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क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार
प्रतीकात्मक तस्वीर

जानिए, क्या है क्रिप्टो करेंसी और ये कितनी तरह की होती है?

crypto currency, क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करता है इसे लेकर बात करें तो बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का ये कहना है कि एक तरह के वर्चुअल कॉइन यानी कृत्रिम सिक्के हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के उद्देश्य के साथ डिजाइन किए गए हैं। ऐसे में आपको सुविधा ये मिलती है कि इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती है।

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नई दिल्ली। क्रिप्टो करेंसी है क्या अगर इस सवाल का जवाब ढूंढा जाए तो इसका सीधा और सरल जवाब ये होगा कि ये एक तरह की करेंसी है। अंग्रेजी शब्द ‘क्रिप्टो’ का मतलब गुप्त होता है। ऐसे में ये एक तरह की डिजिटल करेंसी है जिसे आप छू नहीं सकते। हालांकि यहां आपको बताना जरूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी, क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है।

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कितने प्रकार की होती है क्रिप्टो करेंसी

वैसे तो Cryptocurrency के कई प्रकार हैं जो कि Peer-to-Peer Electronic System के रूप में काम करती है। नीचे हम आपको कुछ महत्वपूर्ण क्रिप्टोकरेंसी का नाम बता रहे हैं।

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कैसे करता है काम

क्रिप्टोकरेंसी काम कैसे करता है इसे लेकर बात करें तो बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का ये कहना है कि एक तरह के वर्चुअल कॉइन यानी कृत्रिम सिक्के हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के उद्देश्य के साथ डिजाइन किए गए हैं। ऐसे में आपको सुविधा ये मिलती है कि इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती है।

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कहां किया जा सकता है इस्तेमाल

इन बिटकॉइन का इस्तेमाल आप सोने की तरह भी कर सकते हैं जैसे आप इन बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन शॉपिंग या फिर निवेश के लिए भी इन्हें इस्तेमाल में लाया जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार लोग इन्हें अपनी सहूलियत के हिसाब से एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर भी कर सकते हैं।

भारत में क्या है क्रिप्टो का खेल, सरकार करेगी कंट्रोल, सदन में आ रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी को कंट्रोल किया जा सकेगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर

प्रतीकात्मक तस्वीर

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 24 नवंबर 2021,
  • (Updated 24 नवंबर 2021, 12:25 PM IST)

केंद्र सरकार Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021 लेकर आने वाली है.

शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल

पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार

पिछले 4-5 साल से क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrency) को लेकर चर्चा तेज हुई है, इसे एक ऐसी करेंसी के रूप में देखा जाता है जिसके ऊपर किसी का कंट्रोल नहीं होता है. जैसे यूएस डॉलर को यूएस का सेंट्रल बैंक कंट्रोल करता है, भारतीय रुपये को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया कंट्रोल करता है, ऐसे ही बिटकॉइन और क्रिप्टोकरेंसी को कोई सेंट्रल बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन कंट्रोल नहीं करता है. अब इसी को लेकर भारत सरकार चिंता में है.

हाल ही में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक मीटिंग बुलाई गई थी जिसमें उन्होंने इसे लेकर चिंता जाहिर की थी. अब इसी कड़ी में सरकार एक ऐसा बिल लाने वाली है जो क्रिप्टोकरेंसी को कंट्रोल कर सकेगा. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill) लेकर आने वाली है. इससे सभी प्रकार की क्रिप्टकरेंसी पर बैन लगाया जा सकेगा.

18 नवंबर को भी सिडनी डायलॉग में भाषण देते हुए, पीएम मोदी ने सभी देशों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि क्रिप्टोकरेंसी “गलत हाथों में न जाये.”

शीतकालीन सत्र में पेश होगा नया बिल

केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने और 25 अन्य कानूनों के साथ सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने के लिए एक विधेयक पेश करेगी.

