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ब्रिकी का दबाव

ब्रिकी का दबाव

हल्द्वानी: चिकन शाप पर शराब ब्रिकी, विक्रेता हिरासत में

हल्द्वानी: टीपी नगर पुलिस चौकी क्षेत्र में एक चिकन बेचने वाले ने चिकन शाप पर शराब ब्रिकी का अड्डा बना दिया। पुलिस ने आरोपित दुकानदार को नहीं पकड़ा तो स्थानीय लोगों ने उसे रंगेहाथ पकड पुलिस को सौंप दिया। आरोपित पर केस दर्ज हो गया है।

करायल चतुरसैन संधू फार्म के नजदीक लालडांट का रहने वाला दीपक आर्या की चिकन शाप है। स्थानीय लोगों ने यह आरोप लगाया है कि युवक चिकन शाप में शराब छिपाकर रखता है। जहां से लोगों को शराब सप्लाई की जाती है। चिकन शाप पर शराब बिकने से इलाके का माहौल खराब हो रहा है।

नशेड़ी राह चलते लोगों से अभद्रता व साथ ही महिला, बेटियों से छेड़छाड़ की कोशिश करते हैं। पुलिस से शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। शुक्रवार की देर शाम को स्थानीय लोगों इकट्ठा हुए और चिकन शाप पर धावा बोल दिया। इस दौरान उन्होंने मालिक को शराब बेचते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। सूचना मिलने पर टीपी नगर चौकी प्रभारी निर्मल लटवाल मौके पर पहुंचे। आरोपित को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

सूती कपड़ा, पापलीन-कैम्ब्रिक और रोटो-पीसी में गिरावट शुरू

भारत में किसी भी वस्तु की ब्रिकी का दबाव कमी नहीं है। दुरुपयोग और वितरण व्यवस्था नहीं होने के दुष्परिणाम आम आदमी को भुगतने पड़ते हø। आज बिजली की समस्या है लेकिन रोड लाइट दिन में भी चालू रहती है या शाम को 5 बजे चालू हो जाती है या सुबह 8/9 बजे तक चालू रहती है। Read More

पीने का पानी कई जगह उपलब्ध नहीं होता, लेकिन सार्वजनिक नलों में टोंटी ही नहीं होती। कई जगह टंकी भरने के बाद पानी बहते रहता है। कई लोग भूखे मरते हø, दूसरी ओर अन्न वेयर हाउस में खराब होता है, जुठन बहुत ज्यादा जाती है। शिक्षा के नाम पर सरकार बहुत कुछ करती है। लेकिन कहीं छात्र हø तो शिक्षक नहीं है और कई स्कूलों में शिक्षक है तो छात्र नहीं है। प्रधानाध्यापक- प्रिन्सिपल का पद खाली रहता है। कम्प्यूटर के नाम सिर्फ कम्प्यूटर है लेकिन चालू नहीं होते और चालू हो तो बिजली व्यवस्था नहीं रहती।

टेक्सटाइल की पावरलूम में पिछले सप्ताह के अंदाज के अनुसार सूती धागा और कपड़े में भाव घटने का दौर शुरू हो गया है। मार्केट में लेवाली का नितांत अभाव है। 8/15 दिन बाद अगर मानसून शुरू होता है तो कपड़ा मार्केट सुस्त हो जाता है। पिछले दिनों भाव बढ़ते समय भी कारोबार कम था और अब घटते भावों में भी लेवाली कमजोर है। दलाल कैलाश बाहेती ने बताया कि 56@52 कैम्ब्रिक अप्रैल पहले सप्ताह में 30 रुपये मीटर से घटकर 27.80 यानी 2.20 पैसा मीटर कम हो गई है। लेवाली कमजोर होने से कपड़े में बिक्री का दबाव बढ़ सकता है।

