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मार्केट रिसर्च

मार्केट रिसर्च

प्रोडक्ट रिव्यू व मार्केट रिसर्च के लिए सीक्रेट शॉपर की मदद ले रही कंपनियां; एक रिव्यू पर 50 हजार रु. तक कमाई

दुनिया की बड़ी कंपनियां अपने प्रोडक्ट को बेहतर बनाने के लिए मार्केट रिसर्च रिव्यू और रिसर्च का नया तरीका अपना रही हैं। इस काम के लिए वे सीक्रेट शॉपर्स की मदद ले रही हैं। ये शॉपर कंज्यूमर प्रोडक्ट और रिटेल आउटलेट की कमियां बताते हैं, ताकि कंपनियां कमियां सुधार कर अपनी सेल्स बढ़ा सकें। तुर्की की मार्केट रिसर्च कंपनी ट्वेंटेफी सैमसंग, फिलिप्स, लॉरियल और यूनिलीवर जैसी कई बड़ी कंपनियों को ऐसी ही सर्विस दे रही है।

ट्वेंटेफी के दुनियाभर में 150 बड़े क्लाइंट हैं और इससे करीब 3.30 लाख सीक्रेट शॉपर जुड़े हैं। ये शॉपर कंपनियों की जरूरत के मुताबिक प्रोडक्ट टेस्टिंग और रिटेलर के यहां प्रोडक्ट की पोजिशनिंग, ग्राहकों के साथ उनका बर्ताव दोस्ताना है या नहीं, प्रोफेशनलिज्म और साफ-सफाई जैसी चीजें देखते हैं और एप के जरिए ट्वेंटेफी को पूरी जानकारी भेज देते हैं। इन प्रोडक्ट टेस्टर्स को सिर्फ बाउंटी एप पर फोटो अपलोड कर मार्केट रिसर्च परेशानी के बारे मंे बताना पड़ता है।

इसके एवज में उन्हें 1 हजार से 50 हजार रुपए तक मिलते हैं। 29 साल के हाकन सेवगिन ऐसे ही शॉपर हैं। उन्हें एक रिव्यू के लिए करीब मार्केट रिसर्च 45 हजार रुपए मिलते हैं। हाकन बताते हैं कि यह कोई अलग काम नहीं है। रोजमर्रा में हम ऐसा करते ही हैं। हाकन स्थानीय थियेटर में लाइट मैनेजर हैं, प्रोडक्ट टेस्टिंग का काम वो शौकिया तौर पर करते हैं।

ट्वेंटेफी का आइडिया तुर्की के बिजनेसमैन इल्केर इनेंक का है। इल्केर बताते हैं,‘पारंपरिक सर्वे की तुलना में एप के जरिए मार्केट रिसर्च के नतीजे जल्दी मिलते हैं। बातचीत के लिए बड़ी टीम या कॉलर्स की जरूरत पड़ती है। इस पर खर्च भी काफी होता है।’ दुनियाभर से बिजनेस कस्टमर जोड़ने के लिए कंपनी इंटरनेट पर विज्ञापन देती है। इसके ज्यादातर मेंबर बाउंटी एप के जरिए जुड़े हैं। इसकी जानकारी उन्हें दोस्तों से ही मिली। यानी कंपनी को इस पर खर्च नहीं करना पड़ा। इल्केर 2018 में कंपनी की एक ब्रांच कनाडा में खोल रहे हैं। वो इसे वैश्विक कंपनी के तौर पर स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

मार्केट रिसर्च

उतर प्रदेश उपनिरीक्षक पुलिस आनलाइन परीक्षा (13 दिसम्बर 2017)

100 लोगो का इंटरव्यू कर रही एक .

100 लोगो का इंटरव्यू कर रही एक नाश्ते बनाने वाली धान्य की कंपनी के मार्केट रिसर्च ने पता लगाया कि किसी एक दिन सुबह नाश्ते के लिए, 72 लोगो ने धान्य खाया , 39 लोगो ने अंडे खाए, 75 लोगो ने टोस्ट खाया, 32 लोगो ने धान्य और अंडा , 53 लोगो ने धान्य और टोस्ट, 26 लोगो ने टोस्ट और अंडा खाया। इनमे से 21 ने धान्य, टोस्ट और अंडा खाया। इंटरव्यू किए गए कितने लोगो ने न ही धान्य , ना टोस्ट और ना ही अंडा खाया ?

