शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है

Share Market Kya Hai – शेयर बाजार क्या होता है?
Share Market Kya Hai – क्या आप भी जानना चाहते हैं कि Share Market Kya Hai? यह कैसे काम करता है? और इन से जुड़ी सारी जानकारी। तो यह पोस्ट आपके लिए ही है। शेयर मार्केट के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस पोस्ट को आखिर तक पढ़ते शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है रहे।
Table Of Contents
Share Market Kya Hai?
शेयर बाजार एक ऐसा बाजार प्रणाली है जहां विभिन्न सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियां कंपनी के अपने स्वामित्व को बेचकर निवेश या पूंजी जुटाती हैं।
इसलिए इसे पूंजी बाजार भी कहा जाता है। जब किसी देश का शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट मजबूत होता है तो यह माना जाता है कि उस देश की अर्थव्यवस्था भी बहुत अच्छी स्थिति में है।
Share Market कैसे काम करता है?
दुनिया की कई नामी कंपनियां आज अपने शेयर सार्वजनिक रूप से बेचती हैं। लेकिन पहले हालात ऐसे नहीं थे। पहले, एक व्यवसाय आमतौर पर एक व्यक्ति के स्वामित्व में होता था।
लेकिन अकेले व्यवसाय स्थापित करने के लिए बहुत समय और प्रयास की आवश्यकता होती है। इसलिए 20वीं सदी की शुरुआत में पुरानी शैली बदलने लगी। कंपनी के मालिक ध्यान दीया कि यदि वे जनता को अपने व्यवसाय में शामिल कर सकते हैं।
फिर थोड़े समय में व्यवसाय में सुधार किया जा सकता है। और वहीं से शेयर बाजार की अवधारणा को लोकप्रियता मिलने लगी। सूचीबद्ध कंपनियां निवेश बढ़ाने के लिए अपनी प्रारंभिक पूंजी को छोटे शेयरों में विभाजित करती हैं।
और ये अलग-अलग हिस्से जनता को बेचे जाते हैं। इनमें से प्रत्येक भाग को एक हिस्सा कहा जाता है। शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट कई कंपनियों के शेयरों को एक जगह बेचकर बनाया जाता है। मान लीजिए आप एक व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं।
आप जनता के लिए एक प्रारंभिक पेशकश करते हैं जिसे आईपीओ (IPO) कहा जाता है। प्रस्ताव यह है कि कोई व्यक्ति एक निश्चित राशि का शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है निवेश करके आपके व्यवसाय में स्वामित्व का एक छोटा हिस्सा खरीद सकता है। इस पैसे से आप अपने व्यवसाय को बढ़ाएंगे।
जब आपके व्यवसाय से लाभ आना शुरू होने लगेंगे तो आप चाहें तो व्यवसाय परिषद को बढ़ा सकते हैं। या आप व्यवसाय में कोई नया उत्पाद जोड़ सकते हैं। या आप चाहें तो निवेश का कुछ हिस्सा अपने व्यवसाय के शेयरधारकों को लाभांश नामक वापस कर सकते हैं।
इन निवेशों को लौटाना आवश्यक नहीं है, निवेश लौटाने से अन्य निवेशकों के बीच आपकी कंपनी में रुचि पैदा होगी। इस दिलचस्प से, नए निवेशक आपकी कंपनी में अपने शेयर मूल निवेशकों की कीमत से लगभग दोगुने मूल्य पर खरीदेंगे।
ये नए निवेशक सोचते हैं कि आने वाले समय में वे इन शेयरों को फिर से ऊंची कीमत पर बेचेंगे। इस तरह किसी कंपनी के शेयरों को बार-बार खरीदना और बेचना शेयर बाजार का काम है। पूरी दुनिया में हर सेकेंड में हजारों शेयरों का कारोबार होता है।
शेयर की कीमतें कैसे बढ़ती या घटती हैं?
