किस समय सीमा का उपयोग करें

कंप्यूटर ऑपरेटर कैसे बने? | शैक्षिक योग्यता, कोर्स, आयु सीमा व सैलरी | Computer operator kaise bane
Computer operator kaise bane: – जब से इंटरनेट का दौर आया है तब से हमें प्रतिदिन ही नयी नयी चीजे देखने को मिलती है। अब इंटरनेट आया तो उसे चलाने के लिए किसी सिस्टम की जरुरत होती है तो उस सिस्टम में प्रमुख है कंप्यूटर। मोबाइल तो केवल (Computer operator kaise bante hain) व्यक्तिगत सुविधाओं के लिए होता है लेकिन यदि ऑनलाइन काम की बात आये तो उसमे कंप्यूटर या लैपटॉप इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि दुनिया में करोड़ो कंप्यूटर बन चुके हैं और लगातार बन भी रहे हैं।
अब इतने ज्यादा कंप्यूटर है तो उन्हें ऑपरेट अर्थात हैंडल करने के लिए भी तो कोई व्यक्ति चाहिए होगा। तो ऐसे व्यक्ति को कंप्यूटर ऑपरेटर कहा जाता है जो कंप्यूटर को संभालने या ऑपरेट करने का (Computer operator kaise ban sakte hain) काम करता है। अब आप कंप्यूटर ऑपरेटर को सॉफ्टवेर इंजिनियर समझने की भूल ना करे और ना ही उसके जैसी कोई फील्ड माने। दरअसल बहुत से लोग सॉफ्टवेर इंजिनियर को कंप्यूटर ऑपरेटर समझ लेते हैं और अपने घर दुकान के कंप्यूटर में कोई दिक्कत आने पर उसे ठीक करने को कहते हैं।
ऐसे में वह सॉफ्टवेर इंजिनियर जब यह बोलता है कि उसे यह काम नही करना आता है तो उसके रिश्तेदार, परिवार वाले या मित्र बोल देते हैं कि (Computer operator kaise kiya jata hai) तुम पढ़ क्या रहे हो फिर। अब सॉफ्टवेर इंजिनियर का यह काम ही नही होता है, वह तो कोडिंग की भाषाओँ में काम करता है जिसका कंप्यूटर को ऑपरेट करने से कोई सबंध नही होता है। इसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बतायेंगे भी।
तो अब यदि आपको कंप्यूटर ऑपरेटर के बारे में और उसके काम के बारे में थोड़ा बहुत आईडिया हो चुका है और आप इसके बारे में विस्तार से जानने को इच्छुक हैं तो इस लेख के माध्यम से (Computer operator kaise karte hain) हम आपके साथ इसी विषय पर ही चर्चा करने वाले हैं। उक्त लेख को पढ़कर आप यह जान पाएंगे कि किस प्रक्रिया के माध्यम से आप भी कंप्यूटर ऑपरेटर बन सकते हैं।
कंप्यूटर ऑपरेटर कैसे बने? | शैक्षिक योग्यता, कोर्स, आयु सीमा व सैलरी | Computer operator kaise bane
Computer operator kaise bane: – जब से इंटरनेट का दौर आया है तब से हमें प्रतिदिन ही नयी नयी चीजे देखने को मिलती है। अब इंटरनेट आया तो उसे चलाने के लिए किसी सिस्टम की जरुरत होती है तो उस सिस्टम में प्रमुख है कंप्यूटर। मोबाइल तो केवल (Computer operator kaise bante hain) व्यक्तिगत सुविधाओं के लिए होता है लेकिन यदि ऑनलाइन काम की बात आये तो उसमे कंप्यूटर या लैपटॉप इस्तेमाल किया जाता है। यही कारण है कि दुनिया में करोड़ो कंप्यूटर बन चुके हैं और लगातार बन भी रहे हैं।
अब इतने ज्यादा कंप्यूटर है तो उन्हें ऑपरेट अर्थात हैंडल करने के लिए भी तो कोई व्यक्ति चाहिए होगा। तो ऐसे व्यक्ति को कंप्यूटर ऑपरेटर कहा जाता है जो कंप्यूटर किस समय सीमा का उपयोग करें को संभालने या ऑपरेट करने का (Computer operator kaise ban sakte hain) काम करता है। अब आप कंप्यूटर ऑपरेटर को सॉफ्टवेर इंजिनियर समझने की भूल ना करे और ना ही उसके जैसी कोई फील्ड माने। दरअसल बहुत से लोग सॉफ्टवेर इंजिनियर को कंप्यूटर ऑपरेटर समझ लेते हैं और अपने घर दुकान के कंप्यूटर में कोई दिक्कत आने पर उसे ठीक करने को कहते हैं।
