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आय के कई स्रोतों के प्रकार

आय के कई स्रोतों के प्रकार

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Cultivation of Kalonji: किसानों ने कम मेहनत और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमाने के लिए औषधीय फसलों और मसालों की खेती शुरू कर दी है। यही फसलें अब किसानों की आय का मुख्य स्रोत बन रही हैं। इन्हीं फसलों में से एक है कलौंजी।

कलौंजी को औषधीय फसल के रूप में उगाया जाता है। कलौंजी का प्रयोग बीज के रूप में किया जाता है, इसे अलग-अलग जगहों पर कई नामों से जाना जाता है। इसके बीज आकार में छोटे तथा दिखने में काले रंग के होते हैं। सौंफ के बीज का स्वाद हल्का तीखा होता है। इसका इस्तेमाल नान, ब्रेड, केक और अचार में खट्टा स्वाद लाने के लिए किया जाता है. कलौंजी देश के विभिन्न भागों में सफलतापूर्वक उगाई जाती है। इसे मुख्य रूप से इसके बीजों के लिए उगाया जाता है, जो अचार में मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है, इनसे तैयार बीज और तेल का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं और इत्र उद्योग में किया जाता है।

कलौंजी की बुवाई अक्टूबर के शुरू से लेकर मध्य अक्टूबर तक की जा सकती है लेकिन अक्टूबर के अंत तक भी की जा सकती है। बुवाई के लिए बीज की मात्रा 7-8 किग्रा प्रति हेक्टेयर आवश्यकता होती है। बीज जनित रोग जड़ गलन की रोकथाम हेतु बीज को 2.5 ग्राम प्रति कि.ग्रा. की दर से केप्टान या थायरम फफूॅदनाशी से उपचारित करना चाहिए ।

कलौंजी की फसल एक ठण्डे जलवायु की फसल है। इसे मुख्यतः उत्तरी भारत मे सर्दी के मौसम में रबी में उगाया जाता है। इसकी बुवाई व बढ़वार के समय हल्की ठंडी तथा पकने के समय हल्की गरम जलवायु की जरुरत होती है। कलोंजी को जीवांश युक्त अच्छे जल निकास वाली सभी प्रकार की मिटटी में उगाया जा सकता है। दोमट व बलुई भूमि कलोंजी के फसल उत्पादन के लिए अधिक उपयुक्त है। उचित जल निकास प्रबन्ध द्वारा इस फसल को भारी भूमि में भी उगाया जा सकता है।

कलौंजी की फसल से अधिक उत्पादन के लिए खेत को जैविक रूप से तैयार करने की सलाह दी जाती है, ताकि कलौंजी के बीजों का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन लिया जा सके. इसकी बुवाई से पहले खेत को गहरी जुताई कर खुला छोड़ दिया जाता है, ताकि सौरकरण हो सके।

खेत में अंतिम जुताई के पूर्व 10 से 15 क्विंटल अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या कार्बनिक पदार्थ से भरपूर कम्पोस्ट प्रति हेक्टेयर की दर से मिला देना चाहिए।

कलौंजी की बुवाई के लिए दो विधियाँ अपनाई जाती हैं जिनमें एक पंक्ति विधि और दूसरी छिड़काव विधि है। जानकारों की मानें तो कलौंजी के बीजों को कतारों में लगाने से कृषि कार्य में मदद मिलती है. इस प्रकार खेती में निराई व खरपतवार नियंत्रण का कार्य भी आसान हो जाता है। बता दें कि कलौंजी के पौधों को ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती है.

इसकी फसल में कुल दो से तीन निराई-गुड़ाई की आवश्यकता होती आय के कई स्रोतों के प्रकार है, जिससे अनावश्यक खरपतवारों को जड़ से उखाड़ा जा सके।

वैसे तो कलौंजी एक औषधीय फसल है, जिसमें कीट लगने की संभावना कम होती है, लेकिन इस फसल में बीज अंकुरण के समय कुछ कीट-रोगों का प्रकोप हो सकता है। इनमें से कुछ फसल में पानी जमने से पनपते हैं। इनके रोकथाम के लिए खेत में जल निकासी की व्यवस्था कर निराई-गुड़ाई करें तथा फसल पर केवल जैविक कीटनाशकों या फफूंदनाशकों का ही छिड़काव करें।

कलौंजी मध्यम अवधि की नकदी फसल है, जो रोपाई के 130 या 140 दिनों के बाद तैयार हो जाती है। शीतकाल में बुवाई के बाद कलौंजी की फसल से जड़ सहित पौधे उखड़ जाते हैं जो गर्मी तक तैयार हो जाती है।

कलौंजी एक प्रकार का मसाला होता है। इसके उत्पादन में ज्यादा पानी, समय और पैसा खर्च नहीं होता है। एक बीघा में इसका उत्पादन करीब चार से पांच क्विंटल तक हो जाता है और कीमत प्रति क्विंटल करीब 10 से 18 हजार रुपए आती है।

NMFT सम्मेलन में बोले PM मोदी- हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक आतंकवाद का सफाया नहीं हो जाता

दिल्‍ली में काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित अपने संबोधन में यह खास बातें कहीं.

