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फंड का सेक्टर

फंड का सेक्टर
Published at : 01 Nov 2021 05:12 PM (IST) Tags: Share Market Investment Mutual fund diwali 2021 Infrastructure Fund हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Daily Voice| FY2023 के बाकी महीनों में बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा: CapGrow Capital के अरुण मल्होत्रा

मल्होत्रा ने कहा कि मीडियम टर्म में इंडिया के लिए ऑउटलुक अपेक्षाकृत बेहतर दिखाई देता है। इकोनॉमी में स्ट्रक्चरल बदलाव के नतीजे दिख रहे हैं।

मीडियम टर्म में इंडिया के लिए अच्छी संभावना दिख रही है। इकोनॉमी में स्ट्रक्चरल चेंज का फायदा मिलना शुरू हो गया है। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को PLI स्कीम और चाइना प्लस वन (China Plus one) फैक्टर का लाभ मिल रहा है। इससे पूंजीगत खर्च बढ़ा है। प्राइवेट सेक्टर में भी इनवेस्टमेंट सायकिल शुरू हुआ है। यह कहना है CapGrow Capital Adivsors के अरुण मल्होत्रा का। उन्हें इंडियन कैपिटल मार्केट का 28 साल से ज्यादा का अनुभव है। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने शेयर बाजार और निवेश के बारे में खुलकर चर्च की। उन्होंने कहा कि इस फाइनेंशियल ईयर के बाकी पीरियड में बैंकिंग सेक्टर का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहेगा। इसकी वजह यह है कि लंबे समय बाद बैंकिंग सेक्टर (Banking Sector) की सेहत अच्छी दिख रही है। बैंकों का एनपीए (NPA) घट रहा है। उनकी बैलेंशीट में इम्प्रूवमेंट है। क्रेडिट डिमांट की तस्वीर बेहतर दिख रही है।

Diwali 2021: इस सेक्टर के म्युचुअल फंड ने कमवाए हैं सवा सौ पर्सेंट का रिटर्न

By: abp news | Updated at : 01 Nov 2021 05:16 PM (IST)

शेयर बाजार में पिछले एक साल में आई जोरदार तेजी में इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों को बड़ा फायदा हुआ है. इससे इस क्षेत्र में इनवेस्टमेंट करने वाले म्यूचुअल फंड्स ने भी अच्छा रिटर्न दिया है. सभी फंड़ों में 5 ऐसी स्कीम भी रही हैं जिनमें निवेश से 118 प्रतिशत तक का मुनाफा हुआ है. इंफ्रास्ट्रक्चर फंड्स मुख्यतौर पर पावर, कंस्ट्रक्शन, कैपिटल गुड्स और मेटल्स सेगमेंट की कंपनियों के स्टॉक्स में इनवेस्टमेंट करते हैं.

Quant Infrastructure Fund

इस स्कीम ने पिछले एक वर्ष में 118 प्रतिशत से कुछ अधिक का रिटर्न दिया है. यह इस कैटेगरी में टॉप पर है. इसका फंड साइज केवल 85 करोड़ रुपये का है और इसके डायरेक्ट प्लान की एक्सपेंस रेश्यो 2.15 प्रतिशत है. इसके निवेश का बड़ा हिस्सा लार्ज कैप कंपनियों में है.

फंड मैनेजरों फंड का सेक्टर की दुविधा, भविष्य का सितारा है IT सेक्टर या वैल्यू ट्रैप?

सुस्त ग्रोथ, घटते मार्जिन, उचित वैल्यूएशंस, अच्छे कैश फ्लो और बढ़िया मैनेजमेंट जैसी विशेषताओं वाले किसी सेक्टर को किस तरह आंका जाए? यही वह दुविधा है, जिसका सामना इन दिनों फंड मैनेजर इंफोसिस, टीसीएस, एचसीएल टेक और विप्रो सहित इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी शेयरों में निवेश का गणित सुलझाते वक्त कर रहे हैं।

हाल के वर्षों में अंडरपरफॉर्मेंस के चलते टेक्नोलॉजी शेयर पहली नजर में अभी निवेश के लिए बिल्कुल मुफीद लग रहे हैं। बीएसई आईटी इंडेक्स 2016 में 2.3 पर्सेंट घ्टा है, जबकि इस दौरान निफ्टी 17.2 पर्सेंट चढ़ा। 1 जनवरी 2016 से टेक्नोलॉजी इंडेक्स 10 पर्सेंट गिरा है, जबकि निफ्टी में इस दौरान 19.50 पर्सेंट बढ़त रही।

Manufacturing Index Fund: नवी फंड का सेक्टर म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया भारत का पहला मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड, क्या है खासियत