क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ़ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल को अभी तक आधिकारिक तौर पर कैबिनेट द्वारा अप्रूव नहीं किया गया है. इस बिल के माध्यम से भारतीय रिजर्व बैंक देश में आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए एक सुविधाजनक ढांचा तैयार करेगा.

पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर हो रहा है विचार

सेंट्रल बैंक जल्द ही ऑफिशियल डिजिटल करेंसी के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने पर विचार कर रहा है. लोकसभा क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार बुलेटिन में प्रस्तुत किये गए इस नए बिल के अनुसार, बिल भारत में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को बैन करेगा. हालांकि, इसमें कुछ अपवाद के चलते क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग में लाई जाने वाली टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा सकेगा.

हालांकि, अब तक, इस विधेयक के बारे में ज्यादा जानकारी किसी को नहीं है. अभी तक इसकी कोई सटीक रूपरेखा पब्लिक डोमेन में नहीं है और न ही इसपर अभी कोई सार्वजनिक परामर्श किया गया है.

बिटकॉइन की कीमत पहुंची 60 हजार डॉलर के पास

गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को लेकर "गंभीर चिंता" व्यक्त की है. इस वक्त दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन की कीमत, 60,000 डॉलर के आसपास पहुंच गयी है. इस साल की शुरुआत से इसकी कीमत दोगुनी से अधिक हो गई है, जो इन्वेस्टर्स को काफी आकर्षित कर रही है.

देश में इस वक्त 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स

दरअसल, कई लोग जहां क्रिप्टो करेंसी को इन्वेस्टमेंट के रूप में प्रयोग करते हैं तो कुछ लोग इसे अल्टरनेटिव करेंसी (Alternative currency) के रूप में लेते हैं. इंडस्ट्री का अनुमान है कि भारत में 1.5 करोड़ से 2 करोड़ क्रिप्टो इन्वेस्टर्स हैं, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स लगभग ₹40,000 करोड़ रुपये तक है.

दुनिया की बन रही है पहली बिटकॉइन सिटी

आज लाखों लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. कुछ लोगों का मानना है कि जिस तरह से हम सोने का उपयोग करेंसी के रूप में करते हैं ठीक उसी तरह क्रिप्टो का कर पाएंगे. हालांकि, कई विशेषज्ञों का मानना है कि इसपर भरोसा नहीं किया जा सकता है. आपको बता दें, वर्तमान में, एल साल्वाडोर अकेला ऐसा देश है जिसने क्रिप्टोकुरेंसी को कानूनी मान्यता दी है, उन्होंने हाल ही में दुनिया की पहली बिटकॉइन सिटी बनाने की भी घोषणा की है.

म्यांमार: National Unity Government ने आधिकारिक तौर पर टेदर (Tether) क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार किया

National Unity Government (NUG) में लोकतंत्र समर्थक समूह और म्यांमार के नागरिक प्रशासन के कुछ सदस्य शामिल हैं। NUG म्यांमार में सत्तारूढ़ सैन्य सरकार को गिराने की अपनी क्रांति के लिए धन जुटाने के लिए काम कर रहा है। दूसरे कदम में, सैन्य सरकार ने NUG को एक आतंकवादी के रूप में नामित किया है।

टेदर (Tether)

टेदर एक क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे एथेरियम ब्लॉकचेन पर होस्ट किया जाता है। इसके टोकन टेदर लिमिटेड द्वारा जारी किए जाते हैं। Tether Limited को Bitfinex के मालिकों द्वारा नियंत्रित किया जाता है। टेदर को एक स्थिर मुद्रा कहा जाता है, क्योंकि इसे मूल रूप से हमेशा $ 1 के बराबर होने के लिए डिज़ाइन किया गया था। इसे बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही ट्रांसफर किया जा सकता है। इस प्रकार, सरकारों और अन्य प्राधिकरणों के लिए भुगतानों को ट्रैक करना या रोकना मुश्किल हो जाता है।

