क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई?

CryptoCurrency: कुछ घंटे में इस क्रिप्टोकरेंसी की 200% बढ़ गई कीमत, दुनिया की टॉप-58 क्रिप्टो में हुई शामिल
क्रिप्टोकरेंसी टेरा लुना (LUNA) की कीमतों में शुक्रवार 9 सितंबर को महज कुछ घंटों में 200 फीसदी की तेजी आई और यह दुनिया की टॉप 58 क्रिप्टोकरेंसी में शामिल हो गई
क्रिप्टोकरेंसी टेरा लुना (LUNA) की कीमतों में शुक्रवार 9 सितंबर को महज कुछ घंटों में 200 फीसदी की तेजी आई। पिछले 24 घंटों में इस क्रिप्टोकरेंसी में करीब 3 अरब डॉलर से अधिक का ट्रेडिंग वॉल्यूम देखने को मिला, जिससे इसकी कीमत आज बढ़कर 7 डॉलर पर पहुंच गई। इस बढ़ोतरी के साथ टेरा लुना अब मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की 58वीं सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन गई।
दरअसल लुना ने क्लासिक नेटवर्क (LUNC) के 1.2 फीसदी कॉइन को टैक्स बर्न की योजना बनाई है, जिसके बाद निवेशकों ने इसे खरीदने में भारी दिलचस्पी दिखाई है। अधिकतर क्रिप्टो एक्सचेंज ने टेरा के टैक्स बर्न की योजना का समर्थन किया है।
इस प्लान से टेरा कम्युनिटी को इसके सभी टोकन की कीमतों में ऐतिहासिक वापसी की उम्मीद है। टेरा के सभी टोकन में भारी खरीदारी दिख रही है और उन्होंने टेरा (LUNA) की कीमत के 10 डॉलर तक पंहुचने का लक्ष्य रखा है।
क्रिप्टोकरेंसी के जन्म की कहानी (A dive into the birth of a Cryptocurrency)
आजकल बहुत से लोगों की रुचि क्रिप्टोकरेंसी में बढ़ी है। क्रिप्टोकरेंसी में रुचि अब तक के उच्चतम स्तर पर है, चाहे वह लोकप्रिय टोकन की तकनीक की जिज्ञासा के कारण हो या बस उनसे लाभ उठाने की इच्छा के कारण हो।
हम में से कई लोग लाभ के लिए क्रिप्टोकरेंसी खरीदते और बेचते हैं, उसी तरह जैसे हम पारंपरिक शेयरों के साथ करते हैं, पर ये थोड़े अलग हैं। जब आप स्टॉक खरीदते हैं, तो आप एक कंपनी में स्वामित्व का एक अंश खरीद रहे होते हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी के साथ, आपके पास एक्सचेंज का माध्यम होता है और ‘कंपनी’ में खरीदारी नहीं करते हैं जब तक कि आप आईसीओ में भाग नहीं लेते। इसके अलावा, ब्लॉकचेन की विकेंद्रीकृत प्रकृति, इसकी अंतर्निहित तकनीक के कारण क्रिप्टो को स्टॉक के रूप में विनियमित नहीं किया जाता है। इसी कारण इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है।
हालांकि, बिटक्वाइन और ईथर जैसे लोकप्रिय टोकन के आंतरिक कामकाज के बारे में जिज्ञासा इस रुचि के कारण होती है। हम में से कई, विशेष रूप से, क्रिप्टोकरेंसी की उत्पत्ति के बारे में जानने के लिए उत्सुक हैं। यह देखते हुए कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिजिटल क्षेत्र में मौजूद है और केंद्रीय बैंक द्वारा जारी नहीं की जाती, गैर-तकनीकी लोगों के लिए यह समझना मुश्किल हो सकता है कि बिटक्वाइन कहां से उत्पन्न होता है और यह कैसे कार्य करता है।
हालांकि बिटक्वाइन जटिल है, इसकी आंतरिक कार्यप्रणाली उतनी हैरान करने वाली नहीं है जितनी लोग सोचते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी किस प्रकार बनाई जाती है?
