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भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही

धन महोत्सव

RBI डिजिटल रुपया “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” क्या है?

  • Post author: धन महोत्सव
  • Post category: फाइनेंस
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ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने कैशलेस और डिजिटल करेंसी के स्वरूप को पूरी तरह से बदल दिया है। जिसके माध्यम से एटीएम, यूपीआई और डिजिटल पेमेंट के अलावा एक नई करेंसी का जन्म हुआ है जिसे हम क्रिप्टोकरेंसी कहते हैं।

RBI डिजिटल रुपया “सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” क्या है?

क्रिप्टोकरेंसी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होने के कारण इसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है यानी यह डिसेंट्रलाइज है। इस कारण से, क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता को ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने एक डिजिटल मुद्रा लॉन्च करने का विचार किया, जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)” के रूप में जाना जाएगा।

यह डिजिटल मुद्रा या रुपया पैसों का एक इलेक्ट्रॉनिक रूप है, जिसका उपयोग ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से संपर्क रहित लेनदेन करने के लिए किया जाएगा।

केंद्रीय बजट 2022 में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) जल्द ही अपनी खुद की डिजिटल करेंसी लॉन्च करेगा जिसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के रूप में जाना जाएगा।

एक ऐसी करेंसी जो पूरी तरह से डिजिटल होगी इसे वर्चुअल करेंसी या वर्चुअल मनी भी कहा जा सकता है क्योंकि यह आपके वॉलेट या हाथ में नहीं दिखेगी लेकिन काम वर्तमान फिजिकल करेंसी जैसा करेंगी।

वर्तमान फिजिकल करेंसी या मनी को फिएट करेंसी (Fiat Currency) कहा जाता है, लेकिन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) डिजिटल रूप में कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त एक डिजिटल मुद्रा होगी। यह एक फिएट मुद्रा के समान है जिसे सरकार द्वारा जारी किया जाता है।

डिजिटल रुपया क्रिप्टोकरेंसी से कैसे अलग है?

आरबीआई की डिजिटल मुद्रा और क्रिप्टोकरेंसी के बीच मुख्य अंतर यह है कि आरबीआई द्वारा जारी डिजिटल मुद्रा को केंद्रीकृत भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही किया जाएगा यानी इस पर भारत सरकार पर पूर्ण नियंत्रण होगा। जबकि, क्रिप्टो ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित एक विकेन्द्रीकृत मंच है जिसे किसी के द्वारा नियंत्रित नहीं किया जा सकता है।

डिजिटल रुपये को बिटकॉइन, एथेरियम और अन्य क्रिप्टोकरेंसी से इस मायने में अलग माना जाएगा कि यह सरकार द्वारा समर्थित है, इसलिए इस डिजिटल रुपये को भौतिक रुपये के बराबर माना जाएगा।

डिजिटल रुपया एक वैध मुद्रा मानी जाएगी जबकि बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को आभासी संपत्ति यानी virtual assets मान लिया गया है, जिसका अर्थ है कि इन मुद्राओं को कानूनी निविदा (Legal Tender) के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

क्या क्रिप्टोकरेंसी पर लगाए गए 30% टैक्स में डिजिटल रुपया शामिल है?

नहीं, आरबीआई डिजिटल रुपया यानी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) 30% टैक्स से मुक्त है। इसके विपरीत, किसी भी प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई पर 30% कर लगाया जाएगा।

सरकार ने टैक्स लगाकर इनडायरेक्ट (अप्रत्यक्ष) रूप से भारत में क्रिप्टोकरंसी को मान्यता प्रदान कर दी है।

अगर आप किसी भी तरह की क्रिप्टोकरेंसी से कमाई कर रहे हैं तो आप 30% टैक्स देकर इसे व्हाइट मनी में बदल सकते हैं।

केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्राएं दो रूपों में आती हैं: 1. थोक सीबीडीसी (Wholesale CBDCs) और 2. खुदरा सीबीडीसी (Retail CBDCs)।