Priyanka Sahu

Priyanka Sahu

दिल्‍ली, भारत। राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली में आज शुक्रवार को काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन आयो‍जित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी रहे।

यह अद्भुत है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा :

काउंटर-टेररिज्म फाइनेंसिंग पर तीसरे 'नो मनी फॉर टेरर' (NMFT) मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधित किया और कहा-

आतंकवाद मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है। यह कोई सीमा नहीं जानता। केवल एक समान, एकीकृत और शून्य-सहिष्णुता का दृष्टिकोण ही आतंकवाद को हरा सकता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

PM मोदी के संबोधन की प्रमुख बातें-

यह सर्वविदित है कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से पैसा मिलता है। एक स्रोत राज्य का समर्थन है। कुछ देश अपनी विदेश नीतियों के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।

टेरर फंडिंग के स्रोतों में से एक संगठित अपराध है। इसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। इन गिरोहों के अक्सर आतंकी संगठनों से गहरे संबंध होते हैं।

अब आतंकवाद की गतिशीलता बदल रही है। तेजी से आगे बढ़ती तकनीक एक चुनौती और समाधान दोनों है। आतंक के वित्तपोषण और भर्ती के लिए नए प्रकार की तकनीक।

कई देशों के अपने कानूनी सिद्धांत और प्रक्रियाएं हैं। संप्रभु राष्ट्रों को अपनी व्यवस्था पर अधिकार है। हालाँकि, हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि चरमपंथियों को सिस्टम के बीच मतभेदों का दुरुपयोग करने की अनुमति न दें।

जो भी कट्टरता का समर्थन करता है उसका किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।पिछले कुछ महीनों में भारत में सुरक्षा के विभिन्न आयामों से जुड़े कई सम्मेलन हुए हैं।

आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर होता है,चाहे फिर वह पर्यटन हो या व्यापार। कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां लगातार खतरा बना रहता है। इसकी वजह से वहां के लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ता है। इसलिए यह अहम है कि हम आतंवाद की जड़ों पर हमला करें।

आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक व्यापक, सक्रिय, व्यवस्थित प्रतिक्रिया की जरूरत है। अगर हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक सुरक्षित रहें, तो हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक कि आतंक हमारे घरों में न आ जाए। हमें आतंकवादियों के वित्त पर चोट करनी चाहिए।

यह महत्वपूर्ण है कि हम संयुक्त रूप से कट्टरवाद और उग्रवाद की समस्या का समाधान करें। कट्टरवाद का समर्थन करने वाले का किसी भी देश में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

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Vidhwa Pension Yojana sspy-up.gov.in : यूपी विधवा पेंशन की राशि हुई दुगुनी , देखें सरकारी आदेश

Vidhwa Pension Yojana sspy-up.gov.in : उत्तर प्रदेश सरकार ने विधवा महिलाओं की मदद के लिए विधवा पेंशन योजना ( Vidhwa Pension Yojana ) शुरू की है। इस योजना के तहत पूरे उत्तर प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली विधवा महिलाओं को विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Yojana ) में पेंशन के रूप में सहायता प्रदान की जाती है उत्तर प्रदेश सरकार की इस विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Scheme ) के तहत 18 वर्ष से 60 वर्ष तक की महिलाओं को पेंशन मिल सकती है ।

Vidhwa Pension Yojana sspy-up.gov.in

Vidhwa Pension Yojana sspy-up.gov.in

UP Vidhwa Pension Yojana sspy-up.gov.in

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बताया गया है कि विधवा पेंशन योजना ( Vidhwa Pension Yojana ) का लाभ उन महिलाओं के पति की मृत्यु हो जाती है, उन्हें जीवन जीने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, इसी को देखते हुए आदरणीय योगी जी ने इस विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Yojana ) की शुरुआत की थी. जिसके तहत महिलाओं को सरकार द्वारा ₹500 की प्रतिमा देकर आर्थिक सहायता प्रदान की जाए , यह राशि सरकार द्वारा सीधे विधवाओं के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है ( Widow Pension Scheme ) ।

ऑनलाइन आवेदन कैसे करें

आइए हम आपको बताते हैं कि आप इस विधवा पेंशन योजना ( Vidhwa Pension Yojana ) के लिए कैसे आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले यूपी सरकार के यूनिफाइड सोशल पेंशन पोर्टल पर जाना होगा, इसके बाद आपको निराश्रित महिला पेंशन विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Yojana ) पर क्लिक करना होगा, यहां आपको मांगी गई सभी जानकारी दर्ज करनी होगी, जिसमें जिले की पहली तहसील का नाम पति का नाम मोबाइल नंबर है जिसके बाद अंत में आपको अपना सुरक्षा कोड दर्ज करना है और सेव बटन पर क्लिक करना है जिसके बाद आप इस विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Scheme ) फॉर्म का प्रिंट आउट ले सकते हैं।

UP Vidhwa Pension Yojana के लिए निर्धारित पात्रता

  • आवेदक विधवा महिला उत्तर प्रदेश राज्य की स्थायी निवासी होनी चाहिए।
  • विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Scheme ) में आवेदक की आयु 18 वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • आय विवरण : आवेदक और उसके परिवार की वार्षिक आय सीमा सभी स्रोतों से प्रति वर्ष 2 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  • अन्यथा आप इस विधवा पेंशन योजना ( Vidhwa Pension Yojana ) के लिए आवेदन नहीं कर सकते।
  • आवेदक राज्य या केंद्र सरकार की किसी अन्य योजना से पेंशन का लाभ ले रहा है। आप एक ही योजना/पेंशन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

Widow Pension Yojana के लिए दस्तावेज

  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड, वोटर कार्ड
  • आय प्रमाण पत्र
  • बैंक खाता पासबुक
  • जन्म प्रमाणपत्र
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • पति का मृत्यु प्रमाण पत्र
  • निवास प्रमाण (अधिवास)

इतनी मिलती है Vidhwa Pension Yojana की राशि

उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण विभाग द्वारा कई प्रकार की पेंशन योजनाएँ चलाई गई हैं, जिनमें विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Scheme ) और विकलांगों के लिए चलाई जाने वाली पेंशन प्रमुख हैं। इसके तहत पेंशन के रूप में मिलने वाली पेंशन को 1400 रुपये से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रतिमाह किया गया है। इसके तहत लाख की नमाज के लिए कुल 45 रुपये पेंशन की राशि दी जाएगी। ऐसी विधवा पेंशन योजना ( Widow Pension Yojana ) के माध्यम से असहाय विधवा महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है। सभी पात्र महिलाएँ इस विधवा पेंशन योजना ( Vidhwa Pension Yojana ) का लाभ ले सकती है !

19 november 2022 Ka Kark Love Rashi : कर्क राशि के जातक आज मिल सकता है मनचाहा साथी, कल बढ़ से सकते हैं आय के स्रोत

19 november 2022 Ka Kark Love Rashi : कर्क राशि के जातक प्रेम, धन-संपत्ति, सेहत, करियर, प्रेम, उपाय, शुभ अंक, रोमांस और दांपत्य जीवन को लेकर भविष्यवाणी, पढ़ें लव राशिफल. दैनिक प्रेम राशिफल, आज का राशिफल - NewsTrack

Suman Mishra | Astrologer

19 november 2022 Ka Kark Love Rashi : कर्क राशि के जातक आज मिल सकता है मनचाहा साथी, कल बढ़ से सकते हैं आय के स्रोत

सांकेतिक तस्वीर, सौ. से सोशल मीडिया

Kark Rashi 19 November 2 022

19 November 2022 Ka Rashifal आज का कर्क राशिफल : आज का राशिफल बताता है कि इस राशि के जातक पराक्रम रंग लाएगा। रोजी-रोजगार में तरक्‍की करेंगे। प्रेम का सहयोग मिलेगा। संतान कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी। सुखद समय है। व्‍यापारिक दृष्टिकोण से ज्‍यादा सुखद है। व्यापार में लाभ होगा व आय के स्रोत में बढ़ोतरी हो सकती है।आज वाहन संभलकर चलाएँ। आज सरकार के साथ धन का व्यवहार सफल रहेगा। आज जातक मनचाहा साथी मिलेगा।

  • कर्क राशि परिवार ( Family) कर्क राशि वाले जातक मित्रों से हुई मुलाकात से आनंद का अहसास होगा।विवाह के योग अच्छे हैं।
  • कर्क राशि का उपाय ( Remedy) कर्क राशि के जातक आज जरूरतमंद को कंबल दान करें.
  • कर्क राशि पूर्वाभास (Forecast)कर्क राशि जातक आज किसी सुंदर पर्यटन स्थल पर जाने का आयोजन हो सकता है। पत्नी व पुत्र से सुखशांति मिलेगी।
  • कर्क राशि शुभ अंक और रंग (Lucky Number & Colour)9 गुलाबी

आनेवाला कल 20 नवंबर 2022 का राशिफल व् भविष्यवाणी

आनेवाला कल 20 नवंबर रविवार, कृष्ण पक्ष मार्गशीर्ष मास एकादशी तिथि चंद्रमा कन्या -तुला राशि पर संचार करेगा। जानिए दैनिक राशिफल के जरिए 12 राशियों के लिए 20 नवंबर रविवार कल की भविष्यवाणी.

कल का कर्क राशिफल 20 नवंबर 2022 (Leo Horoscope Tomorrow)कर्क राशिफल की 20 नवंबर 2022 की गणना के अनुसार इस राशि के जातक यात्रा लाभदायक रहेगी। आय में वृद्धि होगी। राजकीय बाधा दूर होगी। वरिष्ठजन सहयोग करेंगे। जोखिम न लें।

क्या राशिफल सही होता है?

हम जो भी राशिफल देते है वो सामान्य दैनिक राशिफल ग्रहों की सटिक गणना पर आधारित होता है। जो नाम के आधार पर होता है। लेकिन दुनियाभर में करोड़ों लोगों के एक नाम और एक राशियां होती है तो जरूरी नहीं की फलादेश भी एक हो। यहां जो राशिफल दी जाती है वह सामान्य भविष्यफल है। किसी भी जातक को अपने भविष्य का सही फलादेश जन्म राशि नाम और जन्म तारीख और कुंडली के लग्न में स्थित ग्रह और राशि के आधार पर सटीक जानकारी ले सकते हैं।

राशिफल क्या होता है?

ज्योतिष विज्ञान की वह विधा जिसमें जातक के नाम राशि और ग्रहों के गोचरी की स्थिति को देखकर भविष्यवाणी की जाती है, उसे राशिफल कहते हैं। राशिफल के जरिए हम दैनिक, साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक घटनाओं की जानकारी लेते हैं। इसके लिए हर दिन 9 ग्रहों और 27 नक्षत्रों की गणना और चंद्रमा की राशि में स्थिति के आधार पर 12 राशियों की भविष्यवाणी की जाती है। ये 12 राशियां इस प्रकार है- मेष, वृषभ, मिथुन, सिंह, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ व मीन। इनके फलादेश को राशिफल कहते हैं।

क्या राशिफल नाम के अनुसार है ?

न्यूजट्रैक.कॉम पर हम हर रोज दैनिक राशिफल देते हैं। जो नाम पर आधारित होता है। यह कुंडली में लग्न के अनुसार जन्म राशि होती है, लेकिन जिसे अपनी जन्मराशि का ज्ञान न हो वह अपने नाम से भी दैनिक फलादेश देख सकते हैं।

राशिफल की गणना किस पर आधारित है?

जो दैनिक राशिफल दी जाती है वह चंद्र राशि पर आधारित होती है, ज्योतिषविद से पता लगा सकते है। लेकिन इसके लिए जरूरी है आपको जन्म तारीख, स्थान और समय का सही पता तो सही फलादेश मिलेगा।

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Vastu Tips For Kitchen: भूलकर भी किचन में ना रखें ये सामान, हो जाएगा सब बर्बाद

Vastu Tips For Kitchen In Hindi: वास्तुशास्त्र के अनुसार भूलकर भी दक्षिण-पश्चिम दिशा में रसोईघर नहीं बनाना चाहिए। इससे खाना बनाने वाले व परिवार के अन्य सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही खाना बनाते समय मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। आइए जानते हैं वास्तुशास्त्र के अनुसार कैसा होना चाहिए रसोई घर।

Updated Nov 14, 2022 | 08:59 AM IST

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VASTU TIPS FOR KITCHEN

किचन के लिए वास्तु टिप्स

  • वास्तुशास्त्र के अनुसार आग्नेय कोण में रसोई घर होता है शुभ।
  • खाना बनाने के बाद दाहिनी ओर रखें भोजन, होता है मां अन्नपूर्णा का वास।
  • रसोई घर में चीजों व्यवस्थित ढंग से रखें।

