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ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन

ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन

एमएफ के चूक मूल्यांकन मानकों में ढील


भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कोविड महामारी से उपजे हालात में म्युचुअल फंड (एमएफ) उद्योग के मूल्यांकन मानकों को शिथिल कर मूल्यांकन एजेंसियों को अपवाद के तौर पर दर्ज करने की मंजूरी दे दी है। किसी कॉर्पोरेट बॉन्ड जारीकर्ता के लॉकडाउन के चलते या भारतीय रिजर्व बैंक (आरबाआई) की तरफ से किस्त भुगतान में दी गई छूट से परिसंपत्ति और देनदारी के बीच असंतुलन होने पर ऐसा होगा।

बाजार प्रतिभागियों के मुताबिक, महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन में सेबी के इस कदम से डेट योजनाओं के पोर्टफोलियो पर मार्क-टु-मार्केट प्रभाव स्थगित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) से संबंधित एमएफ कंपनियों को भी इससे राहत मिलने की संभावना है।

एक फंड प्रबंधन ने कहा, सेबी के इस फैसले से पोर्टफोलियो पर मार्क-टु-मार्केट प्रभाव कम करने में कुछ हद तक शुरुआती दौर में मदद मिलेगी। अब मूल्यांकन एजेंसियां इस बात को संज्ञान में रखेंगी कि आरबीआई से मिली मियाद की वजह से एनबीएफसी भुगतान में चूक कर रही हैं।

हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इस फैसले के बाद भी परिचालन संबंधी कुछ चुनौतियां हो सकती हैं। एक फंड हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, सेबी का परिपत्र यह भी कहता है कि एमएफ उचित मूल्यांकन के लिए जिम्मेदार बने रहेंगे। लिहाजा कुछ एमएफ कंपनियां अब भी आगे बढ़कर चूक के मामलों को बट्टे-खाते में डाल सकती हैं जबकि अन्य कंपनियां अलग रुख अपना सकती हैं। किसी भी एमएफ कंपनी के लिए यह नजरिया रखना खासा मुश्किल होगा कि भुगतान में चूक वाकई में लॉकडाउन या मोरेटोरियम के ही कारण हुई है। उन्होंने कहा कि ऐसे मूल्यांकन के चूक मूल्यांकन में नहीं जोड़े जाने पर एमएफ के उसे साइड-पाकेट में डालने को लेकर भी अस्पष्टता है।

एनबीएफसी पर दबाव इस वजह से भी बढ़ा है कि बैंक अपने कर्जदारों को मोरेटोरियम देने को लेकर अनिच्छा जता रहे हैं। इसके अलावा एनबीएफसी के उधार-पत्रों को लक्षित ऋण ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन सावधि रीपो परिचालन (टीएलटीआरओ) के माध्यम से तरलता देने को लेकर भी आशंकित हैं।

गुरुवार को आरबीआई के टीएलटीआरओ के पहले हिस्से के लिए केवल 12,850 करोड़ रुपये की बोलियां लगीं जबकि केंद्रीय बैंक ने 25,000 करोड़ रुपये की पेशकश की थी।

सेबी ने एमएफ को राहत देने के लिए जारी परिपत्र में कहा है कि देशव्यापी तालाबंदी और किस्तों के भुगतान में तीन महीने की छूट को देखते हुए चूक के हरेक मामले को अलग आधार पर देखा ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन जाएगा।

बाजार नियामक ने कहा कि अगर भुगतान में देरी या परिपक्वता अवधि बढ़ाए जाने की स्थिति मोरेटोरियम देने के फैसले के कारण हुई है तो मूल्यांकन एजेंसियां उन्हें अपने मूल्यांकन में चूक के तौर पर न दर्ज करें। हालांकि मूल्यांकन नियमों में यह शिथिलता आरबीआई की तरफ से दी गई किस्त मियाद के साथ ही चलेगी।

