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स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है
Stock Broker Select Karne ke Steps

स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है

शेयर मार्किट में बनें सब ब्रोकर, बनाएं मजबूत कॅरियर

  • मैगज़ीन
  • 03 December, 2022 09:34 PM


अगर आपकी शेयर बाज़ार में रूचि है तो आपको पता होगा कि कैसे कोरोना महामारी के दौरान जब सारे बिजनेस ठप पड़े थे, कारखाने बंद थे, तब भी शेयर बाज़ार दिन दूनी, रात चौगुनी कमाई कर रहा था। मजे की बात यह है कि महामारी खत्म होने के बाद भी शेयर बाज़ार में विकास का माहौल कमजोर नहीं हुआ। लगातार शेयर मार्किट में निवेश करने वालों की संख्या बढ़ रही है। इससे साफ पता चलता है कि आने वाले दिनों में शेयर मार्किट का बिजनेस काफी ज्यादा बढ़ेगा। पिछले दो तीन सालों के भीतर देश में करोड़ों की तादाद में नये डिमैट एकाउंट और ऑनलाइन ट्रेडिंग एकाउंट खुलवाये गये हैं, जिससे साफ पता चलता है कि देश में लगातार शेयर बाज़ार प्रगति कर रहा है। इस प्रगति का अगर आप फायदा लेना चाहते हैं तो सब ब्रोकर बनकर आप अच्छी तरह से इसके लाभ हासिल कर सकते हैं। क्योंकि इस मार्किट में ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी का मतलब है कि उन्हें ऐसे लोगों की बड़ी संख्या में जरूरत है जो शेयर बाज़ार को अच्छी तरह से जानते हों और ऐसे लोगों को गाइड कर सकें।
शेयर बाज़ार में सब ब्रोकर आम निवेशकों को निवेश के तौर तरीके सिखाता है और उनके लिए निवेश प्रक्रिया आदि को सम्पन्न कराने का काम भी करता है। यह निवेशकों को सिक्योरिटीज यानी प्रतिभुतियां खरीदने और उनकी बिक्री में मदद करता है। सब ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज का ट्रेडिंग मैंबर नहीं होता, लेकिन वह ग्राहकों को सेवाएं देने में स्टॉक ब्रोकरों की मदद करता है। एक तरह से वह निवेशकों और स्टॉक ब्रोकरों के बीच की कड़ी होता है, जो निवेशकों की तमाम परेशानियां उसके ब्रोकर तक पहुंचने के पहले ही दूर कर देता है। सवाल है इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए हमें क्या-क्या योग्यताएं होनी चाहिए?
इस क्षेत्र में कॅरियर बनाने के लिए कम से 12वीं तक पढ़ाई होनी चाहिए। हालांकि आजकल कई ब्रोकर अपने सब ब्रोकर के लिए कम से कम स्नातक डिग्री पसंद करते हैं। हालांकि इससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि आपको वित्तीय बाज़ार की जानकारी हो। इसके लिए कई सर्टिफिकेट कोर्स किये जा सकते हैं मसलन- एनसीएफएम वास्तव में यह एनएसई सर्टिफिकेशन इन फाइनेंशियल मार्किट का सर्टिफिकेट कोर्स है। इसी तरीके से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का बीएसई सर्टिफिकेशन ऑन सिक्योरिटीज मार्किट भी है तथा एनआईएसएन कोर्स के जरिये भी आप शेयर बाज़ार के लिए सब ब्रोकर बनने की योग्यता पा जाते हैं।
इसके अलावा शेयर बाज़ार में शेयर ब्रोकर बनने के लिए आपके पास कुछ दास्तावेज होने चाहिए। मसलन- पैन कार्ड, आधार कार्ड और एजुकेशन प्रुफ। आपके इन दस्तावेजों में आपके निवास और कार्ययालय के पते का प्रमाण भी होना चाहिए और सीए के रिफ्रेंस लेटर की भी जरूरत पड़ती है। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर कुछ और दस्तावेज भी मांगे जा सकते हैं, जो आमतौर पर हर किसी के पास होते हैं। सवाल है इस क्षेत्र में बुद्धिमान तरीके से कैसे आगे बढ़ें? हालांकि शेयर बाज़ार के लिए कोई स्थायी और एक्सक्लूसिव नियम अथवा फार्मूला नहीं होता, जिसकी बदौलत हम शेयर बाज़ार में अपनी कामयाबी हासिल कर सके, लेकिन काम करते-करते ऐसा अनुभव हो जाता है जिससे हम यह जान जाते हैं कि कौन सी सिक्योरिटीज़ बेचने में फायदा है और कौन सी नहीं। जानकार कहते हैं कभी भी ऐसा कुछ नहीं बेचना चाहिए, जिसे बेचने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़े यानी उसे कोई खरीदने के लिए ही तैयार न हो। मगर यह समझ रातोंरात नहीं आती, अनुभव से और शेयर बाज़ार में निरंतर की जाने वाली रिसर्च से आती है।
आपको एक सब ब्रोकर के तौर पर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके ब्रोकर के पास अच्छी ब्रांड की इक्विटी और रिकॉल वैल्यू होनी चाहिए। तभी आपसे नये ग्राहक बनते हैं। सब ब्रोकर बनने के लिए आपको ब्रोकर्स के पास कुछ शुल्क जमा करना होता है और जीएसटी के साथ सेबी में रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है। इसके अलावा आईसीआईसी सिक्योरिटीज़, एचडीएफसी सिक्योरिटीज़, एक्ससेज सिक्योरिटीज़ और एंजेल ब्रोकिंग जैसे ब्रोकर आपको सब ब्रोकरशिप, बिजनेस, अप्रोचयूनिटी मुहैय्या कराते हैं। जिन्हें आप हाज़िर कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास अपना ऑफिस होना चाहिए, जिसमें कम्प्यूटर, डेस्कटॉप जैसी सुविधाएं हों और हां, आपके ऑफिस में तेज़ और विश्वसनीय इंटरनेट कनेक्शन भी हो। अगर आपके पास कम से कम छह से आठ महीने किसी ब्रोकर के साथ असिस्टेंट के रूप में काम करने का अनुभव न हो तो पहले इस तरह के अनुभव लेने के फायदे होते हैं।-इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर

स्टॉक ब्रोकर कैसे सेलेक्ट करें | Stock Broker Select Karne ke 5 Steps.

हालांकि stock broker select करना एक बेहद आसान प्रक्रिया है, लेकिन वह निवेशक की आवश्यकता के अनुरूप भविष्य में निवेशक को Service दे पायेगा या नहीं इसका विश्लेषण करना थोड़ा मुश्किल | इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से अपने पाठकों को stock broker select करने की Information देंगे |

वैसे देखा जाय तो stock broker stock exchange का एक पंजीकृत सदस्य होता है जो stock market में शेयर खरीदने और बेचने के लिए प्राधिकृत होता है | किसी भी व्यक्ति द्वारा बिना Stock broker के Share trading कर पाना संभव नहीं है, इसलिए जब भी कोई व्यक्ति Stock Market में Invest करने की सोचता है तो उसे कोई न कोई stock broker select करना ही पड़ता है |

और जब कोई व्यक्ति broker द्वारा दी जाने वाली service ग्रहण करके Trading करता है, broker को Trading Value पर कमीशन मिलता है जिसे Brokerage कहा जाता है |

क्या होता है स्टॉक ब्रोकर:

Stock broker से आशय उस व्यक्ति या संगठन से है, जिन्हें अपने ग्राहकों की ओर से stock market में participate करने का लाइसेंस मिला हुआ होता है | Stock broker शेयर खरीदने और बेचने वाले व्यक्ति के बीच एक प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहा होता है, और इस प्रतिनिधित्व के बदले ब्रोकर Trading Value का कुछ प्रतिशत कमीशन के तौर पर लेकर अपनी कमाई कर रहा होता है | एक प्रतिनिधि अर्थात एजेंट के तौर पर broker केवल और केवल निवेशकों के लिए शेयरों की खरीद बिक्री कर रहा होता है |

जिसका अभिप्राय है की जो निवेशक अपने शेयर बेचना चाहते हैं उनके लिए वह बेचेगा और जो ग्राहक खरीदना चाहते हैं उनके लिए वह खरीदेगा | इसलिए जरुरी हो जाता है की कोई भी व्यक्ति stock broker select करते वक्त यह पता अवश्य लगाने की कोशिश करे की क्या वह उसके लिए निवेश सम्बन्धी सही निर्णय ले पायेगा | इसके अलावा और भी बहुत सारी बातें है जिनका ध्यान किसी भी निवेशक को stock broker select करते वक्त रखना चाहिए |