यदि आपने कोई क्रिप्टो या ब्लॉकचेन से संबंधित साहित्य पढ़ा है, तो आप शायद “माइनिंग” शब्द के बारे में जानते होंगे। माइनिंग क्रिप्टोकरेंसी उद्योग में अक्सर उपयोग किया जाने वाला शब्द है क्योंकि यह वो तरीका है जिसके द्वारा क्रिप्टोकरेंसी वितरित की जाती है।
एक बात का क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? ध्यान रखें कि सभी क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन पर बनी हैं और क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित सारे लेनदेन ब्लॉकचेन पर होते हैं। ब्लॉकचेन पर लेनदेन पूरा करने से पहले इसका अनुरोध या इसकी पहल की जानी चाहिए। सत्यापन पुष्टि की प्रक्रिया होती है और इसे प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए नियमित रूप से ब्लॉकचेन नेटवर्क (जैसे बिटक्वाइन नेटवर्क) पर किया जाना चाहिए।
ये सत्यापन कंप्यूटर के नेटवर्क द्वारा किए जाते हैं, और जो लोग लेनदेन को मान्य करने के लिए अपने कंप्यूटर को इस्तेमाल करने देते हैं उन्हें नेटवर्क के मूल टोकन से पुरस्कृत किया जाता है। इस प्रकार की गतिविधि को माइनिंग कहते हैं।
हालांकि, माइनिंग का तरीका अलग-अलग होता है और ऐसा करने के लिए दो ब्लॉकचेन सिस्टम का उपयोग किया जा सकता है: प्रूफ-ऑफ-वर्क और प्रूफ-ऑफ-स्टेक। दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि सत्यापन किस प्रकार पूरा किया जाता है। प्रूफ-ऑफ़-वर्क सिस्टम में सत्यापनकर्ताओं को एक जटिल गणितीय पहेली को हल करने के लिए अपने कंप्यूटर का उपयोग करना होता है।
माइनिंग प्रक्रिया में शामिल लोगों को लेन-देन के एक समूह (एक ब्लॉक) के मान्य होने के बाद टोकन की एक पूर्वनिर्धारित मात्रा के साथ पुरस्कृत किया जाता है और इस तरह से बाजार में अधिक क्वाइंस/टोकन आते हैं। बिटक्वाइन नेटवर्क प्रूफ-ऑफ-वर्क सिस्टम का एक उदाहरण है जो बहुत अधिक ऊर्जा का उपयोग करता है।
प्रूफ-ऑफ-स्टेक नेटवर्क में सत्यापनकर्ता केवल वे लोग नहीं होते जो जटिल गणितीय पहेली को हल करने का निर्णय लेते हैं। इसके बजाए सत्यापनकर्ताओं को इस आधार पर चुना जाता है कि उनके पास पहले से कितने टोकन हैं, यानी उनके पास नेटवर्क में कितनी बड़ी हिस्सेदारी है। इसके अलावा, प्रूफ-ऑफ-वर्क के विपरीत, प्रूफ-ऑफ-स्टेक सिस्टम में बहुत कम ऊर्जा की खपत होती है; उदाहरणों में पोल्काडॉट, EOSIO और कार्डानो शामिल हैं, इथेरियम जल्द ही इस प्रणाली में माइग्रेट करने की योजना बना रहा है, इससे इसके वर्तमान ऊर्जा उपयोग का 95% तक कम हो जाएगा।
क्रिप्टो की कीमत किस प्रकार तय की जाती है?
आज कल हजारों क्रिप्टोकरेंसी प्रचलन में हैं, लेकिन कुछ की कीमत दसियों हज़ार डॉलर है जबकि अन्य की कीमत काफी कम हैं। इसका कारण क्या है? और कुछ क्रिप्टोकरेंसी दूसरों की तुलना में अधिक मूल्यवान क्यों हैं?
