उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट

मोमेंटम इन्वेस्टिंग क्या होता है? इसके क्या फायदे हैं !
यूटिलिटी न्यूज डेस्क !! यदि आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं या इसके बारे में जानते हैं, तो आप निश्चित रूप से मोमेंटम निवेश शब्द से परिचित होंगे। निवेश का पारंपरिक तरीका यह है कि जब स्टॉक कम हो तो खरीद लें और जब यह बढ़ जाए तो बेच दें। मोमेंटम इन्वेस्टमेंट निवेश का एक तरीका है जिसमें शेयरों को तब खरीदा जाता है जब वे बुलिश होते हैं। जब तेजी का ग्राफ ऊपर जाता है तो बेचने की सलाह दी जाती है। कई निवेशकों के लिए मोमेंटम निवेश एक बहुत ही सटीक और प्रभावी तकनीक की तरह लगता है। मोमेंटम इन्वेस्टमेंट में ऐसे शेयरों का चयन किया जाता है जिन्होंने पिछले 3-12 महीनों में शानदार रिटर्न दिया हो। निवेशकों को उन शेयरों से बाहर निकलने की सलाह दी जाती है जिन्होंने इस अवधि के दौरान कमजोर रिटर्न दिया है।
मोमेंटम इन्वेस्टमेंट के तहत, किसी को बाजार की अस्थिरता के बीच में रहना होगा। निवेशकों को यह जानने की जरूरत है कि किन उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट शेयरों में तेजी आने लगी है ताकि उन्हें सही समय पर खरीदा जा सके। एक बार जब स्टॉक अपने चरम पर पहुंच जाता है, तो उसे बेच दिया जाता है। निवेशक कम समय में इसमें निवेश करते हैं और रिटर्न के साथ बाजार से बाहर निकलते हैं।
निवेश का अनुमान छोटा है
एक स्टॉक से खरीदने के बाद निवेशक दूसरे स्टॉक की तलाश करता है। कुल मिलाकर निवेशकों के अनुमान अल्पकालिक हैं। हालांकि, कुशल व्यापारियों के लिए यह एक प्रभावी तरीका है। अगर आप नए निवेशक हैं तो मोमेंटम निवेश से बचना चाहिए। जानकारी के अभाव में भारी नुकसान भी हो सकता है। मोमेंटम निवेश उन निवेशकों के लिए है जिनके पास बाजार में प्रवेश करने और बाहर निकलने का सही अनुभव है। वे नुकसान को सीमित करना भी जानते हैं।
यहां कुछ चीजें हैं जो आपको मोमेंटम निवेश के बारे में जानने की जरूरत है
शेयर बाजार के जानकारों का कहना है कि जब बाजार में तेजी आ रही हो तो मोमेंटम निवेश से फायदा होता है। निवेश की इस पद्धति में, जब बाजार बढ़ता उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट है तो इसे खरीदा जाता है और उम्मीद की जाती है कि यह और बढ़ेगा और फिर इसे बेचा जाएगा। इसके लिए बाजार में मजबूत बुल रन की जरूरत है।
मोमेंटम निवेशक कम होते हैं और उच्च रिटर्न पर ध्यान केंद्रित करते हैं। उस मामले में, बुनियादी बातें उनके लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं। ऐसे निवेशक देखते हैं कि कौन से सेक्टर में तेजी आ रही है और किन शेयरों में तेजी आने लगी है। वे इस उछाल का फायदा उठाते हैं।
गति कहीं से भी आ सकती है। स्टॉक लार्जकैप, मिडकैप, स्मॉलकैप हो सकता है. यह किसी भी क्षेत्र का हो सकता है। अगर उछाल आता है तो ऐसे निवेशक आएंगे और बड़ा मुनाफा कमाने की कोशिश करेंगे।
मोमेंटम निवेश के लिए उपयुक्त स्टॉक के चयन की आवश्यकता होती है। गलत स्टॉक चुनने पर निवेशकों को भारी नुकसान भी हो सकता है। उदाहरण के लिए, 2021 में, अदानी ग्रुप ऑफ कंपनीज और आईआरसीटीसी ने निवेशकों को समृद्ध किया। इस साल दर्जनों ऐसे शेयर हैं जिनमें भारी गिरावट आई है।
कोरोना काल में उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट शेयर बाजार में तेजी के साथ निवेश का क्रेज देखने को मिला। स्मार्ट निवेशकों ने बड़ी कमाई की। हालांकि, बाजार इस समय दबाव में है। भारत की अर्थव्यवस्था कोरोना उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट से उबरने की कोशिश कर रही है. बाजार के जानकारों का कहना है कि भारतीय बाजार में अगले कुछ सालों तक ग्रोथ जारी रहेगी। ऐसे में निवेशकों के लिए मोमेंटम एक बेहतरीन मौका होगा। हालांकि, इससे बचना चाहिए। अगर आप एक जानकार और अनुभवी निवेशक हैं तो ही आपको फायदा होगा। नहीं तो भारी नुकसान हो सकता है।
Investment Tips : रियल एस्टेट में अपने छोटे निवेश को भी बड़ी रकम में बदल सकते हैं आप, समझें कैसे?