शेयर बाजार में शेयरों की कीमत मांग और आपूर्ति के आधार पर बढ़ती या घटती है। कंपनी के शेयरों की मांग बढ़ने पर और आपूर्ति घटने पर शेयर की कीमतें बढ़ेंगी। जब वही कंपनी के शेयरों की मांग घटती है और आपूर्ति बढ़ती है, तो शेयर की कीमत घट जाएगी।
अलग-अलग कंपनियों के शेयर की कीमत अलग-अलग होती है। जैसे-जैसे कंपनी का कारोबार बढ़ता है और मुनाफा बढ़ता है, निवेशक कंपनी के साथ शेयर खरीदते हैं। तभी शेयर की कीमत बढ़ती है। और जब कंपनी कि लॉस होती है तो लोग उस कंपनी के ज्यादा शेयर खरीद लेते हैं।
क्योंकि तब कंपनी के शेयर की कीमत काफी गिर जाती है। इस प्रकार शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है होता है। उदाहरण के लिए, 2007 से 2016 तक, रिलायंस इंडस्ट्रीज के एक शेयर की कीमत 500 रुपये थी।
2016 में जियो के आने के बाद कंपनी का कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता गया। वर्तमान में रिलायंस इंडस्ट्रीज की कीमत 2000 रुपये प्रति शेयर है।
शेयर कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं?
शेयर बाजार में शेयर खरीदने और बेचने के लिए बीड किया जाता है। जब कोई विक्रेता किसी शेयर को सबसे कम कीमत पर बेचने के लिए तैयार होता है, तो खरीदार उस शेयर को उच्चतम कीमत पर खरीदेगा। इस प्रकार उनके बीच शेयरों का आदान-प्रदान होता है और शेयर एक दूसरे से खरीदे और बेचे जाते हैं।
यानी जो भी शेयर बाजार में सबसे ज्यादा कीमत की बोली लगाएगा वह शेयर खरीदेगा। इन्हें बीड प्राइस और आस्क प्राइस कहा जाता है। यानी जिस कीमत पर विक्रेता शेयर बेचने के लिए तैयार होता है उसे बिड प्राइस कहते हैं। और जिस कीमत पर विक्रय शेयर खरीदने के लिए तैयार होता है उसे आस्क प्राइस कहते हैं।
आप शेयर कैसे खरीदेंगे और बेचेंगे?
किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आपको तीन चीजों की जरूरत होती है –
- बैंक अकाउंट
- डिमैट अकाउंट
- ट्रेडिंग अकाउंट
बैंक अकाउंट
शेयर बाजार में पैसा लगाने के लिए आपको एक सेविंग बैंक अकाउंट की आवश्यकता होगी
डीमैट अकाउंट
शेयर खरीदने और बेचने के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। अन्यथा आप बाजार से शेयर नहीं खरीद सकते। किसी कंपनी से शेयर खरीदने के बाद आपको जो पैसा मिलेगा।
वह पैसा आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएगा। डीमैट अकाउंट हमारे बैंक खाते से जुड़ा रहता है। इसलिए जब भी हम चाहते हैं हम बैंक में डीमैट अकाउंट के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करते हैं।
डीमैट अकाउंट कैसे खोले?
डीमैट शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है अकाउंट खोलने के लिए आपका किसी भी बैंक में अकाउंट होना जरूरी है। आपका डीमैट अकाउंट उस बैंक से लिंक किया जाएगा। इसके साथ ही आपको अपने दस्तावेज के तौर पर पैन कार्ड, आधार कार्ड या कोई डॉक्यूमेंट एड्रेस प्रूफ के लिए देना होगा।
ट्रेडिंग अकाउंट
जिस प्लेटफॉर्म से हम किसी भी कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकते हैं और जिस प्लेटफॉर्म पर हम ट्रेडिंग शेयरों के लिए अकाउंट खोलते हैं उसे ट्रेडिंग अकाउंट या ब्रोकर अकाउंट कहते हैं। भारत में सर्वश्रेष्ठ ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म Zerodha Kite App, ICICI Direct Market, Angel Broking, Groww App आदि हैं।
कंपनी के शेयर खरीदने के लिए आपको ब्रोकर की मदद से डीमैट अकाउंट खोलना होगा। फिर आपको डीमैट अकाउंट को बैंक खाते से लिंक करना होगा। फिर बैंक खाते से कुछ बैलेंस डालना होगा।
फिर जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं। बैंक खाते से पैसा ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए कंपनी में जाएगा। आपका शेयर डिजिटल प्रूफ के रूप में बने रहने के लिए डीमैट अकाउंट में जमा हो जाएगा। दोबारा, जब आप शेयर बेचेंगे, तो शेयर का पैसा डीमैट खाते में चला जाएगा। फिर वहां से बैलेंस बैंक खाते में चला जाएगा।
किसी कंपनी के शेयर कब खरीदें?
