कॉल ऑप्शन का उदाहरण

कॉल ऑप्शन का उदाहरण
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यदि और दो स्वतंत्र घटनाएं हो .
Updated On: 27-06-2022
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Aap ko kya acha nahi laga
हेलो दोस्तों आइए देखते हैं कॉल पर इसमें क्या कहना है कि यदि ए और बी दो स्वतंत्र घटनाएं हो तो पी ए इंटरसेक्शन बी किसके बराबर होगा और हमारे पास पहला ऑप्शन दिया है पी ए प्लस टीवी दूसरा दिया है यह बटे में पीवी तीसरा ऑप्शन दिया है पीवी बटे में पिए और चौथा ऑप्शन दिया है पिए * बीवी तो देखते हैं अब उदाहरण के लिए मैं यहां पर क्या मान लेता हूं देखें उदाहरण के लिए मैं आप ए मान लेता हूं कि ताश की गड्डी से ताश की गड्डी से एक पत्ता निकालना ताश की गड्डी से एक पत्ता निकालना ठीक है अब इसमें मैं घटनाएं बता देता हूं कि देखिए यह घटना जो है वह मैंने मान लिया माना यह घटना जो है वह क्या है वह है हुकुम का पत्ता हूं ना हुकुम का पत्ता
ठीक है उसके बाद हम देखते हैं बी घटना भी घटनाएं कहती है इसके का पत्ता होना एक का होना ठीक है कि वह पत्थर का होता हो ना अब ए इंटरसेक्शन बी घटना क्या हो जाएगी बताइए जरा इंटरसेक्शन भी घटना होगी वह पता जो हुकुम का भी हो हुकुम और हुकुम और इक्का दोनों हो हुकुम और एक का दोनों हो ठीक है आप जरा मुझे यह बता दीजिए कि एकता समिति जो गड्डी होती है उसमें कुल पत्ते कितने होते हैं तो कुल पत्ते तो होते हैं आपके बावरी ठीक है कुलपति 52 होते हैं और हुकुम के कितने पत्ते होते हैं हुकुम के पत्ते होते हैं आपके तेरा हुकुम के पत्ते होते हैं तेरा और इक्के के पत्ते कितने होते हैं एक के के पत्ते होते
मैं आपके जो हैं वह चार चलिए ठीक है और ऐसे कितने पत्ते होते हैं जो हुकुम का भी होता है और एक का भी होता है हुकुम हुकुम और इक्का दोनों हुकुम और इसका दोनों ऐसे कितने पत्ते होते हैं जो हुकुम आपका दोनों हो वह सिर्फ एक पत्ता होता है जो हुकुम का भी होता है और इसके का भी होता है ठीक है तो अब हम इनकी प्रायिकता ही निकालते हैं कि इन की प्रायिकता है क्या हो जाएगी तो देखिए जो हो जाएगी प्रायिकता घटना एक ही वह कितनी हो जाएगी तेरा बटे में कुल परिस्थितियां क्योंकि प्रायिकता का क्या सूत्र होता है अनुकूल अनुकूल संभावना और बेटे में कुल संभावना ठीक है तो यहां से क्या होगा कि देंगे अनुकूल संभावना कितनी है पहरा है और कुल संभावना कितनी है 52 यानी कि यह कितना आ जाएगा एक बटे में
4:00 आ जाएगा चलिए ठीक है उसके बाद हम निकालते हैं प्रायिकता भी की घटना बीच की प्रायिकता तो वह क्या होगा अनुकूल समय नारायण प्रतिकूल संभावना अनुकूल संभावना कितनी है 4 इसका मतलब चार और कुल संभावना है कितनी है 52 इसका मतलब यह कितनी आ गई कार्यक्रम चार और गिरे आ गई तेरा यानी कि एक बटे तेरा अब इसके बाद हम निकालते हैं पी ए इंटरसेक्शन बी ए इंटरसेक्शन बी की जो प्रायिकता है वह क्या होगी वह