बाजार का रुझान

बाजार का रुझान
भारत कृषि मशीनरी बाजार रिपोर्ट 2022: आकार, शेयर, उभरते रुझान, वर्तमान विश्लेषण, विकास, मांग, अवसर और पूर्वानुमान 2018-2028
- Post author: KhetiGaadi News
- Post published: July 19, 2022
- Post category: Agri Business News / Agriculture Machinery News
- Post comments: 0 Comments
भारतीय कृषि मशीनरी बाजार 2022 में 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर से 2028 तक 21.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है; इसके 2022 से 2028 तक 9.5% की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है।
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ऐतिहासिक और वर्तमान विकास मापदंडों पर गहन शोध करने के बाद, भारतीय कृषि मशीनरी बाजार की विकास संभावनाओं को अधिकतम सटीकता के साथ प्राप्त किया जाता बाजार का रुझान है।
2022 की यह नई बाजार रिपोर्ट संपूर्ण भारतीय कृषि मशीनरी बाजार का समग्र विश्लेषण प्रदान करती है। रिपोर्ट भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के लिए वास्तविक बाजार की स्थिति और भविष्य पर सबसे अद्यतित उद्योग डेटा प्रदान करती है। रिपोर्ट 2018 – 2021 की अवधि के लिए अप-टू-डेट ऐतिहासिक बाजार आकार डेटा और भारत में कृषि मशीनरी के लिए बाजार मूल्य जैसे प्रमुख बाजार पहलुओं को कवर करते हुए 2028 के लिए एक उदाहरण पूर्वानुमान भी प्रदान करती है।
रिपोर्ट 2018 से 2021 तक प्रमुख 5 खंडों का गहन विश्लेषण, सूचना और बाजार का आकार प्रदान करती है, और 2028 के लिए पूर्वानुमान प्रदान करती है। प्रमुख खंडों के प्रतिशत के साथ बाजार हिस्सेदारी पर एक व्यापक विश्लेषण किया गया है।
रिपोर्ट में कई बाजार विकास प्रवर्तकों, प्रतिबंधों और प्रवृत्तियों का विस्तृत अवलोकन भी शामिल है। रिपोर्ट बाजार की मांग और आपूर्ति दोनों पहलुओं की पेशकश करती है। यह प्रमुख कंपनियों और बाजार में सक्रिय अन्य प्रमुख कंपनियों की प्रोफाइल और जांच करता है।
रिपोर्ट विभिन्न मॉडलों को पूरी तरह से एकीकृत करते हुए, बाजार का रुझान 360-डिग्री विश्लेषण के लिए एक स्रोत के रूप में काम करेगी।
इस रिपोर्ट में उत्तर दिए गए प्रमुख प्रश्न:
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार का वर्तमान परिदृश्य क्या है?
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के लिए कुल बाजार का आकार और पूर्वानुमान (2028 तक) क्या है?
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार कितना बड़ा है?
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के प्रमुख क्षेत्रों में बाजार हिस्सेदारी क्या है?
- समग्र भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के भीतर मुख्य खंड क्या हैं? 2018 से 2028 की अवधि के लिए इनमें से प्रत्येक खंड का मूल्य कितना होगा?
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के प्रमुख चालक क्या हैं?
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के प्रमुख अवरोधक क्या हैं?बाजार का रुझान
- शीर्ष बाजार के खिलाड़ी कौन हैं? उनकी घटनाएं, वर्तमान घटनाक्रम और परिदृश्य क्या हैं?
- भविष्य में बाजार के विकास की भविष्यवाणी कैसे की जाती है?