माइनिंग के माध्यम से बनाए गए सारे बिटक्वाइन (या क्वाइन) माइनर के पास नहीं होते। इसके बजाए कई क्वाइंस को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म और अन्य साइटों को खरीदने के लिए बेच दिया जाता है, इस तरह वे पूरे बाजार में फैल जाते हैं। जिस कीमत पर टोकन आम जनता को बेचा जाएगा, उसे विभिन्न मानदंडों द्वारा निर्धारित किया जाता है।
इसके साथ ही माइनिंग की लागत का मुद्दा होता है। माइनिंग उपकरण और बिजली की लागत को कवर करने के लायक राशि के लिए प्रूफ-ऑफ-वर्क टोकन बेचा जाना चाहिए। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी की कीमत निर्धारित करने में मांग और आपूर्ति सबसे महत्वपूर्ण कारक होते हैं।
कुल मिलाकर, कुछ के लिए क्रिप्टोकरेंसी पैसा है, और पैसे का मूल्य प्राप्त होता है। उदाहरण के लिए, डॉजकोइन को लें, जो अधिकांश समय एक अल्पविकसित क्रिप्टोकरेंसी के रूप में जाना गया। हालांकि, जब एलोन मस्क ने टोकन के बारे में ट्वीट करना शुरू किया, तो इसकी कीमत आसमान छूने लगी।
सबसे व्यापक रूप से इस्तेमाल की जाने वाली क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत में विभिन्न कारकों के कारण उतार-चढ़ाव होती रहती है। प्रतिबंधित आपूर्ति के कारण (प्रत्येक ब्लॉक के लिए वितरित टोकन की संख्या में गिरावट) हर बार इसकी कीमत बढ़ जाती है। हर बार एक नया विकास होता है जो बिटक्वाइन की मांग को बढ़ाता है जिससे आपूर्ति और मांग के पुराने स्थापित नियम के अनुसार कीमत बढ़ जाती है।
निष्कर्ष
जबकि हम में से बहुत से लोग क्रिप्टोकरेंसी से अपरिचित हैं, उनके आंतरिक कामकाज और बुनियादी सिद्धांतों को आसानी से वर्णित किया जा सकता है, जिससे हमें इस नवीन अवधारणा की बेहतर समझ मिलती है।
अस्वीकरण: क्रिप्टोकुरेंसी कानूनी निविदा नहीं है और वर्तमान में अनियमित है। कृपया सुनिश्चित करें कि आप क्रिप्टोकरेंसी का व्यापार करते समय पर्याप्त जोखिम मूल्यांकन करते हैं क्योंकि वे अक्सर उच्च मूल्य अस्थिरता के अधीन होते हैं। इस खंड में दी गई जानकारी किसी निवेश सलाह या वज़ीरएक्स की आधिकारिक स्थिति का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वज़ीरएक्स अपने विवेकाधिकार में इस ब्लॉग पोस्ट को किसी भी समय और बिना किसी पूर्व सूचना के किसी भी कारण से संशोधित करने या बदलने का अधिकार सुरक्षित रखता है।
एलन मस्क की फेवरेट क्रिप्टोकरेंसी में जबरदस्त इजाफा, एक हफ्ते में दिया 145 फीसदी का रिटर्न
डीएनए हिंदी: लंबे समय से अरबपति एलन मस्क की फेवरेट क्रिप्टोकरेंसी डॉगकॉइन ने पिछले सात दिनों में 145 फीसदी से ज्यादा का इजाफा देखने को मिला है. CoinMarketCap.com के अनुसार इस इजाफे के बाद डॉगकॉइन दुनिया की 10 सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की लिस्ट में शामिल हो गया है. वहीं दूसरी ओर दुनिया की दो सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन और इथेरियम में भी तेजी देखने को मिल रही है. दोनों में बीते 7 दिनों में क्रमशः 7 फीसदी और 18 फीसदी के आसपास का इजाफा देखने को मिला है.
क्यों आई तेजी?