थोक सीबीडीसी केंद्रीय बैंक के भंडार की तरह हैं। केंद्रीय बैंक इसका उपयोग धन जमा करने या अंतरबैंक हस्तांतरण को निपटाने के लिए करेंगा।

खुदरा सीबीडीसी केवल उपभोक्ताओं और कंपनियों की ओर से संस्थागत सरकार समर्थित डिजिटल मुद्राओं के समान हैं। खुदरा सीबीडीसी मध्यस्थ जोखिम को खत्म करेंगे।

RBI ब्लॉकचेन तकनीक और अन्य उपकरणों का उपयोग करके एक भारतीय आभासी मुद्रा (Indian virtual currency) जारी करेगा। भारत में लगभग 20 मिलियन क्रिप्टोकरेंसी निवेशक हैं।

चूंकि भारतीय क्रिप्टो बाजार आधिकारिक तौर पर विनियमित नहीं है, इसलिए डिजिटल संपत्ति की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई राजस्व के अन्य स्रोतों से नहीं की जा सकती है।

आरबीआई की यह डिजिटल करेंसी डिजिटल भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही इकॉनमी को बड़ा बढ़ावा देगी। इसके अलावा, भारतीय वर्चुअल करेंसी अधिक कुशल और लागत प्रभावी होने के कारण मुद्रा प्रबंधन प्रणाली अधिक मजबुत होगी।

आने वाले वर्षों में, आप क्रिप्टोकरेंसी की तरह ही भारतीय डिजिटल मुद्रा में लेनदेन करके भारी मुनाफा कमा सकते हैं। इस मुद्रा को आरबीआई द्वारा नियंत्रित किया जाएगा, इसलिए यहां निवेशकों का जोखिम कम होगा।

वहीं, क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों का सौ फीसदी जोखिम होता है, इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है, इसलिए केंद्रीय बैंक द्वारा जारी की गई यह मुद्रा निवेशकों के लिए काफी फायदेमंद होगी।

Is CryptoCurrency Legal in India and Where can I buy valid Crypto Currency read in Hindi

हमारे मन में पहले दिन से ही कुछ असमंजस भरे प्रश्न घर कर चुके थे कि क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध / लीगल है? कहीं ये बंद तो नहीं हो जायेगी? और मैं वैध क्रिप्टोकरेंसी कहाँ से खरीद सकता हूं? इन सभी दुविधा भरे प्रश्नो का उत्तर इस जानकारी भरे लेख में पढ़िए और अपने ज्ञान द्वारा आत्मनिर्भर हो कर निर्णय लें।

CryptoCurrencies

हाल ही में केंद्रीय मंत्री भागवत कराड ने कहा है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी कानूनी नहीं है और भविष्य में इस सेगमेंट में क्या हो सकता है, इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को किसी भी प्रकार की मान्यता नहीं दी है और इसलिए, वे अभी देश में कानूनी नहीं हैं।

फिर भी अच्छी खबर यह है कि हाल ही में बजट 2022 में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोक्यूरेंसी हस्तांतरण पर 30% कर की शुरुआत की। जिसका अर्थ है कि हालांकि क्रिप्टो भारत में कानूनी नहीं है लेकिन आप क्रिप्टो में 30% कर का भुगतान करके आसानी से व्यापार कर सकते हैं, और सकारात्मक पक्ष यह है कि क्रिप्टोकरेंसी को अब भारत में प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। यह एक कानूनी निविदा नहीं होगी या कानूनी मुद्रा की तरह उपयोग नहीं किया जा सकता है, फिर भी आप 30% कर का भुगतान करके बिना प्रतिबंध के क्रिप्टो खरीद एवं बेच सकते हैं।

क्रिप्टो फर्मों के संस्थापक ने कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर भारी कर एकमुश्त प्रतिबंध से बेहतर है, जबकि एक भारी कर आदर्श नहीं है, यह एकमुश्त प्रतिबंधित लेनदेन से बेहतर है जो भारत की एक बड़ी आबादी को लाभान्वित कर सकता है जिन्होंने CryptoCurrency में निवेश किया हुआ है।