आपको पता है कि अनुकूल संभावना कितनी है एक और बेटे में कुल संभावना कितनी है 52 चलिए ठीक है अब इसके बाद जो हमारे ऑप्शन है हम वह चेक करते हैं कि हमारा कौन सा ऑप्शन सही है तो देखिए पहला ऑप्शन जो है वह देखते हैं पहले में उन्होंने कहा है कि पी ए इंटरसेक्शन भी क्या पी ए प्लस बी बी के बराबर होगा तो हम पी ए प्लस बी निकाल कर देख लेते हैं बी ए प्लस बी वी निकाल कर देखते हैं वह कितना आता है तो पिए का मान है एक बटे चार और यह हो गया प्लस
टीवी का माने एक बटे तेरा तो यह यहां से पैसे मिलेंगे तो आएगा 52 और फिर यहां खाएगा 413 जो का भाव यानी कि यहां आएगा तेरा और फिर यहां पर आएगा 414 दिया जाएगा तेरा और 417 बटे में 52 ठीक है अच्छा उसके बाद जो दूसरा ऑप्शन है वह देख लेते हैं दूसरा ऑप्शन में क्या खाएं उन्होंने दूसरा ऑप्शन कहां है इन्होंने की पिए बटे में पीवी होगा तो वह भी निकाल कर देख लेते हैं पिए बटे में पीबी तो पिए का मान कितना है पीने का मन है आपका एक बटे में चार और बेटे ने टीवी का माने एक बटे में तेरा कितना हो जाएगा एक बटे चार और यह हो जाएगा आपका * तेरा तो यह कितना हो जाएगा यह आपका हो जाएगा तेरा बटे चार ऐसा तो कभी भी नहीं हो सकता ठीक है उसके बाद हम देखते हैं तीसरा ऑप्शन उन्होंने तीसरा ऑप्शन क्या का तीसरा ऑप्शन है उन्होंने कहा है कि क्या पीबी बट ए पी ए के बराबर होगी
तो देख लेते हैं पी बी बटे में पिए तो पी भी बटे में पिए करेंगे तो क्या आएगा देखें एक बटे में चेहरा एक बटे में तेरा और बेटे में क्या है आप यह काम आने एक बटे में चार थी क्या हो जाएगा एक बटे 13 गुना चार हो जाएगा आपका चार बटे में तेरा चलिए ठीक है अभी देखते हैं हम चौथा पाठ से निकाल कर देखते हैं चौथा पार्ट में उन्होंने चौथा ऑप्शन क्या कहा है कि पिए * पीवी चौथ आशंका है उन्होंने पी गुना में पीवी तो पिए का मान कितना है देखे पियका माने आपका एक बटे चार और बीवी का माने एक बटे तेहरा वहां रखे ध्यान रखें एक बटे चार गुना एक बटे तेहरा में कितना आ जाएगा एकदम एक बटे चार तेरा चौका 52 या गया अब देखिए कि इनमें से कौन सा आप्शन सबसे
नहीं है यह देखें थोड़ा सा मैं यहां दिखा देता यह देखिए पी ए इंटरसेक्शन बी जो है वह हमारा यह आरा एक बटे 52 तो यह तो 17 बटा 52 इसका मतलब यह तो है नहीं और यह तो बिल्कुल भी नहीं है ठीक है इसमें तो प्रायिकता एक से बढ़िया रही थी तो वैसे भी नहीं होगा चार बेटे तेरा भी नहीं है इसका मतलब और यह चौथा ऑप्शन है वह एक बटे भावना रही है यह देखेगी आ रही है बट इवन इसका मतलब यह वाला ऑप्शन हमारा सही है तो हम यह कह सकते हैं कि पी ए इंटरसेक्शन बी जो है वह किसके बराबर हो जाएगा वह पी ए * बी बी के बराबर हो जाएगा कब जब जब ए तथा बी स्वतंत्र घटनाएं हैं तब स्वतंत्र घटनाएं हैं तब ठीक है तो इस तरह से हम हल करके बता देंगे
Call and Put Option Strategy क्या है ? Call and Put option कैसे buy करे जानिए पूरी जानकारी ?
