ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai?

आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग
What is trading account in hindi
- ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
- Trading Account ऐसे करता है काम
- ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है: शेयर बाजार में निवेश करने या फिर ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से यही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है। इसमें ट्रेडर अपने Buy या Sell करने के आर्डर को ब्रोकर को कॉल करके बता देता है। या फिर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से खुद ही अपना आर्डर करता है।
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग में ट्रेडर्स ब्रोकर के माध्यम से ही शेयर को खरीदता और बेचता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग में ट्रेडर ब्रोकर की वेबसाइट की सुविधा के द्वारा इस प्रक्रिया को करता है। इसके लिए ट्रेडर को KYC और ट्रेडर का रजिस्ट्रेशन का फॉर्म भरना होता है। इसके बाद ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग का अकाउंट खुल जाता है। इसके बाद ब्रोकर अपने ग्राहक को एक यूजर आईडी और पासवर्ड देता है। इसको डाल कर ट्रेडर लॉगिन करके शेयर को खरीद या बेच सकता है। ट्रेडिंग एकाउंट को डीमैट अकाउंट से जोड़ दिया जाता है जिससे शेयर खरीदे जाने पर वह डीमैट अकाउंट में चला जाता है।
ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद आसान प्रक्रिया है। इसके लिए ब्रोकर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। –
- पासपोर्ट साइज फोटो
- नॉमिनी की फोटो
- एड्रेस प्रूफ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी,
- कैंसिल चेक और लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट
- डीमैट अकाउंट की डिटेल
Trading Account ऐसे करता है काम –
ट्रेडिंग अकाउंट में सबसे पहले निवेशक इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसा जमा करता है उसके बाद जिस शेयर को खरीदना या बेचना है उसके दाम को चेक करता है और आर्डर करता है। यह आर्डर स्टॉक एक्सचेंज के पास जाता है। इस ऑर्डर को काउंटर ऑर्डर मिल जाने के बाद यह एग्जीक्यूट (Execute) हो जाता है। इस दौरान पैसे पर लगने वाले टैक्स या फिर चार्ज ट्रेडिंग अकाउंट से ही काटे जाते हैं। इसके बाद शेयर 2 दिन में डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं। लेकिन यदि शेयर को बेचने का ऑर्डर किया गया रहता है तो शेयर का पैसा टैक्स और ब्रोकरेज कट होने के बाद ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट होने से ऑनलाइन चैटिंग की सुविधा आसान हो जाती है शेयर को खरीद कर पैसे कटाना और बेचने पर पैसे जमा होना, यह सारी प्रक्रिया अपने आप ऑटोमेटिक होती है। इसके लिए किसी लिखित पेपर या कॉल की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑर्डर बहुत जल्दी ही पूरा हो जाता है। मोबाइल के द्वारा भी किसी भी जगह से शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडिंग का चयन करना होगा। जिसके साथ अपना ट्रेडिंग डिमैट अकाउंट ओपन करना होता है। शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है। इसके इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विप ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग आदि है। इनमें से किसी भी ट्रेडिंग का चुनाव करके ट्रेडिंग की जा सकती है।
ट्रेडिंग स्टाइल के चयन के बाद ट्रेडिंग प्लस और मनी मैनेजमेंट की बारी आती है। इसमें ट्रेडिंग प्लस में कौन सा शेयर खरीदना है और कब खरीदना है जैसी बातें शामिल होती है।
वही मनी मैनेजमेंट में कितने रुपए का निवेश करना है टारगेट क्या होगा?, ऐसी बातों का ध्यान दिया जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को दो भागों में बांटते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में खरीद कर उसे बेचना होता है। इसमें शेयर को वास्तविकता में नहीं खरीदा जाता बल्कि ब्रोकर को कुछ मार्जिन देखा शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव जब आता है तो उसका फायदा उठाया जाता है। डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में शेयर को वास्तव में खरीदा जाता है और जितने भी शेयर लिए जाते है, उनका पूरा पैसा चुकाना होता है। डिलीवरी बेस्ट ट्रेडिंग में आप शेयर को जब तक चाहे अपने पास रख सकते हैं।
ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai?
डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!
- Post author: Ankita Shukla
- Post published: March 14, 2019
- Post category: Gyan
- Post comments: 0 Comments
नमस्कार दोस्तों…आज हम आपको “Demat Account and Trading Account” अर्थात “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट” के विषय में बताने जा रहे हैं. आज हम बताएंगे कि “डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है और इनमे क्या अंतर होता है?”. जैसा कि हम सब जानते हैं जब भी हम एक ब्रोकर के जरिये अपना डीमैट अकाउंट खुलवाते हैं, तो वो साथ में ट्रेडिंग अकाउंट भी खोलते हैं. क्यूंकि बिना ट्रेडिंग अकाउंट के आप शेयर मार्किट में अपना काम आसानी से नहीं कर सकते हैं. लेकिन दोनों अकाउंट साथ में खुलने का अर्थ ये बिलकुल नहीं होता है कि दोनों अकाउंट समान कार्य करते हैं या ये दोनों अकाउंट समान है. दोस्तों आज हम आपको इन्ही के विषय में कुछ जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए शुरू करते हैं आज का टॉपिक.
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है | What is Trading account in Hindi !!
जैसा कि हम सब जानते हैं, कि पहले से समय में किसी भी कार्य को करने के लिए हमारे पास इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का साधन उपलब्ध नहीं हुआ करते थे और यह समान स्थिति शेयर मार्किट के केस में भी थी. अर्थात जब भी पहले कोई भी कंपनी के शेयर को खरीदता था, तो उसे सर्टिफिकेट के रूप में एक कागज दिया जाता था, जिसपर व्यक्ति का नाम, शेयर की संख्या, तारीख, आदि लिखा रहता था. लेकिन अब वो समस्या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिये दूर हो गयी है अर्थात अब यदि आप किसी कंपनी के शेयर खरीदना या बेचना चाहते हैं तो अब आपको उसके लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होना आवश्यक नहीं होता है. बस कंप्यूटर और इंटरनेट के माध्यम से आप आसानी से शेयर को खरीद व बेच सकते हैं, लेकिन इस प्रकार के लेनदेन मतलब ट्रेडिंग के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट होना अनिवार्य होता है. यदि आपको शेयर मार्किट में अपना बिज़नेस करना है या शेयर का लेनदेन करना है, तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। जिसके बिना ये संभव नहीं होता है.
डीमैट अकाउंट क्या है | What is Demat Account in Hindi !!
अब जैसा कि आपको समझ में आ गया होगा कि ट्रेडिंग अकाउंट का क्या काम है तो बात अब डीमैट अकाउंट की करते हैं , यह अकाउंट भी शेयर मार्केट का ही एक भाग है। ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये हम शेयर बाजार में शेयर की खरीद और बिक्री करते हैं। तब हमे उन उस खरीदे हुए शेयर को रखने के लिए भी एक एकाउंट की आवश्यकता पड़ती है, जिसे हम डीमैट अकाउंट कहते है। जब हम कोई शेयर खरीद कर अपने पास रख लेते हैं तो वह डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से सेव रहते है, और जब हम उन शेयर को बेचना चाहते हैं तो शेयर हमारे डीमैट अकाउंट से निकलकर ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से खरीदने वाले के पास चले जाते है।
Difference between Demat Account and Trading Account in Hindi | डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अंतर है !!
# ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों साथ में खोले जाने वाले अकाउंट होते हैं.
# ट्रेडिंग अकाउंट के जरिये शेयर को खरीदा व बेचा जाता है और डीमैट अकाउंट के जरिये शेयर को सुरक्षित संभाल कर रखा जाता है.
# ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता पहले पड़ती है और डीमैट अकाउंट की आवश्यकता बाद में पड़ती है.
# जब हम शेयर मार्किट में शेयर खरीदते या बेचते हैं तो ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है और जब उन खरीदे शेयर को हम किसी अकाउंट में रखते हैं तो वो अकाउंट डीमैट अकाउंट होता है.
आशा हैं आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी से कुछ लाभ अवश्य मिला होगा और साथ ही आपको हमारा ब्लॉग पसंद भी आया होगा. यदि फिर भी आपको कोई त्रुटि दिखाई दे, या कोई सवाल या सुझाव आपके मन में हो. तो आप हमे नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट कर के बता सकते हैं. हम पूरी कोशिश करेंगे कि हम आपकी उम्मीदों पे खरा उतर पाएं। धन्यवाद .
Ankita Shukla
✔️ izoozo.com Provide Hindi & English Content Writing Services @ low Cost ✔️अंकिता शुक्ला Oyehero.com की कंटेंट हेड हैं. जिन्होंने Oyehero.com में दी गयी सारी जानकारी खुद लिखी है. ये SEO से जुडी सारे तथ्य खुद हैंडल करती हैं. इनकी रूचि नई चीजों की खोज करने और उनको आप तक पहुंचाने में सबसे अधिक है. इन्हे 4.5 साल का SEO और 6.5 साल का कंटेंट राइटिंग का अनुभव है !! नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में आपको हमारे द्वारा लिखा गया ब्लॉग कैसा लगा. बताना न भूले - धन्यवाद . !!
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SBI YONO पर खोलिये डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट; कम होगा खर्च, सालाना AMC पर भी मिलेगी छूट
SBI Yono Trading Offer: शेयर ट्रे़डिंग के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए. SBI Yono के जरिए इन खातों को खोल रहे हैं तो आपके 1350 रुपये बचेंगे.
एसबीआई योनो के तहत शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों के लिए बेहतर ऑफर मिल रहा है. (Image- SBI)
SBI Yono Trading Offer: स्टॉक ट्रे़डिंग के लिए आपके पास Demat Account और Trading Account होना चाहिए. इन दोनों खातों पर शुल्क भी देय होता है लेकिन अगर SBI Yono के जरिए इन खातों को खोल रहे हैं तो आपके 1350 रुपये बचेंगे. अगर आप शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव से नहीं घबराते हैं और अपनी पूंजी पर बेहतर रिटर्न निवेश करना चाहते हैं तो इक्विटी में निवेश बेहतर विकल्प हैं. इसके लिए आपको कुछ जरूरी औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं जिसके बिना आप ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं और शेयर्स को होल्ड नहीं कर सकते हैं.
बैंक द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक एसबीआई योनो के जरिए इन दोनों खातों को खोलने पर 1350 रुपये की बचत होगी. इसमें 850 रुपये खाता खोलने का शुल्क नहीं लगेगा. इसके अलावा सालाना डीपी एएमसी (एकाउंट मेंटेनेंस चार्ज) के तहत 500 रुपये का चार्ज पहले साल नहीं चुकाना होगा.
इस तरह खोलें डीमैट और ट्रेडिंग खाता
- योनो की वेबसाइट पर लॉग इन करें.
- Menu पर क्लिक करें.
- Financial Produts के तहत Investments में Securities पर क्लिक करें.
- Link / Open a New Demat & Trading Account पर क्लिक करें.
- Open Demat & Trading Account पर क्लिक करें. इसके बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं.
Yono App के जरिए ऐसे खोलें खाता
- ऐप में लॉग इन करें.
- मेन्यू के लिए ऊपर बायीं तरफ बने सिंबल पर क्लिक करें
- एक डॉप मेन्यू खुलेगा. उसमें इंवेस्ट पर क्लिक करें.
