Nadex ट्रेडिंग

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सरसों तेल सस्ता करने के लिए SEBI ने उठाया कदम, NCDEX को नए अनुबंध जारी करने से रोका
नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड (एनसीडीईएक्स) के लिए नवीनतम निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे।
NCDEX ने निवेशकों को ऊंचे रिटर्न का ऑफर करने वाले ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के बारे में सावधान किया
एक्सचेंज के मुताबिक ऐसी सूचना है कि कुछ अनाधिकृत ट्रेडिंग प्लेटफार्म और वेबसाइट ऊंचे रिटर्न का लालच देकर गैर पंजीकृत प्रोडक्ट में निवेश का ऑफर दे रही हैं।
SEBI ने चने के वायदा कारोबार पर कसी नकेल, नया कॉन्ट्रेक्ट लॉन्च नहीं होगा, नई पोजिशन की भी अनुमति नहीं
सेबी के आदेश के बाद अब NCDEX पर कोई भी अगला वायदा सौदा लॉन्च नहीं होगा, हालांकि अगस्त, सितंबर और अक्तूबर वायदा की एक्सपायरी तक इनमें कारोबार होता रहेगा।
भारत में तेजी से बढ़ा कमोडिटी बाजार, NCDEX का औसत दैनिक कारोबार Nadex ट्रेडिंग मूल्य जुलाई में हुआ दो गुना
जुलाई में NCDEX का प्रदर्शन, कृषि मूल्य श्रृंखला में आवश्यक जोखिम प्रबंधन उत्पाद उपलब्ध कराने के निरंतर प्रयासों का परिणाम है
NCDEX की एग्री कमोडिटीज में बाजार हिस्सेदारी हुई 74%, एवरेज डेली टर्नओवर वैल्यू बढ़कर हुई 1945 करोड़ रुपये
जून में महत्वपूर्ण विशेषता यह रही कि, लगातार दसवें माह में परिष्कृत सोया तेल संविदा को भारत की सर्वोच्च एग्री डेरीवेटिव संविदा के रूप में नवाजा गया।
NCDEX ने विकसित किया रेनफॉल इंडेक्स, जल्द होगा लॉन्च
किसान और कमोडिटी ट्रेडर्स दोनों ही एक इंस्ट्रूमेंट के तौर पर इस इंडेक्स पर अपनी पॉजीशन ले सकते हैं।
भारत के पहले एग्री फ्यूचर इंडेक्स AGRIDEX पर शुरुआती पहले दो दिनों में हुआ 45 करोड़ रुपए का करोबार
एनसीडीईएक्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष और कारोबार प्रमुख कपिल देव ने कहा कि एग्रीडेक्स पर शुरुआती पहले दो दिनों में प्राप्त हुई प्रतिक्रियाएं बहुत उत्साहवर्धक हैं
NCDEX ने एग्रीडेक्स पर लॉन्च किया फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट, 26 मई से शुरू होगी ट्रेडिंग
वास्तविक समय पर एनसीडीईएक्स एग्रीडेक्स मूल्य को बनाए रखने तथा उनका प्रसार करने के लिए एनसीडीईएक्स द्वारा अग्रणी इंडेक्स सेवा प्रदाता एनएसई इंडाइसेस के साथ भागीदारी की गई है।
NCDEX को IPO लाने की मंजूरी, 500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना
इस आईपीओ में NCDEX कुल 100 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी
NCDEX ने आईपीओ के Nadex ट्रेडिंग लिए SEBI को सौंपे दस्तावेज, बाजार से 500 करोड़ रुपए जुटाने की है योजना
एनसीडीईएक्स इंस्टीट्यूट ऑफ कमोडिटी मार्केट्स एंड रिसर्च के जरिये कृषि कमोडिटीज मार्केट में अनुसंधान, प्रशिक्षण और जागरूकता फैलाने का भी काम Nadex ट्रेडिंग करता है।
