फाइनेंस कितने प्रकार का होता है

प्रॉपर्टी पर लोन
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Home Loan EMI Calculator
अपना घर खरीदने का सपना हर कोई देखता है। हर कोई सस्ता और अच्छा घर लेना चाहता है। अगर आप भी अपना घर खरीदने की योजना बना रहे हैं और इसके लिए लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो आपको यह योजना बनानी होगी कि आपको कितना लोन लेना है, ईएमआई (EMI) की राशि कितनी होगी, आदि। ग्राहक घर व फ्लैट खरीदने के लिए, प्लॉट के कंस्ट्रक्शन के लिए या रिनोवेशन यानी रिपेयर के लिए भी लोन लेते हैं।
होम लोन ईएमआई (EMI) क्या है?
होम लोन लेने के बाद ग्राहक बैंक में जो रकम चुकाते हैं, उसमें ब्याज दर और मूलधन शामिल होता है, जिसे ईक्वल मंथली इंस्टॉलमेंट या इएमआई कहा जाता है।
बैंक कैसे तय करते हैं की ग्राहकों को कितना लोन मिलना चाहिए ?
अगर आप भी घर खरीदने के लिए लोन लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको यह आंकलन करना होगा कि आपकी कमाई कितनी है। आपकी कमाई के हिसाब से बैंक लोन देते हैं। आप कितनी आसानी से लोन चुका सकते हैं, उसी के हिसाब से बैंक लोन की राशि प्रदान करते हैं। यानी आपकी मासिक कमाई, खर्च और परिजनों की कमाई, संपत्ति, देनदारी व आय में स्थिरता जैसे मामलों पर निर्भर करती है।
ग्राहक ज्यादा से ज्यादा कितना होम लोन ले सकते हैं?
घर खरीदते समय ग्राहकों को उसकी कीमत का 10 से 20 फीसदी तक डाउन पेमेंट (Down payment) करना पड़ता है। डाउन पेमेंट के बाद घर के मूल्य का 80 से 90 फीसदी तक ग्राहक होम लोन ले सकते है। इस मूल्य में रजिस्ट्रेशन और ट्रांसफर जैसे चार्ज भी शामिल होते हैं।
क्या होम लोन के लिए को-एप्लिकेंट जरूरी है?
ज्यादातर मामलों में होम लोन के लिए को-एप्लिकेंट जरूरी होता है। घर के मालिक के परिवार का कोई भी व्यक्ति को-एप्लिकेंट हो सकता है। वहीं अगर मकान दो लोगों के नाम है, तो होम लोन में भी दोनों का नाम शामिल होना जरूरी है।
आपको होम लोन की रकम कैसे मिलेगी?
ग्राहकों को होम लोन की रकम एकमुश्त या किस्त में दी जाती है। अगर आपको यह किस्त में मिलती है, तो ज्यादा से ज्यादा तीन किस्तों में ही आपको पूरी रकम मिल जाएगी। रेडी टू मूव प्रॉपर्टी के मामले में लोन की रकम एकमुश्त मिल सकती है। हालांकि, अगर आपकी प्रॉपर्टी अभी अंडर-कंस्ट्रक्शन में है, तो लोन की रकम कंस्ट्रक्शन की प्रगति के हिसाब से ग्राहकों को दी जाती है। ऐसी स्थिति में ग्राहक बैंक से एग्रीमेंट कर सकते हैं कि कंस्ट्रक्शन के हिसाब से होम लोन की राशि बिल्डर को दी जाए।
होम लोन के लिए किन दस्तावेजों की जरूरत है ?
होम लोन के लिए एप्लिकेशन फॉर्म के साथ निम्नलिखित दस्तावेज जरूरी है-
पहचान के लिए दस्तावेज (Identity Proof)
रेजिडेंशल प्रूफ (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, बिजली का बिल, राशन कार्ड, आदि) (Residential Proof )
उम्र के लिए प्रूफ (आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, आदि)(Age proof)
सैलरी स्लिप ( Salary Proof)
फॉर्म 16 या आयकर रिटर्न (Income Tax return) के साथ बैंक का पिछले छह महीने की स्टेटमेंट
इसके लिए कुछ संस्थान लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी, शेयर के कागजात, एनएससी, म्यूचुअल फंड, बैंक डिपॉजिट या दूसरे निवेश के कागजात भी गिरवी के तौर पर मांगते हैं।
होम लोन के लिए ब्याज दर के कितने प्रकार हैं ?
