डॉलर कमाने का आसान तरीका

नये प्रश्न
हाज़िर जवाब, विश्व की प्रथम हिन्दी प्रश्न उत्तर वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहां आप समुदाय के अन्य सदस्यों से हिंदी में प्रश्न पूछ सकते हैं और हिंदी में उत्तर प्राप्त कर सकते हैं |
प्रश्न पूछने या उत्तर देने के लिये आपको हिंदी मे टाइप करने की जरुरत नहीं हैं, आप हिंग्लिश (HINGLIS) मे भी टाइप कर सकते है!
घर बैठे सिर्फ इंटरनेट से कमाई का सबसे बढ़िया और आसान तरीका, इन 3 कंपनियों के साथ जितना चाहें उतना कमाएं पैसा
नौकरीपेशा लोगों को एक्स्ट्रा इनकम की हमेशा डॉलर कमाने का आसान तरीका तलाश रहती है. ऐसे में अगर घर बैठे सिर्फ इंटरनेट से कमाई का जरिया बन जाए तो इससे बेहतर और क्या होगा?
नौकरीपेशा लोगों को एक्स्ट्रा इनकम की हमेशा तलाश रहती है. ऐसे में अगर घर बैठे सिर्फ इंटरनेट के जरिया कमाई की जाए तो इससे अच्छा और क्या होगा. कई लोग पार्ट टाइम काम करके भी एक्स्ट्रा इनकम करने में सफल होते हैं. लेकिन, पार्ट टाइम काम के साथ कमाई भी डॉलर कमाने का आसान तरीका अच्छी हो तो सोने पर सुहागा. यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर भी ऐसा ही एक काम है. इसके जरिए कई लोगों ने अब तक एक महीने में हजारों की कमाई की है. जानिए यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (URL) से कैसे कमाई की जाए. ये इंटरनेट से कमाई का सबसे पॉपुलर तरीका है.
क्या है यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर
यूआरएल (यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर) एक ऐसा जरिया है, जिससे आसानी से कोई भी लिंक शेयर किया जा सकता है. सोशल मीडिया पर यह ट्रेंड भी करता है. दरअसल, छोटे यूआरएल लिंक को इंटरनेट पर आसानी से डॉलर कमाने का आसान तरीका रीडायरेक्ट किया जा सकता है. यह किसी भी संस्था को लोकेट करने में मदद करता है. इंटरनेट पर वायरल होने वाले मैसेज, वीडियो या फोटो भी इसके जरिए वायरल किए जाते हैं. गूगल जैसे बड़ी संस्था यूआरएल को छोटा करने जैसी सेवाएं देती हैं.
कैसे होगी इससे कमाई
इंटरनेट के जरिए सोशल मीडिया पर हम कई चीजों को शेयर करते हैं. यूआरएल से कमाई करने के लिए जरूरी है कि आप बड़े यूआरएल को छोटा कर उसे सोशल मीडिया पर शेयर करें. आपके द्वारा शेयर किए गए यूआरएल पर फ्लैश डॉलर कमाने का आसान तरीका होने वाले ऐड को जितने यूजर्स देखेंगे उस हिसाब से कंपनी आपको पेमेंट करेगी. कमेंट, लाइक और वीजिबिलिटी के लिहाज से आपकी कमाई तय होगी.
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
आइये जानते हैं कौन सी कंपनियां देती हैं मौका.
1. Adf.ly
इस वेबसाइट को सबसे ज्यादा भरोसेमंद माना जाता है. इससे आप यूआरएल को शार्ट कर आसानी से पैसा कमा सकते हैं. Adf.ly पर कई फीचर्स मौजूद हैं. इनमें न्यूनतम पेमेंट 5 डॉलर है, जिसका भुगतान पे-पाल के जरिए आपके अकाउंट में आता है. आपके द्वारा बनाए गए यूआरएल पर कितने हिट्स आए हैं, इसका भी पता चलता है. वेबसाइट द्वारा जारी किए गए यूआरएल पर हर देश में अलग-अलग रेट तय किए गए हैं, जो कॉस्ट व्यू पर आधारित है. भारत में यह 1.09 डॉलर प्रति 1000 व्यूज यानी 70.85 रुपए के हिसाब से रकम देती है. इसके अलावा आप अपने किसी दोस्त को रेफर करके भी 20% कमीशन कमा सकते हैं.
2. Adv.li
यह वेबसाइट भी यूआरएल को छोटा करने पर एक निश्चित रकम देती है. इसमें खास बात यह है कि इस पर आप एक बार में 100 या इससे ज्यादा यूआरएल एक साथ छोटा कर सकते हैं. इस वेबसाइट पर परफार्मिंग मीटर द्वारा यूआरएल के परफॉरमेंस को देखा जा सकता है. हालांकि, इसके द्वारा मिलाने वाली रकम भारत में काफी कम है. यह वेबसाइट भारत में एक लिंक पर 1000 व्यूज आने पर केवल 0.41 डॉलर यानी 26.65 रुपए देती है.