यदि आप पुट ऑप्शन की वैल्यू की गणना करना चाहते हैं, तो हमें 2 पैरामीटर की आवश्यकता होगी:
अंडरलाइंग एसेट की करंट मार्केट प्राइस
यदि ऑप्शन का उपयोग किया जाता है, तो हम नीचे दिए गए सूत्र द्वारा, पुट ऑप्शन की वैल्यू का पता लगा सकते हैं:
वैल्यू= एक्सरसाइज प्राइस – अंडरलाइंग एसेट की मार्केट प्राइस
यदि ऑप्शन का उपयोग नहीं किया जाता, तो इसकी कोई वैल्यू नहीं होती हैं׀
पुट ऑप्शन प्रीमियम:
पुट ऑप्शन प्रीमियम की गणना करने के लिए, आपको आवश्यकता होगी:
इन्ट्रिन्सिक वैल्यू की गणना करने के लिए, आपको अंडरलाइंग स्टॉक के करंट मार्केट प्राइस और स्ट्राइक प्राइस की आवश्यकता होती है।
इन दोनों के बीच अंतर को इन्ट्रिन्सिक वैल्यू के रूप में जाना जाता है।
टाइम वैल्यू इस बात पर निर्भर करती है कि करंट डेट से एक्सपायरेशन डेट कितनी दूर है। साथ ही, वोलेटाइलिटी जितनी अधिक होगी, टाइम वैल्यू भी उतनी ही अधिक होगी׀
Put Options ट्रेडिंग क्या है :
एक पुट ऑप्शन का उपयोग स्पेकुलेशन, इंकम जनरेशन और टैक्स मैनेजमेंट के लिए किया जा सकता है:
पुट ऑप्शन का व्यापक रूप से ट्रेडर द्वारा तब उपयोग किया जाता है जब अंडरलाइंग स्टॉक के प्राइस में आपेक्षित गिरावट होती है׀
राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो के बदलाव जानिए हिंदी में
Income generate करना :
ट्रेडर्स सिक्योरिटी को होल्ड करने के स्थान पर शेयरों पर पुट ऑप्शन को बेच भी सकते हैं׀
टैक्स मैनेजमेंट:
ट्रेडर्स केवल पुट ऑप्शन पर टैक्स का भुगतान करके स्टॉक पर होने वाले कैपिटल लाभ पर भारी टैक्स का भुगतान करना कम कर सकते हैं।
आप StockEdge वेब वर्जन का उपयोग करके अगले दिन ट्रेडिंग करने के लिए स्टॉक फ़िल्टर करने के लिए ऑप्शन स्कैन का उपयोग भी कर सकते हैं׀
महत्वपूर्ण बाते :
पुट ऑप्शन एक कॉन्ट्रैक्ट है जो खरीदार को अधिकार देता है, लेकिन अंडरलाइंग एसेट को एक विशिष्ट प्राइस, जिसे स्ट्राइक प्राइस भी कहा जाता है, पर बेचने की कोई बाध्यता नहीं देता है।
पुट खरीदी पुट ऑप्शन की ट्रेडिंग के लिए सबसे सरल तरीकों में से एक है।
पुट विक्रेता ऑप्शन के लिए प्राप्त प्रीमियम से लाभ के लिए वैल्यू खोने की उम्मीद के साथ ऑप्शन बेचते हैं।
एक पुट ऑप्शन का उपयोग स्पेकुलेशन, इंकम जनरेशन, और टैक्स मैनेजमेंट के लिए किया जा सकता है।
ऑप्शन ट्रेडिंग से लाखों कैसे कमाएं तीसरा अध्याय
आप ऑप्शन ट्रेडिंग से लाखों कैसे कमाएं तीसरा अध्याय पढ़ रहे हैं। यदि आपने ऑप्शन ट्रेडिंग से लाखों कैसे कमाएं प्रथम अध्याय या ऑप्शन ट्रेडिंग से लाखों कैसे कमाएं दूसरा अध्याय नहीं पढ़ा है तो कृपया पहले वो पढ़ें तभी ये अध्याय समझ में आएगा।
अगले दिन निश्चित समय पर चिंतामणि जी आ गए। हलांकि हल्की हलकी बूंदाबांदी हो रही थी मौसम थोड़ा बरसाती था लेकिन जब किसी को कामयाबी हांसिल करनी होती है तो वो मौसम या सहूलियत नहीं देखते कुछ सीखना इसका मतलब कुछ सीखना है इस ही जिद के कारण मैं इसको सीख पाया और अब चिंतामणि जी की बारी है और आपकी बारी है सीखने की
चिंतामणि जी बोले क्या एक्सपायरी… ? क्या सेटेलमेंट….? कुछ समझ नहीं आ रहा है, आप क्या कर रहे है मेरे दिमाग से बाहर की बात है सब ।
मैंने चिंतामणि जी को चाय दी और बोला कोई बात नहीं सब समझ में आ जायेगा। आपको सेब वाली भाषा में ही समझना पड़ेगा।
मान लो सेब का बाजार भाव 100 रुपये प्रति किलो है आपको लगता है ये भाव बढ़ जायेगें अर्थात शेयर मार्केट की भाषा मे आप सेब के भाव के प्रति बुलिश हो तो आप राजेंदर से ऑप्शन भी जनवरी सीरीज की एक ” 100 ” स्ट्राईक प्राईज की कॉल खरीद लेते हो । “
” अब ये जनवरी सीरीज क्या है. चिंतामणि जी ने टोका.
बहुत अच्छा सवाल है मैंने कहा
” अरे फ्यूचर एण्ड ऑप्शन में सौदे 3 माह एडवांस में किये जा सकते है जैसे अभी जनवरी महीना चल रहा है और आप जनवरी के आखिरी गुरुवार के लिए सौदे करते हो तो ये जनवरी सीरीज का सौदा कहलायेगा।
और हाँ आप यदि चाहो तो फरवरी और मार्च महीने के आखिरी गुरुवार के लिए भी सौदा कर सकते हो जिसको हम फरवरी सीरीज और मार्च सीरीज कहेंगे।
राजेन्दर इसके लिए 2 रुपये प्रति किलो का प्रीमियम लेता है तथा आप कम से कम 4000 किलो के लॉट साईज में आलू का सौदा कर सकते हो तो आपको उसे 4000 x 2 = 8000 रुपये प्रीमियम देना होगा अब जनवरी का आखिरी गुरुवार इस सौदे के सेटलमेंट का दिन है जिसे एक्सपायरी का दिन कहेंगे।
मान लो आपने जैसे ही 100 रुपये की कॉल खरीदी तो सेब का बाजार भाव बढ़कर 106 रुपये हो गया तो जैसे जैसे भाव बढ़ता है कॉल ऑप्शन का प्रीमियम भी बढ़ता है।
मान लो अब 100 रुपये की कॉल पर प्रिमियम 2 से बढ़कर 3 हो गया तो आप बगैर एक्सपायरी का इन्तजार किये ( भारतीय बाजार के यूरोपियन स्टाईल कॉल ऑप्शन में ) अपने कॉन्ट्रेक्ट को किसी अन्य खरीददार को शेयरों की तरह 3 रुपये में बेचकर 4000 × 3 = 12000 प्राप्त कर सकते हो इसका मतलब है अपना प्रीमियम 8000 कम करने पर 4000का लाभ हो जायेगा।
यदि आप जनवरी के आखिरी गुरुवार एक्सपायरी के दिन सेटेलमेंट के दिन तक इन्तजार करते तथा उस दिन भाव बाजार में बंद होने के समय यदि 110 रूपये प्रति किलो हो तो तुम्हे ” 110 – 100 = 10 रूपये ” प्रति किलो के हिसाब से कैश में सेटलमेंट होंकर ( केवल भारत मे वर्तमान में प्रचलित यूरोपियन कॉल ऑप्शन CE के लिये ) एक्सचेंज आपको 4000 किलो की 10 प्रति किलो की दर से अंतर राशि 40,000( चालीस हजार रुपये ) का भुगतान दे देता ।
आप समझ गए होंगे कि आपका मुनाफा 8000 प्रीमियम कम करने पर 32,000 ही होता इसमे भी वास्तविक मुनाफे की गणना के लिए ब्रोकरेज व एसटीटी ( सेक्युरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स ) भी कम करना पड़ेगा ।
चिंतामणि जी बोले यदि भाव सौ रूपये ही रह गया तो क्या होगा मैंने कहा तो आपका पूरा प्रीमियम डूब जायेगा साथ में ब्रोकरेज का भी नुकसान होगा।
और यदि सौ रूपये से कम हो गया भाव तब क्या होगा चिंतामणि जी ने फिर अपनी जिज्ञासा प्रगट की मैंने कहा आपका अधिकतम नुकसान 8000 रूपये और उस पर चुकाया गया ब्रोकरेज ही होगा चाहें कीमत कितनी भी कम हो जाये यानि की आपका अधिकतम नुकसान की एक सीमा है लेकिन अधिकतम मुनाफे की कोई सीमा नहीं है।
