ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं?

Intraday trading tips in Hindi – इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स
Intraday trading tips in Hindi – इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स – आज के समय में लोग, गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद बहुत से एंड्राइड ऐप का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग करते हैं. ज्यादातर लोग इसमें इंट्राडे ट्रेडिंग करके अच्छी खासी कमाई भी कर लेते हैं.
अगर आप भी उन सारे लोगों में शामिल है जो इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं. तो यह आपके लिए है. आप इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से हर दिन अच्छी खासी कमाई कर सकते हो. आज हम आपको इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ टिप्स बताने वाले हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग के माध्यम से आप एक निश्चित आय भी प्राप्त कर सकते हैं.
Intraday trading tips in Hindi – इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स
आज के समय में ज्यादातर लोग शेयर बाजार से वाकिफ है. शेयर बाजार पर ट्रेडिंग करने के बहुत सारे तरीके हैं. इनमें से एक प्रसिद्ध तरीका शेयर बाजार पर इंट्राडे ट्रेडिंग करने का है. यह आसान तरीका भी है क्योंकि आप इसके जरिए थोक में किसी शेयर को उसी दिन खरीदते हो और उसी दिन आपको 3:00 बजे से पहले उसे बेचना भी होता है. इस तरह का ट्रेडिंग इंट्राडे ट्रेडिंग चलाता है.
हर बनाया व्यक्ति जो शेयर बाजार से कुछ लाभ कमाना चाहता है उसकी पहली पसंद इंट्राडे ट्रेडिंग ही होती है क्योंकि वह इस पर जल्दी आकर्षित होता है. इसके जरिए उसे जल्दी लाभ मिल सकता है.
इंट्राडे ट्रेडिंग एक ही दिन में आप किसी शेयर या इंडेक्स को खरीद करके बेचते हो. यह भारतीय शेयर बाजार में किए जाने वाला सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा किया जाने वाला ट्रेडिंग है. इस ट्रेनिंग में आप कम पैसों से अधिक से अधिक खरीद सकते हैं यानी कि ट्रेडर को एक निश्चित मार्जिन मनी रखना होता है. जिसके जरिए व इंट्राडे ट्रेडिंग कर सकता है. इंट्राडे ट्रेडिंग को इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि आप कम पैसे से जल्दी पैसा बना सकते हो.
लेकिन, इंट्राडे ट्रेडिंग पर आपको इस बात का भी ध्यान रखना है कि यह जोखिमों के अधीन होती है. इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग करने से पहले आप इसके जोखिमों के बारे में आपको पता होना चाहिए.
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ रणनीति टिप्स
यार रणनीति नियमित निवेश की तुलना में अधिक जोखिम भरा होता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में एक निश्चित समय के अंतराल में खरीदना और एक निश्चित समय के अंतराल में ही बेचना होता है. चाहे इसमें आपको फायदा हो या फिर नुकसान.
इस पूरे ट्रेड में शेयर की डिलीवरी नहीं की जाती है. बल्कि ट्रेड को उसी ट्रेडिंग देने मार्केट बंद होने से पहले बेचना या स्क्वायर ऑफ करना होता है. इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर की कीमत में हो रहे उतार-चढ़ाव का लाभ आप उठा सकते हो. ग्रे ट्रेडिंग में अधिक नुकसान से बचने के लिए विशेष तौर पर उन लोगों के लिए जो शेयर बाजार में शुरुआत कर रहे हैं कुछ टिप्स हम नीचे दे रहे हैं.
एक बार में दो से तीन शेयर ना खरीदें :- अगर आप शेयर मार्केट में गए हैं तो हमारी असला रहेगी कि इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान आप एक बार में दो या तीन शेयर का चुनाव ना करें. जहां तक संभव हो लार्ज कैप शेयर में ही ट्रेडिंग करें.
शेयर का ट्रेंड क्या चल रहा है? यह भी जानना जरूरी है:- जब आप किसी शेयर पर इंट्राडे ट्रेडिंग पर ट्रेड करने जाते हो, तो इस बारे में आपको पता होना चाहिए कि शेयर का ट्रेंड चाचा है. यानी कि शेयर का ट्रेंड किस दिशा में है. शेयर के भाव बढ़ रहे हैं या फिर घट रहे हैं. अगर शेयर के भाव ऊपर बढ़ रहे हैं तो आपको उसे खरीद लेना चाहिए. या शेयर के भाव नीचे घटकर ऊपर बढ़ रहे हैं तो भी आपको खरीद लेना चाहिए इससे आपको अच्छी खासी इनकम मार्जिन मिल जाती है.
