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महंगाई से बचाव

महंगाई से बचाव
खादी भंडार की रजाई गद्दों सहित प्रत्येक चीज की अच्छी गुणवत्ता होती है। इसलिए लोग खादी भंडार की रजाई गद्दों को लेना पसंद करते हैं। -भानु प्रताप सिंह, इंचार्ज महंगाई से बचाव खादी भंडार

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बरेली: महंगाई के बीच सर्दी से बचाव भी जेब करेगा ढीली

अभिषेक मिश्रा, बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल के बाद महंगाई ने लोगों का जीवन यापन मुश्किल कर दिया है। पेट्रोल-डीजल के साथ घरेलू रसोई के चढ़े दामों के बीच खाद्य पदार्थों की चीजों से लेकर सब्जियों के दाम भी आग उगल रहे हैं। इस बार लोगों को ठंड से बचाव रखने के लिए भी जेब …

अभिषेक मिश्रा, बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल के बाद महंगाई ने लोगों का जीवन यापन मुश्किल कर दिया है। पेट्रोल-डीजल के साथ घरेलू रसोई के चढ़े दामों के बीच खाद्य पदार्थों की चीजों से लेकर सब्जियों के दाम भी आग उगल रहे हैं। इस बार लोगों को ठंड से बचाव रखने के लिए भी जेब ढीली करनी पड़ेगी। रजाई-गद्दा पर भी महंगाई चढ़ी है। 100 रुपये से लेकर 300 रुपये तक दाम बढ़े हैं। रुई से लेकर धुनाई, रजाई के कवर समेत गर्म चादरें तक महंगी हुई हैं।

दीपावली से ही गुलाबी सर्दी शुरू हो जाती है। लोग महंगाई से बचाव सर्दी से बचाव रखने को स्वेटर, जैकेट से लेकर गर्म शर्ट, पेंट पहनते हैं। रात को अधिक ठंड पड़ने पर ठिठुरन से बचने के लिए रजाई ओढ़ते हैं। लोगों को राहत देने के लिए शहर में कई स्थानों पर रजाई-गद्दे बिकने शुरू हो गए हैं। पीलीभीत बाईपास, मिनी बाईपास, कोहाड़ापीर समेत कई अन्य क्षेत्रों में सड़क किनारे रुई धुनाई की मशीनें लगाकर लोगों ने रजाई तैयार कर बेचना शुरू कर दिया है। यह वे रजाई हैं जो रुई भरकर बनाते हैं।

'कहां है महंगाई, लोगों की इनकम बढ़ी है. हालात से अंधा हूं', आजम का तंज

आजम खान (फाइल फोटो)

  • मुरादाबाद,
  • 29 जुलाई 2022,
  • (अपडेटेड 29 जुलाई 2022, 9:12 AM IST)

समाजवादी पार्टी (सपा) नेता आजम खान ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का बचाव किया है. मुरादाबाद में गुरुवार को आजम खान ने कहा, 'इस बार जब वह अखिलेश यादव से मिलेंगे तो उन्हें तीर कमान देंगे और उनसे कहेंगे जो उनके ऊपर निशाना लगा रहा है, वो उस पर निशाना लगाएं.' आजम ने कई सवालों पर तंज कसा.

दरअसल, सपा नेता आजम खान गुरुवार को मुरादाबाद की एमपी एमएलए कोर्ट में अपने विधायक बेटे अब्दुला आजम खान के साथ पेश होने पहुंचे थे. इस दौरान आजम खान से ईडी की छापेमारी पर सवाल पूछा गया था, तो उन्होंने कहा कि हम देखते ही नहीं है, चश्मा लगा हुआ है, अंधे हैं, कान नहीं है, बहरे हैं, जुबान नहीं है, गूंगे हैं.

मैं कक्षा छह में था तभी निबंध लिखने आया था ‘प्राइस राइज इन इंडिया’- महंगाई पर मंत्री ने ऐसे किया नरेंद्र मोदी का बचाव

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केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल(फोटो सोर्स: PTI)।

आए दिन देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। 24 मार्च और 1 अप्रैल को छोड़कर रोजाना पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि हुई है। देश में बढ़ती महंगाई को लेकर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है। वहीं मोदी सरकार के मंत्री महंगाई के सवालों पर इतिहास खंगालते नजर आ रहे हैं।

दरअसल एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री SP सिंह बघेल ने बढ़ती महंगाई को पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के जमाने की बीमारी बताया। उनसे सवाल हुआ कि महंगाई से जनता त्रस्त है और विपक्ष केंद्र पर निशाना साध रही है, आप लोग क्या कर रहे हैं?

भारतीय अर्थव्यवस्था में सुस्ती की आशंका, लेकिन काबू में आएगी महंगाई, वित्त मंत्रालय ने बताईं ये वजह

दुनिया भर की एजेंसियां कमोडिटी की बढ़ती कीमतों, सप्लाई चेन की बाधाओं और मोनेटरी राहत वापस लेने आदि फैक्टर्स के चलते पहले से वैश्विक आर्थिक विकास में सुस्ती का अनुमान जाहिर कर रही हैं। इस क्रम में वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि भले ही भारतीय इकोनॉमी की ग्रोथ दूसरी इमर्जिंग इकोनॉमीज की तुलना में बेहतर है, लेकिन आगे इसमें सुस्ती आने अनुमान है।

क्या महंगाई काबू में आने की है उम्मीद

वित्त मंत्रालय की मई, 2022 की मासिक इकोनॉमिक रिपोर्ट के मुताबिक, हाल में RBI के 50 बेसिस प्वाइंट्स में बढ़ोतरी के फैसले के साथ रेपो रेट 4.90 फीसदी होने और सरकार द्वारा एक्साइज ड्यूटी में कटौती, कस्टम ड्यूटीज में बदलाव, लक्षित तबकों के लिए सब्सिडी में विस्तार जैसे नीतिगत कदमों, ट्रेड पॉलिसी में बदलाव और सरकार के पूंजी खर्च बढ़ाने जैसे फैसलों से महंगाई के काबू में आने की उम्मीद है।

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आर्थिक विकास को ऐसे मिलेगी गति

इसमें कहा गया कि मीडियम टर्म में, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के सफल लॉन्च, क्रूड ऑयल पर आयात की निर्भरता की विविधता के साथ एनर्जी के नवीकरण स्रोतों के विकास और फाइनेंशियल सेक्टर की मजबूती से आर्थिक विकास को गति मिलने का अनुमान है।

मैक्रोइकोनॉमिक स्थायित्व को प्राथमिकता देने की जरूरत

82,000 स्टूडेंट को यूएस ने दिया वीजा

अमेरिका ने इस साल भारतीयों को 82,000 स्टूडेंट वीजा जारी किए हैं। हाल के दिनों में डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट आई है और यह एक डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर 80.05 को छू गया है, जिससे उन अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है, जिनके बच्चे अमेरिका में महंगाई से बचाव पढ़ रहे हैं या फिर अमेरिकी यूनिवर्सिटीज की डिग्री के इच्छुक हैं। अभिभावकों को एक डॉलर खरीदने के लिए अधिक रुपये खर्च करने पड़ते हैं। वहीं उनके बच्चों को अपने खर्च में भी कटौती करनी पड़ती है।

भारत के रहने वाले रेवती वासन ने बताया कि रुपये का गिरना कोई नई बात नहीं है। यह तब से हो रहा है जब से महंगाई से बचाव उनकी बेटी अमेरिका में पढ़ रही थी। हमें उसे डॉलर भेजने के लिए अतिरिक्त रुपये खर्च करने पड़े। अमेरिका में कई भारतीय छात्र अपने भारतीय माता-पिता पर बोझ कम करने के लिए पार्ट टाइम जॉब कर रहे हैं। उनका जॉब करना एक तरह से मुद्रा की अस्थिरता और मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव है।

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