निवेश रणनीति

फॉरेक्स और हाई

फॉरेक्स और हाई

डॉलर के मुकाबले रुपया 1 महीने के हाई पर, सिर्फ 3 कारोबारी सत्रों में 1.25 रुपया हुआ मजबूत

आज के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया पिछले 16 महीनों की अवधि में सबसे बड़ी एक दिन की बढ़त की और जाता नजर आ रहा है

ध्यान देने की बात यह है कि अब तक रुपया 21 जुलाई के अपने 80.06 के रिकॉर्ड लो से 10 फीसदी की तेजी दर्ज कर चुका है।

Rupee Close-डॉलर के मुकाबले रुपए ने पिछले कुछ दिनों में जोरदार रिकवरी दिखाई है और 19 जुलाई को 80 रुपए 6 पैसे के अपने रिकॉर्ड लो से रुपया करीब एक रुपए 40 पैसे मजबूत हो चुका है। आज इंट्रा-डे फॉरेक्स और हाई में रुपया एक महीन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया और अंत में रुपए ने 31 पैसे मजबूती के साथ 78.71 पर क्लोजिंग दी।

बदलती आर्थिक स्थितियों और शेयर बाजार के मजबूत प्रदर्शन से एक बार फिर विदेशी निवेश का रुख भारत की ओर हुआ है जिससे रुपए को मजबूती मिली है। वहीं फेड के फैसले के बाद डॉलर इंडेक्स में आई कमजोरी से भी रुपए को फायदा हुआ है।

Rupee Vs Doller: 02 अगस्त के शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 12 पैसे की बढ़त के साथ 78.94 के स्तर पर जाता नजर आया। भारतीय इक्विटी बाजारों में विदेशी निवेशकों की वापसी और दुनिया के दूसरी अहम करेंसी की तुलना में डॉलर में आई कमजोरी से रुपये में जोश आता दिखा है। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और घरेलू फॉरेक्स मार्केट के सेटीमेंट में हुए सुधार के चलते रुपये को सपोर्ट मिला है।

Power Breakfast: एशियाई बाजारों में हल्की बढ़त, OPEC+ के फैसले से क्रूड ऑइल उछला

आज एशिया के बाजार में हल्की बढ़त फॉरेक्स और हाई है. SGX निफ्टी बढ़त के साथ 17,700 के पार ट्रेड करता दिख रहा है. चीन ने फॉरेक्स लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. यूरो, ब्रिटेन के पाउंड पर दबाव कायम है. OPEC+ के अक्टूबर से 1 लाख बैरल प्रति दिन उत्पादन कटौती के फैसले से कच्चे तेल में उछाल आया है. Brent Crude 95 डॉलर प्रति बैरल और WTI 90 डॉलर प्रति बैरल के करीब है.

चाय वाले के खाते में 50 लाख का ट्रांजेक्शन और उसके नाम पर कितने ऑफिस, पढ़ें. चौंकाने फॉरेक्स और हाई वाला खुलासा

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इंदौर में फॉरेक्स ट्रेडिंग के मामले में विजय नगर पुलिस ने जबलपुर से दो आरोपियों को हिरासत में लिया है. बता दें कि पूरा मामला काफी हाई प्रोफाइल है. इस मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी लगातार जांच-पड़ताल करने में जुटी हुई है. एसआईटी को सूचना मिली थी कि एक चाय वाले के खाते में 50 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है. (Vijay Nagar police arrested two accused) (Forex trading case in Indore)

इंदौर। बीते दिनों इंदौर की विजय नगर पुलिस ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की थी. कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था. इसी कड़ी में यह बात सामने आई कि जबलपुर के एक चाय वाले के अकाउंट में पचास लाख का ट्रांजेक्शन हुआ है तथा इसी जांच के बाद एक टीम जबलपुर गई और वहां से मिलिदो मुखर्जी और अजय कुशवाहा नामक आरोपियों को पकड़ कर लेकर आई है. उनसे काफी बारीकी से पूछताछ की जा रही है.

चाय वाले इतना भरोसा इसलिए जताया : बताया जा रहा है कि जिन दो आरोपियों को हिरासत में लिया है, उनमें से एक आरोपी जबलपुर में ट्रेडिंग के कारोबार से जुड़ा हुआ था और इस पूरे मामले में उसकी किस तरह की भूमिका है, इसकी जांच की जा रही है. जिस अजय कुशवाह नामक आरोपी को हिरासत में लिया गया, वह फरार आरोपी अतुल नेतनराव के जबलपुर स्थित ऑफिस में काम करता था और चाय बेचता है. इसी के अकाउंट में उसने 50 लाख का ट्रांजेक्शन किया था. पड़ताल में यह भी बात सामने आई कि फरार आरोपी अतुल ने इंदौर व आसपास के क्षेत्रों में जो ऑफिस खोले थे, वे ऑफिस अजय के नाम पर ही खोले गए थे. रेंट एग्रीमेंट अजय के नाम पर ही बनवाया था.