Stock Broker Select करने के लिए उठाये जाने वाले कदम:

stock broker select kaise kare

Stock Broker Select Karne ke Steps

1. स्टॉक ब्रोकर रजिस्टर्ड है या नहीं पता करें

निवेशक को stock broker select करने से पहले यह पता करना बेहद आवश्यक है की ब्रोकर पंजीकृत है या नहीं | अर्थात जो सेवा वह लोगो को दे रहा है उस सेवा को देने का लाइसेंस ब्रोकर के पास है या नहीं | यह सब करने के लिए निवेशक चाहे तो Stock broker की वेबसाइट पर जा सकता है, क्योंकि लगभग सभी ब्रोकर अपनी Registration details अपनी website के माध्यम से display करते हैं |

इसके अलावा दूसरा विकल्प यह है की निवेशक Securities and exchange board of India (SEBI) की Website के माध्यम से भी यह पता कर सकता है की ब्रोकर Registered है या नहीं | BSE और NSE की वेबसाइट पर भी Registered stock broker की लिस्ट विद्यमान रहती है |

2. ऐसे व्यक्ति का फीडबैक लें जो पहले से निवेश कर रहा हो

व्यक्ति का स्वभाव है की अक्सर कुछ नया करने से पहले अपनी शंका के समाधान हेतु उस सेवा विशेष या प्रोडक्ट विशेष के बारे में वह अपने आस पास के लोगों से जरुर पूछता है, जो की सही भी है |

लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की आप ऐसे व्यक्ति से राय बिलकुल मत लें जिसने पहले कभी Stock Market में Invest किया ही न हो, इस क्रिया को अंजाम तक पहुँचाने के लिए निवेशक को चाहिए की वह अपने जानकारों में से किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करे, जिन्होंने Stock market में Invest किया हो या पहले कर चुके हों, उन्ही के स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है Feedback के माध्यम से निवेशक को stock broker select करने में मदद मिल पायेगी |

3. ब्रोकरेज बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए

Indian Market में बहुत सारी Brokerage कंपनिया हैं इनमे से कुछ बहुत कम कमीशन लेकर निवेशक के लिए Trading करने को तैयार भी हैं | लेकिन एक निवेशक को चाहिए की वह सिर्फ Brokerage fee पर ध्यान न देकर कंपनी या व्यक्ति की शाख पर भी ध्यान दे |

क्योंकि एक ब्रोकर में निवेशक की पसंद, नापसंद को समझने के अलावा उसकी risk profile और व्यक्ति की वित्तीय स्थिति के आधार पर उसे व्यक्तिगत सुझाव देने की क्षमता होनी चाहिए | और ब्रोकर को समझना चाहिए की आखिर निवेशक का निवेश करने के पीछे लक्ष्य क्या है | इसलिए निवेशक को stock broker select करते वक्त Brokerage के अलावा उपर्युक्त बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए |

4. स्टॉक ब्रोकर की जानकारी और व्यवहार का आकलन करें

वैसे तो एक मुलाकात में किसी के व्यवहार का जायजा लेना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन यदि निवेश करने की चाह रखने वाला व्यक्ति ब्रोकर पर थोड़ा सा ध्यान दे तो शायद वह यह जान पाने में कामयाब हो पायेगा की सामने बैठे व्यक्ति का व्यवहार अपने ग्राहकों के प्रति कैसा है | इसमें स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है निवेशक को चाहिए की वह Stock market में Investment सम्बन्धी ब्रोकर से ढेर सारे प्रश्न जैसे इसमें निवेश करने के जोखिम क्या क्या हैं? और अभी मार्किट में कौन सा Stock सबसे ज्यादा प्रचलित है?

