ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना

Intraday के लिए Stock कैसे चुने | intraday stock kaise select kare
Intraday के लिए Stock कैसे चुने– अच्छा कमाई करने के लिए सही शेयर का चुनना बहुत जरुरी हैं। आज ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना हम जानेंगे अच्छा intraday stock kaise select kare कौन से ऐसे Criteria होना चाहिए जिसको फॉलो करने से आप ट्रेडिंग से अच्छा पैसा कमाई करने में आसानी हो।
Table of Contents
Intraday के लिए Stock कैसे चुने
Intraday Trading में आप बहुत ही कम समय के लिए काम करते हो। इसलिए आपका Stock Selection Perfect होना बहुत जरूरी हैं। आपको पहले दिन ही देखना चाहिए कौन से स्टॉक में आपको अगले दिन काम करना हैं। पहले से ही तैयारी करके रखना चाहिए। अगर मार्केट आपके हिसाब से काम करे तो आप अच्छा ट्रेड ले सको।
ज्यादा Liquidity स्टॉक चुने:- Intraday Trading में आपको सबसे पहले ज्यादा Liquidity वाले शेयर को ही चुनना चाहिए। Liquidity का मतलब जिस शेयर में Buyer और Seller ज्यादा होता हैं उसी को High Liquidity स्टॉक कहते हैं। अगर खरीदार और बेचनेवाले कम होंगे तब हो चकता है जिस वक्त आप शेयर को Sell करना चाहते हो उस वक्त आपको खरीदार ही ना मिले। इसलिए आपको Intraday के लिए ज्यादा Liquidity स्टॉक में ही ट्रेडिंग करना चाहिए।
ज्यादातर जो कंपनी बड़ी होती है उसमे उतना ही ज्यादा Buyer और Seller मजूद होता है। इसलिए आपको Large cap Stocks को सेलेक्ट करना चाहिए। इसमें आपको हर सेकंड पर खरीदार और बेचनेवाले मिल जायेंगे।
Top Gainers/ Top Loosers स्टॉक चुने:- आपको ट्रेडिंग करने के लिए पिछले दिन के ज्यादा बढ़नेवाले या गिरनेवाला शेयर को चुनना चाहिए। आपको आज ट्रेड करना है तो पिछले दिन के Gainers और Loosers स्टॉक के Chart को देखना चाहिए। अगर कोई स्टॉक ऊपर या नीचे जाने का पहला दिन हैं। तो आपको एसी स्टॉक को Intraday के लिए लेना चाहिए।
intraday stock kaise select kare
सेक्टर के आधार पर:- मार्केट में पिछले दिन किन सेक्टर में ज्यादा ऊपर नीचे हुआ है। आपको उसमे नजर रखना चाहिए। ट्रेडिंग के दिन जिस भी सेक्टर में आपको ऊपर या नीचे जाते नजर आ रहा है। उस सेक्टर में ट्रेड लेना है ऊपर जा रहा है तो ऊपर का लेना है और नीचे जा रहा है तो नीचे का ट्रेड लेना हैं। आपको मार्केट के हिसाब से चलना चाहिए। जिस तरफ मार्केट जा रहा है उसी दिशा में आपको ट्रेडिंग करना हैं।
न्यूज़ पे असर वाले स्टॉक:- जब भी कोई न्यूज़ आता है उस स्टॉक के बारे में इसका असर शेयर प्राइस पर होते देखना चाहिए। अगर कोई अच्छी खबर आता है तो उसकी प्राइस बढ़ने चाहिए और बुरी खबर आता है तो गिरावट देखना चाहिए। ये होना इसलिए जरुरी है क्युकी कोई अच्छा न्यूज़ आता है उसकी प्राइस बड़ेगी और उसमे ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमाई कर पाओगे।
Intraday Stocks में क्या नहीं होना चाहिए
Small cap Stock नहीं होना चाहिए:- Intraday में ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना आपको बिल्कुल Small cap Stock पर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। Mid cap भी अच्छा है लेकिन Large cap Stock सबसे अच्छा हैं Intraday Trading के लिए।