लोन के लिए ब्याज दर के लिए आप फिक्स्ड रेट होम लोन और फ्लोटिंग रेट होम लोन (floating rate home loan) के बीच चयन कर सकते हैं। फिक्स्ड रेट होम लोन पर पूरे लोन की अवधि के लिए आपकी ईएमआई बदलती नहीं है। यह लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि आगे चलकर ब्याज दरों के बढ़ने का संभावना हो सकती है। वहीं फ्लोटिंग रेट में बेस रेट के साथ फ्लोटिंग रेट के आधार पर आपके होम लोन की ब्याज दर तय की जाती है। ऐसे में बेस रेट के उतार-चढ़ाव का असर ईएमआई पर पड़ता है। यह तब लाभकारी होता है जब भविष्य में ब्याज दरें नीचे आने की उम्मीद हो।
कैसे तय करें कि आपको होम लोन किस कर्जदाता से लेना चाहिए ?
अगर आप भी होम लोन लेना चाहते हैं, तो बता दें कि बाजार में लोन के कई विकल्प मौजूद हैं। उन सभी विकल्पों पर एक बार विचार जरूर करें। लोन देने वाली संस्थान सरकारी है या निजी, इस बात पर भी आपको ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही, कौन सी संस्थान आपको कितने ब्याज पर लोन दे रही है और किन शर्तों पर दे रही है, इस बात का ध्यान रखना भी आवश्यक है।
समय पर ईएमआई का भुगतान करने के लिए क्या करना चाहिए ?
समय पर ईएमआई का भुगतान करने के लिए आपको बचत कर इमरजेंसी फंड के तौर पर अपने पास राशि रखनी चाहिए। आर्थिक संकट से जूझने में ये फंड आपकी मदद कर सकता है। अगर आपके जीवन में कुछ बुरा हो जाता है, जैसे अगर आपकी नौकरी छूट जाती है, या आप बीमार हो जाते हैं, तो ये फंड आपके काम आ सकता है। इससे आपकी लोन चुकाने की क्षमता प्रभावित नहीं होगी।
क्या ग्राहक समय से पहले होम लोन बंद कर सकते हैं ?
ग्राहक चाहें तो होम लोन की अवधि पूरी होने से पहले भी उसे बंद करवा सकते हैं। अगर ग्राहकों ने फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट का चयन किया है, तो उन्हें कोई चार्ज नहीं देना होगा। वहीं फिक्स्ड रेट में बैंक द्वारा ग्राहकों से चार्ज वसूला जाएगा।
लोन के लिए सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) की क्या भूमिका है ?
बैंक लोन देने से पहले आपका सिबिल स्कोर (CIBIL SCORE) चेक करते हैं। इससे आपकी वित्तीय क्षमता का अनुमान लगता है और आपको आसानी से लोन मिल जाता है। इसलिए आप लोन के लिए अप्लाई करने से पहले ही अपना सिबिल स्कोर ठीक कर लें। अगर ईएमआई चुकाने में देरी हो जाती है तो हमारा क्रेडिट स्कोर भी कम हो जाता है, जिसकी वजह से भविष्य में लोन मिलना मुश्किल हो जाता है।
सिबिल स्कोर के हिसाब से ब्याज दर कैसे तय होती है ?
क्रेडिट इंफोर्मेशन ब्यूरो ऑफ इंडिया (सिबिल) द्वारा दिए गए स्कोर के हिसाब से लोन की ईएमआई तय होती है। मान लीजिए आपने किसी बैंक में होम लोन के लिए अप्लाई किया हुआ है और बैंक की ब्याज दर 8.35 फीसदी है तो अगर आपका स्कोर 760 प्वाइंट्स से ऊपर है तो 8.35 फीसदी की ब्याज दर पर आपको होम लोन मिलेगा। 725 से 759 प्वाइंट्स होने पर 8.85 फीसदी और 724 से नीचे के प्वाइंट्स पर 9.35 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से लोन देना होगा। अगर आप पहली बार लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं या किसी प्रकार का कोई क्रेडिट स्कोर नहीं है, तो बैंक आपसे 8.फाइनेंस कितने प्रकार का होता है 85 फीसदी की दर से ब्याज चार्ज करेगा।
आप होम लोन की अवधि कैसे कम कर सकते हैं ?
