कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर

Updated on: July 05, 2022 14:कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर 34 IST
सेंसेक्स 61,873 अंक के नए शिखर पर पहुंचा
मुंबई. विदेशी निवेशकों कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर की लिवाली और वैश्विक बाजारों में मजबूती के रुख के बीच स्थानीय शेयर बाजार भी मंगलवार को चढ़ गए. बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 248 अंक की बढ़त के साथ अपने सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया.कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर
उतार-चढाव भरे कारोबार में सेंसेक्स 248.84 अंक यानी 0.40 प्रतिशत चढ़कर 61,872.99 अंक पर बंद हुआ. इसी के साथ सेंसेक्स 11 नवंबर के अपने पिछले रिकॉर्डस्तर 61,795.04 अंक को पार कर गया. कारोबार के दौरान सेंसेक्स 61,955.96 अंक तक चढ़ गया था. एनएसई का निफ्टी भी 74.25 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की मजबूती के साथ 18,403.40 अंक पर बंद हुआ.
डॉलर के मुकाबले रुपया 37पैसे चढ़ा
अमेरिकी मुद्रा के कमजोर होने और घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़ों के सामने आने के बाद अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में मंगलवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 37 पैसे की तेजी के साथ 80.91 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ.
सिन्धु घाटी सभ्यता में व्यापार और उद्योग
पिछले पोस्ट में हमने सिन्धु घाटी सभ्यता में कृषि के विषय में पढ़ा था. आज इस पोस्ट में हम इस सभ्यता में उद्योग और व्यापार के बारे में चर्चा करेंगे.
सिन्धु घाटी सभ्यता में उद्योग
हड़प्पा संस्कृति में कला-कौशल का पर्याप्त विकास हुआ था. संभवतःईंटों का उद्योग भी राज-नियंत्रित था. सिन्धु सभ्यता के किसी भी स्थल के उत्खनन में ईंट पकाने के भट्ठे नगर के बाहर लगाए गये थे. यह ध्यान देने योग्य बात है कि मोहनजोदड़ो में अंतिम समय को छोड़कर नगर के भीतर मृदभांड बनाने के भट्ठे नहीं मिलते. बर्तन निर्मित करने वाले कुम्हारों का एक अलग वर्ग रहा होगा. अंतिम समय में तो इनका नगर में ही एक अलग मोहल्ला रहा होगा, ऐसा विद्वान् मानते हैं. यहाँ के कुम्हारों ने कुछ विशेष आकार-प्रकार के बर्तनों का ही निर्माण किया, जो अन्य सभ्यता के बर्तनों से अलग पहचान रखते हैं.
पत्थर, धातु और मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण भी महत्त्वपूर्ण उद्योग रहे होंगे. मनके कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर बनाने वालों की दुकानों और कारखानों के विषय में चन्हुदड़ो और लोथल के उत्खननों से जानकारी प्राप्त होती है. मुद्राओं को निर्मित करने वालों का एक भिन्न वर्ग रहा होगा.
कुछ लोग हाथीदांत से विभिन्न चीजों कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर के निर्माण का काम किया करते थे. गुजरात क्षेत्र में उस काल में काफी संख्या में हाथी रहे होंगे और इसलिए इस क्षेत्र में हाथी दांत सुलभ रहा होगा.
हाथीदांत की वस्तुओं के निर्माण और व्यापार में लोथल का महत्त्वपूर्ण हाथ रहा होगा. सिन्धु सभ्यता घाटी से बहुमूल्य पत्थरों के मनके और हाथीदांत की वस्तुएँ पश्चिमी एशिया में निर्यात की जाती थीं. व्यापारियों का सम्पन्न वर्ग रहा होगा. पुरोहितों, वैद्यों, ज्योतिषियों के भी वर्ग रहे होंगे और संभवतः उनका समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान रहा होगा.
हड़प्पाई मनके
सिन्धु घाटी सभ्यता में मृदभांड-निर्माण और मुद्रा-निर्माण के समान ही मनकों का निर्माण भी एक विकसित उद्योग था. मनकों के निर्माण में सेलकड़ी, गोमेद, कार्नीलियन, जैस्पर आदि पत्थरों, सोना, चाँदी और ताम्बे जैसे धातुओं का प्रयोग हुआ. कांचली मिट्टी, मिट्टी, शंख, हाथीदांत आदि के भी मनके बने.
