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विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें

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यूरो फेसेस ग्लोमी इकोनॉमिक आउटलुक; येन पुलबैक मुख्य फोकस रहता है

यूरो कमजोर जर्मन भावना डेटा के बाद कमजोर हो रहा है, जबकि पाउंड को नौकरी के आंकड़ों द्वारा समर्थित किया जा रहा है। जैसा कि व्यापारियों को अमेरिकी दरों और शेयरों में अगली चाल का अनुमान है, डॉलर कमजोर है। बाजारों में येन बिकवाली की भावना ज्यादातर अपरिवर्तित बनी हुई है। हालाँकि, अधिकांश खरीदारी कमोडिटी मुद्राओं में बदल गई है, जो ऑस्ट्रेलियाई और न्यूजीलैंड डॉलर और स्टर्लिंग द्वारा संचालित है।

अक्टूबर में, जर्मनी का ZEW इकोनॉमिक सेंटिमेंट 26.5 से गिरकर 22.3 हो गया, जो 20.4 की उम्मीदों से कम था। यह लगातार पांचवी गिरावट है। जर्मनी वर्तमान स्थिति सूचकांक 1.9 से 21.6 तक गिर गया, जो अपेक्षित 29.5 और फरवरी के बाद पहली गिरावट से काफी कम है।

के लिए ZEW आर्थिक भावना सूचकांक यूरोजोन 31.3 से गिरकर 21.0 पर आ गया, जो 26.5 की अपेक्षाओं से कम था। यूरोजोन में मौजूदा स्थिति 6.6 अंक घटकर 15.9 पर आ गई है। यूरोजोन मुद्रास्फीति अपेक्षाओं का माप -3.0 अंक गिरकर 17.1 पर आ गया। हालांकि, 49.1% विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अगले छह महीनों में मुद्रास्फीति चढ़ना जारी रहेगा।

पूंजी के मामले में यूरो बैंकिंग क्षेत्र सुरक्षित

रॉयटर्स के अनुसार, यूरोपियन सेंट्रल बैंक (ईसीबी) के मुख्य पर्यवेक्षक एंड्रिया एनरिया ने मंगलवार को कहा कि यूरोप में बैंकिंग उद्योग पूंजी के मामले में सुरक्षित है। हालांकि, एनरिया ने आगाह किया कि यूरो क्षेत्र में ऋण लेने के लिए समझदारी के साथ संपर्क किया जाना चाहिए।

इन टिप्पणियों का बाजार की धारणा पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है। लेखन के समय, यूरो स्टोक्स 50 विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें उस दिन 0.35% गिरकर 4,058 पर था। इस बीच, EUR/USD एक सीमित दायरे में स्विंग करना जारी रखता है और आखिरी बार 1.1535 पर दैनिक रूप से कारोबार किया गया था।

मंगलवार को, EUR/USD 1.1530 के स्तर के आसपास मँडराते हुए, एक और सत्र के लिए अपनी समेकित व्यापार सीमा बनाए रखता है। वर्तमान मंदी के माहौल में, 2021 के 1.1529 के निचले स्तर पर एक और यात्रा जल्द ही होने की संभावना है। यहां से एक गहरी गिरावट से 1.1500 क्षेत्र का तेजी से परीक्षण हो सकता है, जो कि मार्च 2020 का उच्च स्थान है। इस बीच, महत्वपूर्ण 200-दिवसीय एसएमए, जो वर्तमान में 1.1939 पर है, के नीचे, निकट अवधि में EUR/USD के नीचे ट्रेड करने की उम्मीद है।

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Thread: इंस्टाफॉरेक्स कंपनी की तरफ से विश्लेषण

25 नवंबर, 2022 को EUR/USD के लिए पूर्वानुमान और.

25 नवंबर, 2022 को EUR/USD के लिए पूर्वानुमान और ट्रेडिंग सिग्नल। COT रिपोर्ट। मूल्य मूवमेंट और ट्रेडों का विस्तृत विश्लेषण। EUR सेनकोउ स्पैन बी में वापस आ सकता है

Thread: इंस्टाफॉरेक्स कंपनी की तरफ से विश्लेषण

इन्डिकेटर विश्लेषण: 24 नवंबर, 2022 को EUR/USD की.