Vastu Tips For Kitchen In Hindi: यदि आपके घर परिवार में अचानक से परेशानियां बढ़ रही हैं। आय से अधिक व्यय हो रहा है या फिर व्यापार में मुनाफा तो हो रहा है, लेकिन खर्चे दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। घर में कोई ना कोई बीमार रहने लगा है, ऐसे में एक बार अपने रसोई घर पर एक नजर अवश्य डालें। बता दें किचन आपके घर की आर्थिक स्थिति को निर्धारित करता है। जी हां रसोई घर एक ऐसा स्थान है, जहां परिवार के सदस्यों के लिए भोजन (Vastu Tips For Kitchen) बनता है। यदि यहां कोई दोष होता है, तो इसका असर खाना बनाने वालों से लेकर पूरे परिवार पर देखने को मिलता है। वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि रसोई घर सही दिशा में ना बना हो तो, परिवार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है, आय से कई गुना अधिक व्यय बढ़ जाता है।

वहीं परिवार के सदस्यों में आपसी कलेश उत्पन्न होता है। साथ ही कार्यक्षेत्र में भी परेशानियां आने लगती हैं, नौकरी पर खतरा मंडराने लगता है। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो घर की रसोई से धन, संपन्नता और समृद्धि का वास होता है यानी आपके घर की रसोई आपके किस्मत को निर्धारित (Vastu Tips For Kitchen Sink) करती है। ऐसे में इस लेख के माध्यम से आइए जानते हैं कि, किचन में ऐसा क्या करें की घर में खुशहाली आए और परिवार के सदस्यों में आपसी प्यार बना रहे।

आग्नेय कोण में बनाएं किचन

रसोई घर बनाते समय इसकी दिशा का विशेष आय के कई स्रोतों के प्रकार ध्यान रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार, रसोई घर आग्नेय कोण में शुभ माना जाता है। इससे घर परिवार के सदस्यों में आपसी मेल मिलाप बना रहता है और स्वास्थ्य ठीक रहता है। वहीं यदि इसके अलावा दूसरी दिशा में रसोई घर बना है, तो आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए रसोई घर बनाते समय दिशा का विशेष ध्यान रखें।

दक्षिण पूर्व दिशा में रखें गैस चूल्हा

खाना बनाते समय आपका मुख पूर्व दिशा में होना चाहिए। खाना बनाने के लिए गैस चूल्हा दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। यदि आप चूल्हा उत्तर दिशा में रखते हैं, तो आपको आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। यदि दक्षिण पूर्व दिशा में चूल्हा रखना संभव ना हो तो इस दिशा में विघ्नहर्ता भगवान गणेश की मूर्ती लगा दें।

उत्तर पूर्व दिशा में पानी का स्रोत

किचन में पानी का स्रोत हमेशा उत्तर पूर्व दिशा में होना चाहिए, पीने का आय के कई स्रोतों के प्रकार पानी उत्तर पूर्व दिशा में ही रखें। साथ ही वॉश वेसिंग भी इसी दिशा में बनवाएं, भूवकर भी आग्नेय कोण में पानी का स्रोत ना रखें, इससे आपको पैसों की तंगी का सामना करना पड़ सकता है।

इस दिशा में रखें भोजन

खाना बनाने के बाद स्टोव के दाहिनी ओर रखें। ज्योतिष शास्त्र की मानें तो, इस दिशा में मां अन्नपर्णा का वास होता है। इस दिशा में भोजन रखने से मां अन्नपूर्ण का आशीर्वाद आपके परिवार पर सदैव बना रहता है तथा कभी किसी चीज की कमी नहीं होती है।

रसोई घर में चीजों को व्यवस्थित रखें, तेल मसाले संभालकर रखें। बर्तन सलीके से लगाएं, थाली चम्मच, प्लेट अलग अलग रखें सभी को एक साथ ना रखें यानी किसी प्रकार की अव्यवस्था ना रखें। इससे मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद सदैव परिवार के सदस्यों पर बना रहता है।

ध्यान रहे रसोई घर में रंगों का विशेष ध्यान रखें। वास्तुशास्त्र के अनुसार रसोई घर में सफेद, पीला और नारंगी रंग सबसे शुभ माना जाता है। कोशिश करें कि किचन में सफेद पेंट करवाएं।

यह पाठ्य सामाग्री इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों और आम धारणाओं पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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