शेयर बाजार के प्रकार

शेयर कितने प्रकार के होते हैं ?
इक्विटी शेयर को आम भाषा में केवल 'शेयर ' कहा जाता है। विभिन्न प्रकार के शेयरों की अलग-अलग विशेषताएँ होती हैं । अत: इनके प्रकार को समझना आवश्यक है, ताकि निवेशक अपनी जरूरत तथा विवेक के अनुसार उनका चयन कर सके।
भारत में निवेशकों को दो प्रकार के शेयर विकल्प उपलब्ध हैं-
- इक्विटी शेयर (Equity Shares)
- प्रीफरेंस शेयर (Preference Shares)
इक्विटी शेयर (Equity Shares)
प्राइमरी तथा सेकंडरी मार्केट से निवेशक जो शेयर शेयर बाजार के प्रकार हासिल करता है, वह ' साधारण शेयर ' कहलाता है। इस प्रकार का शेयरधारक कंपनी का आंशिक हिस्सेदार होता है तथा कंपनी के नफे-नुकसान से जुड़ा रहता है । साधारण शेयरधारक ही इक्विटी शेयर होल्डर होते हैं । शेयरों की संख्या के अनुपात में कंपनी पर इनका मालिकाना अधिकार होता है। कंपनी की नीति बनानेवाली जनरल मीटिंग में इन्हें वोट देने का अधिकार होता है। इसी प्रकार, ये कंपनी से जुड़े रिस्क तथा नफा-नुकसान के हिस्सेदार भी होते हैं। यदि कंपनी अपना व्यवसाय पूर्ण रूप से समाप्त करती है, तब कंपनी अपनी सारी देनदारी चुकता करने के बाद बची हुई पूँजी संपत्ति को इन साधारण शेयरधारकों को उनकी शेयर संख्या के अनुपात से शेयर बाजार के प्रकार शेयर बाजार के प्रकार वितरित करती है।
प्रीफरेंस शेयर (Preference Shares)
साधारण शेयर के विपरीत कंपनी चुनिंदा निवेशकों, प्रोमोटरों तथा दोस्ताना निवेशकों को नीतिगत रूप से प्रिफरेंस शेयर (तरजीह आधार पर) जारी करती है। इन प्रिफरेंस शेयरों की कीमत साधारण शेयर की मौजूदा कीमत से अलग भी हो सकती है। साधारण शेयर के विपरीत प्रिफरेंस शेयरधारकों को वोट देने का अधिकार नहीं होता। प्रिफरेंस शेयरधारकों को प्रतिवर्ष निश्चित मात्रा में लाभांश (डिविडेंड) मिलता है। प्रिफरेंस शेयरधारक साधारण शेयरधारक की अपेक्षा अधिक सुरक्षित होते हैं, क्योंकि जब कभी कंपनी बंद करने की स्थिति आती है तो पूँजी चुकाने के मामले शेयर बाजार के प्रकार में प्रिफरेंस
शेयरधारकों को साधारण शेयरधारकों से अधिक तरजीह दी जाती है। कंपनी अपनी नीति के अनुसार प्रिफरेंस शेयरों को आंशिक अथवा पूर्ण रूप से साधारण शेयर में परिवर्तित भी कर सकती है। जब कोई कंपनी बहुत अच्छा बिजनेस कर रही है तो उसके साधारण शेयरधारक को ज्यादा फायदा होता है।
प्रिफरेंस शेयरधारक को लाभ में से सबसे पहले हिस्सा मिलता है; लेकिन इन्हें कंपनी शेयर बाजार के प्रकार का हिस्सेदार नहीं माना जाता है। लाभ के आधार पर प्रिफरेंस शेयर चार तरह के होते हैं-
Share Market in Hindi | शेयर बाजार किसे कहते हैं | शेयर बाजार क्या है?
बाज़ार (Market) एक ऐसी जगह है, जहाँ पर किसी भी वस्तु को खरीदा एवं बेचा (Sale and Purchase) जाता है। बाज़ार में बेचने वाले एक जगह पर होतें हैं, ताकि खरीदारों को वस्तु खरीदने में आसानी हो जाए अर्थात बाजार वह शब्द है, जहां पर वस्तुओं और सेवाओं का क्रय – विक्रय (Sale Purchase) होता है।
उसी प्रकार, शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है, जहाँ कंपनियों के शेयर (हिस्सा) खरीदे-बेचे जाते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव करके शेयर को खरीद लेते हैं।
कंप्यूटर अर्थात इंटरनेट की दुनिया से पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक (बोलियों) रूप से होती थी। खरीदने एवं बेचने वाले दोनों एक दूसरे के सामने बैठकर ही सौदे किया करते थे। लेकिन जब से कंप्यूटर अर्थात इंटरनेट आया है, तब से यह सारा लेन-देन ऑनलाइन हो गया है, अर्थात स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंप्यूटरों के जरिये होता है।
वर्तमान समय में आप यह अंदाजा नहीं लगा सकते कि शेयर खरीदने वाला कौन है। क्योंकि यह सारा जाल कंप्यूटर के द्वारा ही होता है तथा कंप्यूटर के द्वारा ही पैसे को एक समूह से दूसरे समूह में ट्रांसफर किया जाता है।
जिस प्रकार पहले समय में शेयर खरीदने के लिए बोलियां लगाई जाती थी तथा जो सबसे ज्यादा महंगे शेयर कर देता था। मतलब जो व्यक्ति शेयरों की कीमत सबसे ज्यादा लगाता था। उसी को वह शेयर दिए जाते थे शेयर बाजार के प्रकार उसी प्रकार वर्तमान समय में शेयर खरीदने के लिए विभिन्न चैनलों/मंडियों का प्रयोग होता है। जैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या नैशनल स्टॉक एक्सचेंज
