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ईटीएफ के साथ आसानी से विदेशी मुद्रा में निवेश करें

ईटीएफ के साथ आसानी से विदेशी मुद्रा में निवेश करें
मौजूदा वैश्विक बाजारों की तुलना में भारतीय बाजार की स्थिति तो हम सब समझते ही हैं, अब बात करते हैं कि ऐसे बाजार परिस्थितियों में एक व्‍यक्तिगत निवेशक को किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए और अपने निवेश पोर्टफोलियो में क्‍या-क्‍या शामिल करना चाहिए. शाह ने निवेशकों को निम्‍नलिखित सुझाव दिए हैं.

Investment Portfolio: अपने निवेश पोर्टफोलियो में शामिल करें ये तीन चीजें, बाजार के उतार-चढ़ाव में भी होगा मुनाफा

By: ABP Live | Updated at : 14 Nov 2022 12:58 PM (IST)

अस्थिर बाजार में निवेश की रणनीति

इस साल की शुरुआत से ही ग्‍लोबल और भारतीय बाजार (Indian Equity Market) में अस्थिरता देखी जा रही है. महंगाई में होती लगातार ईटीएफ के साथ आसानी से विदेशी मुद्रा में निवेश करें बढ़ोतरी को देखते हुए दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने ब्‍याज दरों में अच्‍छा-खासा इजाफा किया है और इसे नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि, अगर आप विदेशी बाजारों से तुलना करेंगे तो पाएंगे भारत की अर्थव्‍यवस्‍था (Indian Economy) तुलनात्‍मक रूप से ज्‍यादा स्थिर है. दूसरे उभरती अर्थव्‍यवस्‍थाओं (Emerging Economies) के मुकाबले भारतीय बाजार का प्रदर्शन एक या पांच साल में बेहतर रहा है. इक्विटी वैल्‍यूएशन की बात करें तो भारत का लॉन्‍ग टर्म एवरेज भी दूसरे बाजारों की तुलना में अच्‍छा रहा है. हालांकि, इन सब के बावजूद रिस्‍क के प्रति सचते रहने की जरूरत है क्‍योंकि मार्केट वैल्‍यूएशन सस्‍ता नहीं है.

डेट म्‍यूचुअल फंड में करें निवेश

डेट म्‍यूचुअल फंड्स अबतक लोकप्रिय नहीं हो पाए हैं. हालांकि, निवेश के दौरान हायर यील्ड को देखते हुए, एक एसेट क्लास के तौर पर डेट फिर से आकर्षक लग रहा है. शाह के अनुसार, रिजर्व बैंक की आगामी बैठकों में रेपो दर में बढ़ोतरी होगी क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें ऊंची है और इसने आरबीआई के सामने एक चुनौती खड़ी की है. इसलिए भविष्य में हाई अक्रूअल स्कीम और डायनामिक ड्यूरेशन वाली स्कीम फायदे का सौदा साबित हो सकते हैं. फ्लोटिंग रेट बांड अर्थात एफआरबी भी भविष्‍य में अच्‍छा प्रदर्शन कर सकते हैं. इनवेस्टर्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि डेट म्यूचुअल फंड की पोर्टफोलियो में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए.

जब तक अमेरिकी फेडरल रिजर्व महंगाई पर नियंत्रण के लिए सभी उपलब्‍ध विकल्‍पों का सहारा ले रहा है, तब तक बाजार में उतार-चढ़ाव का दौर जारी रहेगा. शाह कहते हैं कि बाजार के उतार-चढ़ाव को देखते हुए निवेशकों को आदर्श रूप से तीन से पांच साल के समय के साथ सिस्‍टेमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) के जरिये इक्विटी म्‍यूचुअल फंडों में निवेश करना चाहिए. योजनाबद्ध, अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से विभिन्न फाइनेंशियल गोल्‍स को प्राप्त करने के लिए बूस्टर एसआईपी, बूस्टर एसटीपी, फ्रीडम एसआईपी या फ्रीडम एसडब्ल्यूपी जैसी फीचर्स पर भी विचार किया जा सकता है.

गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ करें पोर्टफोलियो में शामिल

एक डायवर्सिफायड पोर्टफोलिया में ईटीएफ के साथ आसानी से विदेशी मुद्रा में निवेश करें ईटीएफ के साथ आसानी से विदेशी मुद्रा में निवेश करें निवेश से जुड़ा जोखिम कम हो जाता है. डायवर्सिफायड पोर्टफोलियो यह सुनिश्चित करता है किकंसेन्‍ट्रेशन रिस्‍क (Concentration Risk) को कम किया जाए. अनिश्चितता को देखते हुए सोना और चांदी निवेश के अच्‍छे विकल्‍प हो सकते हैं. शाह कहते हैं कि ये न सिर्फ महंगाई के खिलाफ, बल्कि रुपये के अवमूल्‍यन (Currency Depreciation) से भी बचाव के रूप में काम करते हैं. निवेश गोल्‍ड और सिल्‍वर में में ईटीएफ (Exchange Traded Funds) के जरिये निवेश करने पर विचार कर सकते हैं. जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, उनके लिए गोल्ड या सिल्वर फंड ऑफ फंड्स निवेश का एक विकल्‍प हो सकता है.