जो आप मुझे सुझाव दे रहे हैं वह मेरे लिए फायदेमंद कैसे है? मैं अपनी मेहनत से की गई कमाई को इस Stock में क्यों निवेश करूँ? अगर मैं यह Stock खरीदूं तो इसमें लाभ कितनी संभावना है? इत्यादि इस पहली मीटिंग में निवेशक को चाहिए की वह जितने अधिक प्रश्न करेगा Broker का Behavior और Knowledge उसके सामने उतनी अधिक चित्रित होगी |

अब यदि आपके लगातार प्रश्नों को सुनकर Broker के चेहरे या वाणी में झुनझुलाहट का आभास हो रहा है, तो समझ लीजिये की या तो Broker अपने ग्राहक द्वारा पूछे गए प्रश्नों में रूचि नहीं दिखा रहा है, या फिर हो सकता है की उसको पूर्ण जानकारी न हो |

5. व्यक्तिगत अटेंशन बहुत जरुरी है

चूँकि निवेशक अपनी मेहनत से की गई कमाई को Stock Market में ब्रोकर के माध्यम से निवेश करता है, इसलिए ब्रोकर के प्रति निवेशक की अपेक्षाएं यह रहती हैं की जरुरत पड़ने पर Broker उसे Personal attention देकर उसकी मदद करे | इसलिए Stock broker select करते वक्त व्यक्ति चाहे तो इस बारे में ब्रोकर से पहले ही बात कर सकता है, या फिर अपने किसी अनुभवी जानकार से भी इस बारे में पता कर सकता है |

इसमें यह जरुरी नहीं की सिर्फ बड़े ब्रोकर ही बड़े ग्राहक को अधिक अहमियत देते हैं बल्कि हमारा मानना तो यह है की छोटे ब्रोकर को यदि कोई बड़ा ग्राहक मिल जाय तो वह ज्यादा समय उसी के पीछे लगा रहेगा, यही कारण है की इसमें यह कहना मुश्किल है की निवेशक को बड़े Stock broker select करना चाहिए या छोटा, यह निर्णय निवेशक अपने विवेक से खुद ले सकता है, लेकिन हम सिर्फ इतना कहना चाहेंगे की निवेशक को समय समय पर ब्रोकर की ओर से Personal attention की requirement होगी |

उपर्युक्त बातों के अलावा निवेशक को Stock broker select करते वक्त Online निवेशकों द्वारा दिए गए Reviews का भी विश्लेषण करना चाहिए, ताकि निवेशक यह तय कर पाए की क्या वह Broker जिसे वह Select करने जा रहा है अपने वर्तमान ग्राहकों को कैसी सर्विस दे रहा है |

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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और यूनिसेफ ने उद्योगपतियों और कॉरपोरेट्स से बच्चों और युवाओं में निवेश करने का आग्रह किया

Children take over the National Stock Exchange to raise their voice in solidarity for protecting and promoting children's rights.

मुंबई, भारत, 05 अक्टूबर 2018: यूनिसेफ की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हेनरीएटा फोर ने आज यहां नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसई) में 'क्लोजिंग बेल' बजाकर आने वाले समय में बच्चों और युवाओं में निवेश करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस समारोह में श्री विक्रम लिमये, प्रबंध निदेशक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज; डॉ यास्मीन अली हक, राष्ट्र स्टॉक ब्रोकर बनने के लिए प्रक्रिया क्या है प्रतिनिधि, यूनिसेफ इंडिया; और श्री रितेश अग्रवाल, ओयो रूम्स के संस्थापक और सीईओ, भी मौजूद थे।

इस मौके पर सुश्री फोर ने कहा, "भारतीय व्यापार समूह में यह समझ बढ़ रही है कि साझी मान्यताएं - जो इस विचार से उत्पन्न होती है कि परोपकार ही अच्छा व्यापार है - स्वस्थ, बेहतर शिक्षित, और अधिक संपन्न जन समूह को समर्थन देकर विकसित की जा सकती है। व्यापार जगत के लिए यह अनिवार्य नहीं कि उसका मुनाफा समुदाय हित की अनदेखी कर के ही प्राप्त किया जाए। वास्तव में, उनका मुनाफा स्थानीय समुदाय और वहां रहने वाले लोगों की बेहतर सेवा और मदद करके भी कमाया जा सकता है। एक पैनल चर्चा के दौरान पैनलिस्ट्स ने चर्चा की, कि कैसे व्यवसायी और उद्योगपति यूनिसेफ और एनएसई जैसे संगठनों के साथ मिलकर बच्चों और युवाओं के हित के लिए समाधान खोज सकते हैं। चर्चा में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया कि किस तरह व्यवसाय लिंग भेद का मुकाबला करने के लिए अधिक कार्य कर सकते हैं, और ऐसी सामाजिक बाधाओं का विरोध कर सकते हैं जो कार्यस्थल में लैंगिक असमानताओं को मजबूत करती हैं। पैनलिस्टों ने इस बात पर भी गौर किया कि विश्व में किशोरों और युवाओं की तेज़ी से बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्यकुशलता में कमी को पूरा करने के लिए शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण में तत्काल निवेश की आवश्यकता है।