यही कॉल ऑप्शन की विशेषता है इसमे आपको एक फिक्स प्राईज पर खरीदने का अधिकार मिलता है परन्तु आप उस अधिकार का प्रयोग करने के लिए बाध्य नहीं है सेब बाजार में 100 रूपये से भी कम मिल रहे है तो आप राजेंदर से सेब 100 रूपये के भाव पर खरीदने के अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे व राजेंदर जो कॉल राईटर है उसको पूरा प्रीमियम 8,000 मिल जायेगा । इस प्रकार कॉल ऑप्शन में आपका नुकसान आप द्वारा चुकाये गये
प्रीमियम तक सीमित है।
कॉल ऑप्शन खरीदने का अर्थ है इसमे आपको एक फिक्स स्ट्राईक प्राईज पर शेयर खरीदने का अधिकार मिलता है चाहे सेटलमेंट डेट को शेयरो कितना भी ऊपर नीचे चला जाये आप अपने स्ट्राईक प्राईस पर शेयर खरीद सकते है ।
अतः यदि भाव आपके स्ट्राईक प्राईज से ऊपर होता है तो आप अपने अधिकार का प्रयोग कर लेते है ।
इस प्रकार इसमे आपको असीमित मुनाफा हो सकता है। परन्तु कॉल ऑप्शन में आपको अपने अधिकार का प्रयोग करने कि बाध्यता नहीं है अर्थात यदि प्राईज सेटेलमेंट के दिन आपके स्ट्राईक प्राईस से नीचे होता है तो आप अपने अधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे इससे आपका चुकाया गया प्रिमियम आपका अधिकतम नुकसान होता है।
ये एक प्रकार का बीमा है जिसमे आप प्रीमियम देते है व एक फिक्स स्ट्राईक प्राईज पर शेयर खरीदने का अधिकार ले लेते है पर बाध्यता नहीं आप अधिकार प्रयोग करने या नहीं करने के लिए स्वतंत्र रहते है जिससे आप जो प्रीमियम देते है वो कॉल बेचने वाले ( कॉल राईटर ) को मिल जाता है कॉल बेचने वाले का लाभ सीमित है क्यों कि कॉल बेचने पर लाभ के रूप में आपको ज्यादा से ज्यादा आपका प्रिमियम मिल सकता है पर शेयर कितना भी ऊपर जाए उसको आपको अंतर राशि देनी पड़ेगी इसलिए कॉल राईटर का नुकसान आसिमित है।
चिंतामणि जी कुछ देर तक कुछ सोचते रहे और बोले ये स्ट्राइक प्राइस क्या है ? मैंने कहा जिस भाव का आप प्रीमियम दे रहे हैं उस भाव को स्ट्राइक प्राइस कहते हैं जैसे की हमने 100 रूपये के भाव का प्रीमियम दिया है तो 100 रूपये स्ट्राइक प्राइस हुआ और 2 रूपये जो हमने प्रीमियम दिया है उसको हम प्रीमियम कहते हैं।
अब यदि 99 रूपये के भाव पर पैसे लगाते तो प्रीमियम 1 रूपये 80 पैसे हो सकता है ये सिर्फ एक उदाहरण भर है अलग अलग भाव का अलग अलग प्रीमियम होगा।
निफ्टी में 50 का लोट साईज है तथा आप 100 के प्रिमियम पर कॉल खरीदते हो तो आपको 7500 रुपये मात्र प्रिमियम की आवश्यकता होती है । इसी प्रकार प्रिमियम भी अलग अलग स्ट्राईक प्राईज का अलग अलग होता है
जैसा की आप इस इमेज में देख रहे हैं की 15850 का LTP 110 रूपये कॉल साइड का दिख रहा है और 127 रूपये 15 पैसे पुट साइड का दिख रहा है। ये स्क्रीन शॉट चार जुलाई 2022 को शाम पांच बजे लिया गया है।