पार्ट प्री पेमेंट के जरिए आप होम लोन की अवधि कम कर सकते हैं। नियमित किस्त के अलावा जब आप कोई रकम होम लोन खाते में जमा करते हैं, तो फाइनेंस कितने प्रकार का होता है यह पार्शियल पेमेंट कहलाता है। यह रकम आपके मूलधन की रकम को घटा देता है। ऐसे में आपकी किस्त की रकम में ब्याज का कंपोनेंट कम हो जाता है और आपके होम लोन की अवधि घट सकती है।
अमर उजाला का होम लोन कैलकुलेटर क्या है?
अमर उजाला का फाइनेंस कितने प्रकार का होता है होम लोन कैलकुलेटर एक ऑनलाइन टूल है, जियके माध्यम से ग्राहक ईएमआई को कैलकुलेट कर सकते हैं। यानी आप घर बैठे ही जान सकते हैं कि आपकी लोन की होम लोन ईएमआई कितनी होगी।
अमर उजाला होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल कैसे करें ?
अमर उजाला होम लोन कैलकुलेटर का इस्तेमाल करने के लिए आपको निम्नलिखित जानकारी डालनी होगी-
सबसे पहले आपको लोन की राशि डालनी होगी।
राशि के बाद आपको लोन की अवधि डालनी होगी।
अब आपको ब्याज दर डालनी होगी कि आपको कितने रेट पर लोन मिल रहा है।
यह जानकारी डालने के बाद आपको अमर उजाला होम लोन कैलकुलेटर के माध्यम से लोन से जुड़ी जानकारी प्राप्त हो जाएगी, जैसे मासिक ईएमआई, लोन चुकाने की कुल राशि, आदि
होम लोन अमोरटाइजेशन शेड्यूल क्या है?
होम लोन अमोरटाइजेशन शेड्यूल (Home loan Amortization Schedule) एक टेबल है, जिसमें ग्राहकों की सुविधा के लिए लोन से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध होती है, जैसे- मूल लोन राशि, लोन की अवधि, ब्याज दर और हर साल का भुगतान, लोन की बकाया राशि और जिस दिन लोन लिया उसकी तारीख आदि होती है।
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फाइनेंस क्या है? finance meaning, What is Finance in Hindi
फाइनेंस एक बहुत व्यापक शब्द है | Finance एक French शब्द है और इसे हिंदी में पूंजी कहा जाता है | Finance का संबंध पैसों (Money) से होता है | Finance एक आएसी अवधारना है जो हमें अपना पैसा कब कहाँ और कैसे लगाना है | ताकि हमे उसका अच्छा लाभ ययानि मुनाफा मिल सके |
फाइनेंस का मुख्य उद्देश्य किसी भी प्रकार के कार्यों को करने के लिए पैसों का प्रबंध करना होता है | इसे वितियन (Financeing) कहा जाता है |
वितीय ज्ञान क्यों जरूरी होता है? ( What is Finance in Hindi )
Table of Contents
अपने फाइनेंस कितने प्रकार का होता है फाइनेंस कितने प्रकार का होता है जीवन में उद्देश्यों को पूरा करने तथा उच्च लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रत्येक व्यक्ति के लिए फाइनेशियल शिक्षा (Financial Education) का ज्ञान होना बहुत ही जरूरी है | क्यूंकि बहुत से ऐसे लोग है जो बहुत अधिक मुनाफा करते है परंतु उन्हें फाइनेंस के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त नहीं होती जिनके कारण कहिन न कहिन वह पीछे रह जाते है और आगे के बारे में भीं सोच पाते |
फाइनेंस का ज्ञान रखने वाला व्यक्ति ही हमेशा कम ब्याज पर ऋण प्राप्त करना चाहता है और पाने Gnvestment से अधि लाभ की उम्मदी करते है | यह तभी संभव है अगर हमें Financial Education की जानकारी प्राप्त होगी | यह भी कहा जा सकता है की धन के प्रंबधन का ज्ञान ही फाइनेंस होता है |
फाइनेंस कितने प्रकार क होता है?
- व्यक्तिगत वित (Personal Finance)
- निगम वित (Corporate Finance)
- लोक वित (public Finance)
व्यक्तिगत वित क्या होता हैं?