Career Advice: मार्केट रिसर्च के क्षेत्र में होगी नौकरियों की बरसात, जानें कहां करें पढ़ाई

टाइम्स नाउ डिजिटल

Career Advice: मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल के तौर पर काम करने के लिए किसी खास डिग्री की जरूरत नहीं होती, बल्कि ग्रेजुएशन करते हुए भी आप रिसर्च के क्षेत्र में कदम रख सकते हैं। अगर जल्दी काम करना शुरू करेंगे, तो पढ़ाई के साथ-साथ आप इस क्षेत्र से जुड़ी जरूरतों को समझ पाएंगे और इस क्षेत्र में काम करने में सक्षम हो पाएंगे।

Career advice

  • मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल बनने के लिए बीबीए की डिग्री होनी है जरूरी
  • मार्केटिंग, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान की पढ़ाई हो सकती है फायदेमंद
  • मिल सकता है 5 से 15 लाख तक का सालाना पैकेज

Career Advice: रोज बदलते बाजार का रुख जानना किसी भी बिजनेस के लिए बहुत जरूरी है। बाजार के ट्रेंड जाने बिना कोई भी काम नहीं कर सकता। यही कारण है कि फूड प्रोडक्ट और जूते की कंपनी से लेकर सरकारी योजनाओं तक में मार्केट रिसर्चर की मांग रहती है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले समय में इसमें नौकरियों की बरसात होने वाली है। लोगों की किसी खास प्रोडक्ट मार्केट रिसर्च या वस्तु, नई योजनाओं को लेकर प्रतिक्रिया, पसंद-नापसंद का अध्ययन, मार्केट रिसर्चर का काम होता है। एक मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल सप्लायर और क्लाइंट दोनों की तरफ से काम करता है।

मार्केट रिसर्च प्रोफेशनल की योग्यता

इस क्षेत्र में कदम रखने के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से बीबीए की डिग्री होना जरूरी है। 12वीं करने के बाद आप बीबीए कर सकते हैं। इसके आगे एमबीए की पढ़ाई कर सकते हैं। इसमें डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा के विकल्प भी मौजूद हैं और मास्टर्स स्तर पर मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन का कोर्स कराया जाता है।

नौकरी के संभावनाएं

मार्केट रिसर्च में नौकरी के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है। इसके अलावा अंग्रेजी पर अच्छी कमांड होनी चाहिए। मार्केटिंग, अर्थशास्त्र, मनोविज्ञान, सोशोलॉजी में पढ़ाई फायदेमंद साबित होती है। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जरूरी है।

जरूरी स्क्ल्सि

  • कम्युनिकेशन स्किल्स
  • क्रिएटिविटी
  • सेल्समेनशिप
  • डाटा जुटाने की क्षमता
  • टीमवर्क
  • एनालिसिस स्किल
  • लगन

मुख्य कॉलेज

  • क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, बेंगलुरु
  • एमिटी इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल, नोएडा
  • एपीजे स्कूल ऑफ मार्केटिंग, दिल्ली
  • सिंबायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ मीडिया एंड कम्युनिकेशन, पुणे
  • गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली
  • यूनिवर्सिटी ऑफ लखनऊ, लखनऊ
  • बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी, झांसी
  • भारतीय विद्यापीठ इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च, दिल्ली
  • सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता
  • आईआईएम (अहमदाबाद, बेंगलुरु, कोलकाता, लखनऊ व इंदौर)
  • जमनालाल बजाज इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, मुंबई

कितना कमा सकते हैं

मार्केट रिसर्च में फ्रेशर के रूप में आप 15,000 रुपए मंथली तक कमा सकते हैं। इसके बाद पद के हिसाब से 5 से 15 लाख तक का सालाना पैकेज बढ़ता जाता है।

SEBI ने ग्लोबल रिसर्च समेत इन 3 लोगों पर लगाया बैन, 2 साल तक निवेशकों को नहीं दे सकते सलाह

SEBI: सेबी ने शेयर बाजार से ग्लोबल रिसर्च और 3 लोगों को बैन कर दिया है और 2 साल किसी भी तरह की कोई सलाह ना देने की बात कही है. बता दें कि ये लोग बिना सर्टिफिकेट के निवेश की सलाह दे रहे थे.

SEBI: मार्केट रेगुलेटर सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने ग्लोबल रिसर्च और 3 लोगों पर बैन लगाने का फैसला किया है. सिक्योरिटी मार्केट ने इन सभी लोगों को अगले 2 साल तक के लिए बैन लगा दिया है. सेबी के नोटिस के मुताबिक, ग्लोबल रिसर्च और ये 3 लोग बिना रेगुलेटर ऑथराइजेशन के अनाधिकृत सलाह दे रहे थे. बता दें कि एक शिकायतकर्ता ने सेबी को 14 अगस्त 2018 को ग्लोबल रिसर्च और इन 3 लोगों के खिलाफ शिकायत की थी, जिसके बाद सेबी ने ये फैसला जारी किया है. शिकायत के आधार पर मार्केट रेगुलेटर सेबी ने ग्लोबल रिसर्च की एक्टिविटीज पर नजर रखी और जांच की. इसके बाद अगस्त 2021 को मार्केट रिसर्च कंपनी को कारण बताओ नोटिस भेजा गया.

बिना सर्टिफिकेट दे रहे थे निवेश की सलाह

रेगुलेटर ने पाया कि ग्लोबल रिसर्च, पवन भिसे, विलाश भिसे और अंशुमान भिसे इन्वेस्टमेंट एडवाइजरी एक्टिवटी में शामिल थे और इन सभी के पास मार्केट रेगुलेटर की ओर से जारी रजिस्ट्रेशन का सर्टिफिकेट नहीं था.

अप्रैल 2018 से लेकर मार्च 2019 तक इन सभी लोगों ने निवेश की सलाह देकर 43 लाख रुपए इकट्ठा किए. इस मामले की जांच के बाद सेबी ने इन सभी लोगों पर 2 साल तक बैन लगा दिया है और अपने क्लाइंट्स को दी गई सलाह से कमाए पैसे को अगले 3 महीने में रिफंड करने का भी आदेश दिया है.

2 साल तक लगाया बैन

इसके अलावा सिक्योरिटी मार्केट ने इन सभी लोगों पर अगले 2 साल तक के लिए बैन लगा दिया है. ये लोग सिक्योरिटी मार्केट में अगले आदेश तक एक्सेस नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा ये सभी लोग किसी लिस्टेड कंपनी के स्टॉक के साथ मिलकर भी ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट सलाह नहीं दे सकते.

Exclusive: Infosys Buyback का क्या हो सकता है भाव? क्या ओपन मार्केट में आएगा बायबैक? जानें रिसर्च

सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अरमान नाहर ने अपने कैलकुलेशन के हवाले से बताया कि अनुमान ये है कि इस बार के बायबैक का भाव 1740 से 1800 के आसपास रह सकता है.

दिग्गज आईटी कंपनी Infosys के आज गुरुवार को सितंबर तिमाही के नतीजे आने हैं. कंपनी बायबैक का ऐलान भी कर सकती है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि कंपनी किस भाव पर बायबैक ला सकती है, क्या असर देखने को मिल सकता है. सीनियर रिसर्च एनालिस्ट अरमान नाहर ने अपने कैलकुलेशन के हवाले से बताया कि अनुमान ये है कि इस बार के बायबैक का भाव 1740 से 1800 के आसपास रह सकता है. पिछले ट्रेंड्स को देखें तो इस हिसाब से कंपनी ऐलान के दिन के भाव मार्केट रिसर्च से 18-21% प्रीमियम पर बायबैक करती है. और इसके लिए उनके कैश/कैश इक्वीवेलेंट/इन्वेस्टमेंट/असेट का लगभग 36 से 40 फीसदी इस्तेमाल होता है.

हमारे एनालिस्ट ने बताया कि इन असेट्स का मौजूदा टोटल 22,000 करोड़ है, तो अगर इसका 36 से 40 पर्सेंट देखें तो लगभग 8,000 करोड़ से मार्केट रिसर्च 9,000 करोड़ का यह बायबैक हो सकता है. करीब 12 से 14 पर्सेंट पेडअप इक्विटी का इस्तेमाल संभव है.

Infosys के बायबैक पर एक्सक्लूसिव रिसर्च.

किस भाव पर आएगा बायबैक❓

➡️ऐलान वाले दिन के भाव से 18-21% प्रीमियम पर बायबैक..

पिछली बार से क्या होगा अलग?

इन्फोसिस जून, 1993 में स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होने के बाद से अब तक तीन बार ही बायबैक लेकर आया है. पहला मार्केट रिसर्च 2017, दूसरा 2019 और तीसरा 2021 में आया था. 2017 में कंपनी बायबैक टेंडर रूट के जरिए लेकर आई थी. उसके बाद के दो बायबैक ओपन मार्केट से आए हैं. ऐसे में संभव है कि इस बार भी बायबैक ओपन मार्केट से ही आए.

दूसरी बात, बायबैक को लेकर ऐसा मार्केट रिसर्च होता है कि इसका भाव हमेशा पिछले बायबैक से ऊपर ही रखा जाता है. 2017 में इसका भाव 1150 था, फिर 1600 आया, फिर 1700 आया, तो इस लिहाज से माना जा सकता मार्केट रिसर्च है कि इस बार कीमतें 1740 से 1800 के बीच में रह सकती हैं.

ओपन मार्केट में आने से क्या रहेगा असर

Zee Business के मैनेजिंग एडिटर और मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि टेंडर ऑफर आने से शॉर्ट टर्म के ट्रेडर्स भी इसका फायदा उठाने वाले आ जाते हैं. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए इससे बहुत ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि टेंडर ऑफर हो या ओपन मार्केट परचेज के लिए आए. जिनको पांच साल के लिए इन्फोसिस रखना है, अल्टीमेटली ओपन मार्केट में इसका वैल्यू बढ़ेगा तो उन्हें फायदा होगा ही. वहीं, टेंडर ऑफर होता है तो लोग इंटरेस्ट कैलकुलेट करके शॉर्ट टर्म में कमाई कर लेते हैं, तो दोनों के अपने फायदे और अपने नुकसान हैं.

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