सिग्नल खरीदें

इन शहरों में देखने को मिला 5G का सिग्नल, क्या आपके फोन में पकड़ रहा नेटवर्क, ऐसे करें चेक
5G Network: भारत के कई सारी शहरों में 5जी सर्विस चालू हो गई है। इन शहरों में लोग 5जी सर्विस का आनंद ले रहे हैं इसके लिए आपके पास 5जी हैंडसेट का होना भी बहुत जरूरी है, बिना हैंडसेट के आप 5जी सर्विस नहीं ले सकते हैं। वर्तमान में 5जी की सर्विस केवल एयरटेल और जियो की ओर से ही दी जा रही है। आने वाले समय में भी आएगी और वीआई से भी यह सर्विस उपलब्ध होगी। 5G नेटवर्क को भारत के कई शहरों में पेश किया गया है फिलहाल लोग पुराने प्लान के साथ ही 5जी सर्विस का आनंद ले रहे हैं।
जियो की 5जी सर्विस अभी पहले से अन्य शहरों में भी लॉन्च हो गई है। दोनों कंपनियों ने यह कहा है कि आने वाले कुछ समय में ज्यादातर शहरों में 5G नेटवर्क सिग्नल खरीदें उपलब्ध कराया जाएगा जिससे यूजर्स 5G का आनंद ले सकते हैं। अभी भारत के 8 शहरों में एयरटेल की 5G सर्विस दी जा रही है। और 6 शहरों में जिओ की फ्री सर्विस लॉन्च हुई है।
इस साल के अंत तक भारत के ज्यादा से ज्यादा शहरों में यह सर्विस उपलब्ध होगी। रिलायंस जिओ की सर्विस वर्तमान में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, वाराणसी, चेन्नई और नागद्वार में ही उपलब्ध है। नागद्वार में जिओ की सर्विस वाई-फाई के जरिए मंदिर, बस स्टैंड रेलवे स्टेशन और दूसरे जगह पर दी जाएगी। एयरटेल की सर्विस अभी फिलहाल दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, सिलीगुड़ी, नागपुर और वाराणसी में उपलब्ध है। एयरटेल और जिओ की सर्विस दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और वाराणसी में उपलब्ध है।
ज्यादातर हैंडसेट पर अभी नेटवर्क नहीं मिल रहा है। इसके लिए स्मार्टफोन ब्रॉड की ओर एक ओटीए अपडेट किया जाएगा इस अपडेट के बाद से ही 5जी का आनंद यूजर्स ले सकते हैं। इसमें अभी 5G का सपोर्ट आ गया है जो 5G का आनंद ले सकते हैं।
सिग्नल खरीदें
हमने आठ साल पहले चीन के उत्पाद खरीदे थे। हम 2022 तक डीआरओ के नवीनतम बैच को फिर से स्टॉक नहीं करते हैं। चीन के उत्पादों का उपयोग करने से हमारे काम में काफी सुविधा होती है। मुझे पूरी उम्मीद है कि चीन हमारे लिए और अधिक सटीक उत्पाद विकसित करना और बनाना जारी रख सकता है।
Smartphone से जुड़ी ये बातें हैं कितनी सच्ची व झूठी यहां जाने
नई दिल्ली: अक्सर हम स्मार्टफोन खरीदने से पहले उसके कैमरा, बैटरी बैकअप और अन्य फीचर्स को लेकर दूसरे से चर्चा करते हैं कि आखिर में कौन सा फोन लेना बेहतर होगा। इस दौरान हर कोई अपना-अपना सुझाव देता है। ऐसे में कुछ लोग यह भी कहते सुने जाते हैं कि रातभर फोन को चार्जिंग पर नहीं लगाना नहीं तो बैटरी खराब हो जाएगी। तो कुछ लोग यह करते हैं कि जितना ज्यादा मेगापिक्सल होगा फोटो उतना ही बेहतर होगा। चालिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिर में इन सब बातों में कितना दम है और क्या ये वास्तव में हमारे फोन के लिए जरूरी है।