किसी व्यक्ति का पाने निजी काम के लिए पैसों का प्रबंध करना ही व्यक्तिगत वित (Personal Finance) कहलाता है |
प्रत्येक व्यक्ति को यह पता होता है उसे अपना पैसा कैसे और किस तरह के काम में लगाना है फाइनेंस कितने प्रकार का होता है और पैसे के हिसाब से अपनी जरूरतों को पूरा करना है | इस प्रकार की प्रक्रिया को हो व्यक्तिगत वित (Personal Finance) कहा जाता है |
व्यक्तिगत फाइनेंस (Personal Finance) के फायदे
- आपके द्वारा की गई Invest पैसों (Money) की कीमत (Velue) को बढ़ा देती है |
- व्यक्तिगत फाइनेंस भविष्य में आपके लिए होने वाले खतरों को कम कर देता है |
- व्यक्तिगत फाइनेंस भविष्य के लिए अच्छा लाभदायक होता है |
निगम वित क्या होता है?
कॉर्पोरेट फाइनेंस पर्सनल फाइनेंस से बिलकुल अलग होता है | कॉर्पोरेट फाइनेंस में किसी कंपनी, समूह, इन्वेस्टमेंट और बचत की प्लानिंग और आजादी की बात की जाती है |
निगम वित (Corporate Finance) के फायदे
- निगम वित आर्धि व्यवस्था को सुधारने में सहायक होता है |
- यह व्यवसाय से संबंधित’ फैंसले लेने की क्षमता को बढ़ाता है |
लोक वित क्या होता है?
लोक वित यानि पब्लिक फाइनेंस का अर्थ सार्वजनिक फाइनेंस होता है | पब्लिक फाइनेंस को हिंदी में लोक वित भी कहा जाता है | यह फाइनेंस सरकार से संबंधित या सरकार के लिए होता है | पब्लिक फाइनेंस का अर्थ सार्वजनिक क्षेत्र के फाइनेंस से होता है | सार्वजनिक क्षेत्र के वितीय लेन देन का हिसाब सरकार रखती है |
Classification of Finance
आज के समय में Flipkart, Amazon, Muntra कई तरह की वेबसाइट है जहाँ से कई प्रकार का समान खरीदा जाता है और फाइनेंस कंपनी फाइनेंस करती है | इसमें से एक है ZestMoney.
यदि आप यहाँ फाइनेंस कितने प्रकार का होता है से कोई भी समान लेते तो और इनका लोन अमाउंट 3 से 6 महीने में वापिस कर देते है | तो यह कंपनी Zero Percent (0%) pyaj प्याज दर पर फाइनेंस करता है यदि आप लोन चुकाने में अधिक समय लेते है तो आपको ब्याज भी अधिक देना पड़ेगा फाइनेंस कितने प्रकार का होता है |
इसी तरह समय के आधार पर फाइनेंस का क्लाससिफिकेशन किया गया है |
Finance Market को दो, भागों में बांटा गया है |
- Money Market
- Capital Market
कैपिटल मार्केट में 1 साल के लिए लोन दिया जाता है | जिसमें प्रत्येक व्यक्ति अपनी पैसों की जरूरतों को पूरा कर सकता है | Home Loan, ऑटो लोन कैपिटल मार्केट में ही आते है |
कैपिटल मार्केट को दो भागों में बांटा गया है |
- Primary Market
- Secondary Market
Primary Market
इस व्यवस्था में नाइ प्रकार की सुरक्षाओं को शामिल किया जाता है जिस्म Debt और Equity दोनों आते है |
Secondary Market
Secondary Market में पुरानी सुरक्षाओं को शामिल किया जाता है Debt बोर्ड पब्लिक रिपोर्ट Issue किया जाता है इस पुरानी व्यवस्था को खरीदा और बेचा जाता है |
अल्पकालीन वित
कम समय के लिए गये हुये ऋण को अल्पकालीन वित कहते है |
मध्यकालीन वित
जिस ऋण यानि लोन का समय 15 महीने से लेकर 5 वर्ष तक हा होता है उसका मुख्य उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग या प्रॉपर्टी के लिए होता है |
दीर्घकालीन वित
5 साल से अधिक समय के लिए जाने वाले लों को दीर्घकालीन वित कहते है | इस लोन का मुख्य उद्देश्य परिसंपत्तियों का निर्माण करने के लिए होता है |
Finance कंपनी क्या है?
