मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई

उन्होंने कहा कि ब्रिटेश में रहने वाले 16 लाख भारतीय मूल के लोग समाज और अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में सकारात्मक योगदान कर रहे हैं। हमें उनकी उपलब्धियों पर गर्व है। और इस जीवंत सेतु को हम और मजबूत करना चाहते हैं। इस दिशा में प्रधानमंत्री जॉनसन ने निजी रूप से बहुत योगदान किया हैं जिसके लिए उनका अभिनंदन है।
इंडोनेशिया में लगेगी भारत-ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर मुहर, नवंबर में मिलेंगे मोदी और सुनक
नई दिल्ली। भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित मुक्त व्यापार समझौता (FTA) पर इंडोनेशिया के बाली में नवंबर मध्य में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक में मुहर लगेगी। इस बैठक के इतर ब्रिटेन के नवनिर्वाचित पीएम ऋषि सुनक और पीएम मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी।
एफटीए पर अंतिम फैसला के लिए दोनों ही देशों में तैयारियां शुरू हो गई है। गौरतलब है कि बृहस्पतिवार को पीएम मोदी ने ब्रिटिश पीएम सुनक से फोन पर बातचीत की थी। इस बातचीत में दोनों ने एफटीए के प्रति अपनी अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की थी।
बाली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन कई दूसरे कारणों से अभी से चर्चा में है। इस बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी हिस्सा लेंगे। इसके कारण शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की हाल में उज्बेकिस्तान की राजधानी समरकंद में हुई बैठक की तर्ज पर जिनपिंग-मोदी की मुलाकात पर कयासों का बाजार गर्म है।
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अड़चनों को दूर करने में जुटे
सरकारी सूत्रों के मुताबिक बाली में होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में एफटीए पर मुहर लगनी तय है। इसके मद्देनजर दोनों देश लगातार इस समझौते की अड़चनों को दूर करने में जुटे हैं। अड़चनों को दूर करने के लिए दोनों ही पक्षों के बीच बातचीत लगातार जारी है। चूंकि बृहस्पतिवार को दोनों देशों के पीएम ने इसके प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की है, ऐसे में बाली में मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई होने वाली द्विपक्षीय वार्ता में एफटीए पर मुहर लगाने की कवायद शुरू हो गई है।
जिनपिंग से फिर दूरी बना सकते हैं पीएम मोदी
हालांकि जी-20 शिखर सम्मेलन के इतर जिनपिंग-मोदी की मुलाकात की संभावना जताई जा रही है, मगर सरकारी सूत्र फिलहाल मुलाकात की संभावना से इंकार कर रहे हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) चीन के लचर रवैये से सरकार खुश नहीं है।
भारत और ब्रिटेन “मुक्त व्यापार समझौते” को मुकाम पर पहुंचाएंगे
नई दिल्ली । भारत और ब्रिटेन ने अपनी समग्र रणनीतिक साझीदारी को विस्तार मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई देते हुए रक्षा उत्पादन एवं ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के साथ ही मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को इस साल के अंत तक मुकाम तक पहुंचाने का आज फैसला किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत की यात्रा पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने आज यहां हैदराबाद हाउस में करीब दो घंटे तक चली प्रतिनिधिमंडल स्तर की द्विपक्षीय शिखर बैठक में ये फैसले किये। दोनों देशों के बीच परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र और नवान्वेषण के क्षेत्र में दो समझौताें पर भी हस्ताक्षर किये गये।
बाद में दोनों प्रधानमंत्रियों ने प्रेस वक्तव्य में एक दूसरे के साथ अनौपचारिक घनिष्ठ मित्रता का इजहार भी किया। श्री मोदी ने अपने वक्तव्य में मेहमान प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में जॉनसन भले ही यह उनकी पहली भारत यात्रा है, लेकिन एक पुराने मित्र के रूप में, वे भारत को बहुत अच्छे से जानते हैं, समझते हैं। पिछले कई वर्षों से भारत और ब्रिटेन के संबंधों को मजबूत करने में उनकी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