- अगले मेन्यू में ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
- Through SBICap Securities के तहत दिए गए विकल्प ‘ओपन डीमैट एंड ट्रेडिंग अकाउंट’ पर क्लिक करें.
- इसके बाद दिए गए स्टेप्स को फॉलो करें.
क्या होता है डीमैट और ट्रेडिंग खाता
आपने जिन शेयरों या सिक्योरिटीज (बांड्स, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड यूनिट्स इत्यादि) में निवेश किया है, उन्हें डिजिटल मोड में डीमैट खाते में रखा जाता है. इसके विपरीत ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ही डीमैट खाते में रखे सिक्योरिटीज की बिक्री की जा सकती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? स्टॉक एक्सचेंज पर आप शेयरों की खरीद-बिक्री के लिए पोजिशंस ले सकते हैं. ब्रोकरेज फर्म अकाउंट ओपनिंग्स के लिए शुल्क लेती हैं.
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TRADING ACCOUNT कैसे ओपन किया जाता है,
सबसे पहली बात जो हमें याद रखनी चाहिए कि ट्रेडिंग अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के पास खोला जाता है, और सभी स्टॉक ब्रोकर एक रजिस्टर्ड कंपनी होती है, और SEBI के अनुसार भारत में अभी तक लगभग 8 हजार स्टॉक ब्रोकर कम्पनी रजिस्टर्ड है,
ऐसे में अगर हमें ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना है तो सबसे पहले हमें ये तय करना होता है कि हम किस ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करे, आप नीचे दिए गए लिंक पर सभी रजिस्टर्ड स्टॉक ब्रोकर की लिस्ट को देख सकते है-
और इन सभी स्टॉक ब्रोकर में से हमें तय करना होगा कि हम किस ब्रोकर के पास अपना अकाउंट ओपन करे, किसी अन्य आर्टिकल में हम देखेंगे की स्टॉक ब्रोकर का चुनाव कैसे करे,
फ़िलहाल यहाँ अगर आप एक बार ये तय कर लेते है कि आपको XYZ, किस ब्रोकर के पास अपना ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करना है, फिर आप उस कंपनी के नजदीकी ब्रांच ऑफिस में जाकर अकाउंट ओपनिंग फॉर्म भर कर दे सकते है, साथ आपको अपने कुछ KYC के DOCUMENTS और बैंक अकाउंट की डिटेल्स देनी होती है,
दूसरी तरफ आजकल अकाउंट ओपन करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? आप स्टॉक ब्रोकर कम्पनी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म और और KYC डाक्यूमेंट्स की SCANNNED COPIES को आप उस फॉर्म के साथ अपलोड कर सकते है, और बाद में आप कूरियर की मदद से अपनी SELF ATTESTED KYC डाक्यूमेंट्स और ओरिजिनल FORM कम्पनी के पास भेज सकते है, और स्टॉक ब्रोकर कंपनी जैसे ही आपके डाक्यूमेंट्स को वेरीफाई कर लेती है, और फिर आपका ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कर दिया जाता है,
यहाँ एक बात और ध्यान रखने वाली बात है कि, अधिंकाश केस में स्टॉक ब्रोकर कम्पनी ट्रेडिंग अकाउंट और DEMAT ACCOUNT साथ ही साथ ओपन कर देती है,
ट्रेडिंग अकाउंट को हम कैसे काम में लेते है,
ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से ही हम स्टॉक मार्केट में किसी स्टॉक को खरीदने या बेचने का आर्डर अपने स्टॉक ब्रोकर को देते है,और फिर हमारा स्टॉक ब्रोकर हमारे आर्डर को स्टॉक एक्सचेंज तक पहुचाता है, और हमारा आर्डर कम्पलीट होने पर स्टॉक ब्रोकर हमें आर्डर कम्पलीट होने का कन्फर्मेशन और डिटेल्स भेज देता है,