Finance का संबध पैसों के प्रंबधन से होता है | कम ब्याज पर लोन प्राप्त करना या अन्य फाइनेंस से संबंधित के करना ही फाइनेंस कंपनी का काम होता है | किसी भी व्यक्ति, कंपनी या सर्कार के लिए निवेश करने का कार्य फाइनेंस कंपनी ही करती है |
भारत की टॉप फाइनेंस कंपनी कौन कौन सी है?
भारत की टॉप फाइनेंस कंपनीयों के नाम इस प्रकर से है |
- HDFC
- Bajaj Finance
- Muthoot Finance
- LIC Housing Finance
- HDB Finance Services
- Sundaram Finance फाइनेंस कितने प्रकार का होता है
- Kotak Mahindra Prime Limited
- Aditya Birla Finance
- Shriram City Union Finance Limited
- Indian Railway Finance Corporation Limited
Finance के फायदे क्या है?
- फाइनेंस कंपनी में निवेश करके काफी लाभ प्राप्त किया जा सकता है |
- इसके अलावा पर्सनल फाइनेंस, कॉर्पोरेट फाइनेंस या पब्लिक फाइनेंस से भी बिवेश किया जा सकता है |
- फाइनेंस की मदद अपने फ्यूचर के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है |
निष्कर्ष
तो दोस्तों अव आप अच्छे से जान गए होंगे की फाइनेंस क्या है? finance meaning, What is Finance in Hindi और फाइनेंस कितने प्रकार का होता है और इसके फायदे क्या होते है और भारत की टॉप फाइनेंस कंपनीयों कौन कौन सी है |
मैं उम्मदी करना हूँ दोस्तों की मेरे द्वारा बताई गई जानकारी फाइनेंस क्या है? What is Finance आपको अच्छी तरह से समझ आ गई होगी | दोस्तों यदि आपको मेरे द्वारा बताई गई जानकरी में कुछ समझ न आया हो तो आप हमे कमेंट में पूछ सकते है |
Finance Kya Hai? What is Finance in Hindi 2022 जानिए Finance के कितने प्रकार हैं Useful Information
Finance एक ऐसा शब्द है जिसके पीछे दुनिया का हर कोई लगा है। Finance शब्द एक न एक बार सभी ने सुना होता है। लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब Finance का मतलब जानना होता है। Finance Kya Hai इसके बारे में जानने के लिए आपको कई तरीके मिल जायेंगे।
परंतु वे कितने असरदार होंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए जब बात Finance की हो तो आपको Serious होकर ऐसे Platform का Selection करना चाहिए जो भरोसेमंद हो। इसके लिए आप Technoyukti पर भरोसा कर सकते हैं।
स्वागत है आपका Technoyukti के एक और हिन्दी ब्लॉग में। आज हम आपको बताएंगे कि Finance Kya Hai, Finance के कितने प्रकार होते हैं आदि। दोस्तों आज के समय में Finance का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसे देखते हुए आप के समक्ष इस लेख की प्रस्तुति कर रहा हूं।
Table of Contents
Finance Kya Hai (What is Finance in Hindi)
Finance एक बहुत ही Broad Topic है जिसे हम एक बार में Cover नहीं फाइनेंस कितने प्रकार का होता है कर सकते हैं। फिर भी हम आपको उस स्तर तक जानकारी प्रदान करेंगे जिससे आपको पूरी जानकारी प्राप्त हो जायेगी।
दोस्तों फाइनेंस एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता के बिना व्यक्ति, बिजनेस अथवा सरकारी दफ्तर सबका ठप्प होना निश्चित है। किसी भी व्यापार को करने के लिए Finance एक अग्रणी भूमिका निभाता है। इस समय धन सभी की आवश्यकता बन गया है।
अगर देखा जाए तो किसी को भी Personal Growth के लिए फाइनेंस की आवश्यकता होती है। तभी वह अपने साथ साथ अपने परिवार की देख रेख सही से कर पाता है। आगे हम पढ़ेंगे कि व्यक्ति अपनी कमाई और खर्चों में कैसे तालमेल बैठाए।