इन्डिकेटर विश्लेषण: 24 नवंबर, 2022 को EUR/USD की दैनिक समीक्षा

प्रवृत्ति विश्लेषण (चित्र 1)।

गुरुवार को, बाजार 1.0394 के स्तर (कल के दैनिक कैंडल के करीब) से 85.4%, 1.0456 (पीली धराशायी रेखा) के.

Thread: इंस्टाफॉरेक्स कंपनी की तरफ से विश्लेषण

इन्डिकेटर विश्लेषण: 24 नवंबर, 2022 को GBP/USD की.

इन्डिकेटर विश्लेषण: 24 नवंबर, 2022 को GBP/USD की दैनिक समीक्षा


प्रवृत्ति विश्लेषण (चित्र 1)।

गुरुवार को बाजार 1.2050 के स्तर (कल के दैनिक कैंडल के करीब) से 1.2213 - ऐतिहासिक प्रतिरोध स्तर.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बना दुनिया में चौथा सबसे बड़ा, रूस को छोड़ा पीछे

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बना दुनिया में चौथा सबसे बड़ा, रूस को छोड़ा पीछे

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रूस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें का चौथा सबसे बड़ा बन गया है.

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार रूस को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बन गया है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत का केंद्रीय बैंक अर्थव्यवस्था को किसी अचानक से आउटफ्लो से बचाने के लिए डॉलर को जमा कर रहा है. दोनों देशों के भंडार इस साल महीनों तक तेज बढ़ोतरी करने के बाद अब स्थिर हो गए हैं. भारत आगे बढ़ गया क्योंकि रूसी होल्डिंग्स में हाल के हफ्तों के दौरान तेज दर पर गिरावट आई है.

चीन के पास सबसे ज्यादा भंडार

भारत की विदेशी मुद्रा होल्डिंग्स 5 मार्च को 4.3 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.3 अरब डॉलर पर पहुंच गईं. भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे रूस का 580.1 अरब डॉलर का भंडार पीछे रह गया है. चीन के पास सबसे ज्यादा भंडार है, जिसके बाद जापान और स्विटजरलैंड आते हैं. भारत का भंडार, जो 18 महीनों का आयात कवर करने के लिए पर्याप्त है, करंट अकाउंट सरप्लस, क्षेत्रीय शेयर बाजार में बढ़ते इनफ्लो और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के कारण आगे बढ़ा है.

विश्लेषकों का कहना है कि मजबूत भंडार से विदेशी निवेशकों और क्रेडिट रेटिंग कंपनियों को यह भरोसा मिलता है कि सरकार घटते फिजकल आउटलुक और अर्थव्यवस्था के चार दशकों में पहले एक साल के संकुचन की ओर बढ़ने के बावजूद अपने कर्ज को लेकर वादे को पूरा कर सकती है.

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पिछले कुछ सालों में सुधार

Deutsche बैंक में चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट कौशिक दास ने लेटेस्ट डेटा के रिलीज होने से पहले कहा कि भारत के भंडार के मैट्रिक में पिछले कुछ सालों में पर्याप्त तौर पर सुधार आया है. उन्होंने आगे कहा कि बेहतर विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति से आरबीआई को आने वाले समय में किसी भी आउटफ्लो से निपटने का भरोसा मिलता है.

केंद्रीय बैंक के डेटा में दिखता है कि आरबीआई ने पिछले साल स्पॉट फॉरैक्स मार्केट में 88 अरब डॉलर खरीदे थे. इससे रुपया एशिया की बड़ी मुद्राओं में सबसे खरीब प्रदर्शन करने वाला बन गया था.