NCDEX ने जनवरी में कृषि जिंस वायदा-विकल्प कारोबार में अपनी लीडरशिप पोजीशन को रखा बरकरार
रिपोर्ट के मुताबिक एनसीडीएक्स में दैनिक औसत व्यापार 1,639 करोड़ रुपए का रहा।
खेती को बढ़ावा देने और किसानों के कल्याण के लिए 16-सूत्रीय कार्य योजना को NSDEX ने बताया बेहतर कदम
कुमार ने कहा कि बजट में कृषि, सिंचाई एवं ग्रामीण विकास के लिए 2.83 लाख करोड़ रुपए की राशि आवंटित करने से कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने में बल मिलेगा।
Budget 2020: NCDEX ने की CTT हटाने की मांग, कृषि एवं कमोडिटी सेक्टर पर दिया जाए ज्यादा ध्यान
एनसीडीईएक्स ने मांग की है कि केवल eNWR के सामने ही कृषि-ऋण दिए जाने के बारे में बैंकों को अध्यादेश जारी किए जाने चाहिए।
किसानों तक वायदा बाजार का फायदा पहुंचाने में अहम भूमिका निभा रहा है NCDEX, मिलकर कर रहा है APMC के साथ काम
एनसीडीईएक्स महाराष्ट्र के अकोला जिले के खामगांव में कृषि उत्पन्न बाजार समिति के साथ गठजोड़ कर इलाके के हजारों किसानों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहा है।
NCDEX ने रिलॉन्च किया बाजरा वायदा, जयपुर में बनाया डिलीवरी सेंटर
शुरुआत में, बाजारा वायदा के लिए जनवरी, फरवरी, मार्च और अप्रैल वायदा के लिए ट्रेडिंग उपलब्ध होगी।
NCDEX पर शुरू हुआ बासमती-पूसा 1121 का वायदा कारोबार, करनाल होगा मूल डिलीवरी केंद्र
एनसीडीईएक्स में पहले से ही गेहूं और मक्का का वायदा उसके मंच पर है। धान बासमती-पूसा 1121 के भी इससे जुड़ने से मूल्य श्रृंखला में निर्णय प्रक्रिया में सुधार आएगा।
कैस्टर सीड की बुवाई का रकबा घटने से कीमतों में आया जोरदार उछाल, NCDEX पर फ्यूचर प्राइस 500 रुपए बढ़े
अरंडी यानी कैस्टर सीड की बुवाई की रफ्तार चालू सीजन में सुस्त पड़ जाने से कीमतों में जोरदार तेजी आई है।
NCDEX पर दोबारा शुरू हुई ट्रेडिंग, सोमवार को आग लगने की वजह से बंद हुआ था कारोबार
सोमवार को एक्सचेंज के मुंबई में कंजुर मार्ग पर स्थित आकृति कॉरपोरेट पार्क कार्यालय में आग लगी थी जिस वजह से दोपहर 12.19 बजे कारोबार बंद कर दिया गया था
कमोडिटी एक्सचेंज NCDEX के दफ्तर में आग, ट्रेडिंग हुई बंद
क्सचेंज ने सभी स्टेकहोल्डर्स से कहा है कि ट्रेडिंग संबधि या फिर एक्सचेंज से जुड़ी दूसरी जानकारी के लिए एक्सचेंज की वेबसाइट से समय-समय पर जानकारी हासिल करते रहें।
NCDEX निकेल और अल्यूमीनियम में शुरू करना चाहता है ऑप्शंस ट्रेडिंग, बाजार नियामक सेबी से मांगी मंजूरी
कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंज NCDEX ने निकेल और अल्यूमीनियम जैसी गैर-कृषि कमोडिटीज में ऑप्शंस कारोबार शुरू करने के लिए बाजार नियामक सेबी से मंजूरी मांगी है।
NCDEX Trading: फसल पर ज्यादा मुनाफे के लिए करना चाहते हैं ट्रेडिंग तो जानें ये जरूरी टिप्स
Agri Trading By Farmers : कुल उत्पादन का काफी कम हिस्सा ही MSP पर खरीदा जा रहा है. ऐसे में NCDEX जैसे एक्सचेंज प्लेटफॉर्म की मदद मिलेगी.