बात करें वित्तीय क्षेत्र की तो यह आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक सभी को प्रभावित करता है। क्योंकि Finance और Money परस्पर एक दूसरे के सहयोगी होते हैं तथा विनिमय का कार्य भी करते हैं, और हमें पता है किसी भी संस्था के संचालन के लिए Capital की आवश्यकता होती है जोकि Finance के बिना संभव नहीं है।
इन्ही Finance की कठिनाइयों को दूर करने के लिए भारत में कई Finance Companies कार्यरत हैं। जो किसी के वित्तीय समस्याओं को दूर करने का काम कर रही हैं। इससे लोगों की जरूरतें तो पूरी हो रही हैं साथ ही Finance Company भी अच्छा मुनाफा कमा रही है।
Finance का हिन्दी अर्थ क्या है (Finance Meaning in Hindi)
Finance एक Term है जिसकी सहायता से व्यक्ति, बिजनेस तथा प्रशासनिक रूप से कार्य करने वाले लोगों को अपने खर्चों और कमाई को सुचारू रूप से व्यवस्थित करने में तथा शिक्षा पर खर्च व Investements से संबंधित जानकारी प्राप्त होती है।
अगर सरलतम रूप में इसे सूखे तो फाइनेंस का हिन्दी अर्थ होता है वित्त। जिसका प्रयोग Capital या Fund के प्रबंधन के लिए किया जाता है। इस प्रकार के प्रबंधन के लिए आज कल अनेकों फाइनेंस कितने प्रकार का होता है संस्थाएं खुल गई हैं जिनकी सहायता से Capital और Fund की समस्या को विनिमय करके Solve किया जा सकता है।
Finance कितने प्रकार के होते हैं (Types of Finance in Hindi)
Finance को मुख्यातः 3 भागों में विभाजित किया गया है जिनकी चर्चा हम आगे करेंगे। उससे पहले आपको बता दें कि जितने भी तरह के फाइनेंस होते हैं उनका कार्य तो लगभग एक जैसा होता है जैसे. पैसा लोन पर देना, व्यापार के लिए कैपिटल की व्यवस्था आदि। तो चलिए जानते हैं कि फाइनेंस के तीन प्रकार कौन कौन से हैं।
1. Personal Finance Kya Hai (What is Personal Finance in Hindi)
यह एक प्रकार का निजी वित्त या व्यक्तिगत वित्त होता है। जोकि किसी परिवार के मुखिया की आमदनी पर निर्भर करता है। अतः फाइनेंस की मदद से वह व्यक्ति अपने पैसे को कैसे खर्च करें कहां निवेश करें तथा शिक्षा के प्रबंधन के लिए आदि।
2. Corporate Finance Kya Hai (What is Corporate Finance in Hindi)
जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है। यह Corporate Sector में कार्य करने वाली संस्थाओं के लिए होता है। इसमें Company के निवेश, बचत व Share Distribution से संबंधित जानकारी होती है।
3. Public Finance Kya Hai (What is Public Finance in Hindi)
इसे हिन्दी में लोक वित्त कहते हैं। इस प्रकार के फाइनेंस का संबंध सरकार द्वारा की जाने वाली गतिविधियों से होता है। इस प्रकार के फाइनेंस से सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में किए गए आय व व्यय के संबंध में आकलन होता है।
इसमें केंद्र तथा राज्य सरकार तथा प्रशासनिक व सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए खर्चे का लेखा जोखा का विस्तृत अध्ययन किया जाता है।
Finance के फायदे क्या है (Advantages of Finance in Hindi)
किसी संस्था को चलाने के लिए हम मौजूदा फाइनेंस कंपनियों से आग्रह कर सकते हैं की वे हमारे बिजनेस में इन्वेस्टमेंट करें। अगर फाइनेंस कंपनी इन्वेस्ट करती है तो वह आपसे से एक निश्चित दर पर ब्याज वसूल करती है।
इससे कंपनी को भी फायदा होता है और आपकी संस्था को Investment भी मिल जाता है। व्यक्तिगत लोन के लिए भी फाइनेंस कंपनी अनेकों ऑफर देती रहती हैं। Fund Raising के लिए भी फाइनेंस मददगार है।
इसे भी पढ़ें-
Conclusion
