आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है

अधिकांश मरीज गुर्दे की पथरीकी पुनरावृत्ति रोकने के लिए सुरक्षात्मक कदम आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है उठाते हैं। इससे उन्हें लाभ भी मिलता है।
गुर्दे की पथरी है तो ज़रा यहां गौर फरमाएं, ये जानकारी आपको आराम दिलाएगी
डॉ. विवेक झा आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है यूरोलॉजिस्ट बॉम्बे हॉस्पिटल, इंदौर। अक्सर गुर्दे की पथरी को लेकर आम लोगों में बहुत सी भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों को लगता है कि अधिक दूध पीने से पथरी हो जाती है अथवा बीयर पीने से पथरी निकल जाती है। इन भ्रांतियों के चलते बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। यहां दी जा रही जानकारी आपको गुर्दे की पथरी होने से बचा सकती है।
किडनी स्टोन्स गुर्दे की अंदरूनी लाइनिंग में घुल रहे खनिजों के इकट्ठा होने के कारण पैदा होते हैं। पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट से बनती है लेकिन दूसरे कंपाउंड्स की वजह से भी बन जाती हैं। इनका आकार चने के दाने से लेकर एक सामान्य आकार के नींबू तक बड़ा हो सकता है। पथरी की सतह नुकीली और खुरदुरी होती है। छोटी पथरियां मूत्र के तेज प्रवाह से निकल जाती हैं।कई बार मूत्र नली में अटक जाती है और मरीज को बहुत तेज असहनीय दर्द होता है।
योग के 4 आसन जो आपका हाई ब्लड प्रेशर कम करने में मदद कर सकते हैं
हाई ब्लड प्रेशर के पीछे कई वजह हो सकती हैं, इनमें शामिल हैं फ़िज़िकल एक्टिविटी में कमी, फैमिली में पहले किसी को ये परेशानी रही हो, मोटापा और तनाव.
कुछ ख़ास वजहें, जैसे कि बढ़ती उम्र या फैमिली हिस्ट्री को छोड़ दें, तो बाक़ी कारणों से होने वाले हाइपरटेंशन को अपनी लाइफ़स्टाइल में थोड़ा सा बदलाव लाकर और अपनी रोज़मर्रा की आदतों में सुधार लाकर काफ़ी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है.
ऐसे में योग आपकी काफ़ी मदद कर सकता है, क्योंकि योग के ज़रिए आपकी फ़िज़िकल एक्सरसाइज़ हो जाती है, आपका वज़न कंट्रोल में रहता है और स्ट्रेस यानि तनाव कम होता है.
हाई ब्लड प्रेशर से मुक़ाबला करने में योग किस तरह आपकी मदद कर सकता है?
योग में कुछ ख़ास आसन और शारीरिक क्रियाओं के तालमेल के साथ गहरी सांस लेने की तकनीक का इस्तेमाल किया है. सांस को अंदर खींचने और बाहर छोड़ने के दौरान इसपर ध्यान देने से आपके सांस लेने के तरीक़े को रेगुलेट करने में मदद मिलती है, जो सुकून महसूस कराता है और तनाव कम करता है. इससे ब्लड प्रेशर कम होने में मदद मिल सकती है.
योग शरीर को पूरी तरह से फ़िट रखने के उद्देश्य के साथ काम करता है. कई तरह के आसन शरीर के अंदरूनी और बाहरी हिस्सों को लक्ष्य बनाते हैं, जिससे शरीर में ताक़त, लचीलापन और सहनशक्ति बढ़ती है. इसके साथ ही आप अपने शरीर की ज़रूरतों और क्षमताओं के आधार पर हल्के-फुल्के और ज़ोरदार आसनों में से कोई भी चुन सकते हैं. अगर आपको हाइपरटेंशन है तो डॉक्टर की सलाह ज़रूर ले लें कि आपके लिए कौन सा आसन बेहतर रहेगा, क्योंकि ऐसे में कुछ आसन आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकते हैं.
यहां चार ऐसे आसन बताए जा रहे हैं जो हाइपरटेंशन को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकते हैं:
1. बाधा कोणासन (Bound Angle Pose)
बाधा कोणासन ख़ून के बहाव में सुधार लाता है, दिल के कामकाज को बढ़ावा देता है, और ब्लड प्रेशर कम करने में मदद करता है. ये आपके घुटनों, कमर और अंदरूनी जांघों की मसल को स्ट्रेच करता है.
तरीक़ा
- अपनी पीठ सीधी रखते हुए बैठ जाएं. पैर सीधे आपके सामने की तरफ़ फैले हुए हों.
- अपने घुटनों को मोड़ें और अपने पैरों के तलवों को आपस में जोड़ लें. इन्हें जितना हो सके अपने पेड़ू (नाभि के नीचे का हिस्सा) की तरफ़ खींचें.
- अपने घुटनों को जितना मुमकिन हो फ़र्श की ओर नीचे ले जाएं.