आज ये सभी कम ऑनलाइन होता है, और इन्टरनेट की मदद से हमें स्टॉक ब्रोकर द्वारा दिए गए सॉफ्टवेयर की हेल्प से हम अपने ट्रेडिंग अकाउंट में लोग इन करके, उसमे फण्ड को पहले ऐड करते है, फिर स्टॉक खरीदने का आर्डर दे सकते है, और आर्डर कम्पलीट होने पर हमारे ट्रेडिंग अकाउंट से पैसे कट जाते है, और हमें स्टॉक मिल जाते है,
ठीक इसी तरह जब हम स्टॉक बेचते है, तो स्टॉक बेचने पर मिलने वाली धनराशी हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाती है,
TRADING ACCOUNT खोलने के लिए आवश्यक DOCUMENTS
TRADING ACCOUNT ओपन करने के लिए स्टॉक ब्रोकर कम्पनी द्वारा मांगे जाने वाले सामान्य डाक्यूमेंट्स
- Pan card
- Photographs: Passport Size Photograph
- Address proof: आधार कार्ड /Voter id/Pass port/Driving license
- Income proof: Recent six months bank statement, ITR Form-16, recent pay slip any one
- Bank proof: Cancel cheque
TRADING ACCOUNT फ़ीस कितना होता है,
ट्रेडिंग अकाउंट का फीस, सभी स्टॉक ब्रोकर का अलग अलग हो सकती है, अगर सामान्य बात की जाये तो 200 से लेकर 1000 रूपये या उस से ज्यादा भी हो सकता है,
ऐसे में हमें ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करते समय, स्टॉक ब्रोकर का चुनाव करते समय ही स्टॉक ब्रोकर द्वारा अकाउंट खोलने के चार्जेज और ब्रोकरेज चार्ज और उसके द्वारा दी जाने वाली सारी सुविधाओं का ध्यान पहले ही रखना चाहिए,
जिस से की हमें ज्यादा फीस या ब्रोकरेज न देने पड़े.
अगर पोस्ट अच्छा लगा तो नीचे अपना कमेंट या सवाल जरुर लिखे,
ट्रेडिंग क्या होती है? | ट्रेडिंग कैसे करें?
दोस्तों आप में से बहुत से लोग स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? शेयर्स को खरीदने और बेचने का काम करते होंगे लेकिन क्या आपको पता है कि ट्रेडिंग क्या होती है और इसके बारे में पूरी जानकारी है अगर नही?, तो आइये आज हम आपको ट्रेडिंग के बारे में पूरी जानकारी देते है तो जो कैंडिडेट इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते है वो हमारे इस आर्टिकल को पूरा जरुर पढ़े.
Image Credit: Shutterstock
Table of Contents
ट्रेडिंग क्या ट्रेडिंग अकाउंट Kya Hai? है (What is Trading in Hindi)
ट्रेडिंग एक तरह का बिज़नस होता है किसी भी चीज़ को कम दाम में खरीदना और उसके दाम बढ़ जाने पर उसे बेच देना ट्रेडिंग कहलाता है. ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश्य किसी भी चीज़ को खरीद कर कम समय में लाभ कमाना होता है, इसीलिए ट्रेडिंग सबसे ज्यादा शेयर मार्किट में की जाती है और लोग डेली शेयर पर ट्रेडिंग करके हजारों और लाखों रूपये कमाते है.
Stock Market Trading भी इसी तरह का होता है जहाँ हम किसी वस्तु को खरीदते और बिक्री में फायदा लेते हैं ठीक उसी तरह स्टॉक मार्केट में वस्तु की जगह कंपनियों के शेयर को खरीद और बिक्री करके प्रॉफिट कमाया जाता है, ट्रेडिंग का समय 1 साल होता है यानि कि 1 साल के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना होता है लेकिन अगर एक साल के बाद खरीदे गये शेयर्स को बेचते हैं तो इसे निवेश कहा जाता है यह एक तरह का ऑनलाइन बेस्ड बिजनेस होता है.