ऐसे में वह सॉफ्टवेर इंजिनियर जब यह बोलता है कि उसे यह काम नही करना आता है तो उसके रिश्तेदार, परिवार वाले या मित्र बोल देते हैं कि (Computer operator kaise kiya jata hai) तुम पढ़ क्या रहे हो फिर। अब सॉफ्टवेर इंजिनियर का यह काम ही नही होता है, वह तो कोडिंग की भाषाओँ में काम करता है जिसका कंप्यूटर को ऑपरेट करने से कोई सबंध नही होता है। इसके बारे में हम आपको नीचे विस्तार से बतायेंगे भी।
तो अब यदि आपको कंप्यूटर ऑपरेटर के बारे में और उसके काम के बारे में थोड़ा बहुत आईडिया हो चुका है और आप इसके बारे में विस्तार से जानने को इच्छुक हैं तो इस लेख के माध्यम से (Computer operator kaise karte hain) हम आपके साथ इसी विषय पर ही चर्चा करने वाले हैं। उक्त लेख को पढ़कर आप यह जान पाएंगे कि किस प्रक्रिया के माध्यम से आप भी कंप्यूटर ऑपरेटर बन सकते हैं।
Road Safety Campaign 2022: ब्लैक स्पाट खत्म करना प्राथमिकता, केंद्र के फंड का नहीं हो रहा सही उपयोग
ब्लैक स्पाट खत्म करना हमारी पहली प्राथमिकता है। यह बात सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद और भाजपा नेता सुनील सोनी ने नईदुनिया से विशेष चर्चा में कही। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी ब्लैक स्पाट से लेकर अन्य मुद्दे बार-बार उठते हैं।
रायपुर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। Road Safety Campaign Raipur: छत्तीसगढ़ में सड़कों की स्थिति और सुगम यातायात के लिए केंद्र की योजनाओं का राज्य में बेहतर पालन नहीं हो रहा है। इसकी बड़ी वजह है कि केंद्र सरकार की ओर से फंड मिलने के बाद भी राज्य के भीतर इसका बेहतर क्रियान्वयन नहीं होना। इस तालमेल की कमी की वजह से यहां सड़कों की स्थिति खराब है। सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में भी ब्लैक स्पाट से लेकर अन्य मुद्दे बार-बार उठते हैं। इसके बाद भी स्थानीय प्रशासन इन खामियों को दूर नहीं कर पा रहा है।
ब्लैक स्पाट खत्म करना हमारी पहली प्राथमिकता है। यह बात रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद और भाजपा नेता सुनील सोनी ने नईदुनिया से विशेष चर्चा में कही। सड़क सुरक्षा अभियान के अंतर्गत साक्षात्कार के दौरान सीधी बातचीत में उन्होंने सवालों के जवाब दिए और कहा कि केंद्र की योजनाओं का यदि राज्य में सही ढंग से पालन किया जाए तो आने वाले दिनों में दुर्घटनाओं के साथ मौतों के आंकड़े कम हो सकते हैं। सांसद ने बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र में सड़क-परिवहन को लेकर 500 करोड़ से अधिक के विकास कार्य जारी हैं। उनसे हुई बातचीत के अंश यहां प्रस्तुत हैं।
नईदुनिया के सवाल, सांसद के जवाब
सवाल- क्या राज्य में सड़कें बेहतर स्थिति में हैं ?
जवाब- राज्य के भीतर सड़कों की स्थिति खराब है। राज्य सरकार ने सड़कों की मरम्मत के लिए लोन ले रखा है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश में आने वाले दिनों में नई सड़कें कितनी बनेंगी। सड़कों की दुर्दशा की वजह से दुर्घटनाएं भी बढ़ रही हैं।
सवाल- सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए आपने क्या किया? आपके लोकसभा क्षेत्र में सड़कों की क्या स्थिति है?
