आदर्श रणनीति

भावनात्मक व्यापारी

भावनात्मक व्यापारी
अजमेर प्रवास के दौरान संघ प्रमुख डॉ. मोहनराव भागवत ने स्वर निनाद समारोह के समापन से पूर्व चित्तौड़ प्रांत के तहसील एवं इससे ऊपर के पदाधिकारियों से चर्चा की। इस दौरान डॉ.भागवत ने संघ की शाखाओं एवं स्वयं सेवकों के बारे में विस्तृत चर्चा की। शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में संचालित शाखाओं सहित रात्रि शाखाओं के बारे में बातचीत की।

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देश में भावनात्मक एकता का आधार हिंदुत्व

भास्कर न्यूज - अजमेर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के घोष में अलग-अलग वाद्य यंत्र बजाए जाते हंै। सभी वाद्य यंत्रों की ध्वनि, संचालन एवं रचना अलग-अलग होती है, लेकिन प्रत्येक स्वयंसेवक एक आधार स्वर को लेकर इसका अभ्यास करता है। यही कारण है कि समस्त वादक मिलकर मधुर सुर गुंजायमान करते हैं। जिस तरह घोष के वाद्यों में भिन्नता होती है लेकिन एक आधार स्वर इन्हें एकता के सूत्र में बांधता है।
उसी तरह देश में पंथ, भाषा, रीति-रिवाज, परंपराओं एवं रहन सहन में भी भिन्नता है। इन सबको एकसूत्र में बांधने वाला आधार स्वर हिंदुत्व है। यह देश में भावनात्मक एकता का आधार है। यह बात आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत ने रविवार को संघ के चित्तौड़ प्रांत के स्वर निनाद शिविर के समापन पर कही। उन्होंने कहा, संघ का एक ही ध्येय है भारत माता की जय। देश पर अनेक संकट हैं, इसके बावजूद विश्व हमारी ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है कि भारत विश्व की ताकत बन कर सामने आए, क्योंकि हमारा आदर्श है त्याग और सेवा। हमे दूसरे देशों को झुकाने के लिए वैभवशाली नहीं बनना है बल्कि दूसरों को भी अपने समान श्रेष्ठ बनाने के लिए विश्व शक्ति बनना है।

रुपये में गिरावट को ‘भावनात्मक’ नहीं तथ्यात्मक तरीके से देखें : दास

दास की तरफ से यह बयान दरअसल रुपये में गिरावट को लेकर बहस के बीच आया है।

उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में रुपये में कम गिरावट आई है और वास्तव में अमेरिकी डॉलर को छोड़ कर अन्य मुद्राओं के मुकाबले इसमें मजबूती आई है।

दास ने बुधवार को यहां बैंकरों के वार्षिक एफआईबीएसी सम्मेलन में कहा, ‘‘इस गिरावट को बिना भावनाओं और पूरी तरह से तथ्यों के आधार पर देखना चाहिए।’’

आरबीआई प्रमुख ने कहा कि जापानी येन के मुकाबले रुपया 12.4 प्रतिशत, चीनी युआन के मुकाबले 5.9 प्रतिशत, पाउंड स्टर्लिंग की तुलना में 4.6 प्रतिशत और यूरो के मुकाबले 2.5 प्रतिशत मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में रुपये की हिस्सेदारी समग्र आर्थिक विकास और विशेष रूप से निर्यात से जुड़ी भावनात्मक व्यापारी है।

उद्धव ठाकरे की शिवसेना के पास कोई भावनात्मक मुद्दा नहीं, शिंदे के पास जा सकती है पार्टी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे | एएनआई

शिवसेना किसकी है? ये सवाल आने वाले दिनों में राजनीतिक, कानूनी और पार्टी संरचना के अंदर तय होने वाला है. शिवसेना पर नियंत्रण कायम करने के लिए मुख्य रूप से दो शक्तियां आमने सामने हैं. पार्टी अभी उद्धव ठाकरे वाले भावनात्मक व्यापारी खेमे के पास है, जबकि विधानमंडल दल के अंदर विभाजन है भावनात्मक व्यापारी और दूसरे खेमे का नेतृत्व महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं.

बीजेपी इस सत्ता संघर्ष में शिंदे के साथ और ठाकरे के खिलाफ है, जिससे शिंदे गुट का वजन बढ़ गया है. इसके बावजूद कुछ राजनीतिक संकेत ऐसे हैं, जिसके आधार पर कहा जा सकता है कि शिंदे गुट का पलड़ा इस सत्ता संग्राम में भारी रहेगा.

अलग तरह की पार्टी है शिवसेना

शिवसेना अपने जन्मकाल से ही भय या आशंका के प्रतिरोध में जन्मी पार्टी रही है. शिवसेना की स्थापना के जड़ में मराठी भाषी लोगों का ये भय है कि सत्ता, राजकाज, भाषा संस्कृति, कारोबार में गैर-मराठी लोग हावी हो रहे हैं और उनके हावी होने से मराठी भावनात्मक व्यापारी लोगों की स्थिति महाराष्ट्र में ही कमजोर पड़ रही है. महाराष्ट्र को गैर-मराठी भाषियों के वर्चस्व से बचाए रखना शिवसेना का मराठियों से किया गया वादा है.

