मुफ़्त विदेशी मुद्रा रणनीति

मूल्य नीति

मूल्य नीति
कृषि मंत्रालय का एक विभाग कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कोस्ट्स एंड प्राइसेस गन्ने पर एमएसपी तय करता है. ये बस एक विभाग है जो सुझाव देता है, ये कोई ऐसी संस्था नहीं है जो कानूनी रूप से एमएसपी लागू कर सके.

agricultural-value-policy

मूल्य नीति

मूल्य निर्धारण के उद्देश्यों और रणनीतियों को समझना (Understanding Pricing Objectives and Strategies)! - मूल्य को मौद्रिक शर्तों में व्यक्त उत्पाद विशेषताओं के मूल्य के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, जो उपभोक्ता भुगतान करता है या अपेक्षित या प्रस्तावित उपयोगिता की अपेक्षा करता है। यह पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक संबंध स्थापित करने में मदद करता है और कंपनी से खरीदारों तक माल और सेवाओं के स्वामित्व के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करता है।

उत्पाद मूल्य निर्धारण में शामिल प्रबंधकीय कार्यों में मूल्य निर्धारण उद्देश्यों की स्थापना, मूल्य शासित कारकों की पहचान करना, उनकी प्रासंगिकता और सापेक्ष महत्व का पता लगाना, मौद्रिक शर्तों में उत्पाद मूल्य निर्धारित करना और मूल्य नीतियों और रणनीतियों का निर्माण करना शामिल है। इस प्रकार, मूल्य निर्धारण एक कंपनी के विपणन मिश्रण में बहुत अधिक भूमिका निभाता है और फर्म की मार्केटिंग रणनीति और सफलता की प्रभावशीलता और सफलता में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

मूल्य नीति

thumbs-up

Q. Which of the following recommends Minimum Support Price MSP of food grains to the Central Government through Price Policy Reports?Q. निम्नलिखित में से कौन मूल्य नीति रिपोर्ट के माध्यम से केंद्र सरकार को न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP की सिफारिश करता है?

Q. Which of the following recommends Minimum Support Price (MSP) of food grains to the Central Government through Price Policy Reports?

Q. निम्नलिखित में से कौन मूल्य नीति रिपोर्ट के माध्यम से केंद्र सरकार को न्यूनतम मूल्य नीति समर्थन मूल्य (MSP) की सिफारिश करता है?

आर्थिक मूल्य (Economic value)

  • सरकार द्वारा बफर स्टॉक के लिए अनाजों की खरीद की जाती है, इसके साथ ही इनके परिवहन भंडारण तथा अन्य प्रबंधकीय कार्य में भी खर्च करना पड़ता है इन सभी खर्चों को जोड़कर अनाज का जो मूल्य होता है उसे ही आर्थिक मूल्य कहा जाता है |
  • अलग-अलग योजनाओं के मूल्य नीति लिए सरकार जिस मूल्य पर अनाज जारी करती है उसे ही जारी मूल्य कहा जाता है |
  • सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं के लिए जारी किए जाने वाले अनाजों का ‘जारी मूल्य’ आर्थिक मूल्य से कम होता है|आर्थिक मूल्य एवं जारी मूल्य के बीच के अंतर को ‘खाद्यान्न सब्सिडी’कहा जाता है|

