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भारत में कितने शेयर बाजार है

भारत में कितने शेयर बाजार है
नई दिल्ली: आपने शेयर मार्केट (Share Market) से जुड़ी तमाम खबरें सुनी होंगी. जिसमें शेयर मार्केट में गिरावट भारत में कितने शेयर बाजार है और बढ़त जैसी खबरें आम हैं. लेकिन कभी आपने सोचा है कि जब शेयर मार्केट डाउन होता है, तो निवेशकों का पैसा डूबकर किसके पास जाता है? क्या निवेशकों के नुकसान से किसी को मुनाफा होता है. इस सवाल का जवाब है नहीं. आपको बता दें कि शेयर मार्केट में डूबा हुआ पैसा गायब हो जाता है. आइए इसको समझाते हैं.

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Stock Market Opening: संवत 2079 के पहले पूर्ण कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुले भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 60,000 के पार

By: ABP Live | Updated at : 25 Oct 2022 09:46 AM (IST)

प्रतिकात्मक फोटो ( Image Source : Getty )

Stock Market Opening On 25th October 2022: दिवालीके अगले दिन और संवत 2079 के पहले पूर्ण ट्रेडिंग सत्र में भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) तेजी के साथ खुला है. बैंकिंग शेयरों में निवेशकों की खरीदारी के चलते मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक सेंसेक्स 171 अंकों की तेजी के साथ 60,002 पर खुला है. तो नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 77 भारत में कितने शेयर बाजार है अंकों के उछाल के साथ 17,808 अंकों पर खुला है. हालांकि बाजार तेजी के साथ खुलने के थोड़ी देर बाजार नीचे आ गया. मुनाफावसूली के चलते बाजार सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है. फिलहाल सेंसेक्स 34 अंकों की मामूली तेजी के साथ तो निफ्टी 18 अंकों की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है.

शेयर बाजार में तेजी से भारत में बढ़े अरबपति, जानिये इस साल कहां लगायेंगे सुपर रिच अपना पैसा

शेयर बाजार में तेजी से भारत में बढ़े अरबपति, जानिये इस साल कहां लगायेंगे सुपर रिच अपना पैसा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: सौरभ शर्मा

Updated on: Mar भारत में कितने शेयर बाजार है 02, 2022 | 12:06 AM

देश में अत्यधिक धनवान (HNI) लोगों की संख्या में वर्ष 2021 में 11 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. इस समूह के लोगों के बीच निवेश के लिए रियल एस्टेट अब भी पसंदीदा विकल्प बना हुआ है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) बड़ी तेजी से उनके निवेश पोर्टफोलियो में जगह बना रही है. रियल एस्टेट के बारे में परामर्श देने वाली नाइट फ्रैंक ने अपनी संपत्ति रिपोर्ट 2022 में यह जानकारी दी है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, देश में तीन करोड़ अमेरिकी डॉलर (करीब 226 करोड़ रुपये) या उससे अधिक संपत्ति वाले लोगों की संख्या में पिछले साल हुई 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी शेयर बाजारों (stock market) में तेजी और डिजिटल क्रांति के चलते हुई.