सबसे पहले बात करते हैं बैटरी कि क्योंकि अक्सर लोग फोन डिस्चार्ज होने पर सिग्नल खरीदें यह कहते हैं कि किसी दूसरे के चार्जर से फोन नहीं चार्ज करना चाहिए वरना बैटरी खराब हो जाती है तो यह कहना बिल्कुल गलत है। अगर आप किसी दूसरे के चार्जर से अपने फोन को चार्ज कर भी रहे हैं तो बस यह ध्यान दें कि आखिर में दूसरी कंपनी के चार्जर की क्षमता आपकी कंपनी के फोन के चार्जर के बराबर है या नहीं।
कुछ लोग यह भी कहते हैं कि रातभर फोन को चार्ज नहीं करना चाहिए ऐसा करने से हैंडसेट खराब होने लगता है तो यह भी पूरी तरह से गलत है क्योंकि फोन फुल चार्ज होने के बाद करेंट लेना बंद कर देता है। ऐसा जो लोग भी कहते हैं वो आपको भ्रमित करते हैं।
अब बात करते हैं कैमरा कि तो अक्सर यह सुनने को मिलता है कि जिस फोन में जितना ज्यादा मेगापिक्सल का कैमरा इस्तेमाल होता है वो उतना ही शानदार होता है तो यह गलत है। क्योंकि मेगापिक्सल के ज्यादा अपर्चर जैसी चीजें कैमरा में अहम रोल अदा करती है, जिसकी वजह से बेहतरीन फोटो लिया जाता है।
कई बार यह कहा जाता है कि ऑटो ब्राइटनेस को ऑन रखने से फोन की बैटरी जल्दी खत्म होती है तो यह बिल्कुल गलत है। क्योंकि ऐसा करने से बैटरी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। आखिर में बात करते हैं सिग्नल की तो अक्सर कहा जाता है कि फोन में जितने सिग्नल दिखते है नेटवर्क उतना ही बढ़िया आता है, जबकि ऐसा नहीं। सिग्नल की क्वालिटी डेसीबल पर निर्भर करती है। कई बार आपने गौर किया होगा कि सिग्नल खरीदें 1 सिग्नल होने पर भी बेहतरीन नेटवर्क आता है।
दिल्ली में कॉल ड्रॉप और धीमे नेटवर्क का बड़ा कारण हैं अवैध सिग्नल खरीदें मोबाइल सिग्नल बूस्टर, दूरसंचार विभाग ने की बड़ी कार्रवाई
जब एक अवैध बूस्टर लगाया जाता है, तो मौजूदा नेटवर्क में बाधा पहुंचाती है और इस कॉल ड्राप की समस्या आती है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: August 14, 2021 16:00 IST
Photo:INDIAMART
दिल्ली में कॉल ड्रॉप और धीमे नेटवर्क का बड़ा कारण हैं अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर, दूरसंचार विभाग ने की बड़ी कार्रवाई
नयी दिल्ली। दूरसंचार विभाग (डॉट) ने दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अवैध मोबाइल सिग्नल बूस्टर के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया है। वायरलेस निगरानी संगठन (डब्ल्यूएमओ), दूरसंचार विभाग और अंतर्राष्ट्रीय निगरानी स्टेशन ने स्थानीय प्रशासन और दूरसंचार ऑपरेटरों की एक संयुक्त टीम के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के कई इलाकों में जागरूकता अभियान चलाया गया। बयान के अनुसार यह अभियान बृहस्पतिवार को नोएडा, साउथ एक्सटेंशन पार्ट 2, सफदरजंग एन्क्लेव, कृष्णा नगर और मस्जिद मोठ इलाके में चलाया गया। इस अभियान के तहत लोगों को अवैध मोबाइल बूस्टर लगाने पर कार्रवाई और दंड के बारे में सूचित किया गया। यह कार्रवाई उन परिसरों के मालिकों पर की जा सकती है जिन्होंने ऐसे अवैध पुनरावर्तक स्थापित किए हैं।
डॉट के अनुसार, ‘‘जब एक अवैध बूस्टर लगाया जाता है, तो मौजूदा नेटवर्क में बाधा पहुंचाती है और इस कॉल ड्राप की समस्या आती है। कई नोटिसों के बावजूद, भारत में अवैध रूप से मोबाइल बूस्टर बेचे और स्थापित किए जा रहे हैं।’’ बयान में कहा गया है कि लोगों में जागरुकता की कमी है। जहां इस प्रकार के अवैध बूस्टर लगे हैं उसके आसपास के लोगों को कानून और नियमनों के बारे में जानकारी होनी सिग्नल खरीदें चाहिये।
इंस्पेक्शन पर बोलते हुए अरविंद मृनू, आईआरआरएस, इंजीनियर-इन-चार्ज, आईएमएस दिल्ली, ने कहा, “हमने डब्ल्यूएमओ के निदेशक श्री आरके सक्सेना के मार्गदर्शन में जागरूकता अभियान शुरू किया है ताकि नई दिल्ली/एनसीआर में विभिन्न स्थानों पर अवैध रूप से स्थापित वाईडबैंड सिग्नल खरीदें बूस्टर के हानिकारक प्रभाव के बारे में लोगों के बीच जागरूकता पैदा की जा सके। ये वाइडबैंड बूस्टर टेलिकॉम ऑपरेटरों द्वारा प्रदान किए गए सिग्नल्स को भी बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। जागरूकता अभियान के दौरान लोगों ने स्वेच्छा से रिपीटर्स को सरेंडर किया और अपने क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी में सुधार के बारे में जानकारी दी। दिल्लीवासियों से हमारी गुजारिश है कि वे नेटवर्क सिग्नल से संबंधित किसी भी समस्या के लिए अपने टेलिकॉम ऑपरेटरों से संपर्क करें।"
DoT के वायरलेस मॉनिटरिंग ऑर्गनाइजेशन (WMO) के अनुसार, भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम, 1933 और भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 के अनुसार अवैध रिपीटर्स लगाना, उसे रखना या बेचना एक दंडनीय अपराध है। मोबाइल ऑपरेटर ग्राहक अनुभव को बढ़ाने के लिए स्पेक्ट्रम खरीदने और नेटवर्क विस्तार पर भारी निवेश करते हैं, वहीं अवैध बूस्टर मोबाइल नेटवर्क में समस्या पैदा करते हैं। अथॉरिटी को इन इंस्टॉलेशन पर नकेल कसने और सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
सिग्नल की समस्या का समाधान
=> कभी भी आपकी कनेक्टिंग तार में कोई जोड़ नहीं होना चाहिए, अगर आपकी कनेक्टिंग तार में जोड़ सिग्नल खरीदें है तो आप पूरे तार को बदल दें क्योंकि अगर इस तार में जोड़ लग जाये तो सिगनल काफी कमज़ोर हो जाते है तथा चैनल भी सही से नहीं दिखते, इसके अलावा आपको यह भी धयान रखना है की ये कनेक्टिंग तार केवल उतना ही लम्बा हो जितनी जरूरत है सेट टॉप बॉक्स तक पहुचने के लिए , अगर आपका तार ज्यादा लम्बा है और आपने इसका गुच्छा बना के रखा हुआ है तो आप इसे छोटा कर दें और केवल थोडा ही फालतू रखें क्योंकि ज्यादा लम्बा तार भी आपके सेट टॉप बॉक्स के सिग्नल कमज़ोर करता है ।
=> कभी तार की लम्बाई 20 या 25 फीट से ज्यादा नहीं होने चाहिए, ऐसा होने पर सिग्नल कम प्राप्त होते हैं ।
=> सभी तार अच्छे से टाइट व सही पकड़ बनाये रहने चाहिए, कनेक्टिंग तार को LNB तथा सेट टॉप बॉक्स पर अच्छे से टाइट होना चाहिए, ढीले तारों से सिग्नल में रुकावट आ सकती है ।