ED RAID: Vivo समेत कई चाइनीज मोबाइल कंपनियों पर ED की बड़ी कार्रवाई, कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर 40 से ज्यादा लोकेशन पर चल रही छापेमारी
अप्रैल महीने में ED ने कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर Redmi और Mi जैसे पॉपुलर मोबाइल फोन ब्रांड बनाने वाली चीनी मोबाइल कंपनी Xiaomi की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की थी।
Written By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: July 05, 2022 14:34 IST
Photo:FILE
Highlights
- बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, मध्यप्रदेश, पंजाब व हरियाणा सहित कई राज्यों में चल रही छापेमारी
- 40 से ज्यादा लोकेशन पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आज सुबह से शुरू की है छापेमारी
- अप्रैल महीने में ED ने चीनी मोबाइल कंपनी Xiaomi की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की थी
ED RAID: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने Vivo समेत कई चाइनीज मोबाइल कंपनियों पर बड़ी कार्रवाई शुरू की है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार सुबह से ED ने बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश, हिमाचल, मध्यप्रदेश, पंजाब व हरियाणा सहित कई राज्यों के 40 से ज्यादा लोकेशन पर इन मोबाइल कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर कंपनियों की ऑफिस पर छापेमारी कर रही है। हालांकि, अभी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है किस-किस कंपनी पर छापेमारी की जा रही है। कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर गौरतलब है कि चाइनीज मोबाइल कंपनियां मनी लांडरिंग के आरोप में ED की रडार पर।
Xiaomi पर भी ईडी ने कशा था शिकंजा
अप्रैल महीने में ED ने Redmi और Mi जैसे पॉपुलर मोबाइल फोन ब्रांड बनाने वाली चीनी मोबाइल कंपनी Xiaomi की करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की थी। ईडी ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (FEMA) के उल्लंघन से जुड़े आरोपों के चलते यह कार्रवाई की थी। ईडी ने Xiaomi India के 5,551 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। आरोप है कि Xiaomi ने रॉयल्टी के नाम पर देश से बाहर पैसा भेज रही थी और टैक्स चोरी कर रही थी।
2020 के बाद शुरू हुई सख्ती
भारत और चीन के बीच 2020 में सीमा पर तनाव के बाद चीनी कंपनियों के खिलाफ सरकारी एजेंसियों की जांच सख्त हुई है। उसके बाद से टिकटॉक समेत 200 से ज्यादा चीनी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। मई में, चीन ने कहा था कि वह भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बना हुआ है। भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर व्यापार 125.66 बिलियन डॉलर था। चीन ने भारत के साथ सामान्य व्यापार को आगे बढ़ाने के लिए उपाय करने की इच्छा दिखाई थी।
सिन्धु घाटी सभ्यता में व्यापार और उद्योग
पिछले पोस्ट में हमने सिन्धु घाटी सभ्यता में कृषि के विषय में पढ़ा था. आज इस पोस्ट में हम इस कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर सभ्यता में उद्योग और व्यापार के बारे में चर्चा करेंगे.
सिन्धु घाटी सभ्यता में उद्योग
हड़प्पा संस्कृति में कला-कौशल का पर्याप्त विकास हुआ था. संभवतःईंटों का उद्योग भी राज-नियंत्रित था. सिन्धु सभ्यता के किसी भी स्थल के उत्खनन में ईंट पकाने के भट्ठे नगर के बाहर लगाए गये थे. यह ध्यान देने योग्य बात है कि मोहनजोदड़ो में अंतिम समय को छोड़कर नगर के भीतर मृदभांड बनाने के भट्ठे नहीं मिलते. बर्तन निर्मित करने वाले कुम्हारों का एक अलग वर्ग रहा होगा. अंतिम समय में तो इनका नगर में ही एक अलग मोहल्ला रहा होगा, ऐसा विद्वान् मानते हैं. यहाँ के कुम्हारों ने कुछ विशेष आकार-प्रकार के बर्तनों का ही निर्माण किया, जो अन्य सभ्यता के बर्तनों से अलग पहचान रखते हैं.
पत्थर, धातु और मिट्टी की मूर्तियों का निर्माण भी महत्त्वपूर्ण उद्योग रहे होंगे. मनके बनाने वालों की दुकानों और कारखानों के विषय में चन्हुदड़ो और लोथल के उत्खननों से जानकारी प्राप्त होती है. मुद्राओं को निर्मित करने कारखाना विदेशी मुद्रा उदयपुर वालों का एक भिन्न वर्ग रहा होगा.
कुछ लोग हाथीदांत से विभिन्न चीजों के निर्माण का काम किया करते थे. गुजरात क्षेत्र में उस काल में काफी संख्या में हाथी रहे होंगे और इसलिए इस क्षेत्र में हाथी दांत सुलभ रहा होगा.
हाथीदांत की वस्तुओं के निर्माण और व्यापार में लोथल का महत्त्वपूर्ण हाथ रहा होगा. सिन्धु सभ्यता घाटी से बहुमूल्य पत्थरों के मनके और हाथीदांत की वस्तुएँ पश्चिमी एशिया में निर्यात की जाती थीं. व्यापारियों का सम्पन्न वर्ग रहा होगा. पुरोहितों, वैद्यों, ज्योतिषियों के भी वर्ग रहे होंगे और संभवतः उनका समाज में महत्त्वपूर्ण स्थान रहा होगा.
हड़प्पाई मनके
सिन्धु घाटी सभ्यता में मृदभांड-निर्माण और मुद्रा-निर्माण के समान ही मनकों का निर्माण भी एक विकसित उद्योग था. मनकों के निर्माण में सेलकड़ी, गोमेद, कार्नीलियन, जैस्पर आदि पत्थरों, सोना, चाँदी और ताम्बे जैसे धातुओं का प्रयोग हुआ. कांचली मिट्टी, मिट्टी, शंख, हाथीदांत आदि के भी मनके बने.