दलाल कैसे बने?

Stock Broker कैसे बने और स्टॉक ब्रोकर का काम क्या होता है |Stock Broker Kaise Bane
Stock Broker Kaise Bane in India : Share Market Broker शेयर मार्केट, शेयर, स्टॉक एक्सचेंज,Stock Broker, सेंसेक्स, निफ़्टी BSE,NSE यह सभी टर्म्स आपको कभी ना कभी सुनने को जरूर मिला होगा हो वैसे यह सभी टॉम स्टॉक मार्केट में निवेश करते वक्त या कम टाइम में शेयर बाजार से पैसे कमाने वक्त बताता है
बहुत से लोगों की इच्छा होती है कि हम कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाए हम एक बार पैसा लगा दे और हमें समय-समय पर अच्छे रिटर्न मिलते रहे तो ऐसे व्यक्ति के लिए शेयर मार्केट सबसे अच्छा रास्ता है तो आज के इस पोस्ट में हम यह जानेंगे कि Stock broker Kaise Bane (How to Become a Stock Broker in india), स्टॉक ब्रोकर का क्या काम होता है, शेयर मार्केट ब्रोकर कैसे बने, ब्रोकर बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए
आम भाषा में स्टॉक ब्रोकर वह होता है जो शेयर मार्केट के बीच में मेडिएटर का काम करता है स्टॉक ब्रोकर गलत है अगर आप स्टॉक ब्रोकर के तौर पर अपना करियर बनाने की सोच रहे हैं तो आज का यह पोस्ट आप को ध्यान पूर्वक पढ़ना चाहिए तो चलिए सबसे पहले जानते हैं कि < अगर आपने अभी तक डीमैट खाता नहीं खोला है तो नीचे दिए लिंक से अपनाफ्री में डीमैट खाता खोल सकते है.>
Table of Contents
शेयर मार्केट क्या है? (What is Share Market in Hindi)
Share Market दो शब्दों से मिलकर बना है पहला शेयर और दूसरा मार्केट जिस में शेयर का मतलब एक दूसरे के साथ किसी प्रोडक्ट को इधर से उधर करना तथा मार्केट का मतलब जहां पर खरीदने के लिए तथा बेचने के लिए वह प्रोडक्ट AVILABLE हो उसे हम शेयर मार्केट कहते हैं अगर सामान्य शब्दों में कहूं तो जहां हम किसी किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदते है और उस शेयर को सही समय आने पर बेच देते है शेयर मार्केट (Share Market) कहलाता हैं.
स्टॉक ब्रोकर कौन होता है? (What is Stock Broker)
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि स्टॉक मार्केट में हम किसी कंपनी के शेयर डायरेक्ट नहीं खरीद सकते हैं उसके लिए हमें किसी कंपनी या Individual Person की जरूरत होती है तो वह कंपनी Individual Person जो हमारे आर्डर को मार्केट में पहुंचाता है उसे हम स्टॉक ब्रोकर कहते हैं तो स्टॉक ब्रोकर को Individual Person भी हो सकता जो स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड हो अर्थात भारत के दो सबसे बडे़ स्टाॅक एक्सचेंज NSE, BSE में
यह स्टॉक ब्रोकर हमारे आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज यानी NSE, BSE में पहुंचाने के लिए कुछ फी चार्ज करती है. शेयर मार्केट में निवेश करने के लिए हमें डीमेट खाटा की आवश्यकता होती है जिसके द्वारा हम शेयर मार्केट में निवेश कर पाते हैं तो वहीं डीमेट अकाउंट प्रोवाइडर हमारा स्टॉक ब्रोकर होता है.
स्टॉक ब्रोकर का काम क्या होता है
शेयर मार्केट में जब हम अपना पहला कदम रखते हैं तो हमें Demat Account और Trading Account की जरूरत पड़ती है जो कि एक स्टॉक ब्रोकर का ही काम होता है और जब हम किसी कंपनी के Stock को buy करते हैं या Sell करते हैं तो स्टॉक एक्सचेंज NSE, BSE तक पहुंचाने का काम स्टॉक ब्रोकर का ही होता है. (अगर आप स्टॉक ब्रोकर बनना चाहते है तो नीचे के लिए से पहले अपना फ्री में डीमैट खाता खोले
स्टॉक ब्रोकर के प्रकार (How many types of Stock Broker)
शेयर मार्केट में दो तरह के स्टॉक ब्रोकर काम करते हैं।
फुल सर्विस स्टॉक ब्रोकर (Full Service Sock Broker) : जैसा कि आपको नाम से ही पता चल रहा है फुल सर्विस यानी कि वह सारी सर्विस जो स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए जरूरत है जैसे कि Stock Academy यानी कौन सा शेयर खरीदना और कौन सा शेयर बेचना Merging, मोबाइल फोन से ट्रेडिंग की सुविधा, आईपीओ की सुविधा इसके अलावा 24 * 7 कस्टमर सपोर्ट और कई ब्रोकर के तो बहुत से ब्रांच तो शहरों में होते है. भारत में कुछ पोपुलर स्टॉक ब्रोकर है जिसमे आप अपना डीमैट खाता खोल सकते है.