पूर्वानुमान अवधि बाजार का रुझान के दौरान भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के विकास में योगदान देने वाले प्रमुख कारक:
- संस्थागत ऋण नीतियों का सकारात्मक दृष्टिकोण
- सरकारी प्रोत्साहन
- बढ़ती कृषि उत्पादकता
- अनुबंध खेती का उदय
- ग्रामीण आय में वृद्धि
यह नवीनतम और व्यापक भारतीय कृषि मशीनरी बाजार अनुसंधान रिपोर्ट 2022 प्रदान करती है:
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार की व्यापक अनुसंधान पद्धति
- भारतीय कृषि मशीनरी बाजार को प्रोत्साहित करने वाले बाजार निर्धारकों के बारे में अंतर्दृष्टि
- 2018 से 2021 तक भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के बाजार आकार में ऐतिहासिक वृद्धि का विश्लेषण करने के लिए
- 2022 से 2028 तक भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के बाजार आकार और 2028 तक विकास दर का अनुमान लगाने और पूर्वानुमान लगाने के लिए
- छह साल के पूर्वानुमान के साथ भारतीय ट्रैक्टर का बाजार आकार
- छह साल के पूर्वानुमान के साथ भारत रोटावेटर का बाजार आकार
- छह साल के पूर्वानुमान के साथ इंडिया थ्रेशर का बाजार आकार
- छह साल के पूर्वानुमान के साथ इंडिया पावर टिलर्स का बाजार आकार
- भारत का बाजार आकार अन्य कृषि मशीनरी छह साल के पूर्वानुमान के साथ
- 9 मार्केट प्लेयर्स के व्यापक प्रोफाइल और हालिया विकास
भारतीय कृषि मशीनरी बाजार के प्रमुख ब्रांड्स नीचे सूचीबद्ध हैं:
- फोर्स मोटर्स
- एस्कॉर्ट्स लिमिटेड
- महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड
- जॉन डीरे इंडिया प्राइवेट लिमिटेड
- टैफे मोटर्स एंड ट्रैक्टर्स लिमिटेड
- इंटरनेशनल ट्रैक्टर्स लिमिटेड (सोनालिका)
- सीएनएच इंडस्ट्रियल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड
- ग्रीव्स कॉटन लिमिटेड
- वीएसटी टिलर्स ट्रैक्टर्स लिमिटेड
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वृहद आंकड़े, पहली तिमाही के नतीजे, वैश्विक रुझान तय करेंगे शेयर बाजार की चाल
नई दिल्ली: स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा कंपनियों के तिमाही बाजार का रुझान नतीजों से तय होगी. इसके अलावा वैश्विक रुझान और विदेशी कोषों का रुख भी बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा. विश्लेषकों ने यह राय जताई है.विश्लेषकों का कहना है कि बाजार भागीदारों की निगाह इसके साथ ही रुपये के उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी.
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्रा बाजार का रुझान ने कहा, ‘‘इस सप्ताह बाजार भागीदार सबसे पहले टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के तिमाही नतीजों पर प्रतिक्रिया देंगे. इसके अलावा 12 जुलाई को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) और उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (सीपीआई) तथा 14 जुलाई को थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) के आंकड़े आने हैं. घरेलू घटनाक्रमों के अलावा अमेरिकी बाजारों का रुख तथा कच्चे तेल के दाम निवेशकों की रडार पर रहेगा.
टीसीएस का जून तिमाही का नतीजा शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद आया था. तिमाही के दौरान कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 5.2 प्रतिशत बढ़कर 9,478 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. इसके अलावा तिमाही के दौरान कंपनी की आय 16.2 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 52,758 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है.ब्रोकरेज कंपनी प्रभुदास लीलाधर का कहना है कि राजस्व और मार्जिन दोनों मोर्चों पर कंपनी लक्ष्य से चूकी है.
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा कि सप्ताह के दौरान एसीसी, एचसीएल टेक्नोलॉजीज, जिंदल स्टील एंड पावर, माइंड ट्री, फेडरल बैंक और एचडीएफसी बैंक भी अपने जून तिमाही के नतीजों की घोषणा करेंगे. मीणा ने कहा कि आईआईपी और सीपीआई के आंकड़े 12 जुलाई को और डब्ल्यूपीआई के 14 जुलाई को आएंगे. वैश्विक मोर्चे पर बात की जाए, तो अमेरिका के सीपीआई, आईआईपी और रोजगार के आंकड़े बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेंगे.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) बाजार का रुझान का रुख, रुपये की दिशा और कच्चे तेल के दाम भी बाजार की चाल तय करेंगे. सैमको सिक्योरिटीज में प्रमुख (बाजार परिदृश्य) अपूर्व सेठ ने कहा कि इस सप्ताह कई घटनाक्रम बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगे. बाजार भागीदारों की निगाह अमेरिका के बहुप्रतीक्षित मुद्रास्फीति के आंकड़ों और बेरोजगारी दावों पर रहेगी.
उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति की समस्या सिर्फ पश्चिम में नहीं है. ऐसे में भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़े भी महत्वपूर्ण होंगे.सेठ ने कहा कि कंपनियों के तिमाही नतीजे बाजार की धारणा को प्रभावित करेंगे. भविष्य के लिए कंपनियां क्या राय जताती हैं उसमें भी दलाल स्ट्रीट की काफी रुचि रहेगी.(भाषा)
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Stock Market: आज किन शेयरों में रहेगा एक्शन, बाजार में कैसा रहेगा रुझान
Stock Market: TCS, इन्फोसिस के मार्च तिमाही नतीजों के बाद आज IT दिग्गज विप्रो के चौथी तिमाही के नतीजों पर नजर रहेगी.
- खुशबू तिवारी
- Updated On - April 29, 2021 / 02:59 PM IST
Stock Market: बुधवार की छुट्टी के बाद आज शेयर बाजार खुलेंगे. कल डॉ अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य पर शेयर बाजार बंद थे. आज बाजार बाजार का रुझान में गुरुवार होने के नाते वीकली एक्सपायरी से हलचल रह सकती है. वहीं मंगलवार रात को महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के ऐलान किए राज्य में 15 दिन के कर्फ्यू को भी आज ही शेयर बाजार पचाएगा. देश में बढ़ते कोरोना मामलों से एक्सचेंजों पर भी निवेशकों में चिंता बनी है. भारत में एक दिन में रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं.
महाराष्ट्र कर्फ्यू
राज्य में लगातार बढ़ते कोरोना मामले और मेडिकल इंफ्रा पर दबाव से मुख्यमंत्री ने 1 मई तक के सेक्शन 144 के तहत कर्फ्यू का ऐलान किया है. इसके अंतर्गत केवल जरूरी सेवाओं को चालू रखा जाएगा. फाइनेंशियल कैपिटल मुंबई में इस तरह की पांबदियों से अर्थव्यस्था के लिए चिंता खड़ी होती है और ऐसे में शेयर बाजार के लिए भी ये निगेटिव ट्रिगर का काम करेगा.
एशियाई बाजार से संकेत
एशियाई बाजार में आज सुस्ती दिख रही है. हांग कांग का हेंग सेन 200 अंक नीचे है. तो वहीं शंघाई कंपोजिट भी 0.8 फीसदी की कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है. लेकिन निक्केई 60 अंकों की बढ़त बनाए हुए है. SGX निफ्टी पर भी हल्का दबाव दिख रहा है.
अमेरिकी बाजार से संकेत
US मार्केट से संकेत थोड़े पॉजिटिव हैं. यहां डाओ जोन्स 30 फ्यूचर्स 50 अंकों यानी तकरीबन 0.15 फीसदी की बढ़त पर कारोबार कर रहे हैं. लेकिन कल S&P 500 में 0.4 फीसदी की गिरावट आई थी तो वहीं नैसडैक (Nasdaq) 1 प्रतिशत की गिरावट लेकर बंद हुआ था. तो वहीं यूके का FTSE 100 लगभग 0.71 फीसदी की तेजी लेकर बंद हुआ था.
इन्फोसिस के नतीजे
इन्फोसिस ने चौथी तिमाही में साल दर साल मुनाफे में 17.47 फीसदी की बढ़त दिखाई है. कंपनी ने नतीजों के साथ ही 9,200 करोड़ रुपये के बायबैक का भी ऐलान किया है. इन्फोसिस 1750 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बायबैक करेगी जो 13 अप्रैल के क्लोजिंग भाव से 25 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा इस IT दिग्गज ने वित्त वर्ष 2021 के लिए 15 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का भी ऐलान किया है.
आज आने वाले नतीजे
TCS, इन्फोसिस के मार्च तिमाही नतीजों के बाद आज IT दिग्गज विप्रो के चौथी तिमाही के नतीजों पर नजर रहेगी. इसके साथ ही आज हैथवे भवानी केबलटेल एंड डाटाकॉम और टिनप्लेट कंपनी भी अपने तिमाही नतीजे जारी करेंगी.
संस्थागत निवेशकों के सौदे
NSE के डाटा के मुताबिक मंगलवार (13 अप्रैल) को भारतीय शेयर बाजार में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कैश में 730.81 करोड़ रुपये के शेयरों की विकवाली की थी तो वहीं घरेली संस्थागत निवेशकों ने कुल 243.8 करोड़ शेयरों की खरीदारी की थी.
सोमवार की बड़ी गिरावट के बाद मंगलवार को शेयर बाजार में हरियाली लौटी थी. सेंसेक्स 660 अंकों की तेजी लेकर 48,544 के करीब टिका था तो वहीं निफ्टी ने 194 अंकों की तेजी लेकर 14,500 का अहम स्तर थामा था. लेकिन सोमवार को बाजार में बड़ी गिरावट आई थी.