Manufacturing Index Fund: नवी म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया भारत का पहला मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड, क्या है खासियत

नवी म्यूचुअल फंड ने 12 अगस्त को नवी निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड लॉन्च किया है. (File)

India First Manufacturing Index Fund: नवी म्यूचुअल फंड ने आज यानी 12 अगस्त को नवी निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड लॉन्च किया है. यह नवी म्यूचुअल फंड द्वारा इस साल लॉन्च होने वाला छठां फंड है. यह भारत का पहला इंडेक्स फंड है जो मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर फोकस कर रहा है. यह एक ओपन-एंडेड इंडेक्स फंड है जो निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स को दोहराने की कोशिश करेगा. निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स भारत में शीर्ष 300 कंपनियों में मैन्युफैक्चरर्स के प्रदर्शन को ट्रैक करता है.

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में FDI बढ़ा

मैन्युफैक्चरिंग भारत के हाई ग्रोथ वाले सेक्टर्स में से एक है. सरकार भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लगातार मजबूत करने के लिए सपोर्ट कर रही है. ‘मेक इन इंडिया’ पहल, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना और स्किल इंडिया पहल कुछ ऐसे कार्यक्रम हैं, जिनका उद्देश्य भारत को विश्व मानचित्र पर ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग केंद्र के रूप में स्थापित करना है. प्रतिबंधों को कम करने के उद्देश्य से एफडीआई पॉलिसी से विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में एफडीआई 2021 में 25 फीसदी बढ़कर 1630 करोड़ डॉलर हो गया है.

नवी निफ्टी इंडिया फंड का सेक्टर मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड का उद्देश्य मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में निवेश को आसान बनाना है. यह एक इंडेक्स के माध्यम से पूरे मैन्युफैक्चरिंग परिदृश्य में आसान और कास्ट इफेक्टिव पहुंच प्रदान करेगा, जो कि सभी सेक्टर मार्केट कैप में अच्छी तरह से डाइवर्सिफाइड है. निवेशकों को न केवल सेक्टर लीडर में निवेश का एक्सपोजर मिलेगा, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों, सेमीकंडक्टर, डिफेंस जैसे सेक्टर में विकास का भी फायदा मिलेगा. निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स में सबसे बड़े सेक्टर अभी ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स, कैपिटल गुड्स, हेल्थकेयर और मेटल्स एंड माइनिंग हैं.

इंडेक्स लगातार दे रहा है बेहतर रिटर्न

इंडेक्स लगातार बेहतर रिटर्न देता आ रहा है. इसका पिछले 1, 3, 5, 10 साल और 2005 में लॉन्च होने के बाद से औसत सालाना रिटर्न 8.9 फीसदी, 24.5 फीसदी, 9.6 फीसदी, 14.5 फीसदी और 14.3 फीसदी रहा है. यह इस बात को दिखाता है कि पिछले 10 साल में यह इंडेक्स अपने मूल स्तर से 3.9 गुना ऊपर है.

नवी ग्रुप के सह-संस्थापक सचिन बंसल का कहना फंड का सेक्टर है कि नवी निफ्टी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग इंडेक्स फंड का लॉन्च नवी के ग्राहकों की जरूरत के हिसाब से नए प्रोडक्ट लाने पर फोकस होने के साथ ही कास्ट इफेक्टिव निवेश पर ध्यान केंद्रित करने का एक और उदाहरण है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. हमें ऐसे उत्पाद की पेशकश करते हुए खुशी हो रही है जिससे हमारे ग्राहकों को मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में विकास का फायदा मिलेगा.

सप्लाई चेन की दिक्कतों और महंगे कमोडिटी का सामना कर रही है ऑटो इंडस्ट्री

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट में देश के टॉप 20 म्यूचुअल फंड हाउस के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया है. म्यूचुअल फंड के एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में इन फंड का सेक्टर कंपनियों की 97 फीसदी हिस्सेदारी है. आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) के एक विश्लेषण के मुताबिक वाहन उद्योग महामारी की वजह से सप्लाई चेन की दिक्कतों और ऊंची कमोडिटी कीमतों की वजह से परेशानियों का सामना कर रहा है. आने वाले दिनों में सेमी कंडक्टर की कमी से भी गाड़ियों के प्रोडक्शन और बिक्री को भी झटका फंड का सेक्टर लग सकता है. गाड़ियों की कीमतों में बढ़ोतरी, महंगे पेट्रोल-डीजल और बंपर-टू-बंपर इंश्योरेंस लागू होने की संभावना से बिक्री कम हो सकती है.

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