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डिस्काउंट स्टॉक ब्रोकर (Discount Stock Broker) :
Full Service Sock Broker की तुलना कम ब्रोकरेज लेकर शेयर खरीदने और बेचने की फैसिलिटी प्रोवाइड करता है इसका कम फीस इसलिए होता है क्योंकि यह अपने कस्टमर को स्टॉक एडवाइजर और रिसर्च फैसिलिटी नहीं देता और इसके ऑफिस कुछ शहरो में होते हैं अकाउंट ओपन करने के साथ इसका अधिकतर काम ऑनलाइन ही किया जाता है इंडिया में कुछ पॉपुलर डिस्काउंट ब्रोकर है .
- Zerodha
- South Asian Stock Ltd.
- Master Capital Service Ltd
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए योग्यता
Stock broker बनने के लिए सबसे पहले आपके पास धैर्य होना चाहिए और Risk का सामना करना आना चाहिए स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए Academic Qualification के साथ-साथ अच्छी Analysis, बुद्धि और रिसर्च Skill मजबूत होना चाहिए और स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग rules जरूर और process की जानकरीअच्छा तरीके से पता होना चाहिए
स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए आपको मार्केट में क्या कुछ नया चल रहा है मार्केट कैसा परफॉर्म कर रहा है इन सभी बातों से Update रखना होगा स्टॉक ब्रोकर के फील्ड में एक्सपर्ट बनने के लिए आपको कंप्यूटर स्किल के साथ-साथ Decision Making टीम वर्क रिसर्च ,एनर्लिटिक्स की जानकारी भी होनी चाहिए
स्टॉक ब्रोकर कैसे बने (Stock Broker Kaise Bane)
Share Market Broker बनने के लिए दलाल कैसे बने? आपको पहले कुछ दिन स्टॉक मार्केट में अनुभव करना होगा जिसके लिए आपको पहले एक डीमैट खाता खुलवाना होगा डीमैट खाता खुलवाने के लिए आप Upstox में खाता खोल सकते हैं और जब आप Upstox में अच्छे से आप स्ट्रोक्स को जान लेते हैं तो अब आप Upstox Patner बन जाए जिसे हम सब ब्रोकर भी कहते हैं.
स्टॉक ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज में मेंबर तो नहीं होते लेकिन वह ग्राहकों को स्टॉक ब्रोकर की पूरी सुविधा दे सकते हैं सब ब्रोकर बनने के लिए आपके पास पैन कार्ड, आधार कार्ड एजुकेशन क्वालिफिकेशन इसके अलावा आपका घर और CA होना चाहिए सब ब्रोकर आप उन्हीं कंपनी में बने जो इन्वेस्टर को पसंद हो क्योंकि आज मार्केट में बहुत सारे कंपनी है जिस कंपनी का आप ब्रोकर बनना चाहते हैं उसके बारे में पहले से ही पूरी जानकारी होनी चाहिए शेयर मार्केट में रुचि होना चाहिए एक स्टॉक ब्रोकर ब्रोकर के तौर पर सिक्योरिटी एंड सेबी में रजिस्टर करवाना होगा रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए प्रश्न डिटेल के साथ-साथ बैंक अकाउंट डिटेल इत्यादि देना होगा
Upstox
Anngel One
ShareKhan
Reliance Securites
Motilal Oswal
Upstox सबसे अच्छा और बेहतर डिस्काउंट ब्रोकर है
अंतिम विचार
शेयर मार्केट में निवेश करना एक कला है जो इसे जो सीख लिया वह इतना पैसा कम आएगा जितना किसी जॉब या बिज़नस में नहीं कम पाएगा वैसे आपने Film Scam1960 में एक डायलॉग बड़ा फेमस है जिसने बोला जाता है कि शेयर मार्केट एक ऐसा कुआं है जिसे पूरी दुनिया का प्यास बुझा सकता है और फिर भी पानी बचा रहेगा
हम आपसे यही उम्मीद करता है कि हमारे द्वारा लिखे गए जानकारी आपको Stock Broker Kaise Bane बनने में मदद किया होगा मेरा हमेशा यही कोशिश रहता है कि हमारे द्वारा लिखे गए पोस्ट में सही और एक अच्छी Quality की जानकारी हो जिससे आप के समय का बचत हो ताकि आपको कहीं जाना ना पड़े आप इस पोस्ट में आपकी राय जरूर दें
जिनसे बने थे केजरीवाल अब वही मीडिया ‘दलाल’?
अरविन्द केजरीवाल ने मीडिया को भ्रष्ट और दलाल कहा है। उसी मीडिया को जिसने उन्हें महीनों तक स्क्रीन पर जमाए रखा, देश-दुनिया में सबसे बड़ी खबर बनाए रखा। तब यही मीडिया ‘देशसेवा’ कर रही थी। आज जब वही ‘समाज का आईना’ उन्हें आईना दिखा रहा है तो उन्हें बुरा लगने लगा है।
क्यों गुस्से में हैं केजरीवाल?- चुनाव का मौसम है। चुनाव पूर्व सर्वेक्षण टीवी पर रोज आ रहे हैं। किसी में आगे हैं आप, किसी में पीछे। जिस सर्वेक्षण में आगे हैं केजरीवाल अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, लेकिन जिस सर्वेक्षण में पीछे हैं तमतमा रहे हैं। उनका गुस्सा चरम पर है और वे मीडिया को भ्रष्ट और दलाल बता रहे हैं।
अनुराधा प्रसाद को ‘बेशर्म’ और ‘दलाल’ कह डाला- अनुराधा प्रसाद नामचीन पत्रकार हैं। न्यूज़ 24 की मालकिन हैं। निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए जानी जाती हैं। लेकिन अपने विरोध पर मीडिया को लगातार आंखें दिखा रहे अरविन्द केजरीवाल ने इस बार तो हद कर दी। उन्होंने अनुराधा प्रसाद को ‘बेशर्म’ और ‘दलाल’ तक कह डाला है। दरअसल अनुराधाजी के चैनल में जो चुनाव पूर्व सर्वेक्षण कराए गये, उनके नतीजे केजरीवाल के मनोनुकूल नहीं थे। इसमें पंजाब में आम आदमी पार्टी को 14-19 सीटें मिलती दिखाई गयीं। सहमति-असहमति तो हो सकती है, होती रही है लेकिन केजरीवाल ने एक महिला पत्रकरा पर ऐसा हमला बोला कि आप भी चौंक जाएंगे। देखिए केजरीवाल ने क्या कहा-
एक महिला पत्रकार के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी पर पूर्व पत्रकार आशुतोष से सधी हुई प्रतिक्रिया की उम्मीद थी। लेकिन ये क्या, मर्यादा छोड़कर वे चाटुकारिता धर्म निभाने लगे। केजरीवाल को भी ये चाटुकारिता धर्म खूब पसंद आयी और उन्होंने उसे री-ट्विट कर दिया।
पंजाब पर एबीपी न्यूज-लोकनीति-सीएडीएस की ओर से एक और ओपिनियन पोल सामने आया है। उसमें भी आप को सिर्फ 12- 18 सीटें दिए जाने का अनुमान बताया गया है। इसे देख आशुतोष इस कदर भड़के कि मीडिया से ओपिनियन पोल गलत होने पर माफी मांगने की मांग करने लगे जबकि अरविन्द केजरीवाल ने पूरी मीडिया के भ्रष्टाचार पर ही बहस छेड़ दी..
शेखर गुप्ता को ‘कांग्रेस का दलाल’ कहा- जब कभी भी पत्रकारों को अपने खिलाफ पाते हैं, वो उनकी ही इज्जत उतारने लग जाते हैं। वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने जब दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया से हो रही मौत का सवाल उठाया था, तब भी मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें ‘कांग्रेस का दलाल’ तक कह डाला था।
राहुल कंवल को भी उल्टा-सीधा कहा- केजरीवाल ने राहुल कंवल को भी नहीं छोड़ा जिन्होंने दिल्ली की स्वास्थ्य समस्याओं पर सवाल उठानी की ‘जुर्रत’ दिखलायी।
Your concern is not Delhi. Your concern is that we r winning other states n defeating BJP. https://t.co/peWf3C78Fr
इसके अलावा भी कई मौके आए हैं जब केजरीवाल ने इसलिए मीडिया को भ्रष्ट बताया है क्योंकि मीडिया की टिप्पणियां उन्हें अपने खिलाफ लगीं।
बीबीसी की निष्पक्षता पर उठाए सवाल- नोटबंदी पर फेसबुक लाइव में पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ अनाप-शनाप बोलने पर जब बीबीसी ने उन्हें बीच में रोका और कहा कि नोटबंदी के दौरान 55 लोगों की मौत की पुष्टि बीबीसी नहीं करता, तो केजरीवाल ने बीबीसी को भी नहीं छोड़ा। वे बीबीसी की पत्रकारिता से लेकर उसकी निष्पक्षता तक पर सवाल उठाने लगे।
डिग्री विवाद में तोमर के लिए मीडिया पर बरसे- मीडिया ने कानून मंत्री की फर्जी डिग्री से जुड़े खुलासे किए, तो इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ने लगा। इस बाबत सवाल पर केजरीवाल बरस गये। उन्होंने कहा कि तोमर ने उन्हें संतोषजनक जवाब दिया है और उनकी डिग्री नकली नहीं, असली है। उल्टे उन्होंने मीडिया को ही जनता की अदालत में खड़ा करने का आह्वान कर डाला।
मीडियावालों को जेल भेजने की दी थी धमकी- लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नागपुर में चंदा इकट्ठा करने के लिए एक प्रायोजित रात्रिभोज में केजरीवाल ने कहा था-
“पिछले एक साल से हमारे दिमाग में मोदी को भर दिया गया है। टीवी चैनलों को मोदी को प्रमोट करने के लिए भारी पैसा दिया गया है। मोदी की सच्चाई कोई चैनल नहीं बता रहा। यह एक बड़ी साजिश है, बड़ी राजनीतिक साजिश। अगर हमारी कभी सरकार बनी, तो हम इसकी जांच कराएंगे और मीडिया वालों समेत सबको जेल भेजा जाएगा।“
बिकी हुई है मीडिया-केजरीवाल- आप नेता केजरीवाल ने मीडिया को औद्योगिक घरानों के हाथों बिका बताया था। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि मीडिया घरानों को मुकेश अंबानी और अडानी समूह से वित्तीय सहायता मिल रही है।
टीम केजरीवाल का मीडिया पर सामूहिक हमला- पत्रकारों को जेल भेजने वाली खबर पर जब हंगामा बरपा, तो केजरीवाल के समर्थन में उनकी पूरी टीम नये सिरे से आक्रमण करने उतर गयी। संजय सिंह, आशुतोष, आशीष खेतान और दिलीप पांडे ने मीडिया पर सवाल उठाने को सही ठहराया। उन्होंने नाम लेते हुए चार टीवी चैनलों- इंडिया टीवी, इंडिया न्यूज, ज़ी न्यूज़, टाइम्स नाऊ- पर आम आदमी पार्टी और केजरीवाल के खिलाफ मुहिम चलाने का आरोप लगाया। धमकी तो चुनाव आयोग में जाने की भी दी, लेकिन कभी गये नहीं।
दोबारा मुख्यमंत्री बनते ही मीडिया पर लगायी पाबंदी- दिल्ली में अरविंद केजरीवाल ने दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेने के बाद मीडिया पर पाबंदी लगा दी। बाजाप्ता सर्कुलर निकाल दिया गया। 6 मई 2015 को निकाले गये इस सर्कुलर में कहा गया था कि अगर सीएम या उनकी सरकार के खिलाफ कोई आपत्तिजनक बात कही जाती है तो उसे आपराधिक मानहानि का मामला बनाकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इतना ही नहीं सचिवालय में पत्रकारों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गयी। हालांकि बाद में आंशिक प्रवेश की सुविधा बहाल की गयी। हालांकि पसंद-नापसंद के आधार पर अपने समर्थक मीडिया को एंट्री देते रहे। आज भी उनका गुस्सा उन्हीं पत्रकारों और मीडिया घरानों पर होता है जो उनके मन के मुताबिक खबर नहीं करते।