एलन मस्क द्वारा ट्विटर के आधिकारिक अधिग्रहण के बाद पिछले कुछ दिनों में डॉगकॉइन में तेजी देखी गई है. डॉगकॉइन इस डील के बाद अब तक कई रजिस्टेंस लेवल तोड़ने में सक्षम रहा है. एलन मस्क हमेशा डॉगे के बहुत बड़े समर्थक रहे हैं. ट्विटर डील के बाद, DOGE कंयूनिटी आने वाले दिनों में ट्विटर पर DOGE का उपयोग करके भुगतान करने के बारे में आशावादी है. डॉगकॉइन में तेजी उसी दिन से शुरू हो गई थी, जब मस्क ने ट्विटर इंक का 44 बिलियन डॉलर का अधिग्रहण पूरा कर लिया. टेस्ला के सीईओ ने अतीत में "हू लेट द डॉग आउट" और निकनेम, द डॉगफादर जैसे पुराने ट्वीट्स के माध्यम से कॉइन को अपना सपोर्ट दिया है.
इस साल 16 फीसदी डाउन है डॉगेकॉइन
अब तक 2022 (YTD या साल-दर-तारीख) में डॉगकॉइन में लगभग 16 फीसदी की गिरावट आई है, जबकि बिटकॉइन में लगभग 55 फीसदी की गिरावट आई है. डॉगकॉइन 2013 में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिली मार्कस और जैक्सन पामर द्वारा बनाई गई एक पैरोडी क्रिप्टोकरेंसी है. CoinGecko के अनुसार, वैश्विक क्रिप्टो मार्केट कैप आज 1 ट्रिलियन डॉलर के निशान से ऊपर बना हुआ है, भले ही यह पिछले 24 घंटों में 1.06 ट्रिलियन पर लगभग एक फीसदी ऊपर था.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
Top 5 Crypto Currencies: जानिए किस-किस क्रिप्टो करेंसी की बाजार में है धूम जिसमें बढ़ा निवेशकों का रुझान
क्रिप्टो करेंसी की लिस्ट में सबसे पहला नंबर पर बिटकॉइन का आता है. साल 2020 से ही इसमें जबरदस्त इजाफा हुआ है. आइए जानते हैं इस समय कौन सी टॉप 5 क्रिप्टो करेंसी हैं.
By: एबीपी न्यूज़ | Updated at : 06 Aug 2021 11:51 AM (IST)
क्रिप्टो मार्केट में लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है इसके साथ ही इसमें निवेशकों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. मौजूदा दौर में मार्केट में कई क्रिप्टोकरेंसी धूम मचा रही हैं, लेकिन कुछ ही क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं जो ज्यादा पॉपुलर हैं. ऐसे में आज यहां मार्केट कैपेटिलाइजेशन के लिहाज से टॉप-5 क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बताने जा रहे हैं. जिनमें इन्वेस्टर्स का काफी ज्यादा निवेश देखने को मिल रहा है. साथ ही इनकी कीमत और मार्केट कैप के बारे में भी आपको जानकारी देंगे
ये है टॉप पर
इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर पर है बिटकॉइन. पिछले साल से ही बिटकॉइन में जबरदस्त तेजी देखी गई है. इसका मार्केट कैप करीब 752,811,299,581 डॉलर है. फिलहाल एक बिटकॉइन की कीमत करीब 40,452.10 अमेरिकी डॉलर है. क्रिप्टोकरेंसी में बिटकॉइन सबसे ज्यादा महंगी और सबसे ज्यादा पॉपुलर है. इसमें अब बहुत से लोग निवेश करने लगे हैं.
दूसरे और तीसरे नंबर पर इनका है कब्जा
वहीं दूसरे नंबर पर इथीरियम है. इथीरियम का मार्केट कैप करीब 324,532,943,622 डॉलर है. वहीं एक इथीरियम की कीमत करीब 2,781 डॉलर है. तीसरे नंबर पर बाइनेंस कॉइन है. इसका मार्केट कैप करीब 51,484,830,730 डॉलर है और एक बाइनेंस कॉइन की कीमत 334 डॉलर है.