मुख्य आरोपी अतुल दुबई में : प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह बात सामने आई कि इस पूरे मामले का मुख्य आरोपी अतुल दुबई में फरारी काट रहा है. यह बात भी सामने आई कि मिलिंदो मुखर्जी अतुल के बड़े भाई का दोस्त था और बड़े भाई ने ही उसे अतुल से फॉरेक्स और हाई मिलवाया था और इसके बाद दोनों साथ में व्यापार करने लगे. मिलिंदों भी फॉरेक्स ट्रेडिंग के व्यापार में अतुल के साथ जुड़ गया. बता दें इस मामले के फॉरेक्स और हाई मुख्य आरोपी अतुल नेतन राव, मोनिका बिस्ट, पारूल नेतन राव, शिल्पी घटना के दिन से ही फरार हैं. वहीं अभी तक इस पूरे मामले में आरोपी हरदीप सलूजा, अनिल बिस्ट, सोनिया सोनगरा, चेतन वर्मा की गिरफ्तारी की जा चुकी है. एसआईटी द्वारा इस पूरे मामले की सूक्ष्मता से जांच कर करवाई की जा रही है. (Vijay Nagar police arrested two accused) ( Forex trading case in Indore)

Amazon-Future Retail Deal: फेमा उल्लंघन को लेकर अमेज़न की जांच करेगा प्रवर्तन निदेशालय

फॉरेन मैनेजेंट एक्सचेंज एक्ट, 199 फॉरेक्स कन्वर्ज़न से जुड़ा कानून है.

फॉरेन मैनेजेंट एक्सचेंज एक्ट, 199 फॉरेक्स कन्वर्ज़न से जुड़ा कानून है.

प्रर्वतन निदेशालय (ED) ने अमेज़न के खिलाफ फेमा कानून के उल्लंघन को लेकर जांच शुरू कर दी है. अमेजन ने फ्युचर रिटेल-रिलायं . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : January 29, 2021, 09:23 IST

नई दिल्ली. अमेज़न पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा प्रतिकूल टिप्पणी करने के करीब एक महीने बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब इस कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है. ईडी इस बात की जांच करेगा कि क्या फ्युचर रिटेल (Amazon-Future Retail Deal) के साथ डील में अमेजन ने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट, 1999 (FEMA) का उल्लंघन किया है या फॉरेक्स और हाई नहीं. बता दें कि अमेजन ने किशोर बियानी (Kishore Biyani) की मालिकान वाली फ्युचर रिटेल को रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) द्वारा अधिग्रहण को कोर्ट में चुनौती दी थी. पिछले महीने ही इस केस पर फैसला लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि अमेजन अप्रत्यक्ष रूप से बिग बाज़ार ओनर को नियंत्रित कर रहा था. इसके फॉरेक्स और हाई लिए सरकार की मंजूरी नहीं ली गई थी.

कोर्ट ने अमेज़न के तीन अग्रीमेंट को ध्यान में रखते हुए यह टिप्पणी किया था. इसी में आगे कहा गया था कि इन अग्रीमेंट के जरिए फेमा का उल्लंघन किया गया है. फॉरेन फॉरेक्स और हाई मैनेजेंट एक्सचेंज एक्ट, 1999 फॉरेक्स कन्वर्ज़न से जुड़ा कानून है. इकोनॉमिक टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है.

अनलिस्टेड भारतीय ईकाई का सहारा ले रही अमेज़न
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि अमेज़न कई अग्रीमेंट के जरिए फ्यूचर रिटेल को नियंत्रित करना चाहती है. इसके लिए वो अपनी अनलिस्टेड भारतीय ईकाई का सहारा ले रही है. इससे फेमा के अंतर्गत एफडीआई नियमों (FDI Rules) का उल्लंघन हो रहा है. हालांकि, कोर्ट ने अमेज़न को इस बात के लिए सही ठहराया कि उसने फ्युचर ग्रुप-रिलायंस रिटेल डील (Future Group-Reliance Retail Deal) को लेकर वैधानिक प्राधिकारी के सामने प्रतिनिधत्व किया.

दिल्ली हाई कोर्ट ने पिछले महीने ही तीन सहमतियों की शर्तों का विश्लेषण किया. ये तीनों सहमति – एफसीपीएल में फ्यूचर रिटेल की हिस्सेदारी सहमति, अमेजन के साथ एफसीपीएल की हिस्सेदारी और अमेजन के साथ एफसीपीएल का शेयर सब्सक्रिप्शन सहमति था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने कहा, ‘अपने प्रोटेक्टिव राइट्स बनाने के अलावा, इन तीनों सहमतियों से पता चलता है कि ये फ्युचर रिटेल को नियंत्रित करने की दिशा में हैं. इसके लिए सरकार फॉरेक्स और हाई की मंजूरी प्राप्त करना जरूरी है. ऐसा नहीं करने पर फेमा-एफडीआई नियमों का उल्लंघन होगा.’ भारत सरकार के नियमों के मुताबिक, कोई भी मल्टी-ब्रांड रिटेल सेग्मेंट भारत में एफडीआई पॉलिसी के तहत 51 फीसदी से ज्यादा का विदेशी निवेश नहीं कर सकता है.

बता दें कि अमेजन ने रिलायंस-फ्युचर डील पर आपत्ति जताई थी और इस डील को रोकना चाहती थी. फ्युचर रिटेल ने 23 दिसंबर को कहा था कि उसके बोर्ड ने 24,713 करोड़ रुपये के एसेट्स को रिलायंस रिटेल के हाथों बेच दिया है. कोर्ट ने इसे वैध ठहराया है.

ध्यान देने योग्य है कि ईडी ने भी पिछले साल हाई कोर्ट को जानकारी दी थी कि वो फॉरेक्स और हाई कथित तौर पर विदेशी एक्सचेंज कानून के उल्लंघन को लेकर अमेजन की जांच कर रही है. ईडी ने कोर्ट को यह जानकारी एक जनहित याचिका के जवाब में दिया था, जिसमें अमेज़न और फ्लिपकार्ट द्वारा फेमा कानून के उल्लंघन के बारे में जानकारी मांगी गई थी.

(डिस्केलमर- न्यूज18 हिंदी, रिलायंस इंडस्ट्रीज की कंपनी नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का हिस्सा है. नेटवर्क18 मीडिया एंड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड का स्वामित्व रिलायंस इंडस्ट्रीज के पास ही है.)

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