- Khushboo Tiwari
- Publish Date - June 17, 2021 / 10:06 AM IST
KCC कर्ज के लिए नोटिफाई फसल/क्षेत्र, फसल बीमा के अंतर्गत कवर किए जाते हैं. प्रथम वर्ष के लिए कर्ज की मात्रा कृषि लागत, फसल के बाद खर्च के Nadex ट्रेडिंग आधार पर निर्धारित किया जाएगा.
महीनों की मेहनत और इंतजार के बाद तैयार हुई फसल को सही दाम ना मिले तो किसानों को हताशा का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन, किसानों इस बात को ध्यान में रखें कि वे सिर्फ मंडी ही नहीं, बल्कि एक्सचेंज पर तय भाव पर भी फसल बेच सकते हैं. भारत में दालों से लेकर मसालों तक की ट्रेडिंग के लिए एक्सचेंज हैं. इसमें सबसे ज्यादा वॉल्यूम यानी मात्रा में ट्रेडिंग होती है NCDEX पर. इस एक्सचेंज पर किसान कैसे अपनी फसल बेच सकते हैं, क्या हैं नियम और कौन करेगा मदद, आज हम यही जानकारी आपको देने जा रहे हैं.
क्या है NCDEX?
NCDEX मार्केट रेगुलेटर सेबी के नियमों के तहत आता है. इस एक्सचेंज में NABARD, LIC, पंजाब नेशनल बैंक, कैनरा बैंक, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज जैसे कई दिग्गज निवेशक हैं. इसलिए सुरक्षा या शिकायतों को लेकर चिंता कतई न करें.
इस एक्सचेंज पर कुल 23 एग्री कमोडिटीज की ट्रेडिंग होती है और 7 फसलों की वायदा ट्रेडिंग भी होती है.
अब अगर आप NCDEX की समझ नहीं रखते हैं तो ऐसी स्थिति में फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन यानी किसान उत्पादक संगठन (FPOs) मदद करेंगे. खासकर छोटे और मध्यम किसानों को इन संगठन के जरिए मदद मिलेगी.
14 राज्यों के किसान शामिल
NCDEX के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020-21 तक 342 किसान उत्पादक संगठन जुड़े हैं. इन FPOs में कुल 14 राज्यों से 8,91,547 किसान शामिल हैं.
NCDEX इन संगठनों के साथ मिलकर ट्रेनिंग से लेकर जागरूकता अभियान चलाता है ताकि किसानों को अपनी नजदीकी मंडी के अलावा भी अपनी फसल बेचने का विकल्प मिले.
जानकारी के मुताबिक, इस प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा ट्रेडिंग चना, सोयाबीन और रेपसीड मस्टर्ड की हुई है.
किन बातों का रखें ध्यान?
रिसर्च जरूरी
एसएमसी ग्लोबल (SMC Global) के कमोडिटी रिसर्च की AVP वंदना भारती कहती हैं कि किसान जो भी प्लेटफॉर्म चुनें उन्हें उसके बारे में पहले जानकारी हासिल करनी चाहिए. वे चाहे तो उसके बारे में सेशन अटेंड कर सकते हैं. किसानों को अगर मुनाफे के बारे में बताया जा रहा है तो उन्हें ट्रेडिंग से जुड़े जोखिम भी समझने होंगे. कोई भी ट्रेड लेने से पहले थोड़ा रिसर्च जरूरी है.
डिलीवरी की जानकारी लें
किसानों को ये जानकारी हासिल करनी होगी कि उनके इलाके में कहां से वे डिलीवरी दे सकते हैं या ले सकते हैं. डिलीवरी सिस्टम की समझ जरूरी है क्योंकि इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेडिंग अन्य शेयर बाजार जैसी ट्रेडिंग से अलग है. यहां असल में आपके उपज को खरीदार तक पहुंचाने में डिलीवरी सिस्टम ही काम आएगा. डिलीवरी यानी उत्पाद कहां और कैसे भेजना होगा.