जब ये स्क्रीन शॉट लिया गया तब निफ़्टी 15835 पर क्लोज हुआ है। इसलिए आपको 15850 तक का कॉलम कॉल साइड का डार्क दिख रहा है, और पुट साइड का 15900 से ऊपर का एरिया डार्क साइड का दिख रहा है। जो स्ट्राइक प्राइस डार्क एरिया में दिख रही है उसको इन द मनी कहते हैं, और जो डार्क एरिया से बाहर दिख रही है उसको आउट ऑफ़ मनी कहते हैं।
जैसे की 15950 की कॉल आउट ऑफ़ मनी है लेकिन इस स्ट्राइक प्राइस की पुट इन द मनी है। जहां पर डार्क एरिया समाप्त हो रहा है उसके अगले स्ट्राइक प्राइस को एट द मनी कहते हैं जैसे की कॉल साइड की एट द मनी 15900 की स्ट्राइक प्राइस है जबकि पुट साइड की एट द मनी 15850 है।
मैं समझता हूँ की आप समझ गए होंगे मैंने चिंतामणि जी से कहा की आज आप घर जाकर इस लिंक https://www.nseindia.com/option-chain पर क्लिक करके देखना की आज की कौन सी स्ट्राइक प्राइस आउट ऑफ़ मनी है और कौन सी स्ट्राइक प्राइस इन द मनी है। ये NSE INDIA की अधिकारिक वेबसाइट का लिंक है।
चिंतामणि जी ने मुझे धन्यवाद दिया और कल आने का वायदा करके चले गए। मैंने जाते जाते उन्हें याद दिलाया की जरा वो ऑप्शन चेन के चार्ट को घर जाकर अवश्य देखें। उन्होंने मुझसे पूछा ये ऑप्शन चेन क्या है मैंने उनको बताया जिस पेज पर स्ट्राइक प्राइस की डिटेल लिखी होती है उसको ऑप्शन चेन कहते हैं।
आप भी करते हैं ऑप्शन ट्रेडिंग, समझ लें इंट्रिन्सिक और टाइम वैल्यू का गणित
ऑप्शन मार्केट में ज्यादातर नए इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स सीमित जोखिम के साथ असीमित फायदे की वजह से कॉल या पुट खरीदना पसंद करते हैं.
- Money9 Hindi
- Publish Date - November 7, 2022 / 05:53 PM IST
ऑप्शन मार्केट में ज्यादातर नए इन्वेस्टर्स और ट्रेडर्स सीमित जोखिम के साथ असीमित फायदे की वजह से कॉल या पुट खरीदना पसंद करते हैं. शॉर्ट टर्म प्रॉफिट के लिए निवेशक ऑप्शन ट्रेडिंग कॉल ऑप्शन का उदाहरण का इस्तेमाल करते हैं. किसी ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट को खरीदने के लिए ट्रेडर प्रीमियम का भुगतान करता है और इसका इस्तेमाल प्रॉफिट बनाने के लिए किया जाता है. ऐसे में ऑप्शन की इंट्रिन्सिक वैल्यू और टाइम वैल्यू को समझना जरूरी है. यह आपको प्रोफेशनल ऑप्शन ट्रेडर बनने में मदद कर सकता है.
ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में अच्छे से जानने के लिए 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO) पर विजिट करें. 5पैसा पर आप विभिन्न चार्ट फॉर्म्स और रिपोर्ट्स की मदद से स्टॉक्स और शेयरों का विश्लेषण कर सकते हैं, जो आपको निर्णय लेने और पेशेवर ऑप्शन ट्रेडर बनने में मदद कर सकता है.