3. LinkBucks
इस वेबसाइट के जरिए आप यूआरएल को डॉलर कमाने का आसान तरीका छोटा करके अपने सोशल नेटवर्क या अपनी वेबसाइट पर शेयर कर सकते हैं. कंपनी आपके द्वारा प्लेस किए गए यूआरएल का अट्रैक्शन और उस पर मिलने वाले लाइक के हिसाब से पेमेंट करेगी. वेबसाइट द्वारा शेयर किए हुए यूआरएल पर कम से कम पेमेंट 10 डॉलर है जो पे-पाल के जरिए से आपके अकाउंट में डाली जाती है. भारत में यह वेबसाइट 0.90 डॉलर यानी 58.5 रुपए प्रति 1000 व्यूज के हिसाब से पेमेंट करती है.
नये प्रश्न
हाज़िर जवाब, विश्व की प्रथम हिन्दी प्रश्न उत्तर वेबसाइट पर आपका स्वागत है, जहां आप समुदाय के अन्य सदस्यों से हिंदी में प्रश्न पूछ सकते हैं और हिंदी में उत्तर प्राप्त कर सकते हैं |
प्रश्न पूछने या उत्तर देने के लिये आपको हिंदी मे टाइप करने की जरुरत नहीं हैं, आप हिंग्लिश (HINGLIS) मे भी टाइप कर सकते है!
महज़ 11 डॉलर प्रति घंटे पर काम करने को मजबूर अन्तर्राष्ट्रीय छात्र: रिपोर्ट
एक शोध के लेखकों का कहना है कि वेतन चोरी के खिलाफ़ ना बोलने की अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों की प्रवृत्ति एक ऐसा वातावरण तैयार कर रही है जिसमें व्यवसायों को लगता है कि वे वेतन चोरी से आसानी से बच सकते हैं. हालांकि सरकार और विपक्ष का कहना है कि वे इस तरह के मामलों के प्रति गंभीर हैं.
कोविड-19 महामारी के बीच अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों के शोषण के मामले उजागर हो रहे हैं. एक विशेष श्रृंखला में एसबीएस ने उन तरीकों की जांच की है जिनके ज़रिए अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों का फायदा उठाया जा रहा है.
मुख्य बातें:
- SBS की एक श्रृंखला डॉलर कमाने का आसान तरीका में सामने आया है कि कोविड-19 महामारी के दौर में पहले से शोषित अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों को 12 डॉलर प्रतिघंटा से भी कम वेतन दिया जा रहा है.
- माना जा रहा है कि अर्थव्यवस्था के दोबारा डॉलर कमाने का आसान तरीका खुलने पर ये स्थिति और बिगड़ सकती है.
- हालांकि सरकार ने ऐसे मामलों में सख्ती के संकेत दिए हैं.
एक नए शोध के मुताबिक इस प्रताड़ना में वेतन की चोरी एक बड़ा कारक है और इस स्थिति के और ख़राब होने की संभावना है.
होंडुरास की एक छात्रा कैरोलिना के लिए ऑस्ट्रेलिया सीखने, दुनिया को जानने और काम करने की एक आदर्श जगह है. यहां हम इस छात्रा को कैरोलिना कह रहे हैं क्योंकि वो अपनी पहचान नहीं बताना चाहती हैं.
Marie Angrilli at work as a cleaner in Mlebourne CBD. Monday, June 3, 2013. Source: AAP Image/David Crosling
23 साल की इस छात्रा को यहां जल्द ही ये पता चल गया है कि उन्हें यहां रहने के लिए इस सपने को तोड़ना होगा.
वह कहती हैं, "मैं इस काम को जल्द छोड़ना चाहती हूं क्योंकि जब-जब मुझे ये लगता है कि मेरा फायदा उठाया जा रहा है तब मुझे परेशानी होती है."
कैरोलिना ने सिडनी के एक कैफे में करीब 18 महीनों तक खाना परोसने का काम किया. इस दौरान वह अंग्रेज़ी भाषा के एक निजी कॉलेज एसईएलसी में लीडरशिप और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही थीं.
यहां तक कि कोरोनावायरस महामारी के पहले भी कैरोलिना महज़ 20 डॉलर प्रति घंटे की दर पर काम कर रही थीं. अब जबकि लॉकडाउन के दौरान व्यवसायों को भी नुकसान उठाना पड़ा है तब कैरोलिना के काम की प्रति घंटा कीमत 11 डॉलर तक आ गई है.
ये महज़ कैरोलिना की ही कहानी नहीं है.
मज़दूरी की चोरी पर ऑस्ट्रेलिया भर में करीब 5 हज़ार से ज्यादा अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में सामने आया है कि हालात काफी बुरे हैं.
करीब 26 फीसदी तो ऐसे छात्र थे जिन्हें 12 डॉलर प्रति घंटे से भी कम का भुगतान किया गया था.
यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स से एसोसिएट प्रोफेसर बैसिना फारबेनब्लूम कहती हैं कि ये आंकड़े एक बड़े मुद्दे की ओर इशारा करते हैं.