श्री मोदी ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री की यात्रा की शुरुआत अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से होने की सराहना करते हुए कहा कि भारत के आज़ादी का अमृत महोत्सव के दौरान प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का यहाँ आना, अपने आप में एक ऐतिहासिक पल है। उन्होंने कहा कि पिछले साल हमने दोनों देशों के बीच समग्र रणनीतिक साझीदारी की स्थापना की थी। और इस दशक में अपने संबंधों को दिशा देने के लिए हमने एक महत्वाकांक्षी “रोडमैप 2030” भी लॉन्च किया था। आज की हमारी बातचीत में हमने इस रोडमैप में हुई प्रगति की समीक्षा भी किया, और आगामी समय के लिए कुछ लक्ष्य भी तय किए।
डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए भारत, जर्मनी ने जताई प्रतिबद्धता
भारत और जर्मनी दोनों ने ही नियमों पर आधारित स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी व्यापार को अहम बताते हुए कहा कि बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के केंद्र के रूप में डब्ल्यूटीओ का महत्वपूर्ण स्थान है और यह विकासशील देशों को वैश्विक व्यापार व्यवस्था में लाने का केंद्रीय स्तंभ है।
बयान के मुताबिक, ‘‘दोनों ही सरकारें डब्ल्यूटीओ में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं ताकि इसके सिद्धांत एवं कामकाज को मजबूत किया जा सके। खासकर अपीलीय निकाय की स्वायत्तता बरकरार रखने के मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई साथ उसे द्विस्तरीय बनाए रखना अहम है।’’
अपीलीय निकाय डब्ल्यूटीओ के सदस्य देशों की तरफ से उठाए गए मुद्दों पर की गई अपीलों की सुनवाई करता है। इस सात सदस्यीय निकाय में स्थान खाली होने से फिलहाल यह अपीलों की सुनवाई नहीं कर पा रहा है।
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लिज ट्रस : ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री को भारत के साथ व्यापार समझौते से पहले पद छोड़ना पड़ा
लंदन, 20 अक्टूबर (भाषा) ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने लंदन स्थित 10 डाउनिंग स्ट्रीट में अपने संक्षिप्त कार्यकाल के बाद बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया और वह भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) नहीं करा सकीं।
बुधवार तक संसद में खुद को ‘लड़ने वाली और जिम्मेदारी बीच में नहीं छोड़ने वाली’ के रूप में प्रस्तुत कर चुकीं ट्रस ने प्रधानमंत्री बनने के महज छह सप्ताह के बाद इस्तीफा दे दिया। ट्रस के नीति संबंधी फैसलों के बदलने, मंत्रिमंडल में उठापटक और आंतरिक रूप से गतिरोध का सामना कर रही कंजरवेटिव पार्टी का नेतृत्व करने की उनकी क्षमता के खिलाफ खुले विद्रोह के बाद पूर्व विदेश मंत्री का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना असंभव हो गया था।
ब्रिटेन की विदेश और व्यापार मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की वकालत करने वाली ट्रस ने कंजर्वेटिव पार्टी के नेतृत्व चुनाव में भारतीय मूल के पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक को मात देकर पिछले महीने 10 डाउनिंग स्ट्रीट ( ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास) पर दस्तक दी थी।
पीएम मोदी ने लिज ट्रस को दी प्रधानमंत्री बनने की बधाई, द्विपक्षीय मुद्दों पर हुई बातचीत
- नई दिल्ली,
- 10 सितंबर 2022,
- (अपडेटेड 10 सितंबर 2022, 9:49 PM IST)
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को ब्रिटेन की अपनी समकक्ष लिज ट्रस से फोन पर बातचीत की. उन्होंने लिज ट्रस को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद संभालने को लेकर बधाई दी. साथ ही पिछली सरकार में व्यापार मंत्री और विदेश मंत्री रहते भारत और ब्रिटेन के संबंध मजबूत करने में उनकी भूमिका की सराहना की.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि लिज ट्रस ने अपनी पिछली भूमिकाओं में भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई मुक्त व्यापार समझौतों को लेकर प्रतिबद्धता जताई बहुमूल्य योगदान दिया. दोनों राजनेताओं ने भारत और ब्रिटेन के बीच 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' को और भी ज्यादा मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई.