एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है?

कंपनी का कहना है कि यह इंट्रोडक्टरी और लिमिटेड पीरियड ऑफर है। यह केवल दिसंबर 2022 में एथर 450X और एथर 450 प्लस खरीदने वाले ग्राहकों पर लागू होगा। रिटेल फाइनेंसिंग के लिए एथर एनर्जी ने आईडीएफसी बैंक के साथ साझेदारी की है, जो ग्राहकों को एथर इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदने पर 48 महीने की अवधि की ईएमआई पेश करेगा।
Ather Electric Scooter ने पेश किया सबसे बेहतरीन ऑफर, 2.975 रु में घर ले जा सकतें लाखों की स्कूटर
इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्ट-अप एथर एनर्जी (electric vehicle startup ather energy) ने अपनी एथर इलेक्ट्रिक स्कूटर (ather electric scooter) पर ऑफर्स पेश किया है।यह सिर्फ दिसंबर तक के लिए होगा। महीने भर चलने वाला यह कार्यक्रम पहली बार एथर के ग्राहकों को आकर्षक फायदे,फाइनेंस विकल्प और एक्सचेंज ऑफर्स दे रही है।
Ather Electric Scooter : इलेक्ट्रिक वाहन स्टार्ट-अप एथर एनर्जी (electric vehicle startup ather energy) ने अपनी एथर इलेक्ट्रिक स्कूटर (ather electric scooter) पर ऑफर्स पेश किया है।यह सिर्फ दिसंबर तक के लिए होगा। महीने भर चलने वाला यह कार्यक्रम पहली बार एथर के ग्राहकों को आकर्षक फायदे,फाइनेंस एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है? विकल्प और एक्सचेंज ऑफर्स दे रही है।
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साथ ही 6,999 रुपये की बजाय एथर सिर्फ 1 रुपये में ही एक्सटेंडेड बैटरी वारंटी दे रही है। इस ऑफर्स के साथ, ग्राहक अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी को कंपनी की तरफ से 3 साल की वारंटी के अलावा एक्स्ट्रा दो साल तक सुरक्षित रख सकते हैं, जिससे कुल मिलाकर स्कूटर की वारंटी पांच साल तक हो जाती है।
RBI Digital Rupee : जानें क्या है E-Rupee, कैसा करता है काम, क्रिप्टो से क्यों है अलग
अब (RBI Digital Rupee) डिजिटल करेंसी के आ जाने के बाद भारतीय यूजर्स सुरक्षित तरीके से लेनदेन कर पाएंगे। वहीं डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट के तहत सरकार इसकी पूरी तरह जांच परख करेगी जिसके बाद इसमें और भी बदलाव देखने को मिलेंगे। जानें डिटेल्स.
क्या है e-rupee
नया ई-रुपया कैश की जगह एक इलेक्ट्रॉनिक करेंसी है। जिसे मुख्य रूप से खुदरा लेनदेन के लिए उपयोग किया जाने वाला है। जिसमें निजी क्षेत्र, गैर-वित्तीय उपभोक्ताओं और व्यवसायों द्वारा उपयोग शामिल है। खास बात यह है कि यह काफी सुरक्षित है। क्योंकि यह केंद्रीय बैंक की डायरेक्ट लाइबेलिटी है। इसे लेकर आरबीआई ने कहा है कि “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी की गई कानूनी करेंसी है। यह फिएट करेंसी के समान है और फिएट करेंसी से एक्सचेंज की जा सकती है लेकिन इसका रूप अलग है।”
e₹-R डिजिटल टोकन के रूप यूजर्स को सुविधा देगा। जिसे कानूनी मान्यता प्राप्त है। आप इसको नोट और सिक्कों के समान उपयोग कर पाएंगे। आरबीआई के अनुसार, यूजर्स योजना के तहत बैंकों द्वारा पेश किए गए और मोबाइल फोन और उपकरणों पर मौजूद डिजिटल वॉलेट के माध्यम से भी ई-आर के साथ लेनदेन कर सकेंगे। यह लेन-देन पर्सन टू पर्सन (P2P) और पर्सन टू मर्चेंट (P2M) दोनों में किया जाएगा। इसके साथ ही व्यापारी स्थानों पर क्यूआर कोड (QR Code) का उपयोग करके भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। खास बात यह भी है की “ई-आर को नकदी की तरह सुरक्षित माना जाएगा। नकदी के मामले में यह कोई ब्याज अर्जित नहीं करेगा और इसे अन्य प्रकार के धन में परिवर्तित किया जा सकता है।
e-rupee के फायदे
भारत में सीबीडीसी को जारी करने के कई एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है? फायदे होंगे। जिसमें प्रमुख तौर पर कैश मैनेजमेंट में लगने वाली लागत को कम करना शामिल है। इसके साथ ही वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, भुगतान प्रणाली में लचीलापन, दक्षता और नयापन लाना शामिल है। इसके अलावा, e-rupee से जनता को कोई बड़ा जोखिम भी नहीं होगा।
250% चढ़ा यह शेयर, क्या आपके पास भी है यह स्टॉक
दोस्तों आज के आर्टिकल में आपको एक ऐसे शेयर के बारे में बताने वाले हैं जिसका प्राइस लगभग 250% तक चढ़ गया और यह एक सरकारी कंपनी का शेयर है जिसने 6 एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है? महीने में काफी अच्छा रिटर्न अपने निवेशकों को दिया है। और जिस शेयर के बारे में हम बात करने वाले हैं उसे शेयर का नाम है मझगांव डॉक शिवबिल्डर्स जो ₹235 से चढ़कर 900 लेवल के रूपय पर पहुंच गया है
यह सरकारी कंपनी वारशिप और सबमरीन बनाती है जिसने 6 महीने में 250% से ज्यादा करें टर्न अपने निवेशकों को दिया है और अगर आपने 6 महीने पहले इस कंपनी में ₹100000 निवेश किए होते तो 6 महीने बाद आपके निवेश की गई राशि लगभग ढाई लाख रुपए के आसपास होती, वहीं इस कंपनी के 52 हफ्ते के ऑल टाइम हाई की बात करें तो यह लगभग 922 रुपए के आसपास आता है।
प्रणय रॉय और राधिका रॉय का इस्तीफा, NDTV में क्या हो रहा है?
समाचार चैनल NDTV को खरीदने के अडाणी समूह के ओपन ऑफर के बीच प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने निदेशक पदों से इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को भेजे पत्र में कंपनी ने कहा कि मंगलवार को हुई बैठक में बोर्ड के निदेशकों ने प्रणय और राधिका रॉय के इस्तीफों को मंजूरी दे दी है और सुदीप्त भट्टाचार्य, संजय पुगलिया और सेंथिल चंगलवारयान को बोर्ड में शामिल किया गया है।
कैसे लाया गया ओपन ऑफर?
अगस्त में जानकारी सामने आई थी कि गौतम अडाणी के अडाणी समूह ने NDTV में 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। तब समूह ने कहा था कि वह 26 प्रतिशत और हिस्सेदारी खरीदने के लिए ओपन ऑफर लाएगा। 22 नवंबर को समूह ने ओपन ऑफर की शुरुआत कर दी, जो 5 दिसंबर तक जारी रहेगा। हालांकि, जब अगस्त में हिस्सेदारी खरीदने की बात आई थी, तब NDTV ने कहा था कि संस्थापकों की सहमति के बिना यह सौदा हुआ है।
अधिग्रहणकर्ता कंपनी के शेयरहोल्डर को एक निश्चित राशि पर अपने शेयर बेचने के लिए ओपन ऑफर देता है। ऐसा तब किया एक क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज क्या है? जाता है कि जब वह कंपनी की पब्लिक शेयरहोल्डिंग में 25 प्रतिशत से अधिक का हिस्सेदार होता है। अडाणी समूह के पास कंपनी की 29.18 प्रतिशत हिस्सेदारी है और इससे कंपनी का नियंत्रण भी उसके पास जा सकता है। ऐसे में समूह को ओपन ऑफर लाना पड़ा ताकि कंपनी छोड़ने के इच्छुक छोटे शेयरहोल्डर अपना हिस्सा बेचकर निकल सकें।
सोमवार को ट्रांसफर हुए शेयर
इससे पहले सोमवार को समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने खबर दी थी कि NDTV संस्थापकों की कंपनी ने अपने शेयर अडाणी समूह की एक कंपनी को जारी कर दिए हैं। इससे अडाणी समूह NDTV पर नियंत्रण के एक कदम और नजदीक आ गया है। हालांकि, कंपनी के संस्थापक रॉय अडाणी को रोकने के लिए काउंटर ऑफर ला सकते थे, लेकिन उसके लिए बड़ी मात्रा में धन की जरूरत थी।
2009 और 2010 में विश्वप्रधान कमर्शियल प्राइवेट लिमिटेड (VCPL) ने राधिका रॉय और प्रणय रॉय की कंपनी RRPR होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड को 403.8 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त कर्ज दिया था। इसके बदले RRPR ने VCPL को वारंट जारी किए थे। VPCL के पास इन वारंट को RRPR में 99.9 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदलने का विकल्प था। RRPR को कर्ज देने के लिए VPCL ने मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की कंपनी रिलायंस स्ट्रैटेजिक वेंचर से फंड लिया था।
फिर हुई अडाणी की एंट्री
यहां तक अडाणी समूह कहीं भी इस डील में शामिल नहीं था, लेकिन 23 अगस्त को समूह ने ऐलान किया कि AMG मीडिया नेटवर्क्स लिमिटेड ने VCPL को 113.7 करोड़ रुपये में खरीद लिया है। AMG मीडिया अडाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की कंपनी है।
यह अधिग्रहण होने तक NDTV ने VCPL का कर्ज चुकाया नहीं था। इसके बाद VCPL ने NDTV को यह कहते हुए नोटिस जारी कर दिया कि वह कर्ज के बदले जारी वारंट को RRPR में 99.5 प्रतिशत हिस्सेदारी में बदल रही है। RRPR के पास NDTV के 29.18 प्रतिशत शेयर थे। ऐसे में RRPR की NDTV में हिस्सेदारी VCPL के जरिये अडाणी समूह की AMG मीडिया के पास चली गई है।