SC ने केजरीवाल को लगायी लताड़, रद्द किया सर्कुलर- सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया जिसमें विरोध में खबर करने पर मीडिया पर आपराधिक मामला चलाने की बात कही गयी थी। अदालत ने अरविंद केजरीवाल के दोहरे मापदंड पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे अपने खिलाफ मानहानि के मामलों को चुनौती देते हैं और उसे बोलने की आजादी के अधिकार का हनन बताते हैं। जबकि, उनकी सरकार मानहानि के मुकदमे की बात करती है।
खुद मीडिया मैनेज करते रहे हैं केजरीवाल- यू ट्यूब पर एक वीडियो ने केजरीवाल की उस ‘कला’ को दुनिया के सामने रखा था जिसमें वे मीडिया को मैनेज करते दिख रहे थे। वरिष्ठ पत्रकार और एंकर ने उनकी बात मानते हुए न सिर्फ वैसा ही किया बल्कि वे अपनी तरफ से भी केजरीवाल को ‘चमकाने’ वाली बात कहते नजर आए। उस वीडियो में केजरीवाल ने एंकर से निजी कंपनियों के खिलाफ बोले गये अंश को कम दिखाने को कह रहे थे क्योंकि ऐसा करने से मध्यम वर्ग को बुरा लग सकता था। वहीं एंकर उन्हें 80 फीसदी वंचितों की बात बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का भरोसा देता दिखा। वाह केजरीवाल जी वाह। आप मीडिया मैनेज करें, तो बहुत अच्छा और दूसरा करे, तो उन्हें जेल भेजो !
‘विरोधी’ पत्रकार को सरकार के व्हाट्सएप ग्रुप से हटाया- दिल्ली सरकार की ऑड-ईवन योजना पर जब पत्रकारों ने सवाल उठाए, तो दिल्ली सरकार ने उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप से ही हटा दिया। इसका खुलासा तब हुआ जब ऐसे ही एक पत्रकार राजकिशोर ने सार्वजनिक डोमेन में बातें रखीं। राजकिशोर ने ट्वीट किया था- “तो अरविन्द केजरीवाल भी चमड़े के सिक्के चलाएंगे। वह भी जनता की खाल उतारकर”। ऐसी टिप्पणी भला केजरीवाल को कैसे केबूल हो सकती थी। लिहाजा तुरंत कार्रवाई हुई।
केजरीवाल खुद पत्रकारों का इस्तेमाल करते रहे हैं। उनकी टीम में आज भी कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने पहले तो पत्रकारिता करते हुए उनकी मदद की और बाद में उनकी पार्टी से ही जुड़ गये। ऐसे पत्रकारों की भी तादाद बड़ी है जिन्हें केजरीवाल सरकार ने पत्रकारिता की नौकरी से अलग कहीं न कहीं ‘एडजस्ट’ कर रखा है। खुद नैतिक रूप से कमजोर पत्रकारों को भ्रष्ट बनाते हैं केजरीवाल और उंगलियां दूसरों पर उठाते हैं। यही है राजनीति की केजरीवाल नीति।
Estate broker kaise bane – ज़मीन-मकान की दलाली का काम कैसे शुरू करें
आज के समय में पैसा कमाना एक मुश्किल काम है। पूरे परिवार की सामान्य ज़रूरतें पूरी करने के लिए केवल एक व्यक्ति का काम करना काफी नहीं हो पता है। समस्त परिवार जनों को अपनी और से शक्ति अनुसार योगदान देना पड़ता है। अच्छी नौकरी पाने के लिए ऊंची डिग्री , टेलेंट और शिफारिश लगती है। खुद का बिज़नस सेट करने के लिए ढेर सारे पैसे और बिज़नस का ज्ञान चाहिए। अब हर कोई इन जरूरतों को पूरी नहीं कर पाता है , इस लिए उन्हे पैसा कमाने के लिए Service Related काम ढूँढना चाहिए।
Estate agent बननें के लिए कुछ खास पैसों की ज़रूरत नहीं पड़ती है। अगर बात-चीत करने की थोड़ी सी काला हों तो इस काम से अच्छे खासे पैसे कमाए जा सकते हैं। कई लोग इसी बिज़नस को फूल टाइम कर के अपनी आजीविका कमाते हैं।