भारत में कितने हैं अरबपति

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में ऊंची नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 2021 में 13,637 थी जो इससे पिछले साल 12,287 थी. भारत 145 अरबपतियों के साथ विश्व स्तर पर अमेरिका (748) और चीन (554) के बाद तीसरे स्थान पर है.अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गयी। वहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़कर 352 हो गयी. उसके बाद दिल्ली (12.4 प्रतिशत बढ़कर 210) तथा मुंबई (नौ प्रतिशत बढ़कर 1,596) का स्थान रहा. नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट कहती है कि अत्यधिक अमीर लोगों की करीब 30 फीसदी संपत्ति प्राथमिक एवं द्वितीयक घरों की खरीद में लगाई गई. वहीं 22 फीसदी निवेश-योग्य पूंजी वाणिज्यिक संपत्तियों की सीधी खरीद में लगाई गई थी. इसके अलावा आठ फीसदी संपत्ति विदेशों में खरीदी गई.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 10 प्रतिशत बेहद अमीर लोग वर्ष 2022 में नए घर की खरीद की योजना बना रहे हैं. उनके लिए भारत के बाजार में घर खरीदना पहली पसंद है. वहीं वैश्विक स्तर पर 21 प्रतिशत बेहद अमीर लोग इस साल घर खरीद की योजना बना रहे हैं. यह रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2021 में 18 प्रतिशत धनवान लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश किए जबकि एनएफटी में 11 प्रतिशत अमीरों ने निवेश किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल क्रिप्टोकरेंसी निवेश की मुख्यधारा का हिस्सा बनती हुई नजर आई. हालांकि सर्वे में शामिल एक-तिहाई भारत में कितने शेयर बाजार है प्रतिभागियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सुरक्षा चिंता बनी हुई है. इसके अलावा अत्यधिक धनवान भारतीयों ने कला, आभूषण, क्लासिक कार एवं घड़ियों में भी अपने निवेश का 11 प्रतिशत लगाया. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में इन वस्तुओं के स्वामित्व से जुड़ा आनंद कहीं ज्यादा बड़ा घटक है. इसमें भी कलात्मक वस्तुओं पर निवेश को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई.

सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियां

भारतीय जीवन बीमा निगम को बीमा अधिनियम, 1956 नामक संसद के अधिनियम द्वारा 243 कंपनियों के विलय से 1 सितम्ब र, 1956 को निगमित किया गया था। एलआईसी बीमा अधिनियम, 1938, एलआईसी भारत में कितने शेयर बाजार है अधिनियम, 1956, एलआईसी विनियमन, 1956, और बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम, 1999 द्वारा शासि‍त होती है। 31 मार्च, 2016 की स्थिति के अनुसार, भारत में एलआईसी के क्षेत्रीय कार्यालय, 113 डिवीजनल कार्यालय, 2048 शाखा कार्यालय, 73 ग्राहक क्षेत्र, 1401 सैटेलाइट कार्यालय और 1240 छोटे कार्यालय हैं।

निगम के फिजी में, मॉरीशस में और यूनाइटेड किंगडम में शाखा कार्यालय हैं। यह विदेशी बीमा बाजार जैसे मनामा (बहरीन में पंजीकृत) जीवन बीमा निगम (अंतर्राष्ट्री य) बी.एस.सी.(सी), नैरोबी में पंजीकृत केनइंडिया एश्‍योरेंस कंपनी लिमिटेड; काठमाण्डूम में पंजीकृत लाइफ इंश्योररेंस कार्पोरेशन (लंका) और रियाद में पंजीकृत सऊदी इंडियन कंपनी फॉर कारपोरेटिव इंश्योनरेंस (एसआईसीसीआई) में संयुक्तक उद्यम (जेवी) कंपनियों द्वारा भी परिचालित की जाती हैं। एलआईसी ने भारतीय जीवन बीमा निगम, स्ट्रैंटेजिक इक्विटी मैंनेजमेंट लिमिटेड और म्यूीचुअल ट्रस्टर बैंक लिमिटेड के मध्य दिनांक 14.12.2015 को बांग्ला देश लिमिटेड की संयुक्त‍ उद्यम कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) भी बनाया है। पूर्ण स्वांमित्वे वाली सहायक जीवन बीमा निगम (सिंगापुर) प्राइवेट लिमिटेड की स्थाहपना दिनांक 30.04.2012 को की गई है। उपर्युक्तय में से दो संयुक्तल उद्यम (जेवी), केनइंडिया एश्यो।रेंस कंपनी लिमिटेड, नैरोबी, केन्याउ और सऊदी इंडियन कंपनी फॉर को-ऑपरेटिव इंश्यो2रेंस (एसआईसीसीआई), रियाद, किंगडम ऑफ सऊदी अरब संयुक्तन कंपनी हैं जो जीवन और गैर-जीवन व्यइवसाय का संचालन करती हैं; और दो जेवी, एलआईसी (नेपाल) लिमिटेड और एसआईसीसीआई उनके संबंधित स्टॉाक एक्स चेंज पर सूचीबद्ध हैं।

भारतीय साधारण बीमा निगम

साधारण भारत में कितने शेयर बाजार है बीमा उद्योग 1972 में राष्ट्री यकृत किया गया था और 107 बीमाकर्ता चार कंपनियों – नेशनल इंश्यो रेंस कंपनी लिमिटेड, दि-न्यू इंडिया एश्यो रेंस कंपनी लिमिटेड, दि ओरियंटल इंश्योेरेंस कंपनी लिमिटेड, और यूनाइटेड इंडिया इंश्योेरेंस कंपनी लिमिटेड में समूहीकृत और एकीकृत किए गए थे। जीआईसी वर्ष 1972 में निगमित की गई थी और अन्ये चार कंपनी इसकी सहायक कंपनियां बनायी गयी थीं। नवंबर 2000 में जीआईसी को भारतीय पुनर्बीमाकर्ता के रूप में अधिसूचित किया गया था और इसकी सहायक कंपनियों पर इसकी पर्यवेक्षी के रूप में भूमिका का अंत कर दिया गया था। 21 मार्च 2003 से, जीआईसी की इसके सहायक कम्पानियों पर होल्डिंग की भूमिका को भी समाप्त कर दिया गया था और इसका स्वारमित्व भारत सरकार को स्थामनांतरित कर दिया गया था। निगम का प्रधान कार्यालय मुम्ब्ई में है और 3 संपर्क कार्यालय भारत में (दिल्लीन, कोलकाता और चैन्न ई) हैं, 3 शाखाएं विदेश में (लंदन, दुबई और कुआलालमपुर) हैं और 1 प्रतिनिधि कार्यालय मास्कोत में है। इसकी दो विदेशी सहायक कम्प(नियां (जीआईसी रे साउथ अफ्रीका और जीआईसी रे इंडिया कारपोरेट मेम्ब र लिमिटेड यू.के. में) भी हैं। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, निगम के कर्मचारियों की संख्यास 558 है। प्राधिकृत पूंजी 1000 करोड़ रूपये है जबकि कंपनी की पेड-अप इक्विटी पूंजी 430 करोड़ रूपये है।

यूनाइटेड इंडिया इंश्योवरेंस कंपनी लिमिटेड

यूनाइटेड इंडिया इंश्योयरेंस कंपनी लिमिटेड 1938 में निगमित की गई थी। भारत में साधारण बीमा व्यावसाय के राष्ट्री यकरण के साथ, 12 भारतीय बीमा कंपनियां, 4 कारपोरेटिव इंश्योहरेंस सोसाइटी और 5 विदेशी बीमाकर्ताओं के विदेशी परिचालन, भारतीय जीवन बीमा निगम के दक्षिणी क्षेत्र के साधारण बीमा परिचालन को छोड़कर ये सभी कंपनियां यूनाइटेड इंडिया इंश्योवरेंस कंपनी लिमिटेड के साथ विलय कर दी गई थीं। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, कंपनी के 2080 कार्यालय और 16345 कर्मचारी हैं। यह कंपनी साधारण बीमा व्याभपार के लगभग सभी खंडों के ग्राहकों को बीमा सेवाएं उपलब्धं कराती है। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी और पेड-अप इक्विटी पूंजी क्रमश: 200 करोड़ रूपये है और 150 करोड़ रूपये है।

दि ओरियंटल भारत में कितने शेयर बाजार है इंश्योपरेंस कंपनी लिमिटेड 1947 में निगमित की गई थी। 2003 में भारतीय साधारण बीमा निगम द्वारा रखे जाने वाले कंपनी के शेयर भारत सरकार को स्थाेनांतरित कर दिए गए थे। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, देश में कंपनी के 1924 कार्यालय और 13923 कर्मचारी हैं। यह कंपनी साधारण बीमा व्या पार के लगभग सभी खंडों के ग्राहकों को बीमा सेवाएं उपलब्ध9 कराती है। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी और पेड-अप इक्विटी पूंजी 200 करोड़ रूपये है।