यहां हम सभी को क्रिप्टो करेंसी के बारे में एक महत्वपूर्ण जानकारी पता होनी चाहिए कि मध्य अमेरिका के एक देश अल सल्वाडोर (El Salvador a country in Central America) ने पिछले साल इतिहास रचा था, जब वह बिटकॉइन को कानूनी निविदा / मुद्रा के रूप में अपनाने वाला पहला देश बना था। हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस देश के इस फैसले के परिणामों के आधार पर अन्य देश भविष्य में क्रिप्टो को कानूनी निविदा / मुद्रा के रूप में अपना सकते हैं।

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Where can I buy valid Crypto Currency?
मैं वैध भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही क्रिप्टोकरेंसी कहाँ से खरीद सकता हूं?

अभी के लिए, आपको बिटकॉइन या अन्य डिजिटल मुद्राओं के लिए अपने यू.एस. डॉलर का आदान-प्रदान करने के लिए एक क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म (CryptoCurrency Trading Platform) से गुजरना होगा। सैकड़ों क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हैं जिनका उपयोग आप ऑनलाइन क्रिप्टो खरीदने के लिए कर सकते हैं, लेकिन कुछ अधिक लोकप्रिय कॉइनबेस, जेमिनी और क्रैकेन हैं। ये एक्सचेंज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जहां आप क्रिप्टो करेंसी खरीद और बेच सकते हैं |

बिटकॉइन निवेशकों के लिए गोपनीयता और सुरक्षा महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। बिटकॉइन ब्लॉकचैन पर सार्वजनिक पते की निजी कुंजी भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही हासिल करने वाला कोई भी व्यक्ति लेनदेन को अधिकृत कर सकता है। 1 निजी कुंजी को गुप्त रखा जाना चाहिए-यदि वे बड़ी होल्डिंग के बारे में सीखते हैं तो अपराधी उन्हें चोरी करने का प्रयास कर सकते हैं।

हमारी CryptoCurrency News श्रृंखला में आप सबसे प्रसिद्ध रूपों, बिटकॉइन और एथेरियम से परिचित हो सकते हैं, हालांकि उपयोग के लिए 5,000 से अधिक विभिन्न डिजिटल मुद्राएं उपलब्ध हैं।

ध्यान रखें कि आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले सार्वजनिक पते का संतुलन कोई भी देख सकता है। इस सार्वजनिक जानकारी का दूसरा पहलू यह है कि एक व्यक्ति अपने लिए कई सार्वजनिक पते बना सकता है। इस प्रकार, वे कई पतों पर बिटकॉइन के अपने भंडार को वितरित कर सकते हैं। एक अच्छी रणनीति सार्वजनिक पतों पर महत्वपूर्ण निवेश रखना है जो लेनदेन में उपयोग किए जाने वाले लोगों से सीधे जुड़े नहीं हैं। कोई भी व्यक्ति ब्लॉकचेन पर किए गए लेन-देन का हिस्ट्री देख सकता है, यहां तक ​​कि आप भी।

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हालांकि लेन-देन सार्वजनिक रूप से ब्लॉकचेन पर दर्ज किए भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही जाते हैं, लेकिन उपयोगकर्ता की जानकारी की पहचान नहीं होती है। बिटकॉइन ब्लॉकचेन पर, लेन-देन के बगल में केवल एक उपयोगकर्ता की सार्वजनिक कुंजी दिखाई देती है - लेनदेन को गोपनीय बनाई जाती है । उस अर्थ में, बिटकॉइन लेनदेन नकदी की तुलना में अधिक पारदर्शी और पता लगाने योग्य है क्योंकि ये सभी निजी नकद लेनदेन के विपरीत, सार्वजनिक दृश्य के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन बिटकॉइन लेनदेन में उनके डिजाइन में गुमनामी का एक तत्व भी शामिल है। क्रिप्टो करेंसी के ब्लॉकचैन पर लेनदेन करने वाले दलों-यानी, बिटकॉइन के प्रेषक और प्राप्तकर्ता-का पता लगाना बहुत मुश्किल है।

RBI क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करना चाहता है, वित्त मंत्रालय ने संसद को बताया

RBI Crypto Currency

नई दिल्ली: सोमवार को मानसून सत्र की शुरुआत हो गई है. तमिलनाडू से VCK पार्टी से सांसद डॉ थोल तिरुमावलवन के एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रबंधित भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही किया जाना चाहिए.