रियल एस्टेट में कई तरह से निवेश कर आप अपनी संपत्ति बढ़ा सकते हैं.
वैसे तो रियल एस्टेट से पैसा कमाने के कई तरीके हो सकते हैं लेकिन हम आपको तीन ऐसे तरीकों के बारे में बताएंगे जिससे आप कम निवेश में भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. इसमें बहुत अधिक जोखिम भी नहीं है.
- News18Hindi
- Last Updated : June 27, 2022, 07:56 IST
नई दिल्ली. पैसा कमाने के कई तरीके हो सकते हैं. रियल एस्टेट भी उनमें से एक है. रियल एस्टेट में स्मार्ट टूल्स और इंस्ट्रूमेंट्स के जरिए पैसा कमाना संभव है. इसके लिए आप सीधे भी संपत्ति खरीद-बेच सकते हैं. लेकिन बड़े स्तर पर मुनाफा कमाने के लिए आपको अपना निवेश पटल भी बड़ा होना चाहिए.
इसके भी कुछ तरीकें है जिनके बारे में हम आपको बताएंगे. रियल एस्टेट से पैसा कमाने के लिए आप रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी) इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स और रियल एस्टेट स्टॉक्स में निवेश कर सकते हैं. मिंट में छपे एक लेख के हवाले से हम इन्हीं तीनों निवेश विकल्पों के बारे में विस्तार से आपको बताएंगे.
रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (आरईआईटी)
यह भारतीय उपमहाद्वीप में भले ही एक चलन हो लेकिन आरईआईटी लंबे समय से बाजार में हैं. आप इन आरईआईटी में एक छोटी राशि के साथ निवेश कर सकते हैं और इन्हें मैनेज करने वाले संस्थानों द्वारा उत्पन्न रेन्टल इनकम से कमा सकते हैं. यहां प्रत्येक निवेशक को उसके निवेश के आधार पर रिटर्न मिलता है. अवंता उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट इंडिया के एमडी नकुल माथुर बताते हैं कि आरईआईटी आमतौर पर एक बड़ी कंपनी होती है जो बड़ी आय देने वाले रियल एस्टेट की मालिक होती हैं और उन्हें प्रबंधित करती हैं. ये संपत्तियां अस्पताल, गोदाम, बड़े कार्यालय स्थान, शॉपिंग मॉल, होटल और विभिन्न प्रकार की वाणिज्यिक संपत्तियां हो सकती हैं. इसके अलावा, कंपनी के हर दूसरे इक्विटी शेयर की तरह शेयर बाजार में आरईआईटी का कारोबार किया जा सकता है.
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स
एआरईटीई समूह के वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि आरईआईटी के समान ही, खुदरा निवेशक इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट या इनविट्स में भी निवेश कर सकते हैं. इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट बड़ी कंपनियां हैं जिनका ऑपरेशनल इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पर मालिकाना हक होता है और इनसे मिलने वाली आय उनकी कमाई होती है. सरल शब्दों में, इनविट्स म्यूचुअल फंड की तरह जमा निवेश वाहन हैं. वे अर्जित राशि को राजमार्ग परियोजनाओं, बिजली संयंत्रों, हवाई अड्डों, ट्रांसमिशन लाइनों और बड़े पैमाने की पाइपलाइन परियोजनाओं आदि में निवेश करते हैं. इसके अलावा, इनविट्स को इस तरह से डिज़ाइन और प्रबंधित किया जाता है कि निवेशकों के पैसे का 80 प्रतिशत हिस्सा ऐसे प्रोजेक्ट में लगाया जाता है जहां से आय मिल रही हो और प्रोजेक्ट पूरा हो चुका हो. इससे निर्माणाधीन परियोजनाओं से जुड़ा जोखिम कम होता है.
रियल एस्टेट स्टॉक में निवेश
इस क्षेत्र में लाभ कमाने के सबसे प्रसिद्ध तरीकों में से एक है रियल एस्टेट स्टॉक्स में निवेश करना. हालांकि, स्टॉक में निवेश उच्च जोखिम वाला सौदा है लेकिन एक बढ़ते बाजार में इससे मोटी कमाई भी की जा सकती है. गोयल गंगा समूह के एमडी अतुल उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट गोयल के अनुसार, यदि आप सीधे शेयरों में निवेश नहीं करना चाहते तो एक ऐसा म्यूचुअल फंड चुन सकते हैं जो रियल एस्टेट बाजार पर केंद्रित हो. वह कहते हैं कि यहां बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों के एक पूल में आपका पास लगाया जाएगा. म्यूचुअल फंड में निवेश आपके वित्तीय जोखिम को थोड़ा कम कर देता हैं क्योंकि कई शेयरों में पैसा लगा होने के कारण अगर कोई स्टॉक खराब प्रदर्शन भी करता है तो दूसरा स्टॉक बेहतर प्रदर्शन कर उसकी भरपाई कर देता है.
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बच्चों की एज्युकेशन के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग के दौरान बचें 5 गलतियों से
आज के समय में हायर एज्युकेशन पर आने वाला महंगा खर्च हर पेरेंट्स के लिए आसान नहीं होता है। इसके लिए पहले से ही फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है। बच्चों की एज्युकेशन फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में मैक्स पॉलिसी के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव विनय सिंह ने हैलो स्वास्थ्य को बताया, ” वैसे तो आज के पेरेंट्स स्मार्ट हैं, इसलिए वे बच्चे की पढ़ाई के लिए पहले से ही फाइनेंशियल प्लानिंग और उसके लिए इन्वेस्टमेंट शुरू कर देते हैं। लेकिन, कई पेरेंट्स प्लानिंग के दौरान ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसके कारण जब बच्चे की हायर एज्युकेशन का समय आता है और उस दौरान जितने अमाउंट की जरूरत होती है, वे पूरी नहीं हो पाती है। इसलिए प्लानिंग के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक है, जैसे कि
फाइनेंशियल प्लानिंग में होने वाली गलतियां :
1. लेट फाइनेंशियल प्लानिंग शुरू करना :