वह कहती हैं, "इस तरह के मामलों को मैं ग़ुलामी के वर्तमान रूप में देखती हूं. यहां पर ऐसे लोगों का फायदा उठाया जा रहा है जो कि अपनी जीविका के लिए पैसा कमाने के लिए आतुर हैं."
अध्ययन में ये बात भी सामने आई है कि इस स्थिति में भी करीब 62 फीसदी छात्रों ने कभी मदद पाने के लिए कोशिश नहीं की. 48 प्रतिशत छात्रों को डर था कि कहीं उन्हें अपनी नौकरी ही ना खोनी पड़े और 38 फीसदी लोग वीज़ा को ख़तरे में नहीं डालना चाहते थे.
यही कारण है कि कैरोलिना भी अपनी पहचान छुपाना चाहती हैं.
वह कहती हैं, "मुझे नहीं पता कि क्या मुझे किसी वक़ील की मदद लेनी चाहिए ? मैं ये भी नहीं जानती कि ये कितना लंबा खिंचेगा और क्या ये मेरे वीज़ा पर असर डालेगा? इसलिए सबसे आसान तरीका ये है कि ख़ामोश रहा जाए."
This might interest you:
Remove 40-hour work limitation on the student visa, recommends study
इस अध्ययन के लेखकों का कहना है कि अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों के बीच इस तरह के मामलों के खिलाफ़ ना बोलने या फिर अपने नियोक्ता के खिलाफ़ रिपोर्ट ना करने की प्रवृत्ति एक ऐसा वातावरण बना रही है जिसमें व्यवसायों का लगता है कि वो मज़दूरी की चोरी से बच सकते हैं. और अर्थव्यवस्था के दोबारा खुलने पर इन हालातों के और ख़राब होने की आशंका है.
माइग्रेंट वर्कर्स टास्कफोर्स के पूर्व अध्यक्ष एलन फेल्ज़ कहते हैं कि जानबूझ कर कम भुगतान करने वालों के लिए जितनी जल्दी जेल की सज़ा की प्रावधान होगा उतनी जल्दी ये हालात सुधरेंगे.
शिक्षा मंत्री डेन टेहान ने ज़ोर देकर कहा है कि सरकार कर्मचारियों के शोषण को लेकर काम कर रही है. वहीं लेबर पार्टी के शिक्षा मामलों की प्रवक्ता तान्या प्लीबेरसेक ने भी कहा है कि विपक्ष भी इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है.
This might interest you:
‘No fixed timeline’ for the return of international students, says Education Minister
हालांकि कैरोलिना का संदेश बाकी अन्तर्राष्ट्रीय छात्रों के लिए ये है कि वे सावधान रहें. इस बात के प्रति जागरूक रहें कि उन्हें कितना मेहनताना मिल सकता है और अपने नियोक्ता को फायदा ना उठाने दें.
कोरोनावायरस महामारी से जुडे किसी भी समाचार को अपनी भाषा में पाने के लिए आप sbs.com.au/coronavirus पर जा सकते हैं.
ऑस्ट्रेलिया में लोगों को आवश्यक तौर पर एक दूसरे से 1.5 मीटर की दूरी बनाए रखनी चाहिए. लोगों के एक जगह पर एकत्र होने की सीमा के लिए अपने राज्य के प्रतिबंधों को देखें. अगर आप बुखार या जुक़ाम जैसे लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो अपने घर पर ही रहें और अपने डॉक्टर को कॉल करके परीक्षण की व्यवस्था करें. या कोरोना वायरस स्वास्थ्य सूचना हॉटलाइन को 1800 020 080 पर संपर्क करें.
टेलर ने रसोइए को दी 500 डॉलर की बख्शीश
फोर्ब्स पत्रिका की 30 साल की उम्र में सबसे अधिक कमाई करने वाली हस्तियों की वार्षिक सूची में तीसरा स्थान पाने वाली गायिका टेलर स्विफ्ट ने एक रेस्तरां के प्रधान रसोइए को 500 डॉलर की बख्शीश.
फोर्ब्स पत्रिका की 30 साल की उम्र में सबसे अधिक कमाई करने वाली हस्तियों की वार्षिक सूची में तीसरा स्थान पाने वाली गायिका टेलर स्विफ्ट ने एक रेस्तरां के प्रधान रसोइए को 500 डॉलर की बख्शीश डॉलर कमाने का आसान तरीका दी।
वेबसाइट ‘ईऑनलाइन डॉट कॉम’ के मुताबिक, जून 2012 से जून 2013 तक 5.5 करोड़ डॉलर कमाने वाली 23 वर्षीया टेलर फिलाडेल्फिया के रॉल्फ्स इटालियन रेस्तरां में गायक एड शीरन और अस्टिन माहोने के साथा खाना खा रही थीं, जिसके बाद उन्होंने यह बड़ी बख्शीश दी।
रसोइए ने बताया कि स्विफ्ट ने खाने का भुगतान करने के बाद 500 डॉलर की बख्शीश भी छोड़ी और उन्होंने रसोइए को अपने कार्यक्रम के दो टिकट भी दिए।