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चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था, ADB ने महंगाई पर एशिया का अनुमान घटाया

चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की अर्थव्यवस्था, ADB ने महंगाई पर एशिया का अनुमान घटाया

TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार

Updated on: Apr 06, 2022 | 10:32 AM

एशियन डेवलपमेंट बैंक (Asian Development Bank) ने बुधवार को वित्त वर्ष 2022-23 में दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाओं (South Asian economies) के लिए 7 फीसदी के कलेक्टिव ग्रोथ का अनुमान लगाया, जिसमें क्षेत्र की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत (Indian Economy) के चालू वित्त वर्ष में 7.5 फीसदी और अगले वर्ष 8 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है. ‘एशियन डेवलपमेंट आउटलुक’ (ADO) 2022 को जारी करते हुए मनीला स्थित ‘मल्टी-लेटरल फंडिंग एजेंसी’ ने कहा कि 2023 में 7.4 फीसदी तक पहुंचने से पहले दक्षिण एशिया विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें में विकास 2022 में धीमा होकर 7 फीसदी तक होने का अनुमान है. क्षेत्र में विकास की गतिशीलता काफी हद तक भारत और पाकिस्तान पर निर्भर करती है.

पाकिस्तान में ग्रोथ रेट 4 फीसदी रहने का अनुमान

रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में 4.5 फीसदी तक बढ़ने से पहले कमजोर घरेलू मांग के कारण पाकिस्तान की वृद्धि 2022 में मध्यम से 4 फीसदी तक रहने का अनुमान है.

एडीबी ने कहा कि विकासशील एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में घरेलू मांग में मजबूत सुधार और निर्यात में निरंतर विस्तार के कारण इस साल 5.2 फीसदी और 2023 में 5.3 फीसदी ग्रोथ होने का अनुमान है.

विकासशील एशिया में भौगोलिक समूह द्वारा एडीबी के 46 सदस्य देश शामिल हैं. Caucasus और मध्य एशिया, पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया और पैसिफिक. साउथ एशिया में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, विदेशी मुद्रा आउटलुक और उम्मीदें मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल है.

पटरी से उतर सकती है ग्रोथ की रफ्तार

एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री अल्बर्ट पार्क ने कहा, विकासशील एशिया में अर्थव्यवस्थाएं अपने पैर जमाने लगी हैं क्योंकि वे धीरे-धीरे कोविड​​​​-19 महामारी के सबसे बुरे दौर से उभर रही हैं.

हालांकि, जियो-पॉलिटिकल अनिश्चितता और नए COVID-19 के प्रकोप और वायरस वेरिएंट इस रफ्तार को पटरी से उतार सकते हैं. सरकारों को इन जोखिमों का मुकाबला करने के लिए सतर्क रहने और कदम उठाने के लिए तैयार रहने की जरूरत होगी.

पार्क ने कहा, इसमें यह सुनिश्चित करना है कि अधिक से अधिक लोगों को कोविड-19 का टीका पूरी तरह से लगाया गया है. मॉनेटरी अधिकारियों को भी अपनी मुद्रास्फीति की स्थिति की बारीकी से निगरानी करना जारी रखना चाहिए और वक्र के पीछे नहीं आना चाहिए.

एडीबी आउटलुक ने कहा, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण, कोरोना वायरस का खतरा बने रहना और यूनाइटेड स्टेट्स फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) द्वारा कड़े रुख अपनाए जाने से अनिश्चितता बनी हुई है और जोखिम बना रह सकता है.

चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ग्रोथ रेट 9.5 फीसदी रहेगा

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान है कि शेष बचे 2021-22 के वित्त वर्ष में भारत में आर्थिक गतिविधियां सामान्य होंगी. इससे 9.5 प्रतिशत की वास्तविक GDP की वृद्धि हासिल की जा सकेगी. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि इसका एक उल्लेखनीय हिस्सा पिछले वित्त वर्ष के निम्न तुलनात्मक आधार के प्रभाव (शून्य से नीचे की आर्थिक वृद्धि से तुलना) की वजह से हासिल होगी. 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत की गिरावट आई है.

एसएंडपी ने कहा कि भारत की राजकोषीय स्थिति कमजोर है. हालांकि, सरकार द्वारा इसको मजबूत करने के लिए कदम उठाए जाएंगे लेकिन अभी कुछ वर्षों तक यह ऐसी ही रहेगी. एसएंडपी ने भारत की दीर्घावधि की बीबीबी- तथा लघु अवधि की अनापेक्षित विदेशी एवं स्थानीय मुद्रा सावरेन रेटिंग को ए-3 पर कायम रखा है.

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