- इसी बैठी हुई पोज़ीशन में अपनी सांस पर ध्यान दें. इस आसन में 5 से 10 सांसों को रोके रहें, फिर छोड़ें.
बेल है आपकी सेहत के लिए बेहद फ़ायदेमंद
बेल अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे - हाथियों का पसंदीदा खाना होने कि वजह से कहीं इसे हाथी सेब कहा जाता है, तो कहीं लकड़ी के कठिन गोले से होने कि वजह से लकड़ी का सेब कहा जाता है, इसके अलावा ये बन्दर का फल भी कहलाता है।
नाम के साथ-साथ इसके हेल्थ बेनिफिट्स (health benefits) भी बहुत ज्यादा हैं।
इसमें मुख्य रूप से टैनिन (tannin), कैल्शियम (calcium) , फॉस्फोरस (phosphorus), फाइबर (fiber), प्रोटीन (protein), लोहा (iron) और विटामिन (vitamin) आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है पाए जाते हैं।
डॉक्टर्स हर मौसम में इसे पीने की सलाह देते हैं क्योंकि ये कब्ज ,सांस की परेशानी, डायरिया , पेट सम्बन्धी समस्या और यौन सम्बन्धी परेशानियों में बहुत ही असरदार साबित होता है।
प्रभावी घरेलू नुस्खे
इसके अलावा, जब तक फोड़े दर्द रहित और छोटे होते हैं और बुखार के कोई लक्षण नहीं होते हैं, तब तक आप इन प्रभावी घरेलू उपचारों को आजमा सकते हैं। आइए ऐसे ही कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानें।
हल्दी के एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण आपके हिप्स और जांघ के अंदरूनी हिस्से पर फोड़े को ठीक करने की प्रक्रिया को तेज करते हैं। हल्दी आपको अंदरूनी जानकारी कैसे मिलती है में मौजूद करक्यूमिन भी दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है।
- थोड़ा सा हल्दी पाउडर और पर्याप्त पानी मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें।
- पेस्ट को फोड़ों पर लगाएं और इसे कम से कम 20 से 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
- दिन में कुछ बार दोहराएं। यह फोड़े को कुछ दिनों में फटने में मदद करेगा।
- आप एक गिलास दूध में 1 चुटकी हल्दी पाउडर भी मिलाकर ले सकती हैं। इसे उबालकर दिन में दो बार पीने से फोड़े-फुंसी के कारण होने वाली सूजन और दर्द से राहत मिलती है।
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अपने प्राकृतिक एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण नीम, जिसे भारतीय बकाइन और मार्गोसा के रूप में भी जाना जाता है, हिप्स और आंतरिक जांघों पर फोड़े के लिए एक और प्रभावी प्राकृतिक इलाज है।
- मुट्ठी भर नीम के पत्तों को धोकर पीसकर पेस्ट बना लें।
- आप थोड़ा हल्दी पाउडर भी मिला सकती हैं।
- इस पेस्ट को प्रभावित जगह पर लगाएं।
- इसे धोने से पहले कम से कम 30 मिनट के लिए छोड़ दें।
- ऐसा दिन में कई बार करें।
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एक अन्य विकल्प यह है कि नीम के कुछ पत्तों को पानी से भरे पैन में तब तक उबालें, जब तक कि अधिकांश पानी वाष्पित न हो जाए और उसका 1/3 भाग न रह जाए। घोल को ठंडा करके छान लें। इस नीम के पानी से प्रभावित त्वचा को दिन में कई बार साफ करें।
आप भी इन घरेलू नुस्खों को अपनाकर हिप्स और जांघों के फोड़ों से छुटकारा पा सकती हैं। इस तरह की और जानकारी पाने के लिए हरजिदंगी से जुड़ी रहें
गुर्दे की पथरी है तो ज़रा यहां गौर फरमाएं, ये जानकारी आपको आराम दिलाएगी
डॉ. विवेक झा यूरोलॉजिस्ट बॉम्बे हॉस्पिटल, इंदौर। अक्सर गुर्दे की पथरी को लेकर आम लोगों में बहुत सी भ्रांतियां हैं। कुछ लोगों को लगता है कि अधिक दूध पीने से पथरी हो जाती है अथवा बीयर पीने से पथरी निकल जाती है। इन भ्रांतियों के चलते बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। यहां दी जा रही जानकारी आपको गुर्दे की पथरी होने से बचा सकती है।
किडनी स्टोन्स गुर्दे की अंदरूनी लाइनिंग में घुल रहे खनिजों के इकट्ठा होने के कारण पैदा होते हैं। पथरी कैल्शियम ऑक्सालेट से बनती है लेकिन दूसरे कंपाउंड्स की वजह से भी बन जाती हैं। इनका आकार चने के दाने से लेकर एक सामान्य आकार के नींबू तक बड़ा हो सकता है। पथरी की सतह नुकीली और खुरदुरी होती है। छोटी पथरियां मूत्र के तेज प्रवाह से निकल जाती हैं।कई बार मूत्र नली में अटक जाती है और मरीज को बहुत तेज असहनीय दर्द होता है।