अधिकतर पेरेंट्स को बच्चों की हायर एज्युकेशन में आने वाले खर्च का अनुमान नहीं होता है। इनके अलावा, कुछ पेरेंट्स ये सोचते हैं कि वे वर्तमान समय की सभी जिम्मेदारियों को निभा लें, फिर कुछ समय बाद से प्लानिंग शुरू करेंगे, जोकि संभव नहीं हो पाता है। क्योंकि, भविष्य में जिम्मेदारियां और खर्च बढ़ते हैं, घटते नहीं हैं।
फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए क्या करें
बच्चों के हायर एज्युकेशन के लिए फाइनेंशियल गोल अचीव करने का सबसे आइडियल समय बच्चे के जन्म का समय होता है। जब बच्चा पैदा हो, तभी से उसके नाम पर बचत शुरू कर दें, क्योंकि समय जितना लंबा होगा, बचत राशि उतनी छोटी होगी। छोटा अमाउंट बचत करते समय आपके अन्य खर्चों पर ज्यादा फर्क भी नहीं पड़ेगा।
2. फाइनेंशियल प्लानिंग : एज्युकेशन कॉस्ट का कम अनुमान लगाना
बच्चों के शिक्षा के लिए जब भी फाइनेंशियल प्लानिंग की जाती है, तो उस गोल के लिए रकम का अंदाजा लगाने में अक्सर कुछ पेरेंट्स से गलती हो जाती है। माता-पिता वर्तमान फीस से बच्चों के शिक्षा पर होने वाले खर्चों का अनुमान लगा बैठते हैं, जोकि सही नहीं होता है।
फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए क्या करें
बच्चों के एज्युकेशन कॉस्ट में सिर्फ कॉलेज फीस ही शामिल नहीं होनी चाहिए, बल्कि बच्चे के रहने आदि के खर्चों को भी ध्यान में रखा जाना चाहिए। उसके बाद, ये देखें कि जब बच्चा उच्च शिक्षा के लायक हो जाएगा, तब आपको कितने रुपये की जरूरत होगी।
3. रिस्क कवर न करना
अगर आप बच्चों की शिक्षा के लिए मंथली इन्वेस्टमेंट या सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिये पैसा जमा कर रहे हैं, तो डेथ या दुर्घटना के चलते इसके रुकने का जोखिम रहता है। लेकिन, अक्सर लोग इस पहलू पर ध्यान नहीं देते हैं। जिसके कारण बहुत कम फंड जमा होता है और वे एज्युकेशन फाइनेंशियल प्लानिंग मिस्टेक कर बैठते हैं।
फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए क्या करें
हमेशा कोशिश करें कि एज्युकेशन की कॉस्ट आपके लाइफ इंश्योरेंस कवर में भी शामिल हो। इसमें डेथ होने पर लाइफ कवर के तौर पर मिलने वाले अमाउंट से बच्चे की पढ़ाई चलती रहेगी।
4. रिटायरमेंट से समझौता
अगर बच्चे की महंगी शिक्षा की वजह से आपकी आर्थिक स्थिति खतरे में पड़ती है, तो इसमें समझदारी नहीं है। कई बार लोग समाज में बड़ा दिखने के लिए अपनी आर्थिक क्षमता से ज्यादा करने लगते हैं।
फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए क्या करें
ऐसे में उन एज्युकेशन ऑप्शन की तरफ ध्यान दें, जिसमें कम खर्च हो। बच्चे की पढ़ाई से पहले आपकी आर्थिक निर्भरता जरूरी है।
5.इन्वेस्टमेंट के लिए सही ऑप्शन का चुनाव न कर पाना
अक्सर लोग इन्वेस्टमेंट की अवधि और अनुमानित रिटर्न को लेकर गलती करते हैं। उदाहरण के लिए, इक्विटी म्यूचुअल फंड में तभी पैसा लगाना चाहिए, जब फाइनेंशियल गोल पांच साल या उससे अधिक हो। बच्चों की शिक्षा के लिए म्यूचुअल फंड्स, फिक्स्ड डिपॉजिट, रियल एस्टेट या स्पेशलाइज्ड चिल्ड्रन एज्युकेशन प्लान से भी फाइनेंशियल गोल को पाया जा सकता है। इसके लिए, सबसे जरूरी बात है कि इनमें इनवेस्ट करना और उन्हें अच्छी तरह से समझ पाना, ताकि आपको फाइनेंशियल गोल पूरा करने के लिए जरूरी अमाउंट मिल सके।
फाइनेंशियल प्लानिंग : कैसे करें निवेश की शुरुआत?
सबसे पहले आप बच्चे को भविष्य में जिस पढ़ाई के लिए भेजना चाहते हैं, उसके मौजूदा खर्च का अनुमान लगाएं। इसके बाद सालाना महंगाई की दर 10 फीसदी मान लें। फिर बच्चा जितने साल बाद उस कोर्स के लिए पढ़ने जा सकता है उसका हिसाब लगायें। मसलन, IIT दिल्ली से इंजीनियरिंग करने की सालाना फीस इस समय तीन लाख रुपये है। इसमें कैंपस में रहने का खर्च, हॉस्टल की फीस, मेस चार्ज आदि शामिल हैं। इस हिसाब से चार साल की फीस 12 लाख रुपये है। अगर आप 15 साल बाद इस खर्च को देखें तो यह 50 लाख रुपये आएगा। इसी तरह अगर इस समय मेडिकल की पढ़ाई का खर्च 20 लाख रुपये है तो 15 साल बाद आपको इस कोर्स के लिए 83.5 लाख रुपये की जरूरत पड़ेगी। अगर आप सही गणना कर सके तो इसके बाद आपको यह तय करने की जरूरत है कि आप निवेश के किस विकल्प में इतना रिटर्न कमा सकेंगे जिससे कि कम से कम निवेश में आप इस रकम को पूरा कर सकें। यह ध्यान रखें कि आप जितनी जल्दी निवेश की शुरुआत करेंगे, आपको फंड जुटाने में उतनी ही सुविधा होगी।
फाइनेंशियल प्लानिंग : कहां करें निवेश?
आप फंड जुटा पायेंगे या नहीं, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने निवेश के लिए किन विकल्पों को चुना है। ग्रोथ या डिफेंसिव, ये दोनों निवेश करने के मुख्य तरीके हैं। आम तौर पर निवेश की लंबी अवधि के लिए वित्तीय सलाहकार ग्रोथ ऑप्शन में इन्वेस्ट करने की सलाह देते हैं।इनमें शेयर, इक्विटी म्यूचुअल फंड और इस जैसे विकल्प शामिल हैं। फिक्स्ड डिपाजिट (FD), PPF या EPF जैसे निवेश डिफेंसिव कहे जाते हैं। इनमें आपकी पूंजी तो सुरक्षित रहती है, लेकिन आपको मनमाफिक रिटर्न नहीं मिल पाता है. कई बार तो निवेश के इन विकल्पों से आपको महंगाई की तुलना में भी कम रिटर्न मिलता है।
और किन खर्चों पर देना चाहिए ध्यान?
अगर आप बच्चे के उच्च शिक्षा के लिए निवेश कर रहे हैं तो आपको कोर्स की फीस के अलावा किताब, आने-जाने, कोचिंग आदि के खर्च को भी इसमें शामिल करने की जरूरत है। कुछ मामलों में तो कोचिंग का खर्च कोर्स की फीस से अधिक हो सकता है। निवेश के विकल्प बच्चे की उम्र के हिसाब से तय किया जाना चाहिए। अगर बच्चा इस समय स्कूल में जाने की तैयारियों में जुटा है तो आप निवेश के लिए एग्रेसिव प्लान बना सकते हैं। अगर आपका बच्चा दसवीं में पढ़ रहा है तो आपको जोखिम वाला निवेश विकल्प नहीं चुनना चाहिए।
5G Launch: पीएम मोदी आज देंगे देश को 5G की सौगात, इन 13 शहरों को सबसे पहले मिलेगी सर्विस
5G Launch: पीएम नरेंद्र मोदी शनिवार को देश को 5G सर्विस की सौगात देंगे. पहले चरण में 13 शहरों में 5G नेटवर्क की शुरुआत होगी.
5G Launch: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narebdra Modi) एक अक्टूबर, 2022 को भारत में बहुप्रतीक्षित 5G सर्विस की शुरुआत करेंगे. एक आधिकारिक बयान में शुक्रवार को यह जानकारी दी गई. बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री कल 10 बजे 13 चुनिंदा शहरों में 5G सेवाओं की शुरुआत करेंगे और अगले कुछ वर्षों में क्रमिक रूप से पूरे देश में इसका विस्तार किया जाएगा. पीएम मोदी इसी के साथ India Mobile Congress के 6वें एडिशन का भी उद्घाटन करेंगे.
बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक अक्टूबर, 2022 को भारत में 5जी सेवाओं की शुरुआत करेंगे, और वह 1-4 अक्टूबर 2022 तक नयी दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित होने वाले इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2022 के छठे संस्करण का भी उद्घाटन करेंगे."
इन शहरों को मिलेगी 5G की सौगात
देश में पहले चरण में 13 शहर अहमदाबाद, बेंगलुरु, चंडीगढ़, चेन्नई, दिल्ली, गांधीनगर, गुरुग्राम, हैदराबाद, जामनगर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई और पुणे में 5G कनेक्टिविटी की शुरुआत होगी. गौरतलब है कि 4जी की तुलना में 5जी नेटवर्क कई गुना तेज गति देता है और बाधा रहित संपर्क मुहैया कराता है और अरबों जुड़े डिवाइसों को वास्तविक समय में डेटा साझा करने में सक्षम बनाता है.
आधिकारिक बयान में कहा गया, "5जी से नये आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभ मिल सकते हैं, जिसके कारण यह भारतीय समाज के लिए एक परिवर्तनकारी शक्ति होने की क्षमता रखता है. यह देश की वृद्धि के लिए पारंपरिक बाधाओं को दूर करने में मदद करेगा, स्टार्टअप और व्यावसायिक उद्यमों द्वारा नवाचारों के साथ ही 'डिजिटल इंडिया' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा."
₹1.5 लाख करोड़ में हुई स्पेक्ट्रम की नीलामी
देश की अबतक की सबसे बड़ी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी में रिकॉर्ड 1.5 लाख करोड़ रुपये की बोलियां प्राप्त हुई थीं. इसमें उद्योगपति मुकेश अंबानी की जियो ने 87,946.93 करोड़ रुपये की बोली के साथ बेचे गए सभी स्पेक्ट्रम का लगभग आधा हिस्सा हासिल किया है.
भारत के सबसे धनी व्यक्ति गौतम अडाणी के समूह ने 400 मेगाहर्ट्ज के लिए 211.86 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. इसका इस्तेमाल हालांकि, सार्वजनिक टेलीफोन सेवाओं के लिए नहीं किया जाता है. वहीं, उच्च रिटर्न के साथ स्मार्ट इन्वेस्टमेंट दूरसंचार क्षेत्र के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की भारती एयरटेल ने 43,039.63 करोड़ रुपये की सफल बोली लगाई, जबकि वोडाफोन-आइडिया ने 18,786.25 करोड़ रुपये में स्पेक्ट्रम खरीदा है.
टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आएगी क्रांति
दूरसंचार कंपनियों के जल्द से जल्द 5जी सेवा चालू करने की तैयारियों में जुटने से भारत आने वाले वक्त में बेहतर डेटा स्पीड और रुकावट मुक्त वीडियो के लिए तैयार हो रहा है. इन सेवाओं के आने के बाद लोगों को स्मार्ट एंबुलेंस से लेकर क्लाउड गेमिंग तक सब कुछ मिलेगा. यहां तक कि खरीदारी के दौरान ग्राहकों को एकदम नए तरह के अनुभव भी हो सकते हैं.
पांचवीं पीढ़ी यानी 5जी दूरसंचार सेवाओं के जरिये कुछ ही सेकंड में मोबाइल और अन्य उपकरणों पर उच्च-गुणवत्ता वाले लंबी अवधि के वीडियो या फिल्म को डाउनलोड किया जा सकता है. यह एक वर्ग किलोमीटर में करीब एक लाख संचार उपकरणों को समर्थन करेगा.
यह सेवा सुपरफास्ट स्पीड (4जी से लगभग 10 गुना तेज), संपर्क में होने वाली देरी में कटौती और अरबों संबद्ध उपकरणों को वास्तविक समय में डेटा साझा करने में सक्षम बनाती है. इसके जरिये 3डी होलोग्राम कॉलिंग, मेटावर्स अनुभव और शैक्षिक अनुप्रयोगों को नए सिरे से परिभाषित किया जा सकता है.