यह एक काफी आसान और फायदेमंद बिज़नस है। जिसमें सिर्फ एक फोन , एक डायरी , एक पेन और थोड़े खर्चे पानी के पैसों की आवश्यकता होती है। इस काम में सफलता पाने के लिए लोगों से बात चित करने की कला निखार लेनी चाहिए। किस इन्सान की क्या ज़रूरत है , और कौन काम का आदमी है यह ताग लगाने की कला सीख लेने पर एक सफल एस्टेट ब्रोकर बना जा सकता है।
सामान्य भाषा में कहा जाए तो किसी भी दुकान , मकान , ज़मीन या अन्य प्रॉपर्टि की डील कराने वाले व्यक्ति को Broker कहा जाता है। और एक सफल सौदा करा देने वाले व्यक्ति को buyer दलाल कैसे बने? या seller की और से दलाली मिलती है। कई मामलों में दोनों और से भी दलाली / brokerage मिलती है। समान्यतः सौदे की रकम पर 1% या 2% brokerage चार्ज की जाती है।
सब से पहले न्यूज़ पपेर्स पढ़ने की आदत डालें , buy & sell सर्विस देने वाली websites की visit रेगुलर लेते रहें। और अपनें आस-पास यह खबर फैला दें की आप एक estate broker है और ज़मीन मकान की दलाली का काम करते हैं।
किसी भी काम को सफल होने के लिए ग्राहक की आवश्यकता होती है। और ग्राहक प्रचार करने से मिलते हैं। हो सकता है की शुरुआत में इस काम में सफलता ना मिले , पर लगातार इस काम को जारी रखने से अनुभव बढ़ता जाएगा और धीरे धीरे पैसे भी मिलनें लगेंगे। ज़मीन मकान की खरीद फ़रोक्त के काम में clients ढूँढने के लिए , अपने मित्रों , सगे संबंधियों और पड़ोसियों से शुरुआत करें। और फिर काम बढ्ने लगे तो अपनें काम और नाम का विज्ञापन भी दें , ।
Step-1 – सब से पहले उन लोगों का लिस्ट बना लें जिनहे अपनी कोई भी प्रॉपर्टि बेचनी हों , उस के बाद एक दूसरा लिस्ट बना लें , जिसमें उन लोगों को शुमार कर लें , जिनहे किसी प्रकार की प्रॉपर्टि खरीदनी हों।
Step-2 – अब दोनों लिस्ट में से ऐसे व्यक्तिओं का चुनाव करें जिनहे , सौदा करने की जल्दी हों और उनकी प्रॉपर्टि की quality अच्छी हों। फिर उस के मुताबिक खरीददार चुनें।
Step-3 – उस के बाद seller के पास जा कर अपनी ब्रोकेरेज के बारे में डील पक्की करें। ताकि वह आप की दलाली देने से मुकर ना जाए। हो सके तो एक गवाह भी साथ रखें।
Step -4 – अब buyer के पास जा कर उसका budget पूछना होता है। मान लीजिये की आप का buyer / ग्राहक एक सामान्य व्यक्ति है तो उसे करोड़ों की कीमत वाली प्रॉपर्टि दिखाने का कोई तुक नहीं बनता है। इस लिए खरीददार की खर्च शक्ति जान लें और उसकी ज़रूरत भी पूछ लें उसी के मुताबिक प्रॉपर्टि दिखाएँ। और हा . डील हो जाने पर कितनी ब्रोकरेज देनी होगी यह बात ज़रूर कर लीजिये।
Step-5 – एक बात हमेशा ध्यान में रखें की . buyer और seller के property rate में ज़्यादा difference होना नहीं चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर seller अपनें मकान के 20 लाख डिमांड कर रहा है और buyer 10 या 12 लाख में property मांग रहा है , तो ऐसे सौदे का होना तकरीबन ना-मुमकिन है। इसी लिए ऐसी दो party को कभी मिलाना नहीं चाहिए।
Step-6 – मान लीजिये की खरीद-दार और बेचने वाले में पचास हज़ार या लाख का अंतर हों तो फिर उन दोनों की बैठक ( meeting ) करा देनी चाहिए। इस काम के लिए खुद का घर या ऑफिस चुनें। या फिर buyer या seller का घर या ऑफिस चुने।
Step –7 – कभी भी buyer और seller को अकेला ना छोड़ें। meeting में खुद हाज़ीर रह कर , सौदा पूरा करानें की कौशीस करें। कभी कभी होता है की खरीददार और बैचने वाले . 5 या 25 की मामूली रकम के लिए आना-कानी करते हैं। ऐसे मामलों में एक कुशल ब्रोकर को अपनी skill इस्त्माल कर के सौदा पार लगाना होता है।