शेयर ट्रेडिंग के दौरान स्टॉप ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? लॉस (Stop Loss) जरूर लगाएं :- आप इंट्राडे ट्रेडिंग पर शेयरों को खरीदने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि आप उसी दिन स्टॉप लॉस जरूर लगा दे. जब भी आप कोई भी शेयर को ट्रेड करने के लिए स्टेटस जी बनाते हैं तो स्टॉपलॉस का अवश्य ध्यान रखें. क्योंकि ट्रेड लेने के लिए रणनीति बनाना जितना आवश्यक होता है उतना ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? ही ट्रेड से निकलने के लिए भी रणनीति बनाना जरूरी होता है. स्टॉप लॉस आपके संभावित लॉस को सीमित करने में लाभदायक होता है.
एंट्री लक्ष्य को भी निर्धारित करें :- किसी भी शेयर की ट्रेडिंग लेने से पहले शेयर का एंट्री और लक्ष्य निर्धारित कर लें. जब भी आप शेयर मार्केट पर इंट्राडे ट्रेडिंग करते हैं तुरंत अपना टारगेट भी जरूर लगा दें. कोशिश करें कि दोबारा आप इस ट्रेड पर शेयर ना लगाएं.
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर का विश्लेषण जरूरी है :- जैसा कि हमने इस बारे में ऊपर जिक्र किया है, इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको शेयर एक ही दिन में खरीद करके उसी दिन बेचना होता है. इस चलते आपको शेयर का विश्लेषण करना भी जरूरी है. इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए अधिक लिक्विड वाली शेयर को आप सुन सकते हैं. अगर शेयर में लिक्विडिटी ज्यादा रहेगी तो उस शेयर को खरीद और बिक्री अधिक होती है. इसलिए कोशिश करें कि अधिक ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? लिक्विडिटी वाली शेयर को खरीदें.
ओवरट्रेडिंग से बचें :- ओवरट्रेडिंग कभी भी ना करें. अर्थात अपनी हैसियत से ज्यादा का शहर कभी भी ना खरीदें. 1 दिन में दो या तीन ट्रेड ही खरीदें. अधिक लाभ कमाने के चक्कर में ओवरट्रेडिंग करने से कई बार नुकसान भी हो जाता है.
इस बात का ध्यान रखें कि इंट्राडे ट्रेडिंग कम से कम करें क्योंकि इसमें नुकसान होने के बहुत अधिक संभावना होती है. उतने ही पैसे में इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसे लगा है जो कि आप की आर्थिक स्थिति पर कोई प्रभाव ना डालती हो. इंट्राडे ट्रेडिंग जोखिमों से भरा होता है, यह निश्चित नहीं होती की जितने पैसे आपने लगाए हैं उतना ही ज्यादा आपको लाभ मिले. शेयर मार्केट के भाव कभी भी गिर ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? सकते हैं. और कभी भी शेयर मार्केट के भाव ऊपर चढ़ सकते हैं. इसीलिए सोच समझकर के इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसे लगाएं.
Swing Trading क्या है - स्विंग ट्रेडिंग कैसे करें?
Swing Trading क्या है? इसे कैसे करे? अगर आप भी यह जानना चाहते हैं। तो आज हम आपको इस लेख में swing trading के बारे में अधिक से अधिक जानकारी देने का प्रयास करुगा। आज अगर आप भी पार्ट टाइम ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो स्विंग ट्रेडिंग आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
इसमें कमाएं गए छोटे छोटे प्रॉफिट आपको साल के अंत में एक अच्छा रिटर्न देता है। आयिये तो फिर पहले जानते हैं कि स्विंग ट्रेडिंग क्या होता है?