आज के लेख में मैंने आपको Finance Kya Hai (What is Finance in Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान की है। इस लेख का निष्कर्ष यही है कि आप जब भी कहीं से Loan लेने फाइनेंस कितने प्रकार का होता है जाए तो वहां की नियम तथा शर्तें जरूर पढ़ें। और कोशिश करें कि कम से कम ब्याज दर पर आपको Loan मिले।
इस समय देखा जाए तो बहुत सी Finance Companies हैं जो यह कार्य कर रही हैं। आपको फंड की आवश्यकता हो तो सबसे पहले आपको कंपनी के इतिहास और भविष्य को देखना है और सबसे Important है आप उस Finance Company की Performance देखें।
आशा करते हैं यह जानकारी Finance Kya Hai आपके लिए Helpful साबित हुई होगी। अगर इस लेख से आपको थोड़ी सी भी जानकारी मिली हो तो कृपया Comment करके हमारा मनोबल जरूर बढ़ाएं।
ऐसी ही महत्त्वपूर्ण जानकारी भविष्य में पाने के लिए हमारे ब्लॉग Technoyukti को Subscribe करें तथा अपने दोस्तों के साथ Share जरूर करें।
लेख पढ़ने के लिए हृदय की गहराईयों से आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
Finance Kya Hai? What is Finance in Hindi 2022 जानिए Finance के कितने प्रकार हैं Useful Information
Finance एक ऐसा शब्द है जिसके पीछे दुनिया का हर कोई लगा है। Finance शब्द एक न एक बार सभी ने सुना होता है। लेकिन समस्या तब उत्पन्न होती है जब Finance का मतलब जानना होता है। Finance Kya Hai इसके बारे में जानने के लिए आपको कई तरीके मिल जायेंगे।
परंतु वे कितने असरदार होंगे इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए जब बात Finance की हो तो आपको Serious होकर ऐसे Platform का Selection करना चाहिए जो भरोसेमंद हो। इसके लिए आप Technoyukti पर भरोसा कर सकते हैं।
स्वागत है आपका Technoyukti के एक और हिन्दी ब्लॉग में। आज हम आपको बताएंगे कि Finance Kya Hai, Finance के कितने प्रकार होते हैं आदि। दोस्तों आज के समय में Finance का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इसे देखते हुए आप के समक्ष इस लेख की प्रस्तुति कर रहा हूं।
Table of Contents
Finance Kya Hai (What is Finance in Hindi)
Finance एक बहुत ही Broad Topic है जिसे हम एक बार में Cover नहीं कर सकते हैं। फिर भी हम आपको उस स्तर तक जानकारी प्रदान करेंगे जिससे आपको पूरी जानकारी प्राप्त हो जायेगी।
दोस्तों फाइनेंस एक ऐसी युक्ति है जिसकी सहायता के बिना व्यक्ति, बिजनेस अथवा सरकारी दफ्तर सबका ठप्प होना निश्चित है। किसी भी व्यापार को करने के लिए Finance एक अग्रणी भूमिका निभाता है। इस समय धन सभी की आवश्यकता बन गया है।
अगर देखा जाए तो किसी को भी Personal Growth के लिए फाइनेंस की आवश्यकता होती है। तभी वह अपने साथ साथ अपने परिवार की देख रेख सही से कर पाता है। आगे हम पढ़ेंगे कि व्यक्ति अपनी कमाई और खर्चों में कैसे तालमेल बैठाए।
बात करें वित्तीय क्षेत्र की तो यह आर्थिक, सामाजिक तथा राजनीतिक सभी को प्रभावित करता है। क्योंकि Finance और Money परस्पर एक दूसरे के सहयोगी होते हैं तथा विनिमय का कार्य भी करते हैं, और हमें पता है किसी भी संस्था के संचालन के लिए Capital की आवश्यकता होती है जोकि Finance के बिना संभव नहीं है।
इन्ही Finance की कठिनाइयों को दूर करने के लिए भारत में कई Finance Companies कार्यरत हैं। जो किसी के वित्तीय समस्याओं को दूर करने का काम कर रही हैं। इससे लोगों की जरूरतें तो पूरी हो रही हैं साथ ही Finance Company भी अच्छा मुनाफा कमा रही है।
Finance का हिन्दी अर्थ क्या है (Finance Meaning in Hindi)
Finance एक Term है जिसकी सहायता से व्यक्ति, बिजनेस तथा प्रशासनिक रूप से कार्य करने वाले लोगों को अपने खर्चों और कमाई को सुचारू रूप से व्यवस्थित करने में तथा शिक्षा पर खर्च व Investements से संबंधित जानकारी प्राप्त होती है।