नेशनल इंश्योारेंस कंपनी लिमिटेड

यह कंपनी 1906 में निगमित की गई थी। राष्ट्री यकरण के बाद यह 21 विदेशी और 11 भारतीय कंपनियों के साथ नेशनल इंश्योिरेंस कंपनी लिमिटेड बनाने के लिए विलय कर दी गई थी। 31.03.2016 की स्थिति के अनुसार, पूरे भारत में इस कंपनी के 1998 कार्यालय और 15079 कर्मचारी हैं। यह कंपनी साधारण बीमा व्याइपार के लगभग सभी खंडों के ग्राहकों को बीमा सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी की प्राधिकृत पूंजी और पेड-अप इक्विटी पूंजी क्रमश: 200 करोड़ रूपये है और 100 करोड़ रूपये है।

'एग्रीकल्चकर इंश्यो।रेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड’ (एआईसी) को 20 दिसम्ब र, 2002 में कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत भारत में कृषि और इससे संबंधित गतिविधियां करने वाले उन व्यएक्तियों को बीमा की आवश्य5कता की पूर्ति करने के लिए निगमित किया गया था। भारतीय साधारण बीमा निगम (जीआईसी), नाबार्ड और चार सरकारी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों ने कंपनी की शेयर पूंजी में योगदान दिया है। कंपनी की 200 करोड़ रूपये की प्रारम्भिक पेड-अप इक्विटी शेयर पूंजी के साथ प्राधिकृत शेयर पूंजी 1500 करोड़ रूपये है।

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

  • शेयर मार्केट डिमांड और भारत में कितने शेयर बाजार है सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर भारत में कितने शेयर बाजार है ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया भारत में कितने शेयर बाजार है जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

भारत में कितने हैं अरबपति

इस रिपोर्ट के अनुसार भारत में ऊंची नेटवर्थ वाले अमीरों की संख्या 2021 में 13,637 थी जो इससे पिछले साल 12,287 थी. भारत 145 अरबपतियों के साथ विश्व स्तर पर अमेरिका (748) और चीन (554) के बाद तीसरे स्थान पर है.अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गयी। वहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़कर 352 हो गयी. उसके बाद दिल्ली (12.4 प्रतिशत बढ़कर 210) तथा मुंबई (नौ प्रतिशत बढ़कर 1,596) का स्थान रहा. नाइट फ्रैंक की रिपोर्ट कहती है कि अत्यधिक अमीर लोगों की करीब 30 फीसदी संपत्ति प्राथमिक एवं द्वितीयक घरों की खरीद में लगाई गई. वहीं 22 फीसदी निवेश-योग्य पूंजी वाणिज्यिक संपत्तियों की सीधी खरीद में लगाई गई थी. इसके अलावा आठ फीसदी संपत्ति विदेशों में खरीदी गई.

रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 10 प्रतिशत बेहद अमीर लोग वर्ष 2022 में नए घर की खरीद की योजना बना रहे हैं. उनके लिए भारत के बाजार में घर खरीदना पहली पसंद है. वहीं वैश्विक स्तर पर 21 प्रतिशत बेहद अमीर लोग इस साल घर खरीद की योजना बना रहे हैं. यह रिपोर्ट कहती है कि वर्ष 2021 में 18 प्रतिशत धनवान लोगों ने क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश किए जबकि एनएफटी में 11 प्रतिशत अमीरों ने निवेश किए। इस रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल क्रिप्टोकरेंसी निवेश की मुख्यधारा का हिस्सा बनती हुई नजर आई. हालांकि सर्वे में शामिल एक-तिहाई प्रतिभागियों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सुरक्षा चिंता बनी हुई है. इसके अलावा अत्यधिक धनवान भारतीयों ने कला, आभूषण, क्लासिक कार एवं घड़ियों में भी अपने निवेश का 11 प्रतिशत लगाया. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इस निवेश पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में इन वस्तुओं के स्वामित्व से जुड़ा आनंद कहीं ज्यादा बड़ा घटक है. इसमें भी कलात्मक वस्तुओं पर निवेश को सबसे ज्यादा तरजीह दी गई.

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