फसल की क्वालिटी है अहम
किसानों को डिलीवरी प्रक्रिया के साथ ही ये जानना होगा कि NCDEX पर किस क्वालिटी की फसल को मंजूरी मिली है. किसानों को ये पहले पता करना होगा कि उनकी फसल की क्वालिटी मान्य है या नहीं. अगर क्वालिटी में फर्क है तो क्या उस उपज को लिया जाएगा या नहीं, इससे जुड़े सवालों को समझें.
दूसरों से पूछने में हिचकें नहीं
वंदना मानती हैं कि अगर किसान किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो पहले से ट्रेडिंग करते हैं तो उनसे पूछने में आपको कोई हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. ऐसे लोग आपको बाजार से जुड़े टर्म जैसे मार्जिन, वायदा आदि समझा सकेंगे. वे कहती हैं कि इस दिशा में रिसर्च कंपनियां भी काम कर रही हैं और रिसर्च को उनकी भाषा में भी पब्लिश कर मंडियों तक पहुंचा रही हैं ताकि किसानों को सही जानकारी उनकी ही भाषा में मिल सके.
चार्जेज की जानकारी
क्या ट्रेडिंग पर चार्ज लगेगा? वंदना कहती हैं कि किसानों पर FPO के जरिए ट्रेडिंग पर कोई चार्ज नहीं लगते क्योंकि SEBI और अन्य एक्सजेंच ने फंड बनाए हैं ताकि किसानों की मदद की जा सके. हालांकि, वेयरहाउस और गोदाम में स्टोर करने पर अलग अलग फसल के अलग-अलग चार्ज होते हैं.
ट्रेडिंग की ताकत
FPO के जरिए किसान बड़ी पोजिशन भी ले सकेंगे. हो सकता है कि एक किसान के पास उतनी उपज ना हो जितनी एक लॉट में NCDEX पर डिलीवरी देनी हो.
वंदना उदाहरण के तौर पर बताती हैं कि मान लीजिए आपके पास 30 किलोग्राम सरसों है तो ये डिलीवरी पॉइंट की जरूरत को पूरी नहीं करेगा क्योंकि उसके लिए ज्यादा फसल चाहिए. ऐसे में कई किसान मिलकर पूलिंग के जरिए प्लेटफॉर्म पर ट्रेड कर सकते हैं – ठीक जैसे म्यूचुअल फंड काम करते हैं. इसमें FPOs की मदद मिलेगी. महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान में FPOs काफी एक्टिव हैं.
पोजिशन लेते वक्त सावधानी जरूरी
किसानों को ट्रेडिंग के वक्त संभल कर पोजिशन लेनी चाहिए. वंदना भारती बताती हैं कि मान लीजिए आपकी खरीफ फसल है और आगे उम्मीद है कि मॉनसून अच्छा रहेगा और इसके साथ ही सरकार भी खाद्य महंगाई को काबू करने पर काम कर रही है. इस स्थिति में कीमतों में गिरावट की आशंका रहती है क्योंकि सप्लाई ज्यादा रहने का अनुमान Nadex ट्रेडिंग है. तब किसानों को पोजिशन लेने से पहले संभल जाना चाहिए. नई फसल की आवक से पहले अगर किसान पोजिशन ले सकें तो बेहतर होगा. नई आवक से कीमतों में गिरावट आती है. मौसम के मुताबिक इसे समझें.
बेहतर भाव
कुल उत्पादन का काफी कम हिस्सा ही MSP पर खरीदा जा रहा है. ऐसे में इस तरह के एक्सचेंज प्लेटफॉर्म की मदद मिलेगी. साथ ही, वंदना के मुताबिक, जिन इलाकों में किसानों की ओर से डिमांड आती है वहां डिलीवरी सिस्टम और वेयरहाउस तैयार किया जाता है.