उदाहरण- अगर हम शेयर मार्केट में शेयर्स खरीदते हैं तो कोई दूसरा व्यक्ति उन शेयर्स को बेच रहा होगा. मान लीजिए कि आपने किसी होलसेल स्टोर से कोई सामान 50 खरीदा और उसके बाद में उसका दाम बढ़ने पर आपने उसे 60 रूपये में बेच दिया तो इसे ट्रेडिंग कहा जायेगा. वैसे तो Trading को काफी रिस्की कहा जाता है क्योंकि इसमें किसी को ये नही पता होता है कि कुछ समय बाद शेयर के भाव में क्या उतार-चढाव आएगा.
ट्रेडिंग कैसे करें?
ट्रेडिंग करना बहुत ही आसान होता है, ट्रेडिंग करने के लिए आपके पास ट्रेडिंग अकाउंट एवं डिमैट अकाउंट होना चाहिए, क्युकी ट्रेडिंग अमाउंट एवं डिमैट अकाउंट के बिना आप ट्रेडिंग नही कर सकते हैं. उसके बाद आपको ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से शेयर मार्केट से शेयर को कम दामों में खरीदना होता है और उस शेयर की कीमत बढ़ जाने पर उसे ज्यादा दाम में बेच कर मुनाफा कमाना होता है.
शेयर मार्केट ट्रेडिंग कितने प्रकार के होते है?
शेयर मार्केट ट्रेडिंग मुख्यतः 4 तरह की होती है?
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading)
इंट्राडे ट्रेडिंग एक ऐसी ट्रेडिंग होती है जो एक ही दिन के अंदर की जाती है, इसमें एक ही दिन के अंदर शेयर्स को मार्केट में खरीदा और बेचा जाता हैं. एक ही दिन के अंदर की जाने वाली इस ट्रेडिंग को हम इंट्राडे ट्रेडिंग या फिर डे ट्रेडिंग भी कह सकते है.
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading)
स्विंग ट्रेडिंग मे शेयर्स को खरीदकर कुछ दिनो या कुछ हप्तो के अंदर बेचा जाता है इसे ट्रेडिंग किंग भी कहा जाता है. ये ट्रेडिंग इंट्राडे की तरह नही होती है लेकिन इसमे आप अपना टारगेट प्राईस लगाकर नुकसान और फायदे को आसानी से झेल सकते है, स्विंग ट्रेडिंग, इंट्राडे ट्रेडिंग और स्कैलपिंग ट्रेडिंग से काफी अलग होता है. क्योंकि स्विंग ट्रेडिंग को हम 1 दिन या 1 हफ्ते या फिर 1 महीने के लिए भी करते हैं.
शॉर्ट ट्रम ट्रेडिंग (Short term trading)
जब कोई ट्रेडिंग कुछ हप्तो से लेकर कूछ महिनो की होती है उसे शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहते है शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग मे एक एक्टिव ट्रेड इन्वेस्टमेंट होता है इसमें आपको अपने स्टॉक पर नजर रखनी होती है तभी आप अपने स्टॉक को मिनीमाइज कर सकते है.
लॉंग टर्म ट्रेडिंग (Long term trading)
जब कोई ट्रेडिंग एक साल या उससे ज्यादा समय में की जाती है तो उसे लॉंग टर्म ट्रेडिंग कहते है.
इसे भी पढ़े?
आज आपने क्या सीखा?
हमे उम्मीद है कि हमारा ये (Trading kya hai in hindi) आर्टिकल आपको काफी पसन्द आया होगा और आपके लिए काफी यूजफुल भी होगा क्युकी इसमे हमने आपको ट्रेडिंग से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है.
हमारी ये (Trading kya hai in hindi) जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरुर बताइयेगा और ज्यादा से ज्यादा लोगो के साथ भी जरुर शेयर कीजियेगा.