Step-8 – सातवे पॉइंट वाली परिस्थिति में एक चतुर ब्रोकर को अपनें buyer को यह सलाह देनी चाहिए की . थोड़ा बहुत मोल-भाव कर के property खरीद लीजिये , यह अच्छी प्रॉपर्टि है। इस के दाम कुछ समय में बढ़ सक्ने के पूरे आसार है। अगर आप एक साल तक इस प्रॉपर्टि को रख कर बैच देंगे तो भी अच्छे खासे पैसे कमाएंगे। इस प्रकार से buyer को property खरीदने के लिए motivate करना होता है।
Step-9 – अब मान लीजिये की खरीददार ( Buyer ) थोड़ा ज़्यादा देने को तैयार है , पर seller अपनी prize से हिलनें को तैयार ही नहीं है तो . broker को उसे इस तरह समझाना चाहिए की बैच दीजिये। कुछ ही समय में प्रॉपर्टि के दाम गिर सकते हैं। मै आप को इस से अच्छी और सस्ती प्रॉपर्टि दिलवा दूंगा। यह ग्राहक गया तो मार्केट में दूसरा ग्राहक ढूंढना मुश्किल है। वगेरा . Negative points आगे कर के seller को अपनी प्रॉपर्टि के दाम कम करने के लिए motivate किया जा सकता है।
Step-10 – एक बार दोनों party एक कीमत पर agree हो जाए तो फिर buyer से Token money ले कर seller को देना होता है और कच्चा सौदा fix करना होता है। उदाहरण के तौर पर मान लीजिये की 15 लाख में एक मकान का सौदा हुआ , तो Token money 50 हज़ार या 1 लाख दे कर वकील के पास स्टेम्प पर उस सौदे का agreement तैयार कराना होता है। इस काम के लिए buyer और seller के साथ ब्रोकर को जाना होता है।
Step-11 – एक बार वकील stamp पर agreement तैयार कर दे तब , खरीददार और बेचने वाला उस पर सही कर के Token money exchange कर लेते हैं। ( Note- Agreement में पक्का दस्तावेज़ तैयार कराने की तारीख , पूरा पेमेंट करने की तारीख , Token money की रकम और बाकी पैसों को चुकाने की तारिक mansion की जाती है। और साथ में दूसरी ज़रूरी अन्य शर्तें अगर रखी गयी हों तो उन्हे भी लिख दिया जाता है।
Step-12 – जिस दिन पक्का दस्तावेज़ सब-रजीस्ट्रार में किया जाता है तब ब्रोकर को खास साथ रहना चाहिए , चूँकि उसी दिन दोनों पार्टी पैसों का लेन-देन करती हैं। इस दिन पर बिना शरमाये ब्रोकर को अपनी दलाली मांग लेनी चाहिए। Brokerage में उधारी करने पर पैसे हमेशा डूब जाते हैं। इस लिए काम खत्म होते हिन उसी वक्त अपनी दलाली दोनों पार्टी से वसूल लेनी चाहिए।
दलाली का काम ज़मीन मकान का ही नहीं पर अन्य दलाल कैसे बने? दूसरे कामों में भी दलाली की जा सकती है। शर्त यही होती है की उस field का ज्ञान होना चाहिए , ग्राहक ढूँढना आना चाहिए और सौदा पार लगाना आना चाहिए। तथा दलाली के काम में कभी कभी ग्राहक बै-मानी करते हैं , इस लिए हो सके तो दलाली का काम लिखावट के साथ ही करना चाहिए , और दो या तीन अन्य भरोसेमंद ब्रोकर के साथ मिल कर करना चाहिए , ताकि अगर प्रोब्लेम आए तो उसे आसानी से सुलझाया जा सके। बड़े सौदे हो रहे हों तब दलाल कैसे बने? buyer और seller अपनें दलालों को बीछ में साक्ष्य बना कर रखते हैं। ऐसे मामलों में सावधानी से काम लेना चाइए। full time broker बननें से पहले इस व्यवसाय को पार्ट टाइम work की तरह शुरू करना चाहिए ताकि अगर इस काम से लाभ ना मिले तो आय का दूसरा ज़रिया मौजूद हों। Best Luck for Brokerage Business
Rohtas 20 लाख के रेल ई-टिकट के साथ दलाल गिरफ्तार,कारोबार से जुड़े एक बड़े कारोबारी को गिरफ्तार किया
बिहार न्यूज़ डेस्क आरपीएफ और अपराध आसूचना शाखा गया की संयुक्त टीम ने नगर थाना क्षेत्र के एक साइबर कैफे में छापेमारी कर रेलवे ई-टिकट के अनाधिकृत कारोबार से जुड़े एक बड़े कारोबारी को गिरफ्तार की है. साथ ही करीब 20 लाख रुपए की लागत से बने रेल ई-टिकट, लैपटॉप व अन्य दस्तावेज जब्त किये.