डॉ थोल तिरुमावलवन ने वित्त मंत्रालय इन सवालों के जवाब मांगे थे,

1. क्‍या भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने विगत दस वर्षों के दौरान भारत में क्रिप्टोकरेंसी को जारी किए जाने, खरीदने, बेचने, धारण करने तथा इसके परिचालन को परिसीमित किए जाने के संबंध में हिदायतें, परिपत्र, निदेश तथा चेतावनियां इत्यादि जारी की हैं और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्‍या है;

2. क्या आरबीआई ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के दुष्प्रभाव के संबंध में अपनी चिंता व्यक्त की है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

3. क्‍या आरबीआई ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी के प्रवाह को परिसीमित करने हेतु कोई उपयुक्त विधान बनाने की संस्तुति की है;

4. यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

5. यदि नहीं, तो क्या सरकार की भारत में क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग को परिसीमित करने वाला कोई कानून बनाने की कोई योजना है और यदि हां, तो इसके लिए क्‍या समय-सीमा निर्धारित की गई है?

वित्त मंत्रालय ने जवाब में क्या कहा ?

वित्तमंत्री निर्मला सिथारमण की तरफ से इन सवालों के जवाब दिए गए.

इन सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय ने कहा है कि, RBI की ओर से दिसंबर 2013, फरवरी 2017, दिसंबर 2017 में सार्वजनिक नोटिसों के माध्यम से वर्चुअल करेंसी के उपयोगकर्ताओं, धारकों और व्यापारियों को संभावित आर्थिक, वित्तीय, परिचालन, क़ानूनी, ग्राहक सुरक्षा और सुरक्षा सम्बन्धी जोखिम से आगाह किया था. अप्रैल 2018 में वर्चुअल करेंसी में व्यापार करने पर रोक लगाईं थी.

मंत्रालय ने आगे कहा कि, आरबीआई ने अपने दिनांक 3 मई, 202। के परिपत्र के माध्यम से भी अपनी विनियमित संस्थाओं को वीसी में लेनदेन के लिए ग्राहत की यथोचित परिश्रम प्रक्रियाओं को जारी रखने के लिए अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी), धन शोधन निवारण (एएमएल), आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी), धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002, आदि के तहत दायित्व को नियंत्रित करने वाले मानकों के अनुरूप विदेशी प्रेषण के लिए विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपात्नन सुनिश्चित करने की सलाह दी है.

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर क्या है RBI की राय?

RBI से जुड़े सवाल के जवाब में मंत्रालय न कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्रिप्टोकरेंसी के प्रतिकूल प्रभाव पर आरबीआई ने अपनी चिंता जाहिर की है. आरबीआई ने उल्लेख किया कि क्रिप्टोकरेंसी कोई भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही मुद्रा नहीं है क्योंकि प्रत्येक आधुनिक मुद्रा को केंद्रीय बैंक / सरकार द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है. इसके अलावा, फिएट मुद्राओं का मूल्य मौद्रिक नीति और वैध मुद्रा के रूप में उनकी स्थिति पर निर्भर होता है, हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य पूरी तरह से अटकलों और उच्च रिटर्न की उम्मीदों पर निर्भर करता है जो अच्छी तरह से स्थिर हैं, इसलिए किसी देश की मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर इसका एक अस्थिर प्रभाव होगा. किसी देश की मौंद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर आरबीआई दवारा व्यक्त की गई चिंताओं के मद्देनजर, आरबीआई ने इस क्षेत्र पर कानून बनाने की सिफारिश की है. आरबीआई का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए.

क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी की कोई सीमा नहीं हैं और नियामक मध्यस्थता
को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है. इसलिए विनियमन या प्रतिबंध के लिए
कोई भी कानून जोखिम और लाभों के मूल्यांकन और सामान्य वर्गीकरण और मानकों के विकास पर
महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बाद ही प्रभावी हो सकता है.