Swing Trading क्या है? - Swing Trading In Hindi
Swing Trading एक ऐसी ट्रेडिंग रणनीति है। जहा पर ट्रेडर्स शेयर को एक दिन से ज्यादा के लिए खरीदते हैं और थोड़े समय तक होल्ड करने के बाद बेच देते हैं। ट्रेडर्स शेयर को थोड़े दिनों तक इसी उम्मीद से होल्ड करते हैं ताकि उन्हें कुछ प्रॉफिट हो सके। आमतौर पर यह समय कुछ दिन या कुछ हफ्ते हो सकते हैं।
Swing Traders किसी भी स्टॉक का संभावित स्विंग का एक हिस्से को कैप्चर करने की कोशिश करता है। यानी मतलब यह हुआ कि एक स्विंग ट्रेडर बाजार या किसी भी स्टॉक के प्राइस का एक तरफा मूवमेंट को कैप्चर करने की कोशिश करता है। बाजार या स्टॉक का एक तरफा मूवमेंट को इसी उम्मीद से कैप्चर करने की कोशिश करता है कि उसे कुछ परसेंट का प्रॉफिट होगा। लेकिन अगर बाजार ठीक उसके उलट चला जाता है तो स्विंग ट्रेडर्स अपने नुकसान को बुक करने के बाद मार्केट से बाहर निकल जाता है। स्विंग ट्रेडिंग में हासिल किए गए छोटे छोटे मूवमेंट का लाभ वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।
एक अच्छा स्विंग ट्रेडर opportunity को ढूंढने के लिए टेक्निकल एनालिसिस और कभी कभी फंडामेंटल एनालिसिस का उपयोग करता है। साथ ही चार्ट के माध्यम से market trend और patterns का विश्लेषण करता है।
Swing Trading कैसे काम करती है?
Swing Trader किसी भी स्टॉक को खरीदने से पहले मार्केट का ट्रेंड, शेयर कि कीमत में उतार-चढ़ाव, ट्रेडिंग चार्ट में बनने वाले पैटर्न का विश्लेषण करता है। आमतौर पर swing traders लार्ज-कैप शेयरों यानी कि उन शेयरों पर विश्लेषण करते हैं जिसमें ट्रेडिंग अधिक होती है।
अन्य प्रकार के ट्रेडिंग से ज्यादा swing trading में risk ज्यादा होता है। इसमें आमतौर से gap risk शामिल होता है। यदि मार्केट के बंद होने के बाद कोई अच्छी खबर आती हैं तो स्टॉक के प्राइस मार्केट खुलने के बाद अचानक बढ़ जाते हैं। ठीक इसका उल्टा भी हो सकता है। मार्केट के बंद होने के बाद कोई बुरी खबर आती हैं। तो मार्केट खुलने के बाद स्टॉक के प्राइस में भारी गैप डाउन देखने को मिलता हैं। इस तरह के रिस्क को overnight risk कहा जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे क्या है? - Advantages Of Swing Trading In Hindi
अन्य ट्रेडिंग प्रकार की तरह swing trading के भी कुछ फायदे और नुकसान होते है। आइए पहले स्विंग ट्रेडिंग के advantages जानते हैं।
1. स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को कुछ दिनों या कुछ हफ्ते तक होल्ड किया जाता है। इसलिए Intraday के मुकाबले लाइव मार्केट में ज्यादा समय रहने की जरूरत नहीं होती है।
2. Swing Trading, ट्रेडर्स को बाजार के sideways होने पर एक अच्छा रिटर्न देता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग उन लोगो के लिए सबसे अच्छा है जो जॉब या बिज़नेस करते हैं। यानी कि स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम किया जा सकता है।
4. Intraday के मुकाबले, स्विंग ट्रेडिंग में स्ट्रेस लेवेल कम होता है।
5. स्विंग ट्रेडिंग में छोटे ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न बन जाता है।
6. Intraday के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग आसान होती हैं। आपको सिर्फ टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए।
7. स्विंग ट्रेडिंग में डे ट्रेडिंग के मुकाबले कम noisy होता है।
स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान क्या है? - Disadvantages Of Swing Trading In Hindi
1. स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहेता है।
2. मार्केट का अगर किसी तरह से अचानक ट्रेंड बदल जाता है तो यहां काफी नुकसान हो सकता है।
3. स्विंग ट्रेडिंग में गैप रिस्क शामिल रहता है।
4. डे ट्रेडिंग के मुकाबले स्विंग ट्रेडिंग में रिटर्न्स कम मिलता है।
स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटजी क्या है? - Swing Trading Strategy In Hindi
अभी तक आपने स्विंग ट्रेडिंग के बारे में बारीकी से अध्ययन किया है। अब हम आपको swing trading के को कैसे किया जाता है इसे करने के लिए कौन कौन सी strategy को आप सीख सकते हैं। इसके बारे में जानकारी दूंगा। तो फिर आइए जानते हैं।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्ट्रेटजी बनाने के लिए ट्रेडर्स कई प्रकार के इंडिकेटर्स और चार्ट पैटर्न का इस्तेमाल करते हैं। उनमें से कुछ पॉपुलर चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर के बारे में नीचे बताया गया है।
Chart Patterns
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ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं?
- Head & Shoulder Patterns
- Cup & Handle Patterns
- Candlestick Patterns
- Triangle Patterns
- Double Top & Double Bottom Patterns
- Flag Patterns
- Triple Top & Triple Bottom Patterns
Indicators
- Simple Moving Average
- Exponential Moving Average
- Bollinger Band
- RSI (Relative Strength Index)
- MACD (Moving Average Convergence Divergence)
- Moving Average Crossover
- Pivot Support & Resistance
- Fibonacci Retracement
- VWAP (Volume Weighted Average Price)
- Stochastics
- SuperTrend
Swing Trading Strategy उपयोग करने का क्या फायदा होता है?
1. Swing Trading में अधिक फायदा या नुकसान होने की संभावना रहती है। यह स्ट्रेटजी स्विंग ट्रेडर्स को intraday में होने वाले उथल पुथल से दूर रखती है।
2. स्विंग ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी ट्रेडर्स का बढ़े ट्रेड पर ध्यान केंद्रित करती है।
3. ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी आपको बाजार में एंट्री और पोजिशन को square off करने का सही समय बताने की कोशिश करता है।
4. टेक्निकल पर आधारित होने के कारण आप स्पष्ट निर्णय ले सकते हैं।
निष्कर्ष
Swing Traders बाजार में अलग अलग तरीकों की स्ट्रेटेजी का प्रयोग करते हैं। यह सभी बताए गए चार्ट पैटर्न और इंडिकेटर्स आपको अपनी खुद की भी स्ट्रेटेजी बनाने में मदद करेगी। आप चाहे तो दो या इसे अधिक इंडिकेटर्स को मिलाकर एक स्ट्रॉन्ग स्ट्रेटेजी बना सकते हैं। अंत में यह याद रखना कि कोई भी स्ट्रेटेजी आपको 100% एक्यूरेट रिजल्ट नहीं दे सकता है। मेरे द्वारा लिखी गई यह पोस्ट सिर्फ आपको Swing trading kya hai? के बारे में विस्तार से जानकारी देने कि कोशिश की गई है। उम्मीद करता हूं कि यह पोस्ट आपको कुछ इंफॉर्मेशन जानकारी दे पाई होगी।
ट्रेंड लाइन के आधार पर कैसे समझें निवेश का पैटर्न?
ट्रेंड लाइन एक प्रकार का तकनीकी संकेत है, जो दर्शाता है कि शेयर का भाव किस दिशा में जा रहा है.
तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है.
जब बाजार में तेजी हावी होती है और यह अगली गिरावट का आधार तय करती है, तो ऐसी स्थिति में ट्रेड लाइन ऊपर बढ़ने के साथ-साथ हमेशा सपोर्ट स्तर प्रदान करती है, जो समय के साथ बदलता रहता है. इस स्थिति में ऐसी ट्रेंड लाइन के करीब की कीमतों पर खरीदारी करना फायदेमंद रहता है.
हालांकि, यदि सपोर्ट स्तर पार हो जाता है तो गिरावट दर्ज की जा सकती है. ऐसे में कारोबारियों को इसी ट्रेंड लाइन पर अपनी स्टॉप लॉस कीमत निर्धारित करनी चाहिए. इसी प्रकार गिरावट के हावी रहने पर सपोर्ट स्तर की जगह रेसिस्टेंस दर्ज किया जाता है. निवेशकों को इस दौरान बिक्री करनी चाहिए.
एक खास बात है कि कारोबारियों को वॉल्यूम को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ट्रेंड लाइन पर किस कीमत पर क्या वॉल्यूम रहता है, यह आंकलन आपको ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? कई बातें समझा सकता है. अमूमन अधिक वॉल्यूम का अर्थ होता है कि शेयर का मौजूदा दौर (तेजी या कमजोरी) जारी रहने वाला है.
यदि ट्रेंड लाइन टूट जाए तो
यदि किसी शेयर की ट्रेंड लाइन टूट जाती है या खंडित हो जाती है, तो माना जाता है कि उस शेयर से निवेशकों की उम्मीद बदल गई है. गिरावट दर्शा रही ट्रेंड लाइन का टूटने का अर्थ है कि शेयर खरीदारी के संकेत दे रहा है और तेजी दिखाने वाले ट्रेंड लाइन टूटने का अर्थ है कि शेयर को बेचना बेहतर होगा.