कोई भी शेयर खरीदने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
- किसी भी कंपनी के शेयर खरीदने से पहले उसके पिछले लाभ और हानि के इतिहास को जान लें। फिर अपनी पसंद के शेयर खरीदें।
- उस कंपनी के एसेट्स और लायबिलिटीज के बारे में अच्छी तरह से जानें।
- कंपनी के पिछले लेनदेन की विवरण जानकारी प्राप्त करें।
- उन वेबसाइटों पर अपडेट रहें, जिनमें कंपनी का इकोनॉमी स्टेटमेंट है।
शेयर बाजार में कंपनी में पैसा लगाने से पहले किसी ऐसे व्यक्ति से पूरी जानकारी और अनुभव प्राप्त करें जो कंपनी को अच्छी तरह से जानता हो। जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा आप अच्छे मुनाफे वाले शेयर खरीद पाएंगे।
शेयर बाजार क्या है | शेयर मार्किट में पैसा कैसे लगाये | what is share Market in Hindi ।
शेयर बाजार (share bazar) से पैसे कमाने के लिए पहले शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है यह जानना जरुरी है बिना सोचे समझे शेयर मार्केट में पैसे नहीं लगाये पहले सीखें , जाने इसी कमी को हम दूर करेंगे सलाम मेवात वेबसाइट पर आपको शेयर मार्केट पूरी जानकारी मिलेंगी
Share Bazar Kya hai शेयर बाजार क्या है
शेयर मार्केट क्या है आज शेयर मार्किट के बारे में बुनियादी चीजो के बारे में जानेगें
शेयर मार्केट का अर्थ – शेयर यानि हिस्सा और मार्किट यानि बाजार । ऐसा बाजार जहां Listed कंपनियों के Share (हिस्सा) खरीदा और बेचा जाता है। शेयर मार्किट ही वो जगह है जहाँ किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर खरीद कर उस कम्पनी के कुछ हिस्से के मालिक बन सकते है
शेयर खरीदने के लिए स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर खरीद बेच सकते है जिसमे आपको डीमेट अकाउंट खुलवाना होगा
किसी भी कंपनी के शेयर शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है खरीदने और बेचने के लिए स्टॉक ब्रोकर होते है कुछ स्टॉक ब्रोकर के नाम में Suggest करूँगा जो निम्न है –
India में जहाँ शेयर खरीद और बेच सकते है के लिए दो (2) एक्सचेंज है
- NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज)
- BSE (बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज)
NSE FULL FORM – National Stock Exchange
BSE FULL FORM – Bombay Stock Exchange
स्टॉक मार्केट खुलने का समय –
Stock Market सुबह 9 बजे शुरू होता है शेयर बाजार में सुबह 9:00 बजे से 9:15 बजे तक के समय को Pre Open Session कहते है तथा 9 बजकर 8 मिनट पर बाजार का भाव sattled (स्थिर) हो जाता है
और 9 बजकर 15 मिनट से मार्किट शुरू हो जाता है और शाम 3 बजकर 30 मिनट पर बंद हो जाता है शेयर बाजार हर सप्ताह सोमवार से शुक्रवार तक सुबह 9:15 AM से 3:30 PM तक खुला रहता है इसी दौरान शेयरो को खरीद फरोख्त होती है
शेयर मार्किट से लाभ और हानि कैसे होती है ?