हाल ही में ऋण-पत्रों के न्यासियों ने म्युचुअल फंड कंपनियों और अन्य बॉन्डधारकों की तरफ से सेबी से संपर्क कर मूल्यांकन मानकों में ढिलाई ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन बरतने की मांग की थी। एक फंड प्रबंधक ने कहा, कुछ फंड हाउस इस बात को लेकर चिंतित थे कि डेट पोर्टफोलियो में मार्कडाउन होने से शुद्ध परिसंपत्ति मूल्य पर चोट पहुंचेगी जिससे निवेशकों में बेचैनी बढ़ सकती है।

म्यूचुअल फंड का मूल्यांकन होगा और बेहतर, सेबी ने ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन दी प्रस्ताव को मंजूरी

SEBI: सेबी बोर्ड ने यहां हुई बैठक में रीयल एस्टेट तथा बुनियादी संरचना निवेश न्यासों के जरिये पूंजी जुटाने संबंधी प्रावधानों को भी आसान करने की मंजूरी दे दी.

ऋण पुनर्संरचना से गुजर रही कंपनियों के लिये खुली पेशकश छूट के प्रावधानों में बदलाव को मंजूरी. (फोटो - पीटीआई)

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने ऋण पुनर्संरचना से गुजर रही कंपनियों के लिये खुली पेशकश छूट के प्रावधानों में बदलाव को शुक्रवार को ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन मंजूरी दी. सेबी ने म्यूचुअल फंडों द्वारा ऋणपत्रों के मूल्यांकन की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिये इससे संबंधित प्रावधानों में भी बदलाव किया. सेबी बोर्ड ने यहां हुई बैठक में रीयल एस्टेट तथा बुनियादी संरचना निवेश न्यासों के जरिये पूंजी जुटाने संबंधी प्रावधानों को भी आसान करने की मंजूरी दे दी.

प्रक्रिया से संबंधित प्रावधान बदलेंगे
नियामक म्यूचुअल फंडों द्वारा पूंजी बाजार और ऋणपत्र प्रतिभूतियों के मूल्यांकन की प्रक्रिया को बेहतर बनाने तथा पूरे म्यूचुअल फंड उद्योग में समरूप बनाने के लिये इस प्रक्रिया से संबंधित प्रावधानों को भी बदलेगा. यह आईएलएंडएफएस संकट तथा ऋण भुगतान में चूक के अन्य मामलों को देखते हुए निवेशकों को ऐसी किसी भी परिस्थिति से बचाने के लिये किया जा रहा है.

ऋण प्रतिभूतियों का मूल्यांकन
सेबी ने कहा कि बोर्ड ने निवेश योग्य श्रेणी से कम रेटिंग वाले पूंजी बाजारों तथा ऋण प्रतिभूतियों के मूल्यांकन को लेकर पूरे म्यूचुअल फंड उद्योग में एकरूपता लाने तथा टिकाऊ बनाने के एक प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. उसने कहा कि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया द्वारा नियुक्त मूल्यांकन एजेंसियां निवेश योग्य श्रेणी से कम रेटिंग वाले पूंजी बाजारों तथा ऋण प्रतिभूतियों का मूल्यांकन ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन करेंगी.

ऋण म्युचुअल फंड्स में जोखिम को समझना

ब्याज दर में परिवर्तन ऋण म्युचुअल फंड निवेेशकों के लिए जोखिम पैदा करते हैं। ब्याज दरें विशेष रूप से उस समय बढ़ती हैं जब अर्थव्यवस्था विकास कर रही होती है, और आर्थिक मंदी के दौरान ब्याज दरें कम हो जाती हैं। बोंड की कीमतें और ब्याज दरें एक दूसरे से व्युतक्रमानुपाती संबंधित हैं। जब ब्याज दरें बढ़ती हैं तो बोंड की कीमतें कम हो जाती हैं और जब ब्याज दरें घटती हैं तो बोंड की कीमतें बढ़ जाती हैं।

प्राय परिपक्वता अवधि जितनी लम्बी होगी, कीमतों में अस्थायीत्व उतना ही अधिक होगा। ब्याज दर का जोखिम सभी ऋण फंड्स में होता है लेकिन इसका स्तर भिन्न हो सकता है। लम्बी परिपक्वता अवधि के गिल्ट फंड्स में ब्याज दर अधिक होती है जबकि लिक्वड फंड्स में यह बहुत कम होती है, जो 91 दिन की परिपक्वता अवधि तक प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।

2. ब्याज दर जोखिम क्या है? यह ऋण म्युचुअल फंड निवेशकों को किस प्रकार प्रभावित कर सकता है?

ब्याज दर में परिवर्तन ऋण म्युचुअल फंड निवेशकों के लिए जोखिम पैदा करते हैं। ब्याज दरें विशेष रूप से उस समय बढ़ती हैं जब अर्थव्यवस्था विकास कर रही होती है, और आर्थिक मंदी के दौरान ब्याज दरें कम हो जाती हैं। बोंड की कीमतें और ब्याज दरें एक दूसरे से व्युतक्रमानुपाती संबंधित हैं। जब ब्याज ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन दरें बढ़ती हैं तो बोंड की कीमतें कम हो जाती हैं और जब ब्याज दरें घटती हैं तो बोंड की कीमतें बढ़ जाती हैं।

प्राय परिपक्वता अवधि जितनी लम्बी होगी, कीमतों में अस्थायीत्व उतना ही अधिक होगा। ब्याज दर का जोखिम सभी ऋण फंड्स में होता है लेकिन इसका स्तर भिन्न हो सकता है। लम्बी परिपक्वता अवधि के गिल्ट फंड्स में ब्याज दर अधिक होती है जबकि लिक्वड फंड्स में यह बहुत कम होती है, जो 91 दिन की परिपक्वता ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन अवधि तक प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं।

AAA के समान रेटिंग वाला एक कार्पोरिट बोंड उच्च गुणवत्ता का माना जाता है जिसमें भुगतान और ब्याज को लौटाने में चूक करने का जोखिम नाम मात्र का होता है। हाल ही में एमटेक ओटो को रेटिंग ऐजेंसियों द्वारा डाउन रेट किया गया था, जिसके कारण वे ऋण फंड योजनाएं प्रभावित हुई जिनमें पास पोर्टफोलियो में पेपर था। फंड मैनेजर नियमित रूप से पोर्टफोलियो में क्रेडिट रेटिंग में होने वाले परिवर्तनों का मूल्यांकन करते हैं।

3. ऋण फंड्स के लिए लिक्विडिटी एवं कन्संट्रेशन कितने महत्वपूर्ण हैं?

कन्संट्रेशन का संबंध एक विशेष बोंड में हिस्से से है, एक विशेष प्रतिभूति में कन्संट्रेशन जितना अधिक होगा, उसमें जोखिम भी उतना ही अधिक होगा। उदाहरण के लिए अगर आपके पास एक ही प्रतिभूति में 10 प्रतिशत हिस्सा है और इसमें चूक हो जाती हैं, तो फंड का शुद्ध सम्पत्ति मूल्य उसी सीमा तक गिरेगा।

वित्त प्रबंधक को यह भी सुनिश्चित करना होता है कि योजनाएं उसी सीमा तक लिक्विड हों जितनी की फंड में इसके मूल्य या कीमत के प्रभावित हुए बिना अंदर और बाहर जाने की योग्यता होती है। वह यह सुनिश्चित करता है कि योजना लिक्विड होनी चाहिए ताकि योजना के शुद्ध सम्पत्ति मूल्य पर प्रभाव के बिना बड़ी ऋणमुक्तियों को प्रबंधित किया जा सके।

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

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वाॅटर फॉल अप्रोच तथा पूंजी बाज़ार

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड- सेबी (Securities and Exchange Board of India- SEBI) ने म्यूचुअल फंड हाउसों को मुद्रा बाज़ार और ऋण प्रतिभूतियों के मूल्यांकन के लिये वाॅटरफॉल अप्रोच (ऋण म्युचुअल फंड का मूल्यांकन Waterfall Approach) अपनाने को कहा है, जिससे मूल्यांकन में एकरूपता और निरंतरता को बढ़ावा मिल सके।

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