आभासी दलाल

बता दें कि Zebpay भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग के लिए एक्सचेंज है.
दलालों का कोना: वर्चुअल प्रॉपर्टी के लेनदेन को कैसे संभालें
कोरोनावायरस के फैलने से पहले और बाद में लॉकडाउन ने साइट को असंभव बना दिया था, खरीदार गुणवत्ता समय खर्च कर रहे थे ऑनलाइन संपत्ति की जाँच कर रहे थे – उनकी खरीद यात्रा का प्रारंभिक बिंदु। ऑनलाइन उनके विकल्पों को अच्छी तरह से देखने के बाद ही वे चुनिंदा साइटों पर विज़िट करने के लिए आगे बढ़े। जैसा कि महामारी ने आमने-सामने की बैठकों को असंभव बना दिया है, संभावित खरीदारों को ऑनलाइन अधिक समय बिताने की संभावना है।
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Rakesh Jhunjhunwala Vs Dalal Street : राकेश झुनझुनवाला की इस बड़ी मांग के खिलाफ क्यों हैं दलाल स्ट्रीट के निवेशक, जानिए यहां
Rakesh Jhunjhunwala Vs Dalal Street : Indian Share Market के टॉप इन्वेस्टरों में से एक Rakesh Jhunjhunwala ने Bitcoin को लेकर बड़ी डिमांड कर डाली है. उन्होंने देश से सभी private cryptocurrencies (आभासी मुद्रा) को बैन करने की मांग की है.
मैं कभी Bitcoin नहीं खरीदूंगा : राकेश झुनझुनवाला
Rakesh Jhunjhunwala Vs Dalal Street : Indian Share Market के टॉप इन्वेस्टरों में से एक Rakesh Jhunjhunwala ने Bitcoin को लेकर बड़ी डिमांड कर डाली है. उन्होंने देश से सभी private cryptocurrencies (आभासी मुद्रा) को बैन करने की मांग की है. उन्होंने सरकार से अपील की कि Bitcoin को बैन कर देना चाहिए. क्योंकि इसका Speculation काफी ज्यादा रहता है. मैं कभी Bitcoin नहीं खरीदूंगा.
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रियल एस्टेट का आभासी दौरा
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'किसी ने आभासी दलाल आभासी दलाल बनाए करोड़ों तो किसी न गंवाए रुपए
दलाल स्ट्रीट में पहुंचे तो कई व्यापारी, लेकिन कुछ ने सब कुछ गंवा दिया तो कुछ ने पांच लाख के करोड़ों बना दिए. शुक्रवार को सेंट पीटर्स कॉलेज में बी वल्ड कॉमर्स फेस्ट का आयोजन हुआ. इसमें आयोजित प्रतियोगिता में आभासी दलाल स्ट्रीट बनाई गई और प्रतियोगिता में भाग लेने वाले प्रत्येक स्टूडेंट को वर्चुअल पांच-पांच लाख रुपए दिए गए. जिन्हें स्टॉक मार्केट में लगाना था. पल-पल पर बदलते कंपनियों के भाव और नफा नुकसान की जद्दोजहद ने भावी व्यापारियों को बहुत कुछ सिखाया.
आगरा। फेस्ट का शुभारंभ मेजर जनरल राजेश कुंद्रा ने किया। कॉलेज के प्रिंसिपल फादर एंड्रयू कोरिया व कॉमर्स के एचओडी मनीष मगन भी मौजूद थे.मनीष मगन ने बताया कि बी वल्र्ड कॉमर्स फेस्ट में मंडल के 25 स्कूलों के लगभग 700 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें आगरा सहित झांसी, अलीगढ़, मथुरा, भरतपुर, फिरोजाबाद के विद्यार्थी रहेंगे। फेस्ट में स्टूडेंट्स ने दि आभासी दलाल बी टेंक, पैक्जीलेंस, दलाल स्ट्रीट, नेशन नेगोसिएशन, बेटल ऑफ आभासी दलाल विट्स, वॉच द इंक, रॉक बैंड जैसी सात प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया। प्रतिभागियों ने शेयर मार्केट, प्रोडक्ट लांचिंग, मार्केटिंग से लेकर व्यापार जगत की हर बारीकी की परीक्षा दी और कुछ नया सीखा। इस अवसर पर मुख्य रूप से सेंट फैलिक्स के प्रिंसीपल फादल डोमनिक, हेड मिस्ट्रेस सिस्टर थैलिस्टिक, डॉ। एपी एंटनी, मॉरीन मिरिन्डा, वर्तिका, नीलम मल्होत्रा, अनुराग खंडेलवाल आदि मौजूद रहे।
Exposed: इंटरनेट से भी हो रही है काले धन की धुलाई
- नई दिल्ली,
- 20 दिसंबर 2016,
- (अपडेटेड 20 दिसंबर 2016, 4:55 PM IST)
काले धन के खिलाफ देश की लड़ाई में कुछ आभासी दलाल ठग अदृश्य साइबर चुनौती बन कर पेश आ रहे हैं. ये डिजिटल करेंसी को उन कर चोरों तक पहुंचा रहे हैं जो अपनी काली कमाई के लिए सुरक्षित ठिकाने तलाश रहे हैं. ये खुलासा आज तक/ इंडिया टुडे की विशेष जांच टीम की तहकीकात से हुआ है. बता दें कि 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद से ही आजतक/इंडिया टुडे ने जुगाड़ के जरिए काले धन को सफेद बनाने वालों के खिलाफ मुहिम छेड़ी हैं.
इसी सिलसिले को बढ़ाते हुए आपको बताने जाने जा रहे हैं कि कुछ शातिर किस तरह इंटरनेट के जरिए काले धन को सफेद बनाने का गोरखधंधा कर रहे हैं. इस धंधे का जरिया बनी हुई बिटकॉइन्स ऑनलाइन करेंसी. ये एक तरह की आभासी करेंसी हैं जिसका हवाला ऑपरेटर और अपराधियों की ओर से वसूली, ड्रग्स के काले कारोबार और यहां तक की सुपारी लेकर हत्याओं का भुगतान करने के लिए किया जाता हैं. बिटकॉइन्स के अप्रतिबंधित ऑनलाइन बाजार के एजेंट इस आभासी करेंसी का इस्तेमाल काले धन को इंटरनेट पर खपाने में कर रहे हैं.