टेदर का बाजार मूल्य

टेदर का बाजार मूल्य 76 अरब डॉलर है।

क्रिप्टोकरेंसी

यह एक डिजिटल परिसंपत्ति है जो विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करती है जहां कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में अलग-अलग सिक्के के स्वामित्व के रिकॉर्ड को बही में संग्रहीत किया जाता है। ये रिकॉर्ड एक मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके संग्रहीत किए जाते हैं ताकि लेनदेन रिकॉर्ड को सुरक्षित किया जा सके।

पहली क्रिप्टोकरेंसी

बिटकॉइन (Bitcoin) 2009 में ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में जारी की गयी पहली क्रिप्टोकरेंसी है। यह पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी (decentralized cryptocurrency) है।

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, जिस पर मोदी सरकार लगाने जा रही है बैन

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी, जिस पर मोदी सरकार लगाने जा रही है बैन

संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार कुछ निजी क्रिप्टोकरेंसी को छोड़कर सभी पर रोक लगाने और आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को विनियमित करने के लिए एक ढांचा तैयार करने के लिए एक विधेयक ला सकती है। 29 नवंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र में बहुप्रतीक्षित क्रिप्टोक्यूरेंसी और विनियमन आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विधेयक, 2021 विचार और पारित करने के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इससे जुड़े बिल से पहले आइए, जानें कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी कहते किसे हैं।

जानें क्या है क्रिप्टोकरेंसी ?

क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जिसका मूल्य तो होता है, लेकिन इसे न ही देखा जा सकता है न ही छूआ जा सकता है। यह केवल डिजिटल रूप में होता है, जिससे महज ऑनलाइन ही लेन-देन किया जा सकता है। जिस प्रकार से देश की सरकारें निश्चित मूल्य के बदले मुद्रा या कागजी नोट या सिक्के जारी करती है, यह उस तरह की मुद्रा नहीं है। यह क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार डिजिटल मुद्रा इनक्रिप्टेड यानी कोडेड होती है इसलिए इसे क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।

इसका लेन-देन खाता-बही द्वारा प्रबंधित होता है जो इसकी पारदर्शिता को सुनिश्चित करती है। यह सब इनक्रिप्टेड होती है। शुरुआत में इसके मूल्य को लेकर काफी आशंकाएं थीं। एक वक्त ऐसा था जब हजार बिटकॉइन से सिर्फ दो पिज्जा खरीदे जा सकते थे। लेकिन, आज यह सबसे महंगा टोकन मनी है। कई कंपनियों ने भी क्रिप्टोकरेंसी को स्वीकार करने की घोषणा की है।

क्रिप्टोकरेंसी बिल

लोकसभा की वेबसाइट पर पेश करने के लिए सूचीबद्ध बिल के अनुसार इसके अतर्गत देश में सभी अनियमित निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेगा, साथ ही केंद्रीय बैंक, आरबीआई द्वारा जारी की जाने वाली आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा।

वर्तमान में, देश में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग पर कोई विनियमन या कोई प्रतिबंध नहीं है। इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस महीने की शुरुआत में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ क्रिप्टोकरेंसी पर एक बैठक की और संकेत हैं कि इस मुद्दे से निपटने के लिए मजबूत नियामक कदम उठाए जा सकते हैं।

हाल के दिनों में क्रिप्टोकरंसीज में निवेश पर आसान और उच्च रिटर्न का वादा करने वाले विज्ञापनों की संख्या में वृद्धि हुई है, यहां तक कि फिल्मी सितारों को भी दिखाया गया है। इस तरह की मुद्राओं पर कथित तौर पर भ्रामक दावों के साथ निवेशकों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

पिछले हफ्ते, बीजेपी सदस्य जयंत सिन्हा की अध्यक्षता में वित्त पर स्थायी समिति ने क्रिप्टो एक्सचेंजों, ब्लॉकचैन और क्रिप्टो एसेट्स काउंसिल (बीएसीसी) के प्रतिनिधियों से मुलाकात की, और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि क्रिप्टोक्यूरैंसीज पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए, लेकिन इसे विनियमित किया जाना चाहिए।

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