Published at : 14 Nov 2022 11:52 AM (IST) Tags: Debt Mutual Funds systematic investment plan Gold ETF investment strategy Volatile Market Nimesh Shah हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

ईटीएफ़ व्यापार रणनीतियों को समझना

हिंदी

ईटीएफ, जिसे एक्सचेंज ट्रेडेड फंड भी कहा जाता है, अनिवार्य रूप से म्यूचुअल फंड है जिनका कारोबार कंपनी के नियमित स्टॉक जैसे स्टॉक एक्सचेंज पर किया जाता है। हालाँकि, म्यूचुअल फंड के विपरीत इन्हें केवल ट्रेडिंग सेशन के अंत में ही खरीदा और बेचा जा सकता है, ईटीएफ को स्टॉक के समान एक ट्रेडिंग सेशन के अंत में किसी भी समय पर खरीदा और बेचा जा सकता है।

चूंकि एक ईटीएफ स्टॉक की लिक्विडिटी के साथ म्यूचुअल फंड के विविध लाभों को जोड़ता है, इसलिए इसे कई निवेशकों द्वारा बाजार में सबसे अच्छे शुरुआती अनुकूल निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि कई ईटीएफ व्यापार रणनीतियां ऐसी है जिसका कई व्यापारी और निवेशक फंड द्वारा पेश की जाने वाली लिक्विडिटी और अल्पकालिक कीमतों में उतार-चढ़ाव से लाभ कमाने के लिए उपयोग करते है।

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Dhanteras 2022: आज धनतेरस पर मात्र 45 रुपये में खरीद सकते हैं सोना, ये है सबसे शानदार तरीका

Dhanteras 2022: आज धनतेरस पर मात्र 45 रुपये में खरीद सकते हैं सोना, ये है सबसे शानदार तरीका

Dhanteras 2022: भारत में शुभ अवसरों पर सोना खरीदने की परंपरा रही है। ज्यादातर भारतीय धनतेरस-दिवाली के मौके पर सोने में निवेश करना पसंद करते हैं। ऐसे में अगर आप आज धनतेरस के दिन सोना यानी गोल्ड में निवेश (Gold investment) करने की योजना बना रहे हैं तो आपके लिए यह खबर काम ईटीएफ के साथ आसानी से विदेशी मुद्रा में निवेश करें की हो सकती है। सोने के खरीदारों के पास कई प्रकार के सोने के प्रोडक्ट खरीदकर इसमें निवेश करने के मौके होते हैं। इनमें एक शानदार विकल्प गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) का है।

विदेशी शेयरों में करने जा रहे हैं निवेश तो ध्यान रखें ये बातें, बेहद जरूरी है इन नियमों की जानकारी

विदेशी शेयरों में छोटी सी राशि के साथ निवेश शुरू किया जा सकता हैं। इसके लिए भारत में चलने वाले म्यूचुअल फंड और ईटीएफ को अच्छा विकल्प माना जाता है। विदेशों में आपको ऐसे सेक्टरों में निवेश करने का मौका मिलता है जिनका बाजार भारत में विकसित नहीं हुआ है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आप भी विदेशी शेयरों और संपत्तियों में निवेश करना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए है। लिब्रलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम के तहत एक वित्त वर्ष में कोई भी भारतीय नागरिक अधिकतम 2.5 लाख डॉलर का विदेशी निवेश कर सकता है।

कुछ साल पहले तक विदेशी शेयरों और संपत्तियों में निवेश केवल अमीर व्यक्तियों के बीच ही प्रचलित था। लेकिन अब बेहद कम निवेश के साथ कोई भी आम नागरिक आसानी से विदेशों में व्यक्तिगत या फिर म्यूचुअल फंड और ईटीएफ के जरिए निवेश कर सकते हैं। अगर आप व्यक्तिगत तौर पर विदेश में निवेश करने का योजना बना रहे हैं, तो आपको काफी सारी रिसर्च करनी होगी। वहीं, इसके लिए काफी सारे प्लेटफार्म भी मौजूद हैं। इनके जरिए आप आसानी से विदेशों में निवेश कर सकते हैं।

विदेशों में निवेश करने का फायदा

अमेरिका जैसे विकसित देश में निवेशक नई उभरती हुई टेक्नोलॉजी में निवेश कर सकते हैं। उदाहरण के लिए वहां सर्च इंजन, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और सेमीकंडक्टर बनाने वाली बड़ी कंपनियां हैं, जबकि भारत में अभी ऐसी कंपनियां काफी छोटी है।

कई विदेशी शेयर बाजारों में ऊंचे मूल्य वाले बड़ी कंपनियों के शेयरों को कई भागों में बांट दिया जाता है। इसके कारण छोटी राशि वाले निवेशक भी इन कंपनियों में निवेश कर सकते हैं।

Air India to lease 12 more aircraft comprising A320 neo Boeing 777 (Jagran File Photo)

विदेशों में निवेश के लिए कितना पैसा चाहिए?

भारत में अभी कई वित्तीय कंपनियों द्वारा ऐसे म्यूचुअल फंड और ईटीएफ ऑफर किए जाते हैं, जिनमें आप निवेश करके अपने पोर्टफोलियो में विदेशी शेयरों को शामिल कर सकते हैं। आमतौर पर 5000 रुपये की राशि या ईटीएफ की एक यूनिट की खरीद को निवेश के लिए पर्याप्त माना जाता है।

Dabur International CEO Krishan Kumar Chutani resigns (Jagran File Photo)

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