Upper circuit / Lower Circuit स्टॉक:- एसी स्टॉक में आपको बिल्कुल ट्रेडिंग नहीं करनी है जिसमे Upper circuit या Lower Circuit को जल्दी हित करे। अगर कोई भी Intraday Stocks में ये जल्दी लगेगा तो आपको शेयर Buy और Sell करने में प्रॉब्लम होगा। इसलिए आपको एसी स्टॉक से दूर रहना हैं।
मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा कैसे पता करे
Intraday Trading में मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा इसमें नजर रखना बहुत जरुरी हैं। आपको जानना बहुत जरुरी है मार्केट किस तरफ जाने की संभावना ज्यादा हैं। ऐसे में आपको Global मार्केट को देखना बहुत जरुरी हैं। ये देखना इसलिए जरुरी है क्युकी आम तौर पर ऐसा देखा गया है जब भी Global Market गिरता है Indian मार्केट भी गिरता हैं।
और ऐसा इसलिए भी होता है आज के जो मार्केट है एक दुसरे में लिंक हैं। बहुत सारे ऐसे कंपनी है जो भारत में भी लिस्टेड है और Global बाज़ार में भी लिस्टेड हैं। अगर उसमे प्राइस गिरता है तो इसमें भी इसका असर देखने को मिलता हैं। इसलिए आपको Intraday ट्रेडिंग से पहले Global Market को देखना चाहिए। जिससे उसके आधार पर आप एक अच्छा फैसला ले सके।
Intraday Trading में नुकसान से बचने के लिए क्या करे
Stop Loss और Target जरुर लगाए:- Intraday Trading में Stop Loss और Target लगाना बहुत जरुरी हैं। अगर आप Stop loss नहीं लगायेंगे तो नुकसान होने की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। और Target नहीं लगाया तो हो चकता है एक बार में अच्छा प्रॉफिट हो लेकिन ज्यादातर आपको नुकसान का सामना करना पर चकता हैं। इसलिए दोनों ट्रेड एक साथ डालना बहुत जरुरी हैं।
लालश से दूर रहे:- ट्रेडिंग से पहले आपने जो भी टारगेट के लिए ट्रेड लिया है उसको हासिल होने के बाद आप प्रॉफिट बुक कर ले और ज्यादा लालश के चक्कर में ना पड़े। ज्यादा देर तक ट्रेडिंग करते रहोगे तो बाद में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाता हैं।
मेरी राय:-
शेयर मार्केट में Intraday Trading में बहुत ही रिस्क होता हैं। इसमें जितना जल्दी आप मुनाफा कमा चकते हो उतना जल्दी आप पैसा गवा भी चकते हो। अगर आपको यदि करना ही है तो सबसे पहले कम पैसे से सुरवात करना चाहिए। उतना ही पैसा ट्रेडिंग में लगाए जितना नुकसान होने पर भी ज्यादा फर्क ना पड़े। अगर आप practice और साथ साथ सीखते रहोगे तो जरुर एक सफल ट्रेडर बन पाओगे।
आशा करता हु आपको Intraday के लिए Stock कैसे चुने intraday stock kaise select kare पोस्ट को पढ़के अच्छी तरह से समझ गए होंगे कैसे एक अच्छा शेयर को चुने जाते हैं। अगर आपके मन में इससे जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे साथ बने रहना चाहिए।
इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे
जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन
Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM
लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.
क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.
1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.
2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.
3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.
4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.
5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.
डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग
अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.
डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक कैसे चुने? | How to Select Stocks for Intraday Trading
Intraday Trading Tips in Hindi: एक इंट्राडे ट्रेडर के रूप में सफल होने के लिए, आपको ट्रेड करने के लिए सही स्टॉक की पहचान करने की आवश्यकता है। तो आइए इस लेख ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना में समझें कि इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक कैसे चुने? (How to Select Stocks for Intraday Trading)
Intraday Trading Tips in Hindi: ऐसा कहा जाता है कि आपको बाजारों को समय नहीं देना चाहिए। हालांकि, शेयर बाजारों में बेहतर रिटर्न अर्जित करना सीधे उस समय से जुड़ा होता है जिस समय आप मार्केट में प्रवेश करते हैं और बाहर निकलते हैं। किसी ट्रेड में आपका एंट्री प्राइस और एग्जिट प्राइस आपकी सुविधा के अनुसार नहीं हो सकता है। यह एक चलती ट्रेन है जिसे आपको सही ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना समय पर पकड़ने की जरूरत है।
मार्केट में प्रवेश करने का अर्थ है Buy-Sell Cycle के पहले आर्डर को क्रियान्वित करना। जब आप पहली बार किसी स्टॉक को बाद में बेचने की योजना के साथ खरीदते हैं, तो इस प्रक्रिया को लॉन्ग पोजीशन कहा जाता है। जब आप 'लॉन्ग' जा रहे हों तो बाजार में प्रवेश एक खरीद आदेश के साथ होता है जिसके बाद बिक्री आदेश होता है। खरीद आदेश आदर्श रूप से स्टॉक की कीमतों के संभावित रैली या ऊपर की ओर बढ़ने की शुरुआत में होना चाहिए।
इसके विपरीत, आप एक स्टॉक को इंट्राडे मार्केट में एंट्री करने के लिए पहली चाल के रूप में भी बेच सकते हैं। इस प्रकार के मूव को शॉर्ट पोजीशन कहा जाता है। जब आप 'शॉर्ट' जा रहे हों तो बाजार में प्रवेश एक सेल आर्डर के माध्यम से होता है, उसके बाद एक बाय आर्डर होता है। सेल आर्डर को आदर्श रूप से कीमत में संभावित गिरावट की शुरुआत में रखा जाना चाहिए
तो आप वास्तव में कैसे जानते हैं कि बाजार में एंट्री करने और एग्जिट ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना का सही समय क्या है? इस सवाल का जवाब आपकी स्ट्रेटेजी में है। यह पता लगाने से जुड़े कई पॉइंट्स हैं कि आप अधिकतम रिटर्न सुनिश्चित करने के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग में कैसे प्रवेश और निकास कर सकते हैं।
1) बाजार में रुझान ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना के अनुसार दर्ज करें
जब आप बाजार में प्रवेश करते हैं तो सबसे पहली और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रेंड का पालन करना है। बुलिश मार्केट में लॉन्ग जाएं और मंदी के दौर में शॉर्ट जाएं। आपको इंट्राडे बाजारों में ट्रेंड को कभी भी टालना नहीं चाहिए क्योंकि अचानक अप्रत्याशित घोषणा या होने पर बाजार एक विशेष दिशा का पालन करते हैं। आपको हमेशा स्टॉक खरीदना चाहिए जब बाजार ऊपर जा रहा हो ताकि आपकी संपत्ति का मूल्य बढ़े और जब बाजार गिर रहा हो तो इसे पहले बेच दें, ताकि आप अधिकतम रिटर्न अर्जित करने के लिए इसे निचले स्तर पर खरीद सकें। हालांकि, अगर बाजार लंबे समय से लगातार बढ़ रहा है, तो खरीदना नासमझी है, क्योंकि बाजार में अधिक खरीदारी होने की संभावना है और इसलिए, कीमत अपने आप सही हो सकती है। इसी तरह अगर कीमतें लंबे समय से गिर रही हैं, तो बेचने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि कीमतों के अधिक बिकने की संभावना है और इसलिए, जल्द ही वृद्धि होगी। प्रतिरोध और समर्थन स्तर आपको इन स्तरों की पहचान करने और बाजारों में प्रवेश करने के लिए सही समय खोजने में मदद करते हैं।
2) एंट्री राइट प्राइस का पता लगाएं
एक बार जब आप मार्केट की दिशा को समझ लेते हैं, तो यह समझना जरूरी है कि बाजार ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना में पोजीशन लेने का सही समय कब होगा। इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडिंग सेशन के पहले आधे घंटे में बाजार की कीमतें आमतौर पर अत्यधिक अस्थिर होती हैं क्योंकि पिछले दिन के ऑर्डर निष्पादित हो जाते हैं जो बाजारों में अस्थिरता का कारण बनते हैं। शुरुआती उतार-चढ़ाव सेटल होने के बाद, बाजार एक विशेष दिशा ग्रहण करते हैं, जिसमें वे दिन के अधिकांश भाग के लिए व्यापार करते हैं। यह एक तेजी की चाल या मंदी की चाल या बग़ल में चाल हो सकती है। आपको यह सुनिश्चित करने के लिए ट्रेंड की शुरुआत में अपनी पोजीशन चुननी चाहिए कि मार्केट में एंट्री करने के बाद ट्रेंड का पूरा पाठ्यक्रम होता है। ट्रेंड के अंत में आपको बाजार में प्रवेश करने से बचना चाहिए, क्योंकि ट्रेंड हमेशा एक बिंदु के बाद खुद को उलट देगी
3) स्टॉप लॉस फिक्स्ड के साथ दर्ज करें और स्टॉप लॉस पर बाहर निकलें
स्टॉप लॉस तय करता है कि नुकसान के समय बाजार से कब बाहर निकलना है। सही समय पर बाजार में प्रवेश करना जितना जरूरी है, नुकसान से बचने के लिए सही समय पर बाहर निकलना भी उतना ही जरूरी है। आपका स्टॉप लॉस आपके प्रवेश मूल्य के साथ तय किया जाना चाहिए और आपका पहला ऑर्डर डालते समय दर्ज किया जाना चाहिए। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो नुकसान की स्थिति में अपनी पोजीशन को समाप्त करने के लिए एक अलग आदेश दें। आपको स्टॉप लॉस से बचकर बाजारों के ठीक होने और अनुकूल दिशा में आगे बढ़ने का इंतजार नहीं करना चाहिए। इससे बाजारों में और नुकसान ही होगा।
4) व्यवहार्य और उचित लक्ष्य निर्धारित करें
जैसे मार्केट में प्रवेश करते समय आपका स्टॉप लॉस फिक्स होना चाहिए, वैसे ही आपका टारगेट भी फिक्स होना चाहिए। आपकी स्ट्रेटेजी और आपकी योजना में स्पष्ट रूप से आपके लक्ष्यों के लिए एक निश्चित चिह्न होना चाहिए। आपको अपने रिटर्न की बुकिंग के लिए बहुत लंबा इंतजार नहीं करना चाहिए, न ही आपको अपने अर्जित रिटर्न को खोने और पूर्व-निर्धारित लक्ष्य से पहले बेचने से डरना चाहिए। हमेशा एक लक्ष्य निर्धारित करें और अपनी स्थिति को चुकता करने से पहले उस स्तर तक पहुंचने की प्रतीक्षा करें। बिहेवियर फाइनेंस का कहना है कि जब कोई व्यक्ति बेहतर रिटर्न कमा रहा होता है, तो वह अत्यधिक जोखिम से बच जाता है और वास्तविक लक्ष्य हासिल होने से पहले ही रिटर्न बुक कर लेता है। ऐसा नहीं होना चाहिए और आपको हमेशा अपनी इंट्राडे पोजीशन के लिए भी एक टारगेट ऑर्डर देना चाहिए। आपका लक्ष्य आपके स्टॉप लॉस के अनुपात में होना चाहिए और टारगेट टू स्टॉप लॉस अनुपात 2:1 या 3:1 होना चाहिए। 1:1 के हानि अनुपात को रोकने का लक्ष्य इंट्राडे बाजारों के लिए आदर्श नहीं है
5) ऊपर जा रहे मजबूत स्टॉक खरीदें
इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रवेश और निकास के लिए, अपने पैसे पर दांव लगाने के लिए सही स्टॉक चुनना बेहद जरूरी है। अगर आप एक तेजी के बाजार में पैसा कमाना चाहते हैं, तो आपको हमेशा अपने पैसे को एक स्ट्रिंग स्टॉक पर दांव लगाना चाहिए, जिसकी मात्रा 20-30 प्रतिशत अधिक है और ऐसे स्टॉक की कीमत कम होने पर प्रवेश करना चाहिए। इस तरह के शेयरों के लिए 'Buying on dips' की रणनीति है, क्योंकि उनके सामान्य रुझान को तेज माना जाता है। इसलिए जब बाजार में मजबूती और निर्णायक रूप से तेजी होती है, तो आपको अपने पैसे को मजबूत शेयरों पर दांव लगाना चाहिए, जबकि उनकी कीमतों में पुलबैक रैली देखी जा सकती है।
6) नीचे जा रहे कमजोर शेयरों को बेचें
एक ऐसे बाजार में जो निर्णायक रूप से मंदड़ियों का दबदबा है या नीचे जा रहा है, आपको जो स्टॉक चुनना चाहिए वह वह है जो चल रही नकारात्मकता से सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है और कमजोर है। स्टॉक जो ऐसे सेक्टर में हैं जिनकी मांग बारहमासी नहीं है, अक्सर अर्थव्यवस्था में किसी भी गिरावट से प्रभावित होते हैं। ऐसे शेयरों की पहचान की जानी चाहिए और जब बाजार की स्थिति नीचे की ओर गिरती है, तो ऐसे शेयरों को पहले बेचा जाना चाहिए क्योंकि इस बात की संभावना है कि किसी भी संकट की स्थिति में ऐसे शेयरों की कीमतें नीचे जा सकती हैं। स्मॉल कैप सेगमेंट और मिड कैप सेगमेंट में कई शेयरों को कमजोर स्टॉक माना जाता है और आर्थिक स्थिति में किसी भी बदलाव या व्यवस्थित जोखिमों के कारण उच्च मूल्य में उतार-चढ़ाव की संभावना होती है। इस तरह के कमजोर शेयरों के लिए, 'sell at peaks' की रणनीति को तैनात किया जाता है, जिसके तहत स्टॉक को इसकी कीमत में किसी भी छोटी वृद्धि पर बेचा जाता है, क्योंकि इसका समग्र रुझान मंदी का है।
7) जब बाजार चकाचौंध हो तो प्रवेश न करें
मार्केट में कब प्रवेश करना है, यह जानने के अलावा, यह जानना भी बेहद जरूरी है कि बाजार में कब प्रवेश नहीं करना है। उतार-चढ़ाव भरे बाजार में जब बाजार की दिशा साफ न हो तो आपको ट्रेडिंग से दूर ही रहना चाहिए। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगर आप अस्थिर बाजारों में स्थिति लेते हैं, और बाजारों का ट्रेंड अंत में वांछित विपरीत दिशा में बस जाती है, तो आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, अस्थिरता के कारण, आप अपने स्टॉप लॉस को प्रभावित कर सकते हैं, भले ही बाजार विपरीत दिशा में निर्णायक रूप से आगे नहीं बढ़ रहे हों। इन फैक्टर के कारण आपको इंट्राडे सेशन के दौरान मार्केट में प्रवेश नहीं करना चाहिए।
इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप? Stocks चुनने से लेकर इससे होने वाले फायदे यहां जानिए
Intraday Trading: आज के समय में बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ शेयर बाजार में पैसा लगाने वाले ग्राहकों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। नए युवा इसे लेकर काफी उत्साहित नजर आते हैं। कई तो इंट्राडे ट्रेडिंग को लेकर काफी पॉजिटव नजर आते हैं।
Written By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 08, 2022 16:55 IST
Photo:INDIA TV इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में कितना जानते हैं आप?
Intraday Trading: यह शेयर बाजार खुलने से लेकर बंद होने की बीच की गई शेयर की खरीदी बिक्री की प्रक्रिया होती है। यहां पैसा लगाने वाले निवेशकों का मुख्य उद्देश्य लंबे समय तक शेयर को होल्ड करना नहीं बल्कि उसी दिन बाजार बंद होने के पहले बेचकर मुनाफा कमाना होता है।
इन बातों का रखे ध्यान
इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय ध्यान रखने वाली सबसे महत्वपूर्ण बात इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए संबंधित ऑर्डर सही तरीके से तैयार करना होता है। यदि कोई ऐसा करने में विफल रहता है, तो उनका ब्रोकर आपकी स्थिति को चौपट कर सकता है अगर आप खुद से ट्रेडिंग कर रहे हैं तो नुकसान उठा सकते हैं।
चाहे कोई व्यक्ति अनुभवी हो या नया निवेशक, उसे इंट्राडे ट्रेडिंग में एक साथ होने वाली कई घटनाओं पर नजर रखना पड़ता है। इसलिए भारत में इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय रुझानों और संकेतकों पर नज़र रखने से बहुत मदद मिल सकती है। यहां कुछ संकेतक दिए गए हैं, जिन पर दिन के कारोबार के दौरान विचार किया जा सकता है, जो अच्छी कमाई में मदद कर सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ
- नियमित आय अर्जित करने का मौका
- कम कमीशन शुल्क
- अधिक लाभ
- लिक्विडिटी
- बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ
इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुनें?
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है। ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो। जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें व्यक्ति आसानी से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है। अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ जाएगा।
घर बैठे फ्री ऑनलाइन ट्रेडिंग टूर्नामेंट अब है मुमकिन! जानें कैसे?
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं, तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे, बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी और टूल देने के साथ-साथ प्रैक्टिस भी करवाए.
aajtak.in
- 16 मार्च 2021,
- (अपडेटेड 17 मार्च 2021, 3:07 PM IST)
लाइफ में अच्छी नौकरी और बैंक बैलेंस हर कोई चाहता है इसलिए अपनी लाइफ सिक्योर करने के लिए लोग सेविंग्स भी करते हैं. बैंक बाजार एस्पिरेशन इंडेक्स 2019 के मुताबिक 24 से 27 साल के बीच के ज्यादातर फीसदी नौजवान अपनी इनकम का 40 फीसदी बचा लेते हैं. लेकिन क्या बचत करना ही काफी है? हम में से कई लोग इस बात को नहीं समझ पाते कि सिर्फ बचत करना ही काफी नहीं है. बल्कि बचत को सही तरह से निवेश करना भी जरूरी है.
निवेश करना क्यों है जरुरी?
बचत की रकम को बढ़ाने के लिए निवेश करना जरूरी है. फंड का अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश करना कई बार फायदेमंद भी हो सकता है, लेकिन ये फायदे बाज़ार जोखिमों के आधीन होते है. साथ ही फिजूल खर्च से बचने के लिए अपनी सूझबूझ से सही जगह निवेश युवाओं के लिए एक बेहतर विकल्प है जो एडिशनल इनकम का नया जरिया बन चुका है.
निवेश करने के तरीके
‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’: बैंक के ‘सेविंग अकाउंट’ या ‘फिक्स्ड डिपॉज़िट’ कम समय के लिए अच्छा निवेश माना जाता है. इनमें आपको कम समय में ही आपके पैसे के साथ ब्याज भी मिल जाता है. इसमें निवेश करने के दौरान आपको बैंक के द्वारा 100 % सुरक्षा दी जाती है.
रियल एस्टेट में निवेश: मार्केट में निवेश के कई सारे विकल्प मौजूद हैं लेकिन रियल एस्टेट यानी प्रॉपर्टी में निवेश करना लोगों की पहली पसंद होती है. आमतौर पर लोग घर और निवेश के लिए ली गयी प्रॉपर्टी में अंतर नहीं कर पाते. हालाँकि दोनों की जरूरतें और प्राथमिकताएं अलग- अलग होती है. इसलिए प्रॉपर्टी में निवेश करने से पहले इन चीज़ों पर ध्यान देना बहुत जरुरी है.
गोल्ड में निवेश: गोल्ड को भारतीय संस्कृति का हिस्सा माना जाता है साथ ही निवेश करने का एक सुरक्षित माध्यम भी. गोल्ड में निवेश करने वालों के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स और गोल्ड ईटीएफ जैसे माध्यम भी हैं, जो अतिरिक्त आय और सुरक्षित धन के रूप में काम आता हैं. यही कारण है कि फिजिकल गोल्ड के साथ लोग अब लिक्विड गोल्ड में भी निवेश करने लगे हैं.
ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश
ट्रेडिंग किसी भी सामान या सेवाओं को खरीदने और बेचने की प्रक्रिया है, साथ ही किसी विशेष परिसंपत्तियों की कीमत पर पूर्वानुमान लगाने के लिए उसके ग्राफ का विश्लेषण करना भी ट्रेडिंग का एक हिस्सा है. ये मुख्य रूप से अतिरिक्त आय और लाभ कमाने की आशा से की जाती है. लेकिन क्या आपकी कंपनी को अच्छा करेगी, शेयर के दाम ऊपर जाएंगे और क्या आपको फायदा होगा? इन सभी बातों को ध्यान में रखना भी बहुत जरूरी है. अगर अपनी समझदारी और सतर्कता से निवेश न किया जाये तो ये घाटे का सौदा भी हो सकता है.
