निवेश हो, जिससे आप अपने विश्‍वविद्यालय की पढ़ाई का खर्च या आव्रजन शुल्‍क का भुगतान कर सकें। यदि आप अपने बच्‍चे के यूनिवर्सिटी फीस के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर बचाना चाहते हैं, तो आपको उन अपेक्षाओं के अनुरूप निवेश करने की योजना बनानी होगी।

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वैश्विक शेयर (Global Stock Market) बाजार में निवेश क्यों करना चाहिए?

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  • News18Hindi
  • Last Updated : October 27, 2020, 14:07 IST

नई दिल्ली. सबसे पहले तो इस पर विचार करते हैं कि किसी को ग्लोबल इक्विटीज यानी वैश्विक शेयर (Global Stock Market) बाजार में निवेश क्यों करना चाहिए? वैश्विक स्तर पर देखें तो बहुत तरह के इनोवेशन हो रहे हैं जो कि हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन पर असर डाल रहे हैं, विभिन्न तरह के उद्योग बड़े बदलाव करने वाले है. इन सबका विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? आपके निवेश पर असर होता है. मौजूदा समय की बात करें तो भारतीय शेयर बाजार में बहुत कम इनोवेटर लिस्टेड है. भारत भले ही पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हो, लेकिन हमारे यहां की बाजार पूंजी करीब विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? 2.1 ट्रिलियन (लाख करोड़) डॉलर ही है, जबकि बाकी दुनिया की बाजार पूंजी 90 ट्रिलियन डॉलर के करीब है. तो आप यदि भारत से बाहर वैश्विक बाजारों में निवेश नहीं करते हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप उस अवसर को नजरअंदाज कर रहे हैं जो करीब 43 गुना ज्यादा है. निवेश के साथ जोखिम जुड़ा होता विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए आपको कितना पैसा चाहिए? है और इसको खत्म नहीं किया जा सकता, लेकिन डायवर्सिफिकेशन यानी विविधीकरण द्वारा कम जरूर किया जा सकता है. सभी तरह के एसेट में निवेश का विविधीकरण (डाइवर्सफिकेशन) करना और किसी एक एसेट में भी विविधीकरण करना जोखिम के प्रबंधन का मूल है.

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे

600 अरब डॉलर से ज्‍यादा विदेशी मुद्रा रखने वाला दुनिया का 5 वां देश बना भारत, रूस से है बस इतना पीछे

कोरोना काल में बढ़ा विदेशी निवेश (Image: Pixabay)

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर को पार करने के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया है। भारत अब उन देशों के क्‍लब में शामिल हो गया है जिनके पास 600 अरब डॉलर से ज्‍यादा फॉरेक्‍स रिजर्व है। वैसे भारत के मुकाबले चीन के पास 5 गुना और जापान के पास दो गुना विदेशी मुद्रा भंडार है। वहीं रूस से भारत काफी कम अंतर से पीछे है , जिसे देश काफी जल्‍दी पीछे छोड़ सकता है। वहीं टॉप थ्री में पहुंचने के लिए भारत को थोड़ा इंतजार करना पड़ सकता है। तीसरे पायदान पर स्विट्जरलैंड है , जिसके पास एक हजार अरब डॉलर से ज्‍यादा का विदेशी मुद्रा भंडार है। जानकारों की मानें तो भारत के विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का कारण विदेशी निवेशकों का लगातार भारतीय बाजार में निवेश है।

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