मूल्य निर्धारण प्रणाली(Pricing system)मूल्य नीति

  • सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य के निर्धारण के लिए लागत प्रणाली का उपयोग किया जाता है| इसके अंतर्गत दो प्रकार की लागत का निर्धारण किया गया है C-2लागत तथा C-3 लागत |
  • C-2 लागत पर किसानों द्वारा कृषि कार्य में किया गया व्यय, श्रम तथा विद्यालयों को जोड़ा जाता है यदि जमीन पट्टे पर ली जाती है तो इसमें जमीन का किराया भी जोड़ा जाता है |
  • C-3 लागत में C-2 लागत के साथ-साथ प्रबंधकीय पारिश्रमिक के रूप में C-2 लागत का 10% जोड़ दिया जाता है |
  • C-1 लागत = फसल उत्पादन में किसानों का कुल व्यय मूल्य नीति मूल्य नीति +किसानों के द्वारा प्रयुक्त घरेलू संसाधनों का मूल्य
  • C-2 लागत = C-1 लागत+ 10% लाभ
  • C-3 लागत = C-2 लागत + किसानों के को प्रबंधकीय पारिश्रमिक का हिसाब लगाने के लिए C-2 लागत का 10%

प्राचीन इतिहास: पाषाण काल से सम्बंधित प्रश्न-उत्तर (Stone Age.

प्राचीन इतिहास: पाषाण काल से सम्बंधित प्रश्न-उत्तर (Stone Age Questions and Answers मूल्य नीति in Hindi) 1.

उत्तर प्रदेश के प्रमुख ताल और झीले ( List of Major Lakes in Uttar Pradesh in Hindi )

MSP: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) क्या है और क्यों चाहते हैं किसान इसकी गारंटी

किसान

मोदी सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने का बिल दोनों सदनों में पारित कर दिया है, लेकिन पिछले एक साल से धरने पर बैठे किसान इन क़ानूनों के वापसी के साथ-साथ, लगातार एक मांग करते आएं हैं कि उन्हें उनकी फसलों पर एमएसपी की गारंटी दी जाए.

पहला सवाल कि एमएसपी क्या है और इसकी क्या ज़रूरत है?

किसानों के हित के लिए एमएसपी की व्यवस्था सालों से चल रही है. केंद्र सरकार फसलों की एक न्यूनतम कीमत तय करती है. इसे ही एमएसपी कहते हैं. मान लीजिए अगर कभी फसलों की क़ीमत बाज़ार के हिसाब से गिर भी जाती है, तब भी केंद्र सरकार इस एमएसपी पर ही किसानों से फसल ख़रीदती है ताकि किसानों को नुक़सान से बचाया जा सके. 60 के दशक में सरकार ने अन्न की कमी से बचाने के लिए सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी शुरू की ताकि सरकार किसानों से गेहूं खरीद कर अपनी पीडीएस योजना के तहत ग़रीबों को बांट सके.

नई शिक्षा नीति में आजीविका के साथ बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा देने की जरूरत

नई शिक्षा नीति में आजीविका के साथ बच्चों को मूल्य आधारित शिक्षा देने की जरूरत

[रवि शर्मा]। प्रस्तावित राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर इन दिनों चर्चा तेज है। तमाम व्यावहारिक बातों के अलावा इसमें शिक्षा को रोजगार से जोड़ने की बात भी है। पर भारत जैसे संस्कृति संपन्न देश के लिए इतना ही काफी नहीं है। आजीविका के साथ मूल्यों की मूल्य नीति शिक्षा देने और बच्चों को जीवन के लिए भी तैयार करने की जरूरत है। शिक्षा नीति को अंतिम मूल्य नीति रूप देने से पहले इसमें और किन-किन बातों का समावेश जरूरी है, यहां जानिए.

विभिन्न कंपनियों में सीईओ रह चुके मानव संसाधन विकास मंत्रालय और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आजकल चर्चा में है। हिंदी को लेकर विवाद के स्वर भी उठे हैं। जब कभी शिक्षा के मूल्य नीति क्षेत्र में किसी बात की समीक्षा राष्ट्रीय स्तर पर होती है तो प्रसन्नता होती है कि देश में शिक्षा को लेकर गंभीरता है, किंतु अब समय आ गया है, जब केवल समीक्षा से काम न चल मूल्य नीति सकेगा अपितु हमें शिक्षा के गिरते स्तर और समाज के गिरते हुए नैतिक मूल्यों पर भी गहन विचार करना होगा।

रेटिंग: 4.88
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 154
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *