स्टॉक डिविडेंड vs स्टॉक स्प्लिट

इस कंपनी की प्रमोटर भारत सरकार है. सरकार को राजकोषीय जरूरतों को पूरा स्टॉक डिविडेंड vs स्टॉक स्प्लिट करने के लिए पैसे की जरूरत होगी. इसलिए कंपनी भविष्य में डिविडेंड देना जारी रखेगी. 2019-20 में एचपीसीएल ने 97 फीसदी भुगतान किया था. मुनाफे में गिरावट के बाद भी कंपनी ने इसे कायम रखा है. चूंकि, सरकार जबरन तेल सब्सिडी का बोझ नहीं डाल रही है. इसलिए सरकारी तेल कंपनियों ने अच्छा कैश फ्लो जेनरेट करना शुरू कर दिया है. वैसे तो एचपीसीएल का एफसीएफ 2018-19 और 2019-20 में निगेटिव हो गया था. लेकिन, 2020-21 में एफसीएफ के दोबारा पॉजिटिव हो जाने के आसार हैं. 2020-21 में एफसीएफ यील्ड करीब 14 फीसदी पर पहुंच सकती है. इसका मतलब यह है कि एचपीसीएल दोबारा डिविडेंड रेट को बढ़ा सकती है.
बोनस शेयर के साथ स्टॉक स्प्लिट भी करेगी Easy Trip Planners, किया रिकॉर्ड डेट का ऐलान, जानें
ऑनलाइन ट्रैवल कंपनी ईजी ट्रिप प्लानर्स ( Easy Trip Planners) के बोर्ड ने कुछ दिनों पहले कंपनी के निवेशकों को बोनस शेयर (Bonus Share) जारी करने और उसके शेयरों को विभाजित (Stock Split) करने की मंजूरी दी थी। कंपनी ने अब गुरुवार 10 नवंबर को इसके लिए रिकॉर्ड डेट (Record Date) का ऐलान किया है। ईजी ट्रिप प्लानर्स ने स्टॉक एक्सचेजों को भेजी जानकारी में बताया कि कंपनी के बोनस शेयर और स्टॉक स्पिल्ट के लिए 22 नवंबर 2022 को रिकॉर्ड डेट तय किया है। बता दें कि कंपनी स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर जारी करने के लिए जिस तारीख को योग्य निवेशकों की पहचान करती है, उसे रिकॉर्ड डेट कहते हैं।
Easy Trip Planners ने पिछले महीने बताया था कि उसके बोर्ड ऑफ डायरेक्ट ने निवेशकों को 3:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी करने और 1:2 के अनुपात में शेयरों को विभाजित करने की मंजूरी दी है। इसका मतलब है कि ईजी ट्रिप प्लानर्स के शेयरधारकों को प्रत्येक 3 शेयर के बदले में 1 अतिरिक्त शेयर बोनस के रूप में जारी किया जाएगा। वहीं कंपनी अपने 2 रुपये के फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर को 1 रुपये के फेस वैल्यू वाले 2 शेयरों में बांटेगी।
स्टॉक स्प्लिट फॉर्मूला
कंपनी के शेयरों की संख्या की गणना करने के लिए, आपके पोर्टफोलियों में उस कंपनी के शेयर्स होनी चाहिए। अब किस तरह से स्टॉक स्प्लिट होता है उसके लिए शेयर मार्केट का गणित को समझना ज़रूरी है।
अब आप मौजूदा शेयरों की संख्या को प्रत्येक मौजूदा शेयर के लिए जारी किए गए नए शेयरों की संख्या से गुणा करें।
उदाहरण के लिए, यदि एबीसी कंपनी के आपके पास 150 शेयर हैं, और वह कंपनी 2:1 के अनुपात में स्टॉक स्प्लिट कर रही है, तो आपके पास जितने नए शेयर होंगे, वह 300 (150×2) होंगे।
स्टॉक स्प्लिट के बाद शेयर की कीमत जानने के लिए, नीचे दिए गए फॉर्मूले को लागू कर सकते है:
नया शेयर प्राइस = पुराना शेयर प्राइस / स्टॉक स्प्लिट अनुपात
नया शेयर प्राइस = 100 /(3:1)
यदि उस स्टॉक का अंतिम ट्रेडिंग प्राइस ₹100 था, और स्टॉक स्प्लिट अनुपात 3:1 है, तो शेयर की नई प्राइस ₹100/(3:1) = ₹33.33 होगी।
स्टॉक स्प्लिट vs बोनस शेयर
स्टॉक स्प्लिट से आपके मौजूदा इक्विटी शेयर ( equity meaning in hindi ) कई गुना तक उस कंपनी के स्प्लिट अनुपात के अनुसार बढ़ जाते हैं। जिससे शेयर की प्राइस तो कम हो जाती है, लेकिन आपके पोर्टफोलियो में कुल स्टॉक डिविडेंड vs स्टॉक स्प्लिट शेयरों के मूल्यांकन पर इसका कोई असर नहीं पड़ता है।
दूसरी ओर, बोनस शेयरों ( bonus share meaning in hindi ) के मामले में, आपको आपके शेयरों की संख्या के अनुसार फ्री शेयर दिए जाते है जो कि आपके लिए वेहतर है क्योंकि इससे आपके पोर्टपोफियों की वैल्यु बढ जायेगी। बोनस शेयर आम तौर पर मौजूदा शेयरधारकों को सकारात्मक रुप से प्रभावित करते हैं।
स्टॉक डिविडेंड vs स्टॉक स्प्लिट
स्टॉक डिविडेंड, स्टॉक स्प्लिट से बिलकुल ही अलग है।
डिविडेंड मीनिंग इन हिंदी को समझा जाये तो इसमें इक्विटी शेयरों के रूप में निवेशकों के बीच प्रॉफिट वितरित किया जाता है, जैसे मानलो आपने किसी कंपनी में निवेश किया है और वह अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने जा रही है तो एक तरह से कंपनी अपने प्रॉफिट का हिस्सा अपने शेयरहोल्डर्स के साथ बांटना चाहती है लेकिन ये निर्णय पूरी तरह से कंपनी पर निर्भर करता है कि वह कंपनी डिवीडेंट देना चाहती है या नही।
स्टॉक स्प्लिट में, कोई नया शेयर आवंटित नहीं किया जाता है, बल्कि मौजुदा शेयर्स को कई हिस्सो में तोड़ दिया जाता है। इसके अलावा, स्टॉक स्प्लिट का निर्णय तब लिया जाता है जब किसी शेयर का मार्केट प्राइस अधिक हो जाता है और जब उसे कम करने की आवश्यकता होती है।
इस पेट्रोकेम स्टॉक ने घोषित किया 100 फीसदी का अंतरिम डिविडेंड, अगले सप्ताह है रिकॉर्ड तिथि
Updated: October 28, 2022 11:40 AM IST
जुलाई-सितंबर 2022 या Q2 FY23 को समाप्त अवधि के लिए अपनी दूसरी तिमाही की आय की घोषणा करते हुए, सुप्रीम पेट्रोकेम लिमिटेड ने कहा कि उसके बोर्ड ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ₹4 (100%) का अंतरिम लाभांश स्वीकृत और घोषित किया है. कंपनी ने अगले सप्ताह शुक्रवार, 4 नवंबर, 2022 को रिकॉर्ड तिथि की घोषणा की है.
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कंपनी ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि कंपनी के निदेशक मंडल ने 27 अक्टूबर, 2022 को हुई बैठक में 4 रुपये अंकित मूल्य वाली कंपनी के प्रति इक्विटी शेयर 4 रुपये के अंतरिम डिविडेंड को मंजूरी की घोषिणा किया है.