दोनों ही मामलों में स्टॉप लॉस रखना चाहिए. इस तरह के मामलों में भी वॉल्यूम काफी महत्वपूर्ण हो जाती है और हलचल तब अधिक होगी जब ट्रेंड लाइन टूटने के साथ वॉल्यूम में भी इजाफा हो.
ट्रेंड लाइन से जुड़े एंगल
यदि किसी शेयर की ट्रेड लाइन में एकाएक तेजी देखने को मिलती है, तो इसका अर्थ है कि वह शेयर ऊफान पर है. यह ट्रेंड ट्रेडिंग के क्या लाभ हैं? भी संभव है कि शेयर की तेजी ज्यादा समय तक जारी न रहे. इसे एक उदाहरण के साथ समझते हैं.
दिए गए चार्ट में रिलायंस इंडस्ट्रीज की ट्रेंड लाइन है. लाल निशान वाली ट्रेंड लाइन दिखा रही है कि शेयर में एकाएक तेजी आई है, मगर कुछ ही समय बाद यह फिसल गया, मगर शेयर की थोड़ी-बहुत तेजी जारी रहे.
दूसरी तरफ, तुलनात्मक रूप में सपाट ट्रेंड लाइन दर्शाती है कि शेयर का बर्ताव सामान्य है और वह समान रुझान लंबे समय तक जारी रख सकता है. इसके लिए रिलायंस इंडस्ट्रीज के चार्ट में हरी रेखा पर गौर करें.
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अमिताभ बच्चन करते हैं जिस कंपनी का प्रचार वह स्टॉक मार्केट में कल होगी लिस्ट! GMP देख निवेशक खुश
शेयर मार्केट (Share Market) में कल यानी बुधवार को बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल (Bikaji Foods International) की लिस्टिंग हो सकती है। कंपनी के आईपीओ पर दांव लगाने का आखिरी मौका 7 नवंबर 2022 को था।
शेयर मार्केट (Share Market) में कल यानी बुधवार को बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल (Bikaji Foods International) की लिस्टिंग हो सकती है। कंपनी के आईपीओ पर दांव लगाने का आखिरी मौका 7 नवंबर 2022 को था। इस आईपीओ को 26.67 गुना सब्सक्राइब किया गया है। 881 करोड़ रुपये के आईपीओ पर दांव लगाने वाले निवेशकों की निगाह अब लिस्टिंग पर टिकी हुई है। इंवेस्टर्स के लिए अच्छी बात यह है कि ग्रे मार्केट में कंपनी का प्रदर्शन अच्छा है। बता दें, इस कंपनी का प्रचार अमिताभ बच्चन करते हैं।
इस IPO पर दांव लगाने वाले निवेशकों को लगा झटका, लिस्टिंग के दिन 11 प्रतिशत लुढ़का शेयर
क्या है जीएमपी (Bikaji Foods International IPO GMP)
ग्रे मार्केट पर नजर रखने वाले एक्पर्ट्स के अनुसार कंपनी के शेयर 23 रुपये के प्रीमियम पर आज ट्रेड कर रहे हैं। यानी अगर यही ट्रेंड बरकरार रहा तो कंपनी के स्टॉक लिस्टिंग के दिन ही निवेशकों को मुनाफा कमवा सकते हैं। कंपनी शेयर मार्केट में 16 नवंबर 2022 को डेब्यू कर रही है।
आईपीओ पर मिला था शानदार रिस्पॉस
बीकाजी आईपीओ के 2,06,36,790 शेयरों पर 55,04,00,900 बोलियां प्राप्त हुई थी। क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स कोटा में 80.63 गुना सब्सक्राइब किया गया था। नॉन इंस्टीट्यूशन इंवेस्टर्स कैटगरी में बीकाजी आईपीओ को 7.10 प्रतिशत और रिटेल इंडिविजुल इंवेस्टर्स की कैटेगरी में 4.77 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था।
बता दें, बीकाजी भारत की तीसरी सबसे बड़ी स्नैक्स बनाने वाली कंपनी है। कंपनी भारत के अलावा विदेशी धरती पर भी अपनी पहचान बना चुकी है। ग्रोथ की बात करें तो इंडियन ऑर्गेनाइज़्ड स्नैक्स मार्केट में दूसरी सबसे तेज ग्रो करने वाली कंपनी है।
इस IPO को दूसरे दिन मिला 85% सब्सक्रिप्शन, GMP देख निवेशक गदगद; दांव लगाने का आखिरी मौका आज