अगर सरलतम रूप में इसे सूखे तो फाइनेंस का हिन्दी अर्थ होता है वित्त। जिसका प्रयोग Capital या Fund के प्रबंधन के लिए किया जाता है। इस प्रकार के प्रबंधन के लिए आज कल अनेकों संस्थाएं खुल गई हैं जिनकी सहायता से Capital और Fund की समस्या को विनिमय करके Solve किया जा सकता है।
Finance कितने प्रकार के होते हैं (Types of Finance in Hindi)
Finance को मुख्यातः 3 भागों में विभाजित किया गया है जिनकी चर्चा हम आगे करेंगे। उससे पहले आपको बता दें कि जितने भी तरह के फाइनेंस होते हैं उनका कार्य तो लगभग एक जैसा होता है जैसे. पैसा लोन पर देना, व्यापार के लिए कैपिटल की व्यवस्था आदि। तो चलिए जानते हैं कि फाइनेंस के तीन प्रकार कौन कौन से हैं।
1. Personal Finance Kya Hai (What is Personal Finance in Hindi)
यह एक प्रकार का निजी वित्त या व्यक्तिगत वित्त होता है। जोकि किसी परिवार के मुखिया की आमदनी पर निर्भर करता है। अतः फाइनेंस की मदद से वह व्यक्ति अपने पैसे को कैसे खर्च करें कहां निवेश करें तथा शिक्षा के प्रबंधन के लिए आदि।
2. Corporate Finance Kya Hai (What is Corporate Finance in Hindi)
जैसा कि इसके नाम से पता चल रहा है। यह Corporate Sector में कार्य करने वाली संस्थाओं के लिए होता है। इसमें Company के निवेश, बचत व Share Distribution से संबंधित जानकारी होती है।
3. Public Finance Kya Hai (What is Public Finance in Hindi)
इसे हिन्दी में लोक वित्त कहते हैं। इस प्रकार के फाइनेंस का संबंध सरकार द्वारा की जाने वाली गतिविधियों से होता है। इस प्रकार के फाइनेंस से सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में किए गए आय व व्यय के संबंध में आकलन होता है।
इसमें केंद्र तथा राज्य सरकार तथा प्रशासनिक व सरकारी कर्मचारियों द्वारा किए गए खर्चे का लेखा जोखा का विस्तृत अध्ययन किया जाता है।
Finance के फायदे क्या है (Advantages of Finance in Hindi)
किसी संस्था को चलाने के लिए हम मौजूदा फाइनेंस कंपनियों से आग्रह कर सकते हैं की वे हमारे बिजनेस में इन्वेस्टमेंट करें। अगर फाइनेंस कंपनी इन्वेस्ट करती है तो वह आपसे से एक निश्चित दर पर ब्याज वसूल करती है।
इससे कंपनी को भी फायदा होता है और आपकी संस्था को Investment भी मिल जाता है। व्यक्तिगत लोन के लिए भी फाइनेंस कंपनी अनेकों ऑफर देती रहती हैं। Fund Raising के लिए भी फाइनेंस मददगार है।
इसे भी पढ़ें-
Conclusion
आज के लेख में मैंने आपको Finance Kya Hai (What is Finance in Hindi) के बारे में जानकारी प्रदान की है। इस लेख का निष्कर्ष यही है कि आप जब भी कहीं से Loan लेने जाए तो वहां की नियम तथा शर्तें जरूर पढ़ें। और कोशिश करें कि कम से कम ब्याज दर पर आपको Loan मिले।
इस समय देखा जाए तो बहुत सी Finance Companies हैं जो यह कार्य कर रही हैं। आपको फंड की आवश्यकता हो तो सबसे पहले आपको कंपनी के इतिहास और भविष्य को देखना है और सबसे Important है आप उस Finance Company की Performance देखें।
आशा करते हैं यह जानकारी Finance Kya Hai आपके लिए Helpful साबित हुई होगी। अगर इस लेख से आपको थोड़ी सी भी जानकारी मिली हो तो कृपया Comment करके हमारा मनोबल जरूर बढ़ाएं।
ऐसी ही महत्त्वपूर्ण जानकारी भविष्य में पाने के लिए हमारे ब्लॉग Technoyukti को Subscribe करें तथा अपने दोस्तों के साथ Share जरूर करें।
लेख पढ़ने के लिए हृदय की गहराईयों से आपका बहुत बहुत धन्यवाद।