शेयरों की बोलियाँ लगाने के लिये जो आवश्यक वस्तुएं या सुविधाओं की जरूरत होती है। वह सभी सुविधाएं इन संस्थाओं द्वारा प्रदान की जाती हैं। इस प्रकार ऑनलाइन ट्रेडिंग या ऑनलाइन बोलियों के द्वारा लाखों-करोड़ों शेयरों का आदान-प्रदान प्रतिदिन होता है। अगर ऑनलाइन सुविधा नहीं हो, तो व्यापार करना कितना मुश्किल हो जाएगा।
यदि सभी व्यापारियों को चिल्लाकर अपने शेयर बेचने पड़े तो यह बहुत मुश्किल हो जाएगा। शेयर मन्डियाँ (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा मुंबई स्टॉक एक्सचेंज) इस काम को सरल और सही ढंग से करने का मूलभूत ढांचा प्रदान करती है। कई प्रकार के नियम, कम्प्यूटर की मदद, शेयर ब्रोकर (जैसे शेयर खान, एचडीएफसी सिक्योरिटी, ब्रोकन एंजल) इंटरनेट के मध्यम से ये मूलभूत ढांचा दिया जाता है।
कंप्यूटर या इंटरनेट आने से पहले तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे सीधे खरीदारी करनी पड़ती थी। मगर पिछ्ले कुछ सालो से कम्प्यूटरो और इंटरनेट के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे शेयर बाजार के प्रकार शेयर्स को ऑनलाइन खरीद और बेच सकता है। इंटरनेट के माध्यम से किसी भी वर्ग का व्यक्ति शेयर्स खरीद एवं भेज सकता है। मगर इंटरनेट आने से पहले सिर्फ धनी वर्ग ही इस व्यवसाय का लाभ उठा सकते थे।
शेयर बाजार को दो भागों में बांटा गया है।
- प्राइमरी मार्केट : यहां कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार सूचीबद्ध होती है और अपने शेयर जारी करती हैं। कंपनियां IPO (Initial Public Offer) के जरिए अपने शेयर पहली बार शेयर बाज़ार में लाती हैं और बाजार से पूंजी इक्ट्ठा करने का प्रयास करती है।
- सेकेंडरी मार्केट : सेकेंडरी मार्केट को विनिमय व्यापार भी कहते हैं। यह एक रेगुलर मार्केट शेयर बाजार के प्रकार है, जहां पर कंपनियों के शेयर्स की ट्रेडिंग रेगुलर बेसिस (दिन-प्रतिदिन) पर होती है। निवेशक शेयर ब्रोकर (Dealer) के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग आदेश (Orders) को पूरा करते हैं।
शेयर बाजार में व्यापार शुरू करने के लिए ग्राहक को किसी डीमैट (Demat) सर्विस देने वाले बैंक मे अपना खाता खोलना पडता है। आजकल कोमर्शियल बैंकें भी डीमैट सर्विस देते है। इस तरह के खाते की सालाना फीस 500-800 रु तक होती है। यह बैंक पर आधारित होता है।
शेयर मार्केट की ABCD : Hindi Stock Market Guide
यह कोर्स उन के लिए है जो की बाजार के लिए नए हैं और सिक्योरिटीज मार्किट में अपना सिक्का जमाना चाहते है| यह कोर्स व्यापारियों, निवेशकों, छात्रों या ट्रेडिंग / व्यापार में किसी भी तरह की रुचि रखने वालो के लिए भी है |
शेयर बाजार या शेयर मार्किट में पैसा बनाना बहुत आसान है उसी प्रकार शेयर बाजार में पैसा खोना भी बहुत आसान है। इससे बचा जा सकता है अगर आप स्वंय शेयर बाजार के बारे में अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें,शोध करें और दूसरों के दिये टिप्स पर न जायें। शेयर बाजार एक खतरनाक खेल है, इसमें कूदने से पहले इसके बारे में अधिक से अधिक जानकारी ले लेना बहुत आवश्यक है। मगर इसका मतलब यह बिलकुल नहीं है कि शेयर मार्किट में निवेश करने के लिए कोई अलग तरह की प्रतिभा या योग्यता ही चाहिए. कोई भी कोशिश करके शेयर बाजार की जानकारी ले सकता शेयर बाजार के प्रकार है। हिंदी में शेयर मार्किट की जानकारी मिलना कठिन होता है. शेयर मार्किट की जानकारी केवल कुछ लोगों तक ही सिमित है। यहां आपको शेयर बाजार के तकनीकी पहलुओं से हिंदी में अवगत करने की कोशिश है।मैने यहाँपर एक जनरल इन्वेस्टर के लिये आवश्यक सभी पहलूओंपर अपनी ओरसे जितना हो सके उतना विस्तारसे लिखने की कोशिश की है। भारत दुनियाके बेहतरीन विकासशील अर्थव्यवस्था के रूपमें तेजीसे उभरता हुआ देश है,औरआनेवाले समयमें चीन को भी पछाडकर शीर्षपर पहुचनें की क्षमता रखता हें। इसीलिये निवेषकोंको चाहीये की इस बातका ज्यादासे ज्यादा फायदा उठाने की कोशीष् करे।
This Book is very useful for Indian stock market investors who are beginners.all useful information including strategies will help new investors to great extent.
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