शेयर मार्किट से पैसे कमाने के लिए और अपने पैसो को सही शेयर सही भाव में प्रवेश जरुरी है शेयर मार्किट में लाभ हानि कैसे होती है इसे जानने के लिए एक उदाहरण से समझते है
उदहारण :- मान लीजिये किसी A कंपनी का शेयर का भाव 100 रुपये है और आपने 1000 शेयर ख़रीदे यानि आपने 100000 (एक लाख) के शेयर ख़रीदे और वह शेयर कुछ दिन बाद 120 रूपए का हो जाता है अब आपके शेयर्स की कीमत 1200000 (एक लाख बीस हजार ) हो जाती है यानि आपका शुद्ध लाभ 20000 रूपए है इसी तरह अगर शेयर का भाव 90 रुपये हो जाता है तो शेयर्स की कीमत 90000 रूपए हो जाती है और हमें 10000 रूपए का नुकसान होता है
उम्मीद है अब आपको समझ आ गया होगा की शेयर मार्किट में लाभ और हानि कैसे होती है
शेयर मार्किट अकाउंट कैसे खुलवाए
शेयर मार्किट में शेयर खरीदने के लिए डीमेट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट का होना अनिवार्य है और इन्हें आज के डिजिटल युग में खोलना बेहद ही आसान है पोस्ट की शुरुआत में मेने कुछ विश्वसनीय स्टॉक ब्रोकरस के नाम बताये है जिन आप अकाउंट खुलवा सकते है
अकाउंट खुलवाने के लिए आपके पास निम्न डॉक्यूमेंट होने चाहिए
- आधार
- पेनकार्ड
- मोबाइल
- cancel चेक
- सादे कागज पर सिग्नेचर
- और आपका आधार मोबाइल से लिंक होना चाहिए
शेयर मार्केट क्या है (share market kya hai) और इससे पैसे कैसे कमाए की जानकारी उम्मीद है आपको पसंद आई होगी इस पोस्ट को शेयर अपने दोस्तों के साथ social media पर जरुर शेयर करे
जानिए कैसे काम करती है सब्जी मंडी, शेयर बाजार की तरह वहां भी होती है इनसाइडर ट्रेडिंग!
आप अक्सर सोचते होंगे कि किसान अपनी फसल सड़क पर क्यों फेंक देते हैं? आखिर क्यों उन्हें फसल की सही कीमत नहीं मिल पाती? अगर आप जान लेंगे कि सब्जी मंडी कैसे काम करती है तो आपके सभी सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
कृषि प्रधान देश भारत में किसान की हालत बेहद खराब है. सरकार से तमाम रियायतें मिलने के बावजूद यहां के किसानों को नुकसान होता है. कभी बारिश कम होने के चलते तो कभी ज्यादा बारिश की वजह से फसल बर्बाद हो जाती है. अगर सब कुछ अच्छा रहा और खेतों में भरपूर पैदावार हुई, तो मंडी में अच्छा रेट नहीं मिलता. अक्सर ऐसी खबरें आती ही रहती हैं कि कभी किसानों ने टमाटर सड़कों पर फेंक दिया तो कभी किसानों ने खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला दिए. सभी की वजह सिर्फ यही है कि उन्हें सही कीमत नहीं मिल पाती. ऐसे में आपके लिए ये समझना जरूरी है कि सब्जी मंडी कैसे काम करती है.
सब्जी मंडी में भी होते हैं शेयर बाजार के ब्रोकर जैसे एजेंट
सब्जियों को सड़कों पर फेंकने की खबर सुनकर अगर आप ये सोचते हैं कि पहली मंडी से रेट पता कर के किसान फसल क्यों नहीं बेचते, तो मुमकिन है कि आप सब्जी मंडी गए ही ना हों. गए भी हों तो शायद ही आपने देखा हो कि वहां किस तरह से किसानों की फसल को बेचा जाता है. मंडी में पहुंचते ही सबसे पहले किसानों को मिलते हैं बहुत सारे एजेंट, जो उनकी सब्जी बिकवाने का काम करते हैं. ये एजेंट ठीक शेयर बाजार के ब्रोकर जैसे होते हैं, जिनकी मदद से शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं. इन एजेंट के बिना सब्जियां नहीं बेची जा सकतीं, इन्हीं की मदद से सब्जी की बोली लगती है.
