बैंक पूंजी

यूको बैंक अंचल कार्यालय बेगूसराय द्वारा ग्राहक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न शाखाओं के सम्मानित ग्राहकों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी के दौरान उप महाप्रबंधक एवं अंचल प्रमुख बीके बी गोहाईं ने ग्राहकों को संबोधित किया और बैंक के ऋण ब्याज में हुई कटौती के विषय में जानकारी दी तथा बैंक के विभिन्न एमएसएमई एवं रिटेल उत्पादो के विषय में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान ग्राहको से सेवा को सुधारने के लिए सुझाव प्राप्त किए। संगोष्ठी के दौरान अंचल प्रमुख ने सभी ग्राहको को उत्तम ग्राहक सेवा प्रदान करने एवं ग्राहको की सभी व्यवसायिक एवं निजी आर्थिक जरूरतों को पूरा करने का आश्वासन दिया तथा एटीएम, डिजिटल लेन देन को बढ़ाबा देने के लिए प्रोत्साहित किया। संगोष्ठी मे उप अंचल प्रमुख किशोरी राम, मुख्य प्रबंधक अंकुर शर्मा, एच. ई. हाशमी एवं अंचल कार्यालय मे कार्यरत अन्य कार्यपालक बैंक पूंजी भी मौजूद थे।
पूंजी निर्माण में बैंक उधार की भूमिका | Role of Bank Credit in Capital Formation | Hindi | Economics
पूंजी निर्माण में बैंक उधार की भूमिका | Read this article in Hindi to learn about the role of bank credit in capital formation.
पूंजी का सृजन मात्र लाभों के तारा ही नहीं होता इसे मुद्रा की पूर्ति में एक शुद्ध वृद्धि विशेषत: बैंक साख के द्वारा सृजित किया जा सकता है । एक अर्द्धविकसित देश में जहाँ व्यर्थ पड़े साधनों की प्रचुर मात्रा एवं पूंजी की कमी होती है, साख का सृजन पूँजी निर्माण पर लाभ प्रदान करने का समान प्रभाव उत्पन्न करता है । इसके परिणामस्वरूप उत्पादन बैंक पूंजी एवं रोजगार में वृद्धि होती है ।
साख सृजन के द्वारा होने वाला पूँजी निर्माण कीमतों में कुछ समय तक वृद्धि करने की प्रवृति रखता है । इसका कारण यह है कि देश में व्यक्तियों के पास क्रय शक्ति तो तुरन्त बढ़ जाती है लेकिन उत्पादन में कुछ समय अन्तराल के उपरान्त वृद्धि होती है । कीमतों में होने वाली इस वृद्धि की प्रवृति अस्थायी होती है ।
‘बफर’ पूंजी व्यवस्था के उपयोग की फिलहाल जरूरत नहीं: रिजर्व बैंक
नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को कहा कि उसने मौजूदा समय में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिये बनायी गयी पूंजी व्यवस्था यानी प्रति चक्रीय ‘बफर’ पूंजी (काउंटर साइक्लिकल कैपिटल बफर) का मौजूदा समय में उपयोग नहीं करने का निर्णय किया है क्योंकि इसकी अभी जरूरत नहीं है।
प्रति चक्रीय बफर पूंजी, वह कोष है जो एक बैंक व्यापार चक्र संबंधित जोखिम से निपटने के लिये रखता है। इसका उद्देश्य आर्थिक बैंक पूंजी स्थिति में बदलाव से होने वाले नुकसान से बैंक क्षेत्र को संरक्षित करना है।
रिजर्व बैंक ने प्रति चक्रीय बफर पूंजी पर रूपरेखा को दिशानिर्देश के रूप में फरवरी 2015 में बैंक पूंजी जारी किया था। इसमें सलाह दी गयी थी कि जरूरत पड़ने पर इस पूंजी व्यवस्था का उपयोग किया जा सकता है और निर्णय की घोषणा सामान्य रूप से पहले की जाएगी।
आठ सरकारी बैंक मार्च तक बाजार से जुटाएंगे पूंजी
नयी दिल्ली : सरकार के 2.11 लाख करोड़ रुपये के पुनर्पूंजीकरण योजना के हिस्से के रुप में सार्वजनिक क्षेत्र के आठ बैंकों (पीएसयू) ने चार महीने के भीतर बाजार से पूंजी जुटाने का फैसला किया है. आधिकारिक सूत्रों ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कुछ बैंकों को वित्त मंत्रालय से निजी नियोजन या राइट इश्यू के माध्यम से पूंजी जुटाने की मंजूरी मिल गयी है जबकि अन्य बैंक मंजूरी लेने की प्रक्रिया में है.
सूत्रों ने कहा कि अधिकांश बैंक पूंजी जुटाने के लिए योग्य संस्थागत नियोजन मार्ग को पसंद कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पहला बैंक होगा जो बाजार में पांच हजार करोड़ रुपये जुटाएगा. बैंक ऑफ बडौदा, बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक, इलाहाबाद बैंक और आंध्र बैंक भी शेयर बिक्री के लिए तैयार हैं. फंसे कर्ज या अधिक एनपीए की समस्या के जूझ रहे बैंकों को मजबूत बनाने के लिए वित्त मंत्री अरण जेटली ने अक्तूबर महीने में बैंक में दो साल में 2.11 लाख करोड़ रुपये डाले जाने की घोषणा की थी. एनपीए (गैर-निष्पादित संपत्ति) मार्च 2015 में 2.75 लाख करोड़ से बढ़कर जून 2017 में 7.33 लाख करोड रुपये हो गया था. सरकार की योजना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 52 प्रतिशत पर लाने की है.
बैंक ऑफ इंडिया रिश्तों की जमा-पूंजी के सिद्धांतों को ही मानता है : मुख्य प्रबंधक
बैंक ऑफ इंडिया के बेगूसराय कार्यालय तथा भागलपुर अंचल द्वारा बुधवार को ग्राहक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में बेगूसराय तथा खगड़िया के ग्राहकों ने अपनी समस्याओं को अधिकारियों के सामने रखा। अधिकारियों ने बैंक ऑफ इंडिया के विभिन्न योजनाओं से ग्राहकों को अवगत भी कराया। ग्राहक सम्मेलन की अध्यक्षता मुख्य प्रबंधक जी एमएस चौहान तथा मुख्य प्रबंधक मोहम्मद आलम द्वारा किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को उत्पादों के बारे में जागरूक करना था। इस सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य प्रबंधक जी एमएस चौहान द्वारा किया गया जबकि सभी ग्राहकों का स्वागत मो आलम द्वारा किया गया। इस सम्मेलन में बेगूसराय शाखा में शाखा प्रबंधक सिंटू कुमार, क्षेत्रीय कार्यालय बेगूसराय के वरिष्ठ प्रबंधक देवशरण, प्रबंधक घनश्याम मिश्रा, बीटीपीएस शाखा प्रबंधक प्रहलाद पंडित तथा बेगूसराय खगड़िया जिला के बैंक ऑफ इंडिया के सभी प्रबंधक उपस्थित थे। मुख्य प्रबंधक जीएस चौहान ने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया हमेशा रिलेशनशिप बियोंड बैंकिंग तथा रिश्तो की जमा पूंजी के सिद्धांतों को मानता रहा है।
डेविड मालपास
पांच अप्रैल, 2019 को वर्ल्ड बैंक के कार्यकारी निदेशक मंडल ने डेविड मालपास को वर्ल्ड बैंक समूह का 13वां अध्यक्ष चुना था। इसके बाद नौ अप्रैल, 2019 से उन्होंने पांच साल का अपना कार्यकाल शुरू किया। मालपास इससे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन में वित्त विभाग में अंतरराष्ट्रीय मामलों के उप मंत्री थे।
उपमंत्री के तौर पर मालपास ने अंतर्राष्ट्रीय बैठकों, जी -7 और जी -20 उप वित्त मंत्री स्तरीय, विश्व बैंक-आईएमएफ़ स्प्रिंग और वार्षिक बैठकें, और वित्तीय स्थिरता बोर्ड, आर्थिक सहयोग और विकास सगंठन और ओवरसीज़ प्राइवेट इंवेस्टमेंट कॉरपोरेशन की बैठकों में अमेरिका का प्रतिनिधित्व किया है। 2018 में, मालपास ने आईबीआरडी और आईएफसी के लिए पूंजी वृद्धि के लिए एक बड़े सुधार एजेंडे के हिस्से के रूप में सतत ऋण व्यवस्था और पूंजी के कुशल उपयोग और ग़रीब देशों में जीवन स्तर में सुधार पर ध्यान केंद्रित करने की वकालत की थी।