लिस्ट में ये हैं चौथे और पांचवें नंबर पर
चौथे नंबर पर डॉगकॉइन है. इसका मार्केट कैप 26,091,843,006 डॉलर का है. वहीं एक डॉगकॉइन की कीमत करीब 0.20 डॉलर है. पांचवे नंबर पर टीथर है. इसका मार्केट कैप करीब 62,253,283,078 डॉलर है. वहीं एक टीथर की कीमत करीब एक डॉलर है.
News Reels
ये भी पढ़ें
Published at : 06 Aug 2021 11:44 AM (IST) Tags: Bitcoin Crypto currency Top 5 Crypto currency हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
डेली अपडेट्स
यह एडिटोरियल दिनांक 31/05/2021 को क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित लेख “Catching the New Tech Wave” पर आधारित है। इस एडिटोरियल में दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते महत्व के बारे में चर्चा की गई है। साथ ही इस बात पर भी चर्चा की गई है कि डिजिटल क्रांति के आगामी चरण में दुनिया के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलने के लिये भारत को इसे स्वीकार करने की आवश्यकता क्यों है?
संदर्भ
वर्ष 2008 में बिटकॉइन के निर्माण के साथ आज की तारीख तक क्रिप्टोकरेंसी ने दुनिया भर में अपनी जगह बनाई है। जनवरी 2020 में कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से इस क्षेत्र में लाभ आश्चर्यजनक हैं। ज्ञातव्य है कि "क्रिप्टोमार्केट" में 500% से अधिक की वृद्धि हुई।
- हालाॅंकि 2018-19 के बजट भाषण में वित्त मंत्री ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है।
- इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि भारत डिजिटल क्रांति के अब तक सभी चरणों को देर से अपनाने वाला रहा है चाहे वो अर्द्धचालक या इंटरनेट या फिर स्मार्टफोन।
- अतः अब इन आभासी मुद्राओं पर विचारों को बदलने एवं उन्हें स्वीकृति देने की आवश्यकता है क्योंकि ये भारत की डिजिटल क्रांति के नए चरण में प्रवेश करने की दिशा में भारत का पहला कदम होगा।
क्रिप्टोकरेंसी का उदय: पहली क्रिप्टोक्यूरेंसी, बिटकॉइन, का वर्ष 2010 में केवल $ 0.0008 का कारोबार किया था और अप्रैल 2021 में इसका बाज़ार मूल्य लगभग $ 65,000 था।
- बिटकॉइन के लॉन्च के बाद से कई नए क्रिप्टोकरेंसी भी बाज़ार में आए एवं मई 2021 तक उनका कुल बाज़ार मूल्य 2.5 ट्रिलियन डॉलर हो गया है।
क्रिप्टोकरेंसी का महत्त्व:
- भ्रष्टाचार की रोकथाम: चूंकि क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन प्रणाली अर्थात् पीयर-टू-पीयर नेटवर्क पर कार्य करती हैं, यह धन के प्रवाह और लेनदेन को ट्रैक करके भ्रष्टाचार को रोकने में मदद करता है।
- समय प्रभावी : क्रिप्टोकरेंसी धन के प्रेषक और रिसीवर के लिये पर्याप्त समय बचाने में मदद कर सकती है क्योंकि यह पूरी तरह से इंटरनेट पर संचालित होता है। यह एक ऐसे तंत्र पर चलता है जिसमें बहुत कम लेनदेन शुल्क शामिल होता है और यह लगभग तात्कालिक होता है।
- लागत प्रभावी: बैंक, क्रेडिट कार्ड और पेमेंट गेटवे जैसे बिचौलिये अपनी सेवाओं के लिये $ 100 ट्रिलियन की पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था से लगभग 3% शुल्क के रूप में लेते हैं।
- इन क्षेत्रों में ब्लॉकचेन को एकीकृत करने से सैकड़ों अरबों डॉलर की बचत हो सकती है।
- हाल ही में सरकार ने एक संप्रभु डिजिटल मुद्रा बनाने और साथ ही, सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के लिये "क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021" पेश करने की घोषणा की है।
- भारत में भारतीय ब्लॉकचेन स्टार्ट-अप्स में जाने वाली धनराशि वैश्विक स्तर पर इस क्षेत्र द्वारा जुटाई गई राशि का 0.2% से भी कम है।