कैसे लगती है बोली, शेयर बाजार की तरह आता है उतार-चढ़ाव
शेयर बाजार में अगर किसी शेयर की मांग ज्यादा बढ़ जाती है तो उसके दाम भी तेजी से ऊपर शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है भागने लगते हैं. ठीक उसी तरह सब्जी मंडी में भी मांग बढ़ने पर दाम बढ़ते हैं और घटने पर गिरते हैं. सब्जी मंडी में एजेंट एक दाम तय करता है और उस पर बोली लगाना शुरू करता है. अगर मांग अधिक होती है तो बोली लगातार बढ़ती जाती है, लेकिन अगर मांग कम होती है तो बोली तेजी से गिरती जाती है. जिस दाम पर ग्राहक मिल जाता है, उसी दाम पर सामान बेच दिया जाता है. यही वजह है कि मंडी में किसी सब्जी या फल का क्या रेट है, इसका पता पहले से नहीं लगाया जा सकता.
शेयर बाजार की तरह ऐसे होती है इनसाइडर ट्रेडिंग
सबसे पहले तो ये समझना जरूरी है कि इनसाइडर ट्रेडिंग क्या होती है. जब कुछ लोग आपस में साठ-गांठ करके शेयरों को खरीदते-बेचते हैं और गलत तरीके से उसके दाम चढ़ाते या गिराते हैं तो उसे इनसाइडर ट्रेडिंग कहा जाता है. सब्जी मंडी में भी ऐसा होता है, जिसमें एजेंट और व्यापारी मिलकर या कई बार व्यापारी आपस में मिलकर इनसाइडर ट्रेडिंग करते हैं. सब मिलकर कम बोली पर किसान का माल बिकवाने की कोशिश करते हैं और बाद में उस पर तगड़ा मुनाफा कमाते हैं. कई व्यापारी तो बोली लगने से पहले ही किसान को उसकी फसल की कुछ कीमत ऑफर कर देते हैं.
लगते हैं कई चार्ज, एक उदाहरण से समझिए
मान लेते हैं कि एक किसान 1 टन टमाटर लेकर सब्जी मंडी में उसे बेचने जाता है. वहां एजेंट उसके सामान की बोली लगवाते हैं और बेचने में मदद करते हैं. मान लीजिए 10 रुपये किलो यानी 10 हजार रुपये टन से बोली की शुरुआत होती है. अगर टमाटर की मांग ज्यादा होगी तो बोली बढ़ती जाएगी, वरना बोली गिरने लगेगी. हम मान लेते हैं कि 10 हजार रुपये टन के हिसाब से ही टमाटर बिक जाता है. अब जिस व्यापारी ने इसे खरीदा है वह इसे दिल्ली-गाजियाबाद की बड़ी मंडियों में ले जाकर बेचेगा और मुनाफा कमाएगा. वहीं किसान की फसल 10 हजार की बिकी जरूर थी, लेकिन उसे 10 हजार रुपये मिलेंगे नहीं. किसान को सबसे पहले तो शेयर बाजार क्या है और यह कैसे काम करता है मंडी टैक्स चुकाना होगा, उसके बाद एजेंट का कमीशन, अगर सामान उतारने-चढ़ाने की जरूरत पड़ती है तो पल्लेदारी, ये सब काटने के बाद जो पैसे बचेगा, वो किसान को मिलेगा. इसी तरह शेयर बाजार में ट्रांजेक्शन टैक्स, ब्रोकरेज चार्ज आदि लगता है, सब्जी मंडी में भी वैसे की कई चार्ज लगते हैं.