टाइम वैल्यू को समझने से पहले हम बात करते हैं इंट्रिन्सिक वैल्यू की. ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में इंट्रिन्सिक वैल्यू का मतलब आमतौर पर कॉन्ट्रैक्ट की मार्केट वैल्यू से होता है. इंट्रिन्सिक वैल्यू यह बताता है कि वर्तमान में कॉन्ट्रैक्ट में कितना ‘इन-द-मनी’ है. ‘इन द मनी’ से मतलब है कि अंडरलाइंग एसेट की कीमत स्ट्राइक प्राइस से ज्यादा हो. किसी ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में अंडरलाइंग एसेट को खरीदने या बेचने के लिए जिस मूल्य पर दो पक्षों के लिए समझौता होता है, उसे स्ट्राइक प्राइस कहते हैं.
उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 200 रुपए के स्ट्राइक प्राइस वाला एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट है, जिसका मौजूदा समय में दाम 300 रुपए है. इस कॉल ऑप्शन की इंट्रिन्सिक वैल्यू 100 रुपए (300-200) होगी. ध्यान रखने वाली बात यह है कि जब अंडरलाइंग एसेट की कीमत स्ट्राइक प्राइस से कम होगी, तो इंट्रिन्सिक वैल्यू जीरो होगी, क्योंकि कोई भी खरीदार उस सौदे को पूरा नहीं करना चाहेगा, जब उसे नुकसान हो रहा हो.
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की टाइम वैल्यू क्या है?
टाइम वैल्यू वह अतिरिक्त रकम है, जो खरीदार को इंट्रिन्सिक वैल्यू के ऊपर कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति तक के लिए देनी होती है. यह रकम ऑप्शन विक्रेता को ऑप्शन या राइट देने के एवज में मिलती है. ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट की एक्सपायरी बढ़ने पर टाइम वैल्यू की रकम भी बढ़ती है. ऑप्शन कॉल ऑप्शन का उदाहरण कॉन्ट्रैक्ट अपने एक्सपायरी डेट से जितना दूर होगा, उसमें अंडरलाइंग एसेट की कीमत स्ट्राइक प्राइस के मुकाबले ज्यादा होने या खरीदार की पसंदीदा जगह पर जाने की संभावना अधिक होती है. उदाहरण के लिए, यदि एक ऑप्शन की एक्सपायरी में 3 महीने और दूसरे ऑप्शन की एक्सपायरी में 2 महीने हैं, तो पहले वाले ऑप्शन में टाइम वैल्यू अधिक होगी.
ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का लाभ उठाने के लिए खरीदार विक्रेता को प्रीमियम देता है. प्रीमियम के दो कम्पोनेंट होते हैं- इंट्रिन्सिक वैल्यू और टाइम वैल्यू. टाइम वैल्यू की रकम निकालने के लिए ऑप्शन प्रीमियम में से इंट्रिन्सिक वैल्यू को घटाना होगा. उदाहरण के लिए, ऊपर दिए गए 200 रुपए वाले ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट का प्रीमियम मान लीजिए 150 रुपए था, जबकि इंट्रिन्सिक वैल्यू 100 रुपए थी. ऐसे में टाइम वैल्यू 50 रुपए (150-100) होगी.
WhatsApp में हुई कम्यूनिटीज फीचर की एंट्री, 32 यूजर्स के साथ होगी वीडियो कॉलिंग, ग्रुप में जुड़ेंगे 1024 मेंबर
वॉट्सऐप में कम्यूनिटीज फीचर की एंट्री हो गई है। मार्क जकरबर्ग ने आज इस नए फीचर के ग्लोबल रोलआउट की घोषणा की है। यह आने वाले कुछ महीनों में सभी यूजर्स तक पहुंच जाएगा। आइए जानते हैं डीटेल।
वॉट्सऐप (WhatsApp) यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। कंपनी ने आखिरकार उस शानदार फीचर को रोलआउट करना शुरू कर दिया है, जिसका यूजर्स को लंबे समय से इंतजार था। वॉट्सऐप के इस नए फीचर का नाम Communities है। वॉट्सऐप कम्यूनिटीज के ग्लोबल रोलआउट का ऐलान मार्क जकरबर्ग (Mark Zuckerberg) ने किया। यह आने वाले कुछ महीनों में वॉट्सऐप के सभी यूजर्स तक पहुंच जाएगा। वॉट्सऐप कम्यूनिटीज की मदद से यूजर एक साथ कई सारे ग्रुप्स से कनेक्ट हो सकते हैं। इसके अलावा भी वॉट्सऐप में आज तीन और नए फीचर्स की एंट्री हुई है। अब यूजर एक साथ 32 लोगों से वीडियो कॉल के जरिए कनेक्ट हो सकेंगे। वहीं, अब ग्रुप में 1024 यूजर्स के साथ चैटिंग की जा सकती है। साथ ही कंपनी ने वॉट्सऐप में पोल क्रिएट करने वाले फीचर को भी रिलीज कर दिया है। आइए जानते हैं डीटेल।
बातचीत ऑर्गनाइज़ करने के लिए ज़्यादा टूल
वॉट्सऐप के अनुसार कम्यूनिटीज का सबसे ज्यादा फायदा उन यूजर्स को होगा जो आपस में गहरा संबंध रखते हैं। स्कूल और इससे जुड़े बिजनेस इसका एक शानदार उदाहरण हैं। इनमें कई सारी चीजें कॉमन होती हैं। वॉट्सऐप के नए फीचर से इन्हें अपनी बातचीत ऑर्गनाइज़ करने के लिए ज़्यादा टूल्स मिलेंगे। स्कूली बच्चों के पेरेंट्स, लोकल क्लब और यहाँ तक कि छोटे वर्कप्लेस भी अपनी बातचीत और हर दिन के कामों के लिए WhatsApp का इस्तेमाल करते हैं। इन ग्रुप्स को अपनी प्राइवेसी सुरक्षित रखने के लिए ऐसे तरीकों की ज़रूरत होती है, जो सोशल मीडिया से अलग हों। खास बात है कि वॉट्सऐप कम्यूनिटीज की चैट्स को सेफ रखने के लिए आने वाले दिनों में कई और अपडेट लाएगा।
एडमिन को मिलेंगे नए टूल
कम्युनिटीज़ बनाने और उसे मैनेज करने की ज़िम्मेदारी एडमिन की होगी। एडमिट यह चुन सकेंगे कि कौन से ग्रुप्स कम्युनिटी का हिस्सा होंगे और कौन नहीं। इसके लिए वे नए ग्रुप्स बना सकते हैं या पहले से मौजूद ग्रुप्स को आपस में लिंक भी कर सकते हैं। एडमिन के पासे किसी ग्रुप या कॉल ऑप्शन का उदाहरण मेंबर को हटाने की भी ताकत होगी। इसके अलावा ग्रुप एडमिन आपत्तिजनक चैट्स और मीडिया को सभी सभी मेंबर्स के लिए डिलीट कर सकते हैं।
WhatsApp में हुआ बड़ा बदलाव, अब नहीं भेज पाएंगे View Once मेसेज
यूजर्स के पास भी ज्यादा कंट्रोल
नए फीचर से एडमिन को नए टूल्स देने के साथ यूज़र्स के लिए भी काफी कुछ है। वॉट्सऐप के अनुसार यूजर कम्युनिटीज़ में अपनी बातचीत को कंट्रोल कर सकेंगे। वॉट्सऐप की मौजूदा सेटिंग्स में यूज़र्स यह चुन कॉल ऑप्शन का उदाहरण सकते हैं कि उन्हें कौन ग्रुप में शामिल कर सकता है और कौन नहीं। यह काम का फीचर यूजर्स को कम्युनिटीज़ में भी मिलेगा। वॉट्सऐप में जल्द ही एक ऐसे फीचर की भी एंट्री होगी जिससे यूज़र के ग्रुप छोड़ने पर किसी को नोटिफ़िकेशन नहीं मिलेगा।
कम्यूनिटीज के अलावा इन फीचर्स की भी एंट्री
वॉट्सऐप में आज तीन और नए फीचर की एंट्री हुई है। इनमें इन-चैट पोल क्रिएट करने के अलावा, 32 लोगों के साथ वीडियो कॉलिंग और 1024 यूजर्स के साथ ग्रुप चैट करना शामिल है। इमोजी रिएक्शन, लार्ज फाइल शेयरिंग और ऐडमिन डिलीट जैसे खास फीचर्स को भी अब किसी भी ग्रुप में इस्तेमाल किया जा सकेगा। हालांकि, ये सब टूल्स यूजर्स को कम्यूनिटीज में ज्यादा काम आएंगे।