जवाब- मेरे लोकसभा क्षेत्र में 500 करोड़ से अधिक का कार्य जारी है। टाटीबंध ओवरब्रिज का निर्माण हो रहा है। 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बन रहे इस ओवरब्रिज के पूरे होने पर रायपुर-दुर्ग-भिलाई के लाखों लोगों को आवाजाही में बड़ी मदद मिलेगी। इसकी मांग पिछले कई वर्षों से हो रही थी। साथ ही केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने छत्तीसगढ़ में सड़कों के लिए 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात दी है। जरूरी है कि राज्य सरकार भी सड़कों की स्थिति सुधारने के लिए इच्छाशक्ति दिखाएं। इसके साथ ही सिलियारी, मंदिर हसौद का ओवरब्रिज भी अगले वर्ष बनकर तैयार हो जाएगा। रायपुर से बलौदाबाजार तक सड़कों का चौड़ीकरण भी हो जाएगा। कचना स्थित ओवरब्रिज का काम भी शुरू हो जाएगा।
सवाल- टाटीबंध फ्लाईओवर के निर्माण में लेटलतीफी की वजह से रायपुर-दुर्ग-भिलाई आने-जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जवाब-टाटीबंध ओवरब्रिज का कार्य मार्च-2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जरिए यह कार्य तेज गति से जारी है। ओवरब्रिज के निर्माण में कुछ तकनीकी पेंच और मुआवजे के मामले की वजह से लेटलतीफी हुई, जो कि किस समय सीमा का उपयोग करें सुलझा ली गई है।
सवाल-दुर्घटनाएं रोकने और सुगम यातायात के लिए सड़क सुरक्षा समिति किस तरह काम कर रही है?
जवाब- बीते दिनों राजधानी में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और सुगम यातायात के लिए विभिन्ना मुद्दों पर सहमति बनी है। साथ ही अधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि समय-सीमा के भीतर शहर के भीतर व आउटर में ब्लैक स्पाट को खत्म किया जाए।
सवाल- शहर के भीतर भी सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। इसकी क्या वजह है?
जवाब- स्मार्ट सिटी के अंतर्गत केंद्र सरकार से फंड की कमी नहीं है, लेकिन केंद्र के फंड का राज्य और शहर में दुरुपयोग हो रहा है। स्मार्ट सिटी योजना में सड़क को घेरकर लगे बिजली के खंभों को हटाकर किनारे करना है। अंडरग्राउंड केबलिंग करनी है, ताकि सड़कें चौड़ी हों, लेकिन इस योजना पर न तो राज्य ने काम शुरू किया है और न ही स्थानीय प्रशासन ने। मैंने सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इस योजना पर शीघ्र काम करने के निर्देश दिए हैं।
सवाल- सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में किस तरह के बड़े फैसले लिए गए?
जवाब- सात ब्लैक स्पाट हटाने से लेकर राजधानी के 14 स्थानों पर आटोमेटिक सिग्नल लगाने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्रों में भी दुर्घटनाओं को कम करना है। रिंग रोड के आसपास लगे बिजली के खंभों को हटाना, मुख्य मार्गों पर लाइटिंग, संकेतक, स्थायी डिवाइडर आदि से संबंधित निर्णय लिए गए।
साइबर क्राइम सभी अपराधों का स्रोत, सतर्क रहना जरूरी : आर्लेकर
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, उत्तरी रेंज, धर्मशाला के सहयोग से हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में आयोजित डिजिटल अपराध और फोरेंसिक में उभरते नये आयामों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में प्रौद्योगिकी आज विश्व को प्रभावित कर रही है और हम भी इससे अछूते नहीं हैं, लेकिन पिछले कुछ दशकों में हमने इस दिशा में अच्छे प्रयास किए हैं और कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर बल देते हुए कहा कि हम विज्ञान और तकनीक का उपयोग किस रूप में कर रहे हैं और कितना करना है, इस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में साइबर अपराध किस समय सीमा का उपयोग करें शारीरिक अपराध तक ही सीमित नहीं रह गया है बल्कि डिजिटल अपराध जीवन का हिस्सा बन गया है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध सभी अपराधों का स्रोत बन गया है, इसलिए हमें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश में साइबर अपराध की जांच के लिए एक बड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रयोगशाला की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य का सीमा क्षेत्र विस्तृत है और हम इन क्षेत्रों में भी इस तकनीक का उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीमा पार गतिविधियों पर नज़र रखने के लिए इन क्षेत्रों से लगते गांवों में इसका उपयोग किया जा सकता है। इससे पूर्व राज्यपाल ने फोरेंसिक विज्ञान से संबंधित विभिन्न पत्रिकाओं का विमोचन भी किया। राज्यपाल की उपस्थिति में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और मेसर्ज किस समय सीमा का उपयोग करें नेक्सटेक्नो जनरल प्राइवेट लिमिटेड नयी दिल्ली के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे रहा विश्वविद्यालय
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के प्रति कुलपति प्रो. ज्योति प्रकाश शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालय को नैक टीम द्वारा ए-ग्रेड घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए काफी किस समय सीमा का उपयोग करें पहले से दी जा रही है। इस अवसर हिमाचल प्रदेश विधि अकादमी के निदेशक राजीव बाली, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के अधिष्ठाता अध्ययन प्रो. कुलभूषण चंदेल, विभिन्न विभागों के अधिकारी, विशेषज्ञ और अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।