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जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency: बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी.

जिस बिल का नाम सुनते ही क्रिप्टो धड़ाम,उसमें क्या है?बैन के पक्ष-विपक्ष में तर्क

Cryptocurrency Bill In India: क्रिप्टो करेंसी पर लंबे समय से भारत सरकार और आरबीआई (RBI) की चिंताओं के बीच आखिरकार सरकार ने इस पर बिल लाने की घोषणा कर दी है. केंद्र सरकार 29 नवंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कई बिल पेश करने वाली है जिसमें से एक क्रिप्टोकरेंसी पर भी विधेयक पेश हो सकता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टो पर समीक्षा बैठक भी बुलाई थी. पीटीआई के मुताबिक बैठक में क्रिप्टो के फायदे-नुकसान और रेगुलेशन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई है.

इन खबरों के बाद मार्केट को तो जोरदार झटका पहुंचा ही है लेकिन क्रिप्टो के बाजार में पैसा लगाने वाले भी अब परेशानी में आ गए हैं. इस मसले से जुड़े सभी बड़े सवालों के जवाब हम आपको यहां देने की कोशिश कर रहे हैं.

किस उद्देश्य से लाया जा रहा है क्रिप्टोकरेंसी बिल?

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर भारत में भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही अब तक कोई नियम-कानून नहीं है. इसलिए सरकार इस पर एक विधेयक लाने की तैयारी में है. जिसका नाम होगा- क्रिप्टोकरेंसी एंड रेग्युलेशन ऑफ ऑफिशिय डिजिटल करेंसी बिल, 2021 (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill, 2021). इसके तहत रिजिर्व बैंक ऑफ इंडिया एक आधाकारिक क्रिप्टोकरेंसी जारी करने के लिए एक आसान फ्रेमवर्क तैयार करेगी.

इस बिल के तहत ऐसे प्रावधान लाए जाएंगे जिससे सारी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी बैन हो जाएंगी. हालांकि, इसकी टेक्नोलॉजी और इस्तेमाल को लेकर कुछ अपवाद जरूर रखे जाएंगे.

सरकार की घोषणा के बाद भारत में क्रिप्टो मार्केट का क्या हाल है?

जैसे ही सरकार की तरफ से क्रिप्टो बिल को लेकर घोषणा हुई भारत में क्रिप्टो मार्केट धड़ाम से गिरा. लगभग हर बड़े क्रिप्टोकरेंसी में 15 फीसदी भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही से ज्यादा की गिरावट दर्ज हुई. WazirX के डेटा के मुताबिक, रुपये के संदर्भ में देखे तो बिटकॉइन में 17 फीसदी की गिरावट आई, इथेरियम में 14 फीसदी, डॉजकोइन में भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही 20 फीसदी से अधिक और पोलकाडॉट में 14 फीसदी की गिरावट आई और डॉलर-पेग्ड टोकन टीथर भी लगभग 17 प्रतिशत नीचे रहा.

सरकार के क्रिप्टो पर विधेयक लाने की घोषणा के बाद बाजार गिरा

विदेशों में क्रिप्टोकरेंसी की क्या स्थिति है?

क्रिप्टो करेंसी को कई देशों में मान्यता दी गई है तो वहीं अधिकतर देश इस करेंसी की खिलाफ हैं. हाल ही में चीन ने क्रिप्टो करेंसी पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी है. इसके अलावा नाइजीरिया, टर्की, बोलिविया, एक्वाडोर, कतर, बांग्लादेश, अल्जीरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम में भी इस करेंसी पर पाबंदी लगी है.

वहीं अधिकतर देश अभी भी असमंजस की स्थिति में है कि इस करेंसी पर बैन लगना चाहिए या इसे वैध बना देना चाहिए. मध्य अमेरिका का अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश है जहां क्रिप्टो करेंसी वैध है. रूस में क्रिप्टो करेंसी में निवेश तो कर सकते हैं लेकिन कुछ सामान खरीदने के लिए उसके इस्तेमाल पर पाबंदी है.

अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोप के कुछ देशों में इसे पूरी तरह मान्यता तो नहीं दी गई है लेकिन यहां इस पर कोई पाबंदी भी नहीं है.

क्रिप्टो करेंसी में कितने भारतीय कर चुके हैं निवेश?

क्रिप्टो करेंसी बहुत ही ज्यादा परिवर्तनशील (वोलेटाइल) करेंसी है. ब्रोकर डिस्कवरी और Brokerchooser के मुताबिक भारत में बिटकॉइन ओनर की संख्या 10.07 करोड़ है. इसके अलावा अमेरिका में 2.74 करोड़, रूस (1.74 करोड़) और नाइजीरिया में बैन के बावजूद (1.30 करोड़) लोगों के पास क्रिप्टो करेंसी है.

भारत में क्रिप्टो बैन के भारत मे क्रिप्टोकरेंसी कनुनी तौर पर वैध है या नही खिलाफ और पक्ष में क्या तर्क?

मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार सरकार प्राइवेट क्रिप्टो (e.g: Zcash, Monero, etc) को बैन करने की तैयारी में है. वहीं बिटकॉइन, इथीरियम पब्लिक क्रिप्टो में शामिल है. अब तक बिल पेश नहीं हुआ है इसलिए प्राइवेट और पब्लिक क्रिप्टो की बहस से बचना चाहिए.

न्यूज 18 से बातचीत में cashaa के संस्थापक और सीईओ कुमार गौरव ने कहा, "क्रिप्टोकरेंसी पर पूर्ण प्रतिबंध उचित नहीं होगा क्योंकि दुनिया इस दिशा में आगे बढ़ रही है. एक देश के रूप में अगर हम इसे नजरअंदाज करते हैं तो हम पीछे रह जाएंगे. हमें इसे उचित नियमों के साथ अपनाना चाहिए."

WazirX के फाउंडर और सीईओ ने कहा कि "सरकार का रुख पहले जैसा ही लगता है. हमें बिल में दी गई बातों को पढ़ना चाहिए. बिटकॉइन एक पब्लिक ब्लॉकचेन पर एक पब्लिक क्रिप्टो करेंसी है."

इंडिया टुडे से बातचीत में क्रिप्टो एजुकेशन प्लेटफॉर्म Bitnning के फाउंडर काशिफ रजा ने बताया कि सरकार का प्रस्ताव जो अब आज हमारे पास है वही पिछली बार भी सरकार द्वारा पेश किए गए बिल के समान है.''

केवल एक चीज जो क्रिप्टो निवेशकों को डरा रही है, वह है क्लॉज निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने के बारे में. मूल रूप से अगर हम इसके द्वारा जाते हैं, तो केवल सरकार द्वारा समर्थित करेंसी को ही अनुमति दी जाएगी, बाकी को नहीं. लेकिन यह अंतिम नहीं है. हमें सावधानी बरतने की जरूरत है और पूरे बिल के आने का इंतजार करना चाहिए".

Unocoin के फाउंडर और सीईओ सात्विक विश्वनाथ का मानना है-"प्राइवेट क्रिप्टो की परिभाषा कहीं भी उपलब्ध नहीं है, चाहे हम इसे पढ़ने का प्रयास करें. साथ ही सरकार की ओर से आज जो कुछ बातें हमारे पास हैं, उनके बारे में भी यह वही है जो उन्होंने पहले पेश किया था. लगता है कुछ भी नहीं बदला है. हमें इससे संभलकर चलना होगा. यह एक बहुत ही मनमाना शीर्षक है जो पिछली बार था, अब भी वही है. आज जो तीन, चार बातें निकली हैं, उन पर नजर डालें तो ऐसा लग सकता है कि कोई नया बिल नहीं है, यह पुराने जैसा ही है. फिलहाल, हम अभी इसका कोई मतलब नहीं निकाल सकते हैं. लेकिन हां, निवेशक निश्चित रूप से आशंकित हैं."

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