पापलीन और कैम्ब्रिक : सूती धागा घटने के साथ ही कपड़ा बाजार टूटने लगा। पापलीन में 60@48 का भाव मई आखरी सप्ताह में रुपया से डेढ़ रुपया मीटर कम हुआ है। अब कपड़ा बाजार में घबराहट का माहौल बना हुआ है। क्योंकि पहले सूत ज्यादा बढ़ा और अब कपड़ा ज्यादा घट रहा है। जानकार व्यापारी बताते हø कि आगे बरसात के मौसम में कपड़ा (सूती) कम ही चलता है। तेजी कम और मंदी पूरी घर में आती है। कुल मिलाकर बुनकर की स्थिति और परिस्थितियां सही नहीं है। कैम्ब्रिक की 52@42 और 52@48 में एक सप्ताह में रुपया मीटर कम हो गया है और व्यापार बहुत कमजोर है।

रोटो और पीसी : सूती कपड़े में भाव टूटने लगे हø और सिंथेटिक्स में घटने लगे हø। ग्राहकी नदारद है रोटो और पीसी का यार्न स्थिर है। सूती धागा घटने से पीसी का यार्न घटना चाहिए। ऐसी उम्मीदें ब्रिकी का दबाव बुनकर लगाये बैठे हø। दलाल सम्पत बोथरा ने बताया कि मंदी से ज्यादा मानसिक मंदी ज्यादा है। लंबा-चौड़ा व्यापार तो होता ही ब्रिकी का दबाव नहीं, खुदरा व्यापार भी सरलता से नहीं होता।

सी.पी. कपड़ा : मालेगांव में पिछले दिनों सी.पी. यार्न व कपड़ा की धूम सी चल रही है। 60@44@36 की क्वालिटी में नो क्लेम 25.50 से भाव घटकर 24.50 हो गया है और लेवाली बहुत कमजोर है। दलाल बताते हø कि नो क्लेम की क्वालिटी तब ही बिकती है। जब उसके बाद कोई दूसरा नहीं लेता। (ब्रिकी का दबाव कपड़ा में सभी भाव +5% जीएसटी सहित है।)

कैंडलस्टिक चार्ट की बुनियादी समझ

एक व्यापारी के लिए, कैंडलस्टिक चार्ट की दो सबसे पसंदीदा विशेषताएँ हैं:

  • प्रत्येक कैंडलस्टिक एक विशेष अवधि के दौरान व्यापारों की विशिष्ट संख्या के पूरा होने को दर्शाता है।
  • इससे यह भी पता चलता है कि उस विशेष अवधि के दौरान अधिक बिक्री का दबाव था या खरीदी का दबाव था।

इस ब्लॉग में, हम कैंडलस्टिक चार्ट और उनका विश्लेषण कैसे करें के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे:

कैंडलस्टिक्स चार्ट का उद्गम:

जापानी कैंडलस्टिक चार्ट भविष्य के मूल्य उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे पुरानी प्रकार की चार्टिंग तकनीक है।

1700 के दशक में, कैंडलस्टिक चार्ट के शुरुआती रूपों का इस्तेमाल चावल की कीमतों का अनुमान लगाने के लिए किया गया था।

1750 में, मुनेहिसा होमा के नाम से एक जापानी व्यापारी ने अपने कैंडलस्टिक विश्लेषण का इस्तेमाल सकाता में चावल के आदान-प्रदान में व्यापार करने के लिए करना शुरू किया।

कैंडलस्टिक चार्ट का निर्माण:

प्रत्येक कैंडलस्टिक मुख्य रूप से रियल बॉडी और विक्स से बना होता है जिसे शड़ौस या टेल्स के रूप में भी जाना जाता है:

रीड कैंडलस्टिक चार्ट

शैडोस कैंडलस्टिक चार्ट

कैंडलस्टिक चार्ट पर पैटर्न की व्याख्या करना:

जैसा कि कैंडलस्टिक्स अधिक आकर्षक होती हैं, व्यापारी ऐसी कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश करता है जो निरंतरता या उलट-फेर हो सकती हो।

इन कैंडलस्टिक पैटर्न को मंदी और तेजी वाली कैंडलस्टिक पैटर्न में भी वर्गीकृत किया जा सकता है।

मार्केट एक्सपर्ट्स से कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें सीखें

कैंडलस्टिक पैटर्न एक एकल कैंडलस्टिक पैटर्न हो सकता है या दो-तीन कैंडलस्टिक्स को मिलाकर बनाया जा सकता है।

इस तरह के कैंडलस्टिक पैटर्न के कुछ उदाहरण हैं:

एकल कैंडलस्टिक पैटर्न का उदाहरण:

कई कैंडलस्टिक पैटर्न्स कई कैंडल्स द्वारा बनाई जाती है।

कई कैंडलस्टिक पैटर्न का उदाहरण:

o बुलिश एंगलफ़ींग

o बीयरिश एंगलफ़ींग

कैंडलस्टिक चार्ट का विश्लेषण करते समय तीन मान्य ताएँ:

1. एक को ताकत खरीदनी चाहिए और कमजोरी को बेचना चाहिए:

शक्ति आमतौर पर एक तेजी (हरे) कैंडल द्वारा दर्शायी जाती है जबकि कमजोरी एक मंदी (लाल) कैंडल द्वारा दर्शायी जाती है।

आम तौर पर हरे रंग की कैंडल के दिन खरीदना चाहिए और लाल कैंडल के दिन बेचना चाहिए।

2. एक को पैटर्न ब्रिकी का दबाव के साथ लचीला होना चाहिए:

बाजार की स्थितियों के कारण पैटर्न में मामूली बदलाव हो सकते हैं।

इसलिए, चार्ट पर इन कैंडलस्टिक पैटर्न का विश्लेषण करते समय थोड़ा फ्लेक्सिबल होना चाहिए।

3. एक को पूर्व प्रवृत्ति की तलाश करनी चाहिए:

अगर आप तेजी से कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश कर रहे हैं तो पूर्व प्रवृत्ति मंदी होनी चाहिए और इसी तरह, अगर आप एक मंदी के पैटर्न की तलाश कर रहे हैं तो पूर्व प्रवृत्ति तेज होनी चाहिए।

महत्वपूर्ण सीख:

  • कैंडलस्टिक चार्ट एक प्रकार के तकनीकी चार्ट हैं जो बार चार्ट या लाइन चार्ट के समान मूल्य के उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करते हैं।
  • प्रत्येक कैंडलस्टिक मुख्य रूप से वास्तविक शरीर और विक्स से बना होता है जिसे छाया या पूंछ के रूप में भी जाना जाता है:
  • संपत्ति का शुरुआती मूल्य> समापन मूल्य = ओपन कैंडलस्टिक बॉडी के शीर्ष पर होगा।
  • संपत्ति का समापन मूल्य> प्रारंभिक मूल्य = क्लोज कैंडलस्टिक बॉडी के शीर्ष पर होगा।
  • जैसा कि कैंडलस्टिक्स अधिक आकर्षक होती हैं, व्यापारी ऐसी कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश करता है जो निरंतरता या उलट-फेर हो सकती हो।

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टोयटा के वाहन बिक्री में दर्ज की गयी 22 फिसदी की गिरावट

टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाहनों की बिक्री नवंबर में 18.86% घट कर 9,241 इकाई रही. कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी

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टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाहनों की बिक्री नवंबर में 18.86% घट कर 9,241 इकाई रही. कंपनी ने एक बयान में यह जानकारी दी. कंपनी ने पिछले साल इसी माह 11,390 वाहन बेचे थे. बयान के मुताबिक आलोच्य माह में कंपनी ने घरेलू बाजार में 8,312 वाहन बेचे जबकि एक साल पहले बक्री का आंकड़ा 10,721 था. यह बिक्री में 22 % गिरावट ब्रिकी का दबाव दर्शाता है. कंपनी अपने विनिर्माण की श्रृंखला में सुधार कर रही है. वह प्रदूषण मानक बीएस6 को अपनाने जा रही. इसके लिए पुराना स्टॉक दिसंबर तक निकालने का प्रयास है. इस दौरान इसका निर्यात 38.86% बढ़ कर 929 इकाई तक पहुंच गया.