- क्रिप्टोकरेंसी के प्रति वर्तमान दृष्टिकोण के कारण ब्लॉकचेन उद्यमियों और निवेशकों के लिये बहुत अधिक आर्थिक लाभ प्राप्त करना लगभग असंभव है।
विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने से जुड़े मुद्दे
- पूर्ण प्रतिबंध: "क्रिप्टोकरेंसी और आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक, 2021" भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रयास करता है।
- हालाँकि क्रिप्टोकरेंसी को सार्वजनिक (सरकार समर्थित) या निजी (एक व्यक्ति के स्वामित्व वाली) के रूप में वर्गीकृत करना गलत है क्योंकि क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत हैं लेकिन निजी नहीं हैं।
- बिटकॉइन जैसी विकेंद्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी को निजी या सार्वजनिक किसी भी संस्था द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।
- उस समय ब्लॉकचेन विशेषज्ञ स्विट्जरलैंड, सिंगापुर, एस्टोनिया और यू.एस. जैसे देशों में चले गए जहाॅं क्रिप्टो को विनियमित किया गया था।
- पूर्ण प्रतिबंध के कारण नवाचार, शासन, डेटा अर्थव्यवस्था और ऊर्जा के क्षेत्रों में ब्लॉकचेन के उपयोग में अवरोध उत्पन्न होगा।
- निजी क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने से केवल समानांतर अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा, अवैध उपयोग को बढ़ावा मिलेगा जो प्रतिबंध के मूल उद्देश्य को विफल कर देगा। प्रतिबंध संभव नहीं है क्योंकि कोई भी व्यक्ति इंटरनेट पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकता है।
विरोधाभासी नीतियाॅं: क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाना इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के ब्लॉकचैन, 2021 पर राष्ट्रीय रणनीति के मसौदे के साथ असंगत है, जिसने ब्लॉकचेन तकनीक को पारदर्शी, सुरक्षित और कुशल तकनीक के रूप में स्वीकार किया।
आगे की राह
- विनियमन ही समाधान: गंभीर समस्याओं को रोकने के लिये एवं यह सुनिश्चित करने के लिये कि क्रिप्टोकरेंसी का दुरुपयोग न हो तथा निवेशकों को अत्यधिक बाजार अस्थिरता और संभावित घोटालों से बचाने के लिये विनियमन की आवश्यकता है।
- विनियमन को स्पष्ट, पारदर्शी, सुसंगत और इस दृष्टि से अनुप्राणित होने की आवश्यकता है कि उसका उद्देश्य क्या है।
- मजबूत केवाईसी मानदंड: क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध के बजाय सरकार कड़े केवाईसी (Know Your Customer) मानदंडों, रिपोर्टिंग और कर योग्यता क्रिप्टोकरेंसी क्यों बनाई गई? को शामिल करके क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार को विनियमित करेगी।
निष्कर्ष
भारत वर्तमान में डिजिटल क्रांति के अगले चरण के शिखर पर है और अपनी मानव पूंजी, विशेषज्ञता और संसाधनों को इस क्रांति में शामिल कर इसके नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर सकता है। इसके लिये केवल नीति निर्धारण को ठीक करने की आवश्यकता है।
ब्लॉकचैन और क्रिप्टो संपत्ति चौथी औद्योगिक क्रांति का एक अभिन्न अंग होगी भारतीयों को इसे बायपास नहीं करना चाहिये।
अभ्यास प्रश्न: “भारत के लिये अपने प्रमुख भुगतान प्रणालियों से आगामी डिजिटल क्रांति के सबसे सक्रिय भुगतान प्रणाली की तरफ बढ़ने का समय है।क्रिप्टोकरेंसी इस धारणा को पूरा करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।" इससे जुड़े सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलुओं पर चर्चा करें।