इस बीच, कंपनी ने उक्त अंतरिम लाभांश की पात्रता के उद्देश्य से शुक्रवार, 4 नवंबर, 2022 को “रिकॉर्ड तिथि” के रूप में निर्धारित किया है. उसके अनुसार, कंपनी के शेयरधारक शुक्रवार, 4 नवंबर, 2022 को कारोबार के अंत में लाभांश के भुगतान के लिए पात्र होंगे.
कंपनी मिलियन टन पॉलिमर और एक्सपेंडेबल पॉलीस्टाइनिन के निर्माण में लगी हुई है और भारत में दो स्थानों से अत्याधुनिक उत्पादन सुविधाओं का स्वामित्व और संचालन करती है. रायगढ़, महाराष्ट्र में नागोथाने के पास अमदोशी – वंगानी गांव और न्यू स्टॉक डिविडेंड vs स्टॉक स्प्लिट मनाली टाउन में तमिलनाडु में चेन्नई के पास है. सुप्रीम पेट्रोकेम के शेयर 2022 (YTD) में अब तक लगभग 2% नीचे हैं, जबकि पेट्रोकेम स्टॉक में एक साल की अवधि में 11% से अधिक की वृद्धि हुई है.
विभाजन कैलेंडर
जोखिम प्रकटीकरण: वित्तीय उपकरण एवं/या क्रिप्टो स्टॉक डिविडेंड vs स्टॉक स्प्लिट करेंसी में ट्रेडिंग में आपके निवेश की राशि के कुछ, या सभी को खोने का जोखिम शामिल है, और सभी निवेशकों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। क्रिप्टो करेंसी की कीमत काफी अस्थिर होती है एवं वित्तीय, नियामक या राजनैतिक घटनाओं जैसे बाहरी कारकों से प्रभावित हो सकती है। मार्जिन पर ट्रेडिंग से वित्तीय जोखिम में वृद्धि होती है।
वित्तीय उपकरण या क्रिप्टो करेंसी में ट्रेड करने का निर्णय लेने से पहले आपको वित्तीय बाज़ारों में ट्रेडिंग से जुड़े जोखिमों एवं खर्चों की पूरी जानकारी होनी चाहिए, आपको अपने निवेश लक्ष्यों, अनुभव के स्तर एवं जोखिम के परिमाण पर सावधानी से विचार करना स्टॉक डिविडेंड vs स्टॉक स्प्लिट चाहिए, एवं जहां आवश्यकता हो वहाँ पेशेवर सलाह लेनी चाहिए।
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ये हैं ज्यादा डिविडेंड देने वाले 5 शेयर, सुरक्षा के साथ अच्छा रिटर्न
दूसरे शब्दों में कहें तो यह उन निवेशकों के लिए है जो 'लो रिस्क, लो रिटर्न' स्ट्रैटेजी को फॉलो करने वाले हैं. यूटीआई म्यूचुअल फंड की फंड मैनेजर स्वाति कुलकर्णी कहती हैं कि बाजार में तेजी के दौरान इस स्ट्रैटेजी से बहुत शानदार रिटर्न नहीं मिलेंगे. लेकिन, इसमें गिरावट सीमित रहेगी. कारण है कि गिरावट के समय हाई यील्ड कुशन का काम करेगी. इस तरह यह स्ट्रैटेजी अच्छा रिस्क एडजेस्टेड रिटर्न देती है.
वैसे निवेशकों को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि इस स्ट्रैटेजी से जोखिम खत्म हो जाता है. प्रिंसिपल म्यूचुअल फंड में हेड ऑफ इक्विटीज रवि गोपालकृष्णन कहते हैं कि डिविडेंड यील्ड स्ट्रैटेजी को फॉलो करने वाले निवेशकों को यह नहीं मान लेना चाहिए कि यह रिस्क फ्री है. आखिरकार आपका निवेश इक्विटी में है. इसलिए जोखिम खत्म नहीं हो जाएगा.