10 मिनट में जानिए कमोडिटी ट्रेडिंग कर कैसे कमा सकते हैं मुनाफा
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकाउंट की आईडी मुहैया कराता . इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं . इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक कमोडिटी ट्रेडिंग में खुद सौदे करने से पहले ब्रोकर के माध्यम से सौदे करने से जोखिम घटता है. अगर खुद सौदे करना चाहते हैं तो पहले कुछ दिन मॉक ट्रेडिंग कर सकते हैं. एमसीएक्स में ज्यादातर नॉन एग्री और एनसीडीईएक्स पर एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है किस एक्सचेंज किन-किन कमोडिटीज का कारोबार होता है. मसलन देश के सबसे बड़े नॉन एग्री कमोडिटी एक्सचेंज में बुलियन, क्रूड, बेस मेटल्स का कारोबार होता है.
इसके अलावा कुछ एग्री कमोडिटीज जैसे मेंथा तेल, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) की ट्रेडिंग होती है. इसी तरह एनसीडीईएक्स पर ज्यादाातर एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है. एनसीडीईएक्स पर ग्वार, चना, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, कैस्टर, जीरा, हल्दी समेत अन्य कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.
कमोडिटी वायदा बाजार में जानें क्या है मार्जिन ?
हाजिर बाज़ार में किसी जिंस को खरीदते हैं तो एक साथ पूरा भुगतान करना पड़ता है लेकिन कमोडिटी वायदा बाजार में कुछ रकम देकर भी ट्रेडिंग संभव है और इस रकम को मार्जिन कहा जाता है. हर कमोडिटी को खरीदने या बेचने के लिए एक निश्चित मार्जिन पहले से तय होता है . सामान्यतया यह मार्जिन मनी 3-5 फीसदी के बीच होती है. लेकिन कभी भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त या स्पेशल मार्जिन भी लगाते हैं.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग से पहले ये हैं 10 जरूरी बातें
1-कमोडिटी ट्रेडिंग करते समय आप स्टापलॉस का ध्यान जरूर रखें, इससे आपका जोखिम कम होता है. स्टॉपलॉस लगाने से उस निश्चित भाव पर सौदा खुद ही कट जाता है इससे नुकसान होने की संभावना कम रहती है.
2- वायदा बाजार में ट्रेडिंग करने में कम मार्जिन मनी देकर सौदे का विकल्प मिलता है, इसलिए ज्यादा सौदे करने से मुनाफा ज्यादा होगा इस लालच में न फंसे . मतलब यह आप कई लॉट्स में सौदे न करके अपनी आय के अनुसार की ट्रेडिंग करें
3-कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है.
4-शुरूआत में छोटे सौदे (मिनी लॉट) में Nadex ट्रेडिंग कारोबार करने से मुनाफा कमाने की संभावना ज्यादा रहती है. जब आप कमोडिटी मार्केट से पूरी तरह से वाकिफ हो जाये तभी बड़े लॉट्स में कारोबार कर सकते हैं.
5-बाजार के ट्रेंड (रुख) के हिसाब से चलें यानी अगर किसी खास कमोडिटी में लगातार गिरावट का रुख है तो उसी तरह के सौदे डालें.
6- कमोडिटी मार्केट्स में शेयर बाज़ार की तरह ही ग्लोबल स्तर पर जारी होने वाले आंकड़ों का बड़ा असर होता है खासतौर से अमेरिका और चीन के बाज़ारों की खबरें बाज़ार में काफी हलचल लाती हैं इसलिए इन देशों में जारी होने वाले इवेंट्स और आर्थिक आंकड़ों का ध्यान रखें.
7-लिक्विड सौदे में कारोबार करने से फायदेमंद होता है . उदाहरण के तौर पर बुलियन, कच्चा तेल और बेस मेटल्स में कारोबार करने से जोखिम कम होता है और बाज़ार से हमेशा बाहर निकलने का मौका बना रहा है.
8- शेयर बाजार में कमोडिटी मार्केट की तरह डिवीडेंड, बोनस नहीं मिलता है. इसमें सौदा बिकने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.