इस आशंका के साथ शिवसेना के वैचारिक पैकेज में शिवशाही यानी छत्रपति शिवाजी महाराज के दौर की गौरव गाथाएं भी हैं. दरअसल सिर्फ आशंका के साथ एक पहचानवादी पार्टी का चल पाना संभव नहीं है. ऐसे भय की पैकेजिंग अतीत की गौरव गाथाओं के साथ की जाती है. नैरेटिव ये बनाया गया है कि महाराष्ट्र शिवाजी महाराज के समय महान था. उस महानता को फिर से हासिल करना है.

भय और गौरव का ये भावनात्मक व्यापारी सामंजस्य ही शिवसेना की वैचारिक बुनियाद है.

शिवसेना को हमेशा एक विरोधी पक्ष की जरूरत रही है

महाराष्ट्र और गुजरात पहले बॉम्बे प्रेसिडेंसी का हिस्सा थे और महाराष्ट्र में मराठी भाषी अस्मिता केंद्र में रही. इसके अलावा इसे कुछ इलाका निजाम के हैदराबाद से मिला. इसका कुछ हिस्सा कन्नड़भाषी इलाकों से भी सटा हुआ है.

मुंबई चूंकि एक समय बॉम्बे प्रेसिडेंसी का प्रशासनिक केंद्र था और गुजराती तथा पारसी व्यापारी यहां के बिजनेस और रियल एस्टेट पर हावी भावनात्मक व्यापारी थे, इसलिए यहां मराठी भाषी लोगों का संपत्ति के स्रोत पर नियंत्रण नहीं था. बौद्धिक क्षेत्र, मीडिया आदि में भी मुंबई में अंग्रेजी भाषी दक्षिण भारतीय लोगों का खासा दबदबा रहा. ट्रेड यूनियनों पर भी गैर-मराठी लोग हावी थे और उनके होते हुए मुंबई की आबादी की संरचना बदलने की कोई गुंजाइश नहीं थी क्योंकि ट्रेड यूनियनें वर्गीय आधार पर काम करती हैं और व्यक्तिगत पहचान को भावनात्मक व्यापारी नकारकर चलती हैं.

Mulank 5 Jyotish 23 October 2022 Numerology Prediction: मूलांक 5 वाले भावनात्मक विषयों में जल्दबाजी न दिखाएं, व्यापार के रास्ते खुलेंगे

जानें कैसा रहेगा आपका दिन

  • नई दिल्ली,
  • 23 अक्टूबर 2022,
  • (अपडेटेड 23 अक्टूबर 2022, 4:00 AM IST)

नंबर 5
23 अक्टूबर 2022 का मूलांक 5 और भाग्यांक 3 है. अंक 5 वालों के लिए आज का दिन मनोवांछित परिणाम देने वाला है. लाभ विस्तार पर जोर बनाए रखेंगे. अनुभवियों की सीख सलाह का सम्मान करेंगे. विनम्रता और सामंजस्यता बनाए रखेंगे. उद्योग व्यापार के कार्य बनेंगे. विविध गतिविधियों में गति आएगी. साज संवार बढ़ाएंगे. पेशेवरता बनाए रहेंगे. अनुशासन अनुपालन पर जोर रहेगा. सफलता का प्रतिशत ऊंचा रहेगा. सबको साथ लेकर चलेंगे. अंक 5 वालों में लक्ष्य साधने की गहरी समझ होती है. व्यवस्थागत कार्यों को बेहतर ढंग से करने में सक्षम होते हैं. अंक 5 को आज महत्वपूर्ण विषयों की सूची बनाकर ध्यान देना चाहिए. क्षमाशील बने रहेंगे.

तृणमूल विधायक मनोरंजन व्यापारी ने फेसबुक पर पोस्ट किया भावनात्मक बयान, लिखा-राजनीति में आना मेरी भूल थी

तृणमूल विधायक ने फेसबुक पर पोस्ट किया भावनात्मक बयान

राजनीति में आना मेरी भूल थी। मुझे राजनीति में नही आना चाहिए था। दो महीने पहले हुगली जिले की बालागढ़ विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए तृणमूल विधायक मनोरंजन व्यापारी ने फेसबुक पर यह बयान पोस्ट किया है। उनके इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए भावनात्मक व्यापारी हैं।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राजनीति में आना मेरी भूल थी। मुझे राजनीति में नही आना चाहिए था। दो महीने पहले हुगली जिले की बालागढ़ विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए तृणमूल विधायक मनोरंजन व्यापारी ने फेसबुक पर यह बयान पोस्ट किया है। उनके इस बयान ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। मनोरंजन व्यापारी ने इस बयान के पीछे जनता की तकलीफ व उनकी समस्याओं का जिक्र किया है।

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