रेल पुलिस के अनुसार, आरपीएफ, रफीगंज तथा अपराध आसूचना शाखा गया की संयुक्त टीम द्वारा एक साइबर कैफे पर कार्रवाई की गई. टीम ने डेहरी के सुभाष नगर वार्ड नंबर 14 स्थित नारायण साइबर कैफे में छापामारी कर अवैध रूप दलाल कैसे बने? से रेलवे के आरक्षित ई-टिकट के कारोबार में संलिप्त पाए जाने पर दलाल उदय कुमार को दबोच लिया. वह रेलवे कॉलोनी क्वार्टर नंबर 3. स्टेशन रोड डेहरी का निवासी बताया जाता है.
साइबर कैफे के कंप्यूटर और लैपटॉप को जब्त किया गया है. बताते हैं कि दलाल के लैपटॉप से इस बात के प्रमाण मिले हैं कि उसके द्वारा 19 लाख 64 हजार से अधिक रुपए के अवैध रेलवे के आरक्षित टिकट बनाये हैं. बड़ी संख्या में नकली ई-टिकट बरामद किया गया.
आरपीएफ डेहरी के थानाध्यक्ष राम विलास पासवान ने बताया कि अवैध टिकट कारोबारी के विरुद्ध मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.
कूच बिहार ट्रॉफी में ओड़िशा के बाद हरियाणा में भी चमके अनूप, झटके 6 विकेट
हिन्दुस्तान 1 दिन पहले हिन्दुस्तान टीम
टैग: कूच बिहार ट्रॉफी
अपने होम ग्राउंड पर ओड़िशा के खिलाफ खेलते हुए अपनी शानदार गेंदबाजी से सबका दिल जीतने वाले अनूप ने हरियाणा के खिलाफ भी शानदार गेंदबाजी कर अपनी अमिट छाप छोड़ी। अनूप ने हरियाणा के खिलाफ खेलते हुए छह विकेट झटक टीम को खेल के तीसरे दिन 263 रन के स्कोर पर रोकने में सफलता हासिल की। बता दें कि अनूप ओड़िशा के खिलाफ गेंदबाजी करते हुए दोनों पारियों में 11 विकेट अपने नाम किए थे। मेजबान हरियाणा के खिलाफ अनूप ने जहां पहली पारी में एक विकेट झटके। वहीं दूसरी पारी में अनूप ने 29 ओवर में 75 रन खर्च कर छह विकेट चटकाए। बता दें कि रोहतक के चौधरी वंशी लाल क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे कूच बिहार ट्रॉफी टूर्नामेंट में मेजबान टीम ने मैच के तीसरे दिन 1 विकेट पर 72 रन से आगे खेलना शुरू किया। हरियाणा ने 77 ओवर में आठ विकेट खोकर 263 रन के स्कोर पर अपनी पारी घोषित कर दिया। इस तरह हरियाणा ने बिहार के सामने जीत के लिए 325 रन का लक्ष्य रखा। जवाब में मेहमान टीम ने 39 ओवर में 6 विकेट के नुकसान पर 84 रन बना लिए। दिन का खेल समाप्त होने तक अनिमेष कुमार नाबाद 4 रन जबकि आदित्य बिना खाता खोले नाबाद पिच पर बने हुए हैं।
हरियाणा दूसरी पारी में 77 ओवर में आठ विकेट पर 263 रन पर पारी घोषित, यशवर्धन दलाल 98, मयंक शांडिल्य 37, पार्थ वत्स 36, सामंत जाखड़ 32, सर्वेश रोहिला 25, विकेट— अनूप कुमार 6-75, अनिकेत कुमार 1-18, आदित्य 1-88,
बिहार— 39 ओवर में 6 विकेट पर 84 रन, कुमार श्रेय 31, विराट पांडे 20, हर्षित 20, विकेट— अभिजीत 2-31, सामंत जाखड़ 1-21, इशांत भारद्वाज 1-8, राहुल राठी 1-6, पार्थ वत्स 1-3
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