9-दुनियाभर के केन्द्रीय बैंक की पॉलिसी का भी कमोडिटी मार्केट पर खासा असर होता है खासतौर से बुलियन कारोबार, कच्चा तेल और बेस मेटल्स की कीमतों में इन केन्द्रीय की पॉलिसी का असर दिखता है. इन बैंकों में फेडरल रिजर्व बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैड का असर दिखता है.
10- हाजिर बाजार में सप्लाई-डिमांड का भी ध्यान रखें . खासकर एग्री कमोडिटी में कारोबार करते समय मंडियों में किसी फसल की आवक कैसी है और आगे उत्पादन कैसा रहेगा.
एक्सचेंजों ने घटाया कमोडिटी ट्रेडिंग का समय, अब सिर्फ 8 घंटे कारोबार
MCX, NCDEX के अलावा बीएसई और एनएसई ने भी कमोडिटी ट्रेडिंग का समय घटाया है.
BSE और NSE ने कहा कि COVID-19 के प्रकोप को देखते हुए 21 दिन के लॉकडाउन की वजह से सेबी के साथ बातचीत कर ट्रेडिंग टाइमिंग को बदलने के बारे में निर्णय लिया गया है.
कमोडिटी पार्टिसिपेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CPAI) के अध्यक्ष, नरिंदर वाधवा ने कहा कि इस कदम से 21 दिन के राष्ट्रव्यापी बंद के बीच सभी सदस्यों को बड़ी राहत मिलेगी. इससे पहले CPAI ने बाजारों के नियामक सेबी से अनुरोध किया था कि वह समय में कटौती करें, क्योंकि वे मध्य रात्रि तक कार्यालय नहीं खोल सकते हैं.
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10 मिनट में जानिए कमोडिटी ट्रेडिंग कर कैसे कमा सकते हैं मुनाफा
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना पड़ेगा. इस अकाउंट के जरिये ही आप किसी सौदे की ख़रीद या बिक्री कर सकते हैं.
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए ये हैं जरूरी कागजात
ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए आपके पास पैन कार्ड, एड्रेस प्रूफ और बैंक खाता होना जरूरी है. जब आप किसी ब्रोकर के यहां ट्रेडिंग अकाउंट ओपन कराते हैं तो यह ब्रोकर आपको एक अकाउंट की आईडी मुहैया कराता . इस आईडी के जरिये आप खुद भी ट्रेड कर सकते हैं . इसके लिए आपके मोबाइल, पीसी, टेबलेट में इंटरनेट की सुविधा होनी जरूरी है. इस अकाउंट के जरिये ब्रोकर को निश्चित शुल्क चुकाना होता है. अगर आप खुद से सौदे नहीं करना चाहते तो आप अपने ब्रोकर को फोन के जरिये सौदे की खरीद या बिक्री कर सकते हैं.
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया के मुताबिक कमोडिटी ट्रेडिंग में खुद सौदे करने से पहले ब्रोकर के माध्यम से सौदे करने से जोखिम घटता है. अगर खुद सौदे करना चाहते हैं तो पहले कुछ दिन मॉक ट्रेडिंग कर सकते हैं. एमसीएक्स में ज्यादातर नॉन एग्री और एनसीडीईएक्स पर एग्री कमोडिटी में कारोबार होता है. कमोडिटी मार्केट में निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है किस एक्सचेंज किन-किन कमोडिटीज का कारोबार होता है. मसलन देश के सबसे बड़े नॉन एग्री कमोडिटी एक्सचेंज में बुलियन, क्रूड, बेस मेटल्स का कारोबार होता है.
इसके अलावा कुछ एग्री कमोडिटीज जैसे मेंथा तेल, क्रूड पाम तेल (सीपीओ) की ट्रेडिंग होती है. इसी तरह एनसीडीईएक्स पर ज्यादाातर एग्री कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है. एनसीडीईएक्स पर ग्वार, चना, जौ, गेहूं, सोयाबीन, धनिया, कैस्टर, जीरा, हल्दी समेत अन्य कमोडिटीज का वायदा कारोबार होता है.
कमोडिटी वायदा बाजार में जानें क्या है मार्जिन ?
हाजिर बाज़ार में किसी जिंस को खरीदते हैं तो एक साथ पूरा भुगतान करना पड़ता है लेकिन कमोडिटी वायदा बाजार में कुछ रकम देकर भी ट्रेडिंग संभव है और इस रकम को मार्जिन कहा जाता है. हर कमोडिटी को खरीदने या बेचने के लिए एक निश्चित मार्जिन पहले से तय होता है . सामान्यतया यह मार्जिन मनी 3-5 फीसदी के बीच होती है. लेकिन कभी भारी उतार-चढ़ाव की स्थिति में एक्सचेंज अतिरिक्त या स्पेशल मार्जिन भी लगाते हैं.
कमोडिटी मार्केट में ट्रेडिंग से पहले ये हैं 10 जरूरी बातें
1-कमोडिटी ट्रेडिंग करते समय आप स्टापलॉस का ध्यान जरूर रखें, इससे आपका जोखिम कम होता है. स्टॉपलॉस लगाने से उस निश्चित भाव पर सौदा खुद ही कट जाता है इससे नुकसान होने की संभावना कम रहती है.
2- वायदा बाजार में ट्रेडिंग करने में कम मार्जिन मनी देकर सौदे का विकल्प मिलता है, इसलिए ज्यादा सौदे करने से मुनाफा ज्यादा होगा इस लालच में न फंसे . मतलब यह आप कई लॉट्स में सौदे न करके अपनी आय के अनुसार की ट्रेडिंग करें
3-कमोडिटी ट्रेडिंग और शेयर बाज़ार ट्रेडिंग करने में बुनियादी फर्क है. शेयर बाजार में आप शेयरों को एक बार खरीद कर कई साल बाद भी बेच सकते हैं लेकिन कमोडिटी मार्केट में दो-तीन नियर मंथ में ही कारोबार होता है. इसलिए सौदे खरीदते या बेचने में एक निश्चित अवधि का पालन करना जरूरी होता है.
4-शुरूआत में छोटे सौदे (मिनी लॉट) में कारोबार करने से मुनाफा कमाने की संभावना ज्यादा रहती है. जब आप कमोडिटी मार्केट से पूरी तरह से वाकिफ हो जाये तभी बड़े लॉट्स में कारोबार कर सकते हैं.
5-बाजार के ट्रेंड (रुख) के हिसाब से चलें यानी अगर किसी खास कमोडिटी में लगातार गिरावट का रुख है तो उसी तरह के सौदे डालें.
6- कमोडिटी मार्केट्स में शेयर बाज़ार की तरह ही ग्लोबल स्तर पर जारी होने वाले आंकड़ों का बड़ा असर होता है खासतौर से अमेरिका और चीन के बाज़ारों की खबरें बाज़ार में काफी हलचल लाती हैं इसलिए इन देशों में जारी होने वाले इवेंट्स और आर्थिक आंकड़ों का ध्यान रखें.
7-लिक्विड सौदे में कारोबार करने से फायदेमंद होता है . उदाहरण के तौर पर बुलियन, कच्चा तेल और बेस मेटल्स में कारोबार करने से जोखिम कम होता है और बाज़ार से हमेशा बाहर निकलने का मौका बना रहा है.
8- शेयर बाजार में कमोडिटी मार्केट की तरह डिवीडेंड, बोनस नहीं मिलता है. इसमें सौदा बिकने के बाद ही फायदा या नुकसान होता है.
9-दुनियाभर के केन्द्रीय बैंक की पॉलिसी का भी कमोडिटी मार्केट पर खासा असर होता है खासतौर से बुलियन कारोबार, कच्चा तेल और बेस मेटल्स की कीमतों में इन केन्द्रीय की पॉलिसी का असर दिखता है. इन बैंकों में फेडरल रिजर्व बैंक, बैंक ऑफ इंग्लैड का असर दिखता है.
10- हाजिर बाजार में सप्लाई-डिमांड का भी ध्यान रखें . खासकर एग्री कमोडिटी में कारोबार करते समय मंडियों में किसी फसल की आवक कैसी है और आगे उत्पादन कैसा रहेगा.