=> कभी भी अपने सेट टॉप बॉक्स से छेड़छाड़ ना करें, ऐसा करने से सेट टॉप बॉक्स ख़राब हो सकता है तथा बार बार छूने से कनेक्शन ढीले हो सकते है ।
=> डीडी फ्रीडिश पर जनवरी 2021 को उपलब्ध 110 टीवी चैनल हैं जो कि फ्रीडिश के GSAT 15 की दिशा 93.5 डिग्री पूर्व सिग्नल खरीदें में स्थित है,साथ ही MHRD के 32 चैनल तथा वन्दे गुजरात के 12 चैनल उपलब्ध हैं, लेकिन इसके अलावा करीब 15 चैनल डिश टीवी के सेटेलाइट NSS6 जो की 95 डिग्री पूर्व में स्थित है से भी फ्री में देखे जा सकते हैं ।
अगर आपके डीडी फ्रीडिश (MPEG4 HD) पर केवल 100 टीवी चैनल ही आ रहे हैं तो आपको अपने डिश की दिशा में थोडा परिवर्तन करना पड़ेगा । इसके किये आपको अपनी डिश को 0.7 डिग्री पूर्व को ओर घूमना होगा जिससे आपको डीडी फ्रीडिश के सेटेलाइट के सिग्नल भी प्राप्त हों तथा डिश टीवी के भी सिग्नल प्राप्त हों । आपको डिश की दिशा दोनों सेटेलाइट के बीच में रखनी पड़ेगी ताकि किसी एक सेटेलाइट से संपर्क न टूट जाये। क्योंकि ये दोनों काफी करीब हैं इसलिए दोनों के बीच में डिश को रख कर सिग्नल प्राप्त किये जा सकते हैं। दोनों सेटेलाइट के सिग्नल प्राप्त होने से आप दोनों प्लेटफार्म पर उपलब्ध फ्री चैनल्स को एक ही सेट टॉप बॉक्स पर देख सकते हैं ।
=> इस प्रक्रिया में आपको यह भी याद रखना है की MPEG2 सेटटॉप बॉक्स में कुछ चैनल कम आते हैं इसलिए आपको अपने सेटटॉप बॉक्स के हिसाब से ही चैनल प्राप्त होंगे,MPEG2 सेटटॉप बॉक्स में 15 चैनल कम आएंगे तथा MPEG4 सेटटॉप सिग्नल खरीदें बॉक्स में 15 चैनल ज्यादा तथा HD चैनल में कुछ HD चैनल भी देखने को मिलेंगे ।
=> हालाकि डिश को घुमाने की प्रक्रिया जटिल है पर अगर आप जानते हैं की डिश को कैसे घूमना है तो आप आसानी से कर सकते हैं अन्यथा आप किसी भी फ्री डिश के डीलर से संपर्क कर सकते है ताकि वो आपकी डिश को 93.5 से घुमाकर 94.2 डिग्री पूर्व पर सेट कर दे । आपको यह भी सलाह दी जाती है कि डिश की दिशा में परिवर्तन करने से पहले किसी मार्कर या पेंट से पुरानी स्तिथि का निशान डिश के पोल पर लगा लें ताकि यदि आपसे डिश की सेटिंग सही से नहीं हो पाए तो आप डिश को उसकी पुरानी स्तिथि में वापस ला सकें । यदि यह कार्य आप किसी डीलर से करवातें हैं तो इसके लिए वो आपसे मामूली शुल्क 100 ..200 रु ले सकता है। डिश की दिशा बदलने के बाद सिग्नल खरीदें सेट टॉप बॉक्स की सेटिंग में 22K FEATURE को AUTOMATIC पर सेट करे तथा फिर से ऑटो स्कैन करें । FTA चैनल ही सर्च करे । अब आप देख सकते हैं करीब 170 टीवी चैनल बिलकुल मुफ़्त। अगर आपके सेट टॉप बॉक्स में 22K AUTOMATIC का विकल्प नहीं है तो आपको सर्च दो बार करना पड़ेगा , एक बार 22K ON करके तथा जब सर्च पूरा होजाये तो फिर से 22K FEATURE को OFF करके , इस प्रकार आप सभी चैनल देख पाएंगे | अधिक जानकारी के लिए निचे ई-मेल लिंक पर क्लिक कर प्रश्न लिखें।
नोट : यदि आपका सेट टॉप बॉक्स सही चल रहा है तो आप उसमे कुछ छेड़खानी न करें और आनंद ले भरपूर मनोरंजन का ।