अगर आप भी ऑनलाइन ट्रेडिंग करने की सोच रहे हैं या एडिशनल कमाई का जरिया ढूंढ रहे हैं तो इसके बारे में पूरी जानकारी लेना बहुत जरुरी है. ट्रेडिंग के लिए एक ऐसे प्लेटफॉर्म को चुनना जरुरी है, जो न केवल आपको सुरक्षा का भरोसा दे बल्कि आपको ट्रेड करने के लिए सही जानकारी, टूल और प्रैक्टिस भी करवाए. ऐसे में Binomo आपके लिए एक अलग और बेहतर प्लेटफॉर्म साबित ट्रेडिंग के लिए सही समय चुनना हो सकता है. जो कुछ परिसंपत्तियों पर डील्स खोलने और इसकी कीमत पर एक पूर्वानुमान लगाने का अवसर देता है, चाहे वह ऊपर या नीचे जाए.
घर बैठे ट्रेडिंग अब है सुविधाजनक
अगर आप अपनी सूझभूझ से काम लें तो Binomo ट्रेडिंग के लिए एक सुविधाजनक और यूज़र फ्रेंडली प्लेटफॉर्म साबित हो सकता है. लेकिन ऑनलाइन ट्रेडिंग करना कोई बच्चों का खेल नहीं है यहाँ बड़े- बड़े अनुभवी ट्रेडर्स भी मात खा जाते हैं. इसलिए ट्रेडिंग की शुरुआत करने से पहले इसकी हर बारीकी को समझना बहुत जरूरी है ताकि आने वाले जोखिमों से कुछ हद तक बचा जा सके. ऐसे में Binomo ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्षेत्र में यूजर्स को ट्रेनिंग देने पर फोकस करता है और दूसरी तरफ ऑनलाइन ट्रेडिंग में अनुभवी ट्रेडर्स को इस क्षेत्र मेंविशेषज्ञ बनने में मदद करता है.
इसके अलावा डेमो अकाउंट में Binomo ट्रेडिंग ऐप आपको $1000 के साथ शुरू करने का अवसर देता है. डेमो अकाउंट पर $1000 वर्चुअल होता है, जो निकालना मुमकिन नहीं है. लेकिन ट्रेड्स में नुकसान होने पर ये वर्चुअल अमाउंट वापस हो जाता है. ये केवल प्रैक्टिस के उद्देश्य के लिए है, जिसकी मदद से आप अपनी ट्रेडिंग स्किल्स को बेहतर और तेज कर सकते हैं.
सिर्फ कुछ स्टेप्स में घर से शुरू करें ट्रेडिंग
Binomo.com की वेबसाइट पर जाकर ग्राहकों को रजिस्टर करने के बाद रियल अकाउंट पर ट्रेडिंग करने के लिए डिपॉजिट करने की जरूरत होगी. फंड विथड्रॉ करने की स्थिति में वेरिफिकेशन की जरुरत पड़ती है. 350 रुपये की न्यूनतम रकम के साथ आप अपने अकाउंट को शुरू भी कर सकते हैं, जिसमें ट्रेड की न्यूनतम कीमत 70 रुपये होगी. जबकि ट्रेड्स के नंबर पर कोई पाबंदी नहीं है.
हालाँकि निवेश करना अच्छी बात है लेकिन ट्रेडिंग में निवेश करने से पहले उससे जुड़े जोखिमों को जानना और समझना बहुत जरुरी है. इसके साथ ही घर की सभी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ही फंड का निवेश करना चाहिए. ट्रेडिंग किसी भी प्लेटफॉर्म पर की जाए इस क्षेत्र में अनुभव और जानकारी होना बहुत जरूरी है. अपनी सूझबूझ से किया गया निवेश आपको समय आने पर फायदा भी दिला सकता है.