जिस ट्रेडिंग कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगा रहे, वही बंद हो गई तो क्या होगा? जानिए आपका पैसा डूबेगा या बचा रहेगा
शेयर बाजार में निवेश करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है. यहां पर पारंपरिक निवेश की तुलना में ज्यादा रिटर्न मिलता है. हालांकि, शेयर बाजार में निवेश का जोखिम भी होता है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: आशुतोष वर्मा
Updated on: Jul 22, 2021 | 10:32 AM
अब आम आदमी भी शेयर बाजार में निवेश कर ज्यादा रिटर्न पाने में रुचि दिखा रहा है. यही कारण है कि बीते एक साल में रिकॉर्ड संख्या में डीमैट अकाउंट खोले गए हैं. पिछले महीने तक के आंकड़ों के अनुसार देशभर में करीब 6.9 करोड़ डीमैट अकांउट्स हैं. हालांकि, दूसरे देशों के मुकाबले आबादी के लिहाज से यह अनुपात अभी भी बहुत कम है. भारतीय शेयर बाजार में सबसे ज्यादा पैसा महाराष्ट्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश के लोग लगाते हैं. लक्षद्वीप, अंडमान एवं निकोबार से लेकर मिज़ोरम तक के लोग शेयर बाजार से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
शेयर बाजार में निवेश करने के लिए सबसे पहली जरूरत डीमैट अकाउंट की होती है. इसी अकाउंट में शेयर्स, ईटीएफ, बॉन्ड्स, म्यूचुअल फंड्स और सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखा जाता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज एनसडीएल और सीडीएसल के साथ खोला जा सकता है. देश में कई स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां हैं, जो लोगों को शेयर बाजार में निवेश करने में मदद करती हैं. स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां ही इस सुविधा को आम आदमी तक पहुंचाती हैं. इस सुविधा के बदले ये ब्रोकरेज फर्म्स छोटी फीस वसूलते हैं.
इस बात की भी संभावना है कि आप ये ब्रोकरेज फर्म्स ही किन्हीं कारणों से बंद हो जाए. ऐसी स्थिति में क्या आपका निवेश पूरी तरह से डूब जाएगा? कहीं स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी आपका पूरा पैसा लेकर तो नहीं भाग जाएगी? एक निवेशक के तौर पर आपके मन में जरूर इस तरह के सवाल उठ रहे होंगे. लेकिन अब आपको इसकी चिंता नहीं करनी हैं. क्योंकि हम आपको इस तरह के सभी सवालों के जवाब लेकर आए हैं.
ब्रोकरेज कंपनी बंद होने पर आपके निवेश का क्या होगा?
आप यह जानकार राहत की सांस ले सकते हैं कि स्टॉक ब्रोकिंग कंपनी के डिफॉल्ट करने या बंद होने के बाद भी आपकी पूंजी या फंड पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा. ऐसा नहीं होगा कि स्टॉक ब्रोकर आपकी पूंजी लेकर भाग जाए. उदाहरण के तौर पर देखें तो जब हर्षद मेहता स्कैम सामने आया था, तब उनकी ब्रोकिंग कंपनी ग्रो मोर रिसर्च एंड एसेट मैनेजमेंट को सेबी ने बैन कर दिया था. लेकिन इस कंपनी के जरिए शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं हुआ.
आपको सबसे पहले यह समझने की जरूरत कि ये स्टॉक ब्रोकिंग कंपनियां महज एक बिचौलिए के तौर पर काम करती हैं. आपके फंड पर इनकी पहुंच सीधे तौर पर नहीं होती है ताकि वे आपकी पूंजी पर अपना हम जमा सकें. लेकिन इनके पास पड़ी अपनी फंड या पूंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इन्हें निर्देश दे सकते हैं.
स्टॉक्स और शेयरों का क्या होगा?
आपका फंड डीमैट अकाउंट में जमा होता है. ये डीमैट अकाउंट डिपॉजिटरीज के पास खुलात है. सेबी ने दो डिपॉजिटरीज – नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड (CDSL) को मंजूरी दी है. भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के प्रति सेबी की जवाबदेही होती है.
किसी भी समय पर एक निवेशक का स्टॉक या शेयर ब्रोकरेज फर्म्स के पास नहीं होता है. वे बस एक प्लेटफॉर्म के तौर पर काम करते हैं. इनका काम बस आपके निर्देश के हिसाब से आपकी जगह ट्रेड करना है. बदले में ये आपसे फीस वसूलते हैं.
इसी प्रकार आपका म्यूचुअल फंड इन्वेस्टमेंट एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) के पास होता है. ऐसे में अगर ब्रोकरेज फर्म बंद भी हो जाता है तो आपका म्यूचुअल फंड सुरक्षित रहेगा.