विधानसभा चुनाव: सट्टा बाजार के रुझान पोलिटिकल पंडितों को चौंकाने वाले हैं
राजस्थान में बाजार का रुझान मुख्य रूप से दो ही राजनीतिक पार्टियों में टक्कर होती है- भाजपा और कांग्रेस. माना जा रहा है कि इस बार कांग्रेस बहुमत के साथ जीतेगी. सटोरिए कांग्रेस को 200 में से 118-122 सीटें तक मिलने का दावा कर रहे हैं.
होम -> सियासत
मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान सट्टा बाजार के दावों ने पहले तो भाजपा के जीतने के इशारे दिए थे, लेकिन चुनाव का दिन नजदीक आते-आते कांग्रेस बाजी मारती दिखने लगी. अब राजस्थान चुनाव में भी कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है. चुनावी नतीजे तो 11 दिसंबर को आएंगे, लेकिन सट्टा बाजार ने ये पहले ही बता दिया है कि कौन जीतेगा. अगर सट्टा बाजार की मानें तो मध्य प्रदेश में तो कांग्रेस का वनवास खत्म होगा ही, साथ ही राजस्थान में भी कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. अगर राजस्थान के सीकर में चल रहे सट्टा बाजार की बात करें तो 2013 में उसने बहुमत के साथ भाजपा की जीत का अनुमान लगाया था, जो बिल्कुल सही रहा था. और इस बार यहां का सट्टा बाजार कांग्रेस की जीत के दावे कर रहा है.
सटोरिए कांग्रेस को 118-122 सीटें तक मिलने का दावा कर रहे हैं.
किसे मिलेंगी कितनी सीटें?
राजस्थान में बाजार का रुझान मुख्य रूप से दो ही राजनीतिक पार्टियों में टक्कर होती है- भाजपा और कांग्रेस. एक बार सत्ता भाजपा को मिलती है तो दूसरी बार ये कांग्रेस के हाथ चली जाती है. यहां सीकर, फालोदी और नोखा में मुख्य सट्टा बाजार हैं, जहां पर चुनावी मौसम आते ही करोड़ों रुपए का सट्टा लगता है. माना जा रहा है कि कांग्रेस बहुमत के साथ जीतेगी. कांग्रेस को 118-122 सीटें मिलने की उम्मीद है, जबकि भाजपा 55-57 सीटों पर जी सकती है. देखा जाए तो भाजपा की हालत पहले से कुछ सुधरी है, क्योंकि दो महीने पहले तक तो सट्टा बाजार मान रहा था कि भाजपा को 47-49 सीटें ही मिलेंगी, जबकि कांग्रेस की झोली में 132-134 सीटें जाएंगी. एक बुकी के अनुसार नेताओं के बयान और पॉलिटिकल डेवलपमेंट के आधार पर सट्टेबाजी के रेट हर दिन बदलते रहते हैं. यानी आने वाले दिनों में इसमें कुछ बदलाव देखे जा सकते हैं. जयपुर का सट्टा बाजार भी दावा कर रहा है कि जयपुर की 9 विधानसभा सीटों में से कम से कम 5 सीटों पर कांग्रेस आसानी से विजय पताका फहरा देगी.
मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस
पहले तो मध्य प्रदेश के सट्टा बाजारों में इस बात को लेकर दाव लगाए जा रहे थे कि कौन जीतेगा. अगर कोई शख्स भाजपा की जीत पर 10,000 रुपए का सट्टा लगा रहा था जो उसे 11,000 रुपए मिलने थे, जबकि अगर कोई शख्स कांग्रेस की जीत पर 4,400 रुपए का सट्टा लगा रहा था तो उसे 10,000 रुपए मिलने थे. लेकिन चुनाव का दिन आते-आते ट्रेंड बदल गया और सट्टा हार-जीत पर नहीं, बल्कि सीटों के हिसाब से लगाया जाने लगा. बुकीज का मानना है कि इस बार किसी भी पार्टी को बहुमत मिलना मुश्किल है, कांटे की टक्कर होगी. भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखते हुए सट्टा इस बात पर लगाया जा रहा है कि भाजपा को 102 से अधिक सीटें मिलेंगी या फिर कांग्रेस को 116 से अधिक सीटें मिलेंगी. इन दोनों ही दाव पर पैसा डबल हो रहा है. हालांकि, सट्टा बाजार की का गणित देखकर ये अंदाजा लग रहा है कि इस बार मध्य प्रदेश में कांग्रेस ही आएगी.