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एक साल पहले इसी माह निर्यात 669 इकाई का रहा था. टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उप प्रबंध-निदेशक एन राज ने कहा, ‘हम जानबूझ कर डीलरों को वाहनों की बिक्री कम कर रखे हैं. ताकि उनके पास जमा स्टॉक कम रहे और बाजार में ऊंची पेशकश न करनी पड़े. हम अपने उत्पादन को समायोजित कर रहे हैं ताकि अप्रैल 2020 में बीएस6 मानक के वाहनों के आने से पहले हमारे डीलरों पर दबाव न बढ़े.'' उन्होंने कहा कि बाजार में सकारत्मक भाव नवंबर 2019 में भी बना रहा और यह बात सभी मॉडल के उसके वाहनों के लिए ग्राहकों के आर्डर में उछाल से झलकती है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि निकट भविष्य में खुदरा ब्रिकी में यह गति बनी रहेगी.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

चिकेन पर चिकचिक! IAS अधिकारी के पास पहुंचा मुर्गा बेचने का विवाद, जानें पूरा मामला.

बगहा में चिकेन बेचने के रेट को लेकर थोक सप्लायर और खुदरा विक्रेता आमने-सामने हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Bihar News: बगहा में थोक विक्रेता 180 से 200 रुपए प्रति किलो चिकेन बिक्री का दबाव बना रहे हैं. यही नहीं, वो अब पोल्ट्री फार्म से भी चिकेन की बिक्री करने लगे हैं. जबकि खुदरा विक्रेताओं व छोटे दुकानदारों के द्वारा 150 से 160 रुपये प्रति किलो चिकेन की बिक्री की जा रही है जिसको लेकर थोक विक्रेता नाराज हो कर उन्हें चिकेन की सप्लाई बंद करने लगे हैं. ग्राहकों के आर्थिक शोषण को लेकर खुदरा चिकेन दुकानदार विरोध में उतर आए और दुकानें बंद कर प्रदर्शन पर उतारू हैं

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 27, 2022, 16:30 IST

बगहा. बिहार के पश्चिम चंपारण (West Champaran) जिले के बगहा (Bagaha) में मुर्गा (चिकेन) बेचने को लेकर थोक और खुदरा विक्रेता आमने-सामने आ गए हैं. दर निर्धारण में मनमानी को लेकर खुदरा विक्रेताओं ने मोर्चा खोल दिया है और चिकेन की दुकान (Chicken Shop) बंद कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल बगहा में रोजाना मुर्गियों की खेप सीमावर्ती उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से गाड़ियों में भर कर लाई जाती है. जिसके बाद थोक विक्रेता इसको खुदरा दुकानों पर सप्लाई करते हैं. खरीद और मार्केट रेट के हिसाब से चिकेन की बिक्री की जाती है. लेकिन लॉकडाउन खत्म होने के बाद बिहार में जनजीवन पटरी पर क्या लौटा होलसेल कारोबारियों की मनमानी से छोटे और खुदरा चिकेन विक्रेताओं (Chicken Seller) की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

मिली जानकारी के मुताबिक थोक विक्रेता 180 से 200 रुपए प्रति किलो चिकेन बिक्री का दबाव बना रहे हैं. यही नहीं, वो अब पोल्ट्री फार्म से भी चिकेन की बिक्री करने लगे हैं. जबकि खुदरा विक्रेताओं व छोटे दुकानदारों के द्वारा 150 से 160 रुपये प्रति किलो चिकेन की बिक्री की जा रही है जिसको लेकर थोक विक्रेता नाराज हो कर उन्हें चिकेन की सप्लाई बंद करने लगे हैं. ग्राहकों के आर्थिक शोषण को लेकर खुदरा चिकेन दुकानदार विरोध में उतर आए और दुकानें बंद कर प्रदर्शन पर उतारू हैं.

आपके शहर से (पश्चिमी चंपारण)

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चिकेन को लेकर चिकचिक का मामला अब प्रशासन तक पहुंच गया है. आईएएस दीपक मिश्रा मुर्गा बिक्री के इस विवाद को सुलझाने की पहल कर रहे हैं. बगहा के एसडीएम दीपक मिश्रा ने इसकी शिकायत के बाद संज्ञान लेते हुए थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेताओं के साथ बैठक कर उन्हें जल्द ही समस्या के निदान का भरोसा दिलाया है. उन्होंने बताया कि थोक विक्रेताओं को तलब किया गया है जिनसे वार्ता कर मामला सुलझा लिया जाएगा.

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