एनएसई के एमडी और सीईओ, श्री विक्रम लिमये ने कहा, “आने वाले समय में नवीन सामाजिक उद्यमों, सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप जैसे सब को साथ लेकर चलने वाले व्यापार मॉडलों पर एक केंद्रित रणनीति तैयार करने कि आवश्यकता है, जिससे महिलाओं, बुजुर्गों और हाशिए पर रहने वाले अन्य वंचित वर्गों का वित्तीय सशक्तिकरण होगा। इस तरह के निष्पक्ष व्यवसाय मॉडल की नवरचना देश के आर्थिक विकास को एक नयी दिशा देगी, ताकि कारोबार का लाभ समाज के हर वर्ग तक पहुंचे। एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से एनएसई दृढ़ता से उन नए और केंद्रित कदमों का समर्थन करने में विश्वास रखता है जो हाशिए और वंचित समुदायों के सबसे गरीब लोगों को प्रभावित करते हैं, जो आज भारत के विकास की तस्वीर का हिस्सा हैं।"

ओयो रूम्स के सीईओ और संस्थापक श्री रितेश अग्रवाल ने कहा, “हम जैसे युवा जो कर सकते हैं, उसकी क्षमता की कोई सीमा नहीं है। हमें ज़रूरत है सही अवसर और कौशल की। मैं हर तरह से यूनिसेफ के प्रयासों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।" वर्तमान परिवेश में युवा लोगों में समान निवेश ही सबसे अच्छा और मूल्यवान लम्बी अवधि का निवेश है, जो सरकारें और व्यवसाय कर सकते हैं। युवा लोगों में निवेश करना वास्तव में उपयोगी है, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था और समाज को सकारात्मक लाभ मिलते हैं।

इस सप्ताह की शुरुआत में नई दिल्ली में यूनिसेफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर 'युवाह!' का शुभारंभ किया। यह युवाओं, सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र को एक साथ लाने वाला मंच है, जिसका उद्देश्य है ऐसे समाधान खोजना जो युवाओं के लिए आवश्यक बदलावों में तेजी ला सके।

संपादकों के लिए टिपप्णी

सुश्री फोर, जो 1 जनवरी 2018 को संयुक्त राष्ट्र बाल कोष की सातवीं कार्यकारी निदेशक बनीं, उन्हें सार्वजनिक विकास, निजी क्षेत्र और गैर-लाभकारी क्षेत्र में आर्थिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवीय सहायता और आपदा राहत में अपने काम व नेतृत्व के लिए जाना जाता है।

अपने चार दशक से अधिक के कार्यकाल में, सुश्री फोर ने 2007 से 2009 तक एडमिनिस्ट्रेटर ऑफ़ यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और डायरेक्टर ऑफ़ यूनाइटेड स्टेट्स फॉरेन असिस्टेंस के रूप में कार्य किया। 2009 में उन्हें डिस्टिंग्विशड सर्विस अवार्ड (विशिष्ट सेवा का पुरस्कार) मिला, जो कि संयुक्त राज्य अमरीका के सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट द्वारा दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है।

2005 से 2007 तक, उन्होंने अंडर सेक्रेटरी ऑफ़ स्टेट फॉर मैनेजमेंट के रूप में काम किया, जो कि डिपार्टमेंट ऑफ़ स्टेट के चीफ ऑपरेटिंग अफसर हैं।

कृपया उनके शैक्षिक अभिलेख और कार्य अनुभव के लिए यह लिंक (link to her CV) देखें।

शेयर बाजार का बनना है खिलाड़ी! सबसे पहले खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया

Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं.

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What is Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं. नई तकनीक के साथ चीजें अधिक डाइनामिक हो गई हैं. आज के समय में ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है. आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंसेस को मैनेज करना आसान नहीं है. बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए हुआ. इसमें सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है. शेयरों या अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा मिल गई. डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते हैं.

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है. अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है. डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है. डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं. इस तरह, डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है. इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं.

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डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं?

  • सबसे पहले, अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
  • सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें. फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा.
  • अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
  • अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे.

एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं. जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.

(स्रोत: एंजेल ब्रोकिंग)

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