छत्तीसगढ़-तेलंगाना में है ये हाल
अगर बात छत्तीसगढ़ की करें तो यहां पर सटोरिए भाजपा पर बाजार का रुझान भरोसा कर रहे हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा को 42-43 सीटें मिलेंगी, जबकि कांग्रेस को 36-37 सीटें मिलेंगी. अजित जोगी के गठबंधन को 7 सीटें मिलने का अनुमान है. यहां दूसरे चरण के मतदान के बाद भाजपा की दावेदारी और मजूबत हो गई है. हर 1 रुपए के सट्टे पर भाजपा के जीतने पर 90 पैसे मिलेंगे, जबकि कांग्रेस के जीतने पर 1.40 रुपए मिलेंगे. वहीं दूसरी ओर, तेलंगाना के सट्टा बाजार में टीआरएस के दोबारा सत्ता में आने का अनुमान लगाया जा रहा है.
सट्टा बाजार में कितना दम?
सट्टा बाजार में पैसे लगाने वालों की बात तो छोड़िए. उनका फायदा-नुकसान जानने से अधिक जरूरी ये जानना है कि सट्टा बाजार के दावों में कितना दम होता है? क्या वाकई जिस ओर सट्टा बाजार झुकता है, उसी पार्टी की जीत होती है? आइए एक नजर डालते हैं पुराने आंकड़ों पर और जानते हैं सट्टा बाजार के अनुमान सही साबित हुए या गलत-
- अगर सट्टा बाजार के पुराने आंकड़ों को देखा जाए तो यूपी चुनाव में भी सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित हुआ था. सट्टा बाजार में उस वक्त भाजपा पर पैसे लगाए गए थे और भाजपा जीती भी.
- वहीं बिहार चुनाव में सटोरियों को मुंह की खानी पड़ी. सट्टा लगाया था भाजपा पर, लेकिन जीत गए नीतीश कुमार, जो उस वक्त महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे थे.
- इतना ही नहीं, पंजाब में भी सटोरियों का अनुमान था कि आम आदमी पार्टी जीतेगी और कांग्रेस दूसरे नंबर रहेगी. इसके उलट कांग्रेस ने पंजाब में जीत हासिल की.
- सटोरियों की सबसे बुरी हालत हुई थी दिल्ली चुनाव में. सट्टा बाजार के हिसाब से यह अनुमान था कि भाजपा की जीत होगी, जबकि आम आदमी पार्टी को सिर्फ 3-4 सीटें ही मिलेंगी. वहीं इसके उलट, आम आदमी पार्टी प्रचंड बहुमत से जीती और भाजपा को सिर्फ 3 सीटें मिलीं.
- उत्तराखंड चुनाव में सट्टा बाजार ने बाजार का रुझान यह अनुमान लगाया था कि भाजपा जीतेगी और वहां पर भाजपा की सरकार बनी. यानी उत्तराखंड में सट्टा बाजार का अनुमान सही बैठा.
- गुजरात चुनाव में सट्टा बाजार ने अनुमान लगाया था कि भाजपा जीतेगी और हुआ भी वैसा ही. हां, कांग्रेस की तगड़ी तैयारी को देखते हुए एक बार तो सटोरिए भी घबरा गए थे कि कहीं कांग्रेस ना जीत जाए.
11 दिसंबर को सभी चुनावों के नतीजे सामने आएंगे. ये अनुमान स्थानीय ट्रेंड को ध्यान में रखते हुए लगाए जाते हैं, इसलिए ये जरूरी नहीं कि वह एकदम सही हों, लेकिन ऐसा कई बार देखा गया है जब सट्टा बाजार का अनुमान सही साबित हुआ है. राजस्थान के सीकर का सट्टा बाजार तो इस मामले में पिछली बार अपना झंडा भी गाड़ चुका है, जब उसने भाजपा के जीतने का अनुमान लगाया था. इस बार उसका अनुमान कांग्रेस की जीत दिखा रहा है. अब अगर सटोरियों की मानें तो मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की वापसी होगी. अगर ऐसा हो जाता है तो सिमट कर गठबंधन समेत महज 3 राज्यों में बची कांग्रेस